23 सितंबर- राहु का राशि परिवर्तन सबसे बड़ी ज्योतिषीय घटना- सत्ता पक्ष में बेचैनी बढ़ाएगा-राहु-केतु अगर बिगड़ जाएं तो जिंदगी नरक -किस राशि को राहत; किस पर बिगडेगे
19 Sep. 20 ; Himalayauk Newsportal & Print Media Execlusive:# ग्रहों में अति बलवान ग्रह राहु 23 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर अपनी मिथुन राशि की यात्रा समाप्त करके वक्री अवस्था में वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि के गोचर काल में राहु को सर्वाधिक बलवान माना गया है। # 23 सितंबर को दाेपहर 12.47 बजे केतु धनु से वृश्चिक राशि में आएगा जबकि राहु मिथुन से वृष राशि में आएगा। इसी के साथ गुरु व केतु की युति टूट जाएगी। युति टूटते ही कोरोना से राहत मिलना शुरू हो जाएगी# शनि और गुरु की युति होने से कोरोना जड़ से समाप्त होने में समय लगेगा। कोरोना संक्रमित कुछ मामले मिलते रहेंगे।
राहु-केतु अगर बिगड़ जाएं तो जिंदगी को नरक बना देते हैं और अगर देने पर आएं तो गरीब को भी राजा बना देते हैं। इसलिए इन दोनों का राशि परिवर्तन कई लोगों के लिए राहत लेकर आएगा तो कुछ राशियों कों परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इन दोनों ग्रहों के गोचर से राशि जातकों के साथ ही राज और प्रशासन पर असर देखने को मिलेगा। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभदायी रहेगा।
23 सितंबर को राहु शुक्र की राशि वृष में और केतु मंगल की राशि वृश्चिक में आएंगे। ज्योतिषशास्त्र में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है। राहु-केतु अगर बिगड़ जाएं तो जिंदगी को नरक बना देते हैं और अगर देने पर आएं तो गरीब को भी राजा बना देते हैं। इसलिए इन दोनों का राशि परिवर्तन कई लोगों के लिए राहत लेकर आएगा तो कुछ राशियों कों परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन दोनों ग्रहों के गोचर से राशि जातकों के साथ ही राज और प्रशासन पर असर देखने को मिलेगा। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभदायी रहेगा। वहीं अन्य राशियों के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। राहु ग्रह 23 सितंबर को सुबह 5:28 मिथुन राशि से वृष राशि में गोचर करेगा। यहां 12 अप्रैल 2022 तक स्थित रहेगा। राहु का यह राशि परिवर्तन इस साल की सबसे बड़ी ज्योतिषीय घटनाओं में से एक होगी। इसी प्रकार, केतु का गोचर 23 सितंबर को ही सुबह 7:38 बजे धनु राशि से वृश्चिक राशि में होगा। यहां 12 अप्रैल 2022 सुबह 8:44 बजे तक रहेगा। इसका कई राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा। इसे मंगल का छाया ग्रह माना जाता है।
राहु ग्रह 23 सितंबर को सुबह 5:28 मिथुन राशि से वृष राशि में गोचर करेगा। यहां 12 अप्रैल 2022 तक स्थित रहेगा।
गुरु व शनि का साथ में वक्री होना लाेगाें के लिए पीड़ादायक होता है। इनके वक्री होने से महामारी फैलती है। 15 मई 2020 को गुरु व 12 मई 2020 को शनि वक्री हुए थे। इस कारण काेराेना महामारी के राेगियाें की संख्या में इजाफा हाेना शुरू हाे गया था। 13 सितंबर काे सुबह 6.17 बजे गुरु धनु राशि में मार्गी होगा। 29 सितंबर को सुबह 10.45 बजे शनि मकर में मार्गी हाेगा। दोनों ग्रहों के मार्गी होने से लाेगाें काे बीमारी से राहत मिलेगी।
सत्ता पक्ष में बेचैनी बढ़ाएगा—
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अंक ज्योतिष के अनुसार 2020 का मूलांक 4 आता है। इसके राशि स्वामी राहु है। राहु का असर कोरोना वायरस से भी जुड़ा दिख रहा है। ऐसे में इसके राशि परिवर्तन से कोरोना का असर न्यूनतम स्थिति में आने की संभावना है राहु के राशि परिवर्तन से कोरोना का असर न्यूनतम स्थिति में आने की संभावना है। राहु के राशि परिवर्तन से अचानक लाभ, अचानक कष्ट या नुकसान देखने को मिल सकता है। प्रदेश व देश के विकास में सहायक होगा तो सत्ता पक्ष में बेचैनी बढ़ाएगा। राहु में जहां शनि के गुण होते हैं तो केतु में मंगल के गुण है।
राहु-केतु (Rahu ketu rashi parivartan 2020) का जीवन के विभिन्न हिस्सों पर प्रभाव पड़ता है. इनका प्रभाव व्यक्ति को व्यावहारिक रूप से चालाक बनाता है. स्वार्थ के लिए लिए असत्य का रास्ता चुनने वाले और झूठ बोलने वालों पर ये ग्रह ज्यादा हावी रहते हैं. इनका असर जिन पर हो, उनकी युवावस्था संघर्ष में बीतती है. ऐसे लोग सेहत और खान-पान का ख्याल भी बिल्कुल नहीं रखते. इसी कारण ये कई तरह की बीमारियों का शिकार भी होते हैं.
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि ये दो ऐसे ग्रह हैं जिन्हें ज्योतिषशास्त्र के तहत छाया ग्रहों का नाम दिया गया है। खगोलीय दृष्टि से भले ही ये दो ‘ग्रह’ ना माने गए हों लेकिन ज्योतिषशास्त्र में इन्हें महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान किया है। ये दो ऐसे ग्रह हैं जिन्हें शुरुआत से ही वक्री यानि उल्टी चाल चलने वाला ग्रह माना जाता है। ग्रहों को मुख्य रूप से शुभ और क्रूर ग्रहों की श्रेणी में बांटा गया है। इनमें राहु-केतु को क्रूर ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। जब राहु और केतु की युति होती है तब जातक को बड़े परिणाम देखने को मिल सकते हैं। वर्ष यानि 2020 राहु का साल है और इसी साल राहु केतु अपना राशि परिवर्तन करने जा रहा है, जो प्रमुख घटना है।
जीवन में लगातार उतार-चढ़ाव का सामना
इसके प्रभाव में लोग आमतौर पर चमड़े, शराब, नशीले पदार्थ और कभी-कभी इलेक्ट्रोनिक्स का व्यवसाय करते हैं. इनका झुकाव अचानक धन कमाने की तरफ होता है. ये आम तौर पर शेयर बाजार, सट्टा लॉटरी और राजनीति में भी भाग्य आजमाते हैं. काम और रोजगार कितना भी अच्छा क्यों न हो, इनको जीवन में लगातार उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है.
इसके प्रभाव से पारिवारिक जीवन अच्छा नहीं
इसके प्रभाव से पारिवारिक जीवन अच्छा नहीं होता है. शादी-शुदा जिंदगी में तनाव रहता है. एक से ज्यादा विवाह होने की सम्भावना होती है. पारिवारिक संपत्ति या तो नहीं मिलती या मुकदमों में फंस जाती है. संतान उत्पत्ति में देरी होती है और एक संतान समस्या का कारण बनती है.
व्यक्ति को नाम यश खूब मिलता है और व्यक्ति घर से दूर जाकर उन्नति करता है. मध्यायु के बाद व्यक्ति को राजनैतिक सफलता मिलती है. अगर चन्द्रमा कमजोर हो तो व्यक्ति के मन में वैराग्य पैदा होता है. व्यक्ति ईश्वर की उपलब्धि की ओर जाता है और मुक्ति मोक्ष के लिए प्रयास करता है. ऐसे लोगों को यदि सही दिशा मिले तो ये समाज को नई दिशा देते हैं.
मस्तक पर चन्दन जरूर लगाएं
राहु केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय- नशीले पदार्थ और उलटी सीधी चीजें खाना छोड़ दें प्रातः काल खाली पेट तुलसी के पत्ते खाएं- सोना और चांदी मिश्रित अंगूठी जरूर पहन लें गायत्री मंत्र या ईष्ट मंत्र का नियमित जाप करें- मस्तक पर चन्दन जरूर लगाएं
राशियो पर असर-
मेष राशि- राशि से धन भाव में राहु का आगमन आपके लिए बेहतरीन सफलता दिलाएगा। वृषभ राशि- आपकी राशि में राहु का प्रवेश अप्रत्याशित परिणाम दिलाने वाला सिद्ध होगा। मिथुन राशि- राशि से बारहवें भाव में राहु का प्रवेश अधिक खर्च कारक यात्रा करवाएगा। कर्क राशि- राशि से लाभ भाव में राहु का गोचर आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सिंह राशि- राशि से दशम भाव में राहु का गोचर आपको कुल दीपक बनाएगा। कन्या राशि- राशि से भाग्य भाव में राहु का गोचर आपके लिए अनुकूल फल कारक सिद्ध होगा। सोची समझी सभी रणनीति कारगर सिद्ध होगी। बेहतर रहेगा कि अपनी सभी योजनाओं को गोपनीय रखें और कार्य में जी जान से लग जाएं। नए कार्य व्यापार आरंभ करने वाले लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा तुला राशि- राशि से अष्टम भाव में वृषभ राशिगत राहु काफी मिले-जुले फल कारक सिद्ध होंगे। वृश्चिक राशि- राशि से सप्तम भाव में राहु का गोचर आपके लिए कई तरह की सफलताओं के द्वार खोलेगा। धनु राशि- राशि से छठे शत्रुभाव में राहु का गोचर आपको कठिन परिस्थितियों से लड़ने में मदद तो करेगा ही आने वाली सभी समस्याओं को भी हल भी करेगा। मकर राशि- राशि से पंचम भाव में राहु के भ्रमण करने के परिणाम स्वरूप आप अति विवेकशील, त्वरित निर्णय लेने वाले कुशल प्रशासक होंगे। कुंभ राशि- राशि से चतुर्थ भाव में राहु का गोचर काफी उतार-चढ़ाव लाने वाला सिद्ध होगा। मीन राशि- राशि से तृतीय भाव में राहु का गोचर आपको साहसी तथा पराक्रमी बनाएगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में भारी वृद्धि होगी। आपके लिए गए निर्णयों की सराहना भी होगी। राजनीतिज्ञों तथा शीर्ष अधिकारियों से मधुर संबंध बनेंगे। चुनाव संबंधित कोई निर्णय लेना चाह रहे हों तो असर अनुकूल है।
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