होली पर कुछ विशेष योग क्या गजब ढहाएंगे; ज्योतिषों की गणना
#होली के दिन बुध का नीचभंग योग भी गजब ढहायेगा #होली का त्यौहार 12 तथा 13 मार्च 2017 को होगा, ज्योैतिषीय दृष्टि से इस बार होली पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं# होली के दिन बुध का नीचभंग योग भी बन रहा है।। ज्योतिष के अनुसार इस बार होली के दिन कुछ विशेष योग से होली सर्वफलदायी होगी#खुशहाली लायेगी#होलिका दहन सर्वार्थ सिद्वी योग में होगा #फाल्गुन शुक्र पूर्णिमा 12 मार्च को राजयोग सर्वार्थ सिद्वि योग का संयोग है #राजयोग सुबह 6;45 से शाम 5;41 तक है# होली के दिन गजकेसरी और कलानिधि योग भी बन रहा है। ग्रहों को प्रबल बनाने के लिए होली का दिन अत्यं त शुभ है। जो भी व्य़क्ति कुंडली में ग्रहों की कमज़ोर स्थिति के कारण परेशान है उसे होली के दिन ग्रहों को मज़बूती प्रदान करने के लिए ओपल,पुखराज और मोती रत्नग धारण करना चाहिए# कर्क, तुला, मकर और मेष लग्ना वाले जातकों के लिए रुचक योग ; होली के दिन मेष, कर्क, तुला और मकर राशि के जातक मूंगा रत्नत धारण करें
महामण्डलेश्वर श्री माँ योग योगेश्वरी की भविष्यवाणी के अनुसार- उ0प्र0 में भाजपा की सीटे 250+ होगी
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सर्वार्थ सिद्वि योग शाम 5;42 से अगले िदन 13 मार्च धुलडी क को 6;44 बजे तक रहेगा वही 12 मार्च की शाम गोधुनी बेला में शाम 6;30 से 6;42 बजे तक सर्वार्थ सिद्वि योग में होलिका दहन किया जायेगाा, होलिका दहन का यह मुहूर्त शाम को प्रदेाष युक्तो और भद्रा भद्रा रहित है, भद्रा सुबह 8;21 बजे तक जबकि पूर्णिमा रात 8;24 बजे तक रहेगी, सवार्थ सिद्वि योग में होलिका दहन होने से यह सभी के लिए श्रेष्ठे और फलदायी रहेगी, 13 मार्च को गुलाल से होली खेली जायेगी वही व्यापारियों को लाभ दायक है, सरकारी नीतियों से व्याापारियों को उत्तम लाभ मिलेगा, राजनीतिक समस्यााओं से सरकार को निजात मिलेगी, सत्ता पक्ष की स्थिति मजबूत होगी, किसानों के लिए भी होली फलदायी है,
वही होली के दिन बन रहे है खास योग , जिससे इस बार की होली इन 4 राशियों के लिए है सबसे खास || इस बार होली का त्योहार 13 मार्च को मनाया जाएगा। ज्योैतिषीय दृष्टि से इस बार होली पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं एवं इसमें जन्म लेने वाले बच्चों में विशेष तरह के गुण पाए जाएंगें। होली के शुभ दिन कर्क, तुला, मकर और मेष लग्ना वाले जातकों के लिए रुचक योग बन रहा है।
होली के दिन मेष, कर्क, तुला और मकर राशि के जातक मूंगा रत्नत धारण करें। इससे मंगल को बल मिलेगा और आपके जीवन की सारी समस्या एं दूर होंगीं।
कहा जाता है कि होली की पौराणिक कथा भगवान शिव और पार्वती से भी जुड़ी हुई है। इसलिए होली के दिन भगवान शिव की पूजा भी की जाती है। कहा जाता है कि भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों की कई मुरादें पूरी करते हैं। कहते हैं इस दिन जल्दी विवाह के लिए भी कुछ उपाय किए जाते हैं। कहते हैं कि इस दिन शिवलिंग के दर्शन कर पूजा की जाती है।
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होली एक धार्मिक त्योहार है जिसे पूरे भारत में हिन्दूओं द्वारा मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार दिवाली के बाद होली दूसरा बड़ा त्योहार होता है। होली को रंगों के त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्योहार दो दिन मनाया जाता है, एक दिन होलिका दहन के रुप में और अगले दिन धुलंडी के रुप में। पूरे देश में होली का आनंद इसी दिन लिया जाता है। भारत में इस साल होलिका दहन 12 मार्च को किया जाएगा और 13 मार्च को लोग रंगों के इस त्योहार का आनंद उठाएंगे। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े स्थानों पर होली का एक अलग ही रंग देखने को मिलता है। मथुरा, वृंदावन, गोकुल, नंदगांव और बनारस की होली काफी प्रसिद्ध है।
बनारस की लट्ठमार होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। पहले दिन सूरज ढलने के बाद होलिका दहन किया जाता है। इस दिन महिलाएं एक लोटा जल, चावल, धूपबत्ती, फूल, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, बताशे, गुलाल और नारियल से होलिका का पूजन करती हैं। महिलाएं होलिका के चारों ओर कच्चे सूत को सात परिक्रमा करते हुए लपेटती हैं। इसके बाद लोटे का शुद्ध पानी और अन्य पूजन की सभी चीजें एक-एक करके होलिका की पवित्र अग्नि में डालती हैं।
कई जगहों पर महिलाएं होलिया दहन के मौके पर गाने भी गाती हैं। होलिका दहन के अगले दिन लोग रंगों से होली खेलते हैं। रंगों के इस त्योहार पर एक दूसरे को रंग लगाकर एक-दूसरे को इस त्योहार की शुभकामनाएं देते हैं। लोग होली खेलने के लिए सूखे और पानी वाले दोनों रंगों का इस्तेमाल करते हैं। मगर ज्यादातर लोग सूखे रंगों से होली खेलना पसंद करते हैं जिन्हें गुलाल कहा जाता है।
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