रामदेव की ललकार- किसी का बाप भी अरेस्ट नहीं कर सकता? IMA Action: 1 हज़ार करोड़ का नोटिस, देशद्रोह के तहत कार्रवाई की मांग
High Light # आईएमए (उत्तराखंड) ने बाबा रामदेव को ऐलोपैथी और ऐलोपैथिक चिकित्सकों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उन्हें मानहानि का नोटिस देते हुए उनसे एक पखवाड़े के भीतर माफी मांगने या 1000 करोड़ रुपए का मुआवजा देने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। # डॉक्टर्स की सबसे बड़ी बॉडी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रामदेव के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र # रामदेव के ख़िलाफ़ राजद्रोह के क़ानून के तहत उचित कार्रवाई करें # आईएमए की उत्तराखंड इकाई के सचिव अजय खन्ना ने रामदेव को वकील के जरिये नोटिस भिजवाया # 1 हज़ार करोड़ रुपये # रामदेव ने आईएमए से 25 सवाल पूछे # क्या रामदेव पर होगा देशद्रोह का केस? # आईएमए का सरकार पर दवाव बनाना उचित है ?
आईएमए (उत्तराखंड) ने अपने नोटिस में आईएमए ने कहा कि बाबा रामदेव एलोपैथी का ‘ए’ तक नहीं जानते, हम उनके सवालों के जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन पहले वे अपनी योग्यता तो बताएं नोटिस में आईएमए ने कहा कि कि अगर बाबा 15 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया जाएगा. आईएमए उत्तराखंड ने कहा, ‘रामदेव अपनी दवाएं बेचने के लिए लगातार झूठ फैला रहे हैं रामदेव ने कहा कि उन्होंने हमारे अस्पतालों में अपनी दवाओं का ट्रायल किया है, हमने उनसे पूछा कि उन अस्पतालों के नाम बताएं लेकिन वे नहीं बता पाए, क्योंकि उन्होंने ट्रायल किया ही नहीं, डॉक्टरों के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी से लोगों में भी बाबा के प्रति गुस्सा है. आईएमए ने कहा, ‘ अपनी दवा बेचने के लिए रामदेव टीवी में टीकाकरण से साइड इफेक्ट होने के विज्ञापन भी जारी कर रहे हैं, वे पैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं’ आईएमए ने कहा कि अगर सरकार उनके खिलाफ महामारी एक्ट में कार्रवाई नहीं करेगी तो आईएमए हरिद्वार में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगी.
आईएमए ने कहा कि एक वीडियो में यह दावा किया गया है कि 10 लाख डॉक्टर और लाखों लोग की कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद मौत हो चुकी है. उनके खिलाफ देशद्रोह के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए.
एलोपैथिक पद्धति को दिवालिया साइंस और एलोपैथिक दवाइयों की वजह से लाखों लोगों की मौत हो जाने के बयान के बाद देश भर के डॉक्टर्स के निशाने पर आए योग गुरू रामदेव का पीछा शायद मुश्किलों से इतनी आसानी से नहीं छूटने वाला। देश में डॉक्टर्स की सबसे बड़ी बॉडी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रामदेव के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
एसोसिएशन ने अपील की है कि मोदी रामदेव के द्वारा टीकाकरण के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे कुप्रचार को रोकें। आईएमए ने यह भी अपील की है कि प्रधानमंत्री मोदी रामदेव के ख़िलाफ़ राजद्रोह के क़ानून के तहत उचित कार्रवाई करें।
आईएमए ने प्रधानमंत्री से कहा है कि रामदेव एक वीडियो में कोरोना की दोनों डोज लेने के बाद भी 10 हज़ार डॉक्टर्स और एलोपैथिक दवाइयों की वजह से लाखों लोगों की मौत हो जाने का दावा कर रहे हैं।
बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ था इस वीडियो में वह यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, ”जितनी मौतें ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है उससे कई ज्यादा मौतें एलोपैथी और स्टेरॉयड के इस्तेमाल से हुई हैं.”
आईएमए की उत्तराखंड इकाई के सचिव अजय खन्ना ने रामदेव को वकील के जरिये नोटिस भिजवाया है। खन्ना ने कहा है कि रामदेव के इस बयान ने एलोपैथी और आईएमए से जुड़े डॉक्टर्स की प्रतिष्ठा को नुक़सान पहुंचाया है।
नोटिस में कहा गया है कि योग गुरू रामदेव का यह बयान आईपीसी की धारा 499 के तहत एक आपराधिक कृत्य है और अगर वह तय किए गए दिनों के अंदर माफ़ी नहीं मांगते हैं तो उन्हें आईएमए के प्रत्येक डॉक्टर के लिए 50 लाख रुपये के हिसाब से 1 हज़ार करोड़ रुपये देने होंगे। आईएमए में 2 हज़ार डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि रामदेव एक वीडियो बनाकर जारी करें जिसमें वे अब तक एलोपैथी को लेकर लगाए गए सभी आरोपों का खंडन करें। इसके अलावा वे अपने उस विज्ञापन को भी सभी जगहों से वापस ले लें जिसमें वे अपनी कोरोनिल किटका समर्थन कर रहे हैं।
रामदेव के इन बयानों को लेकर डॉक्टर्स ने उन्हें ख़ूब खरी-खोटी सुनाई और सोशल मीडिया पर भी लोगों ने रामदेव को आड़े हाथों लिया है। बवाल बढ़ने के बाद केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने रामदेव से इस बयान को वापस लेने को कहा था। डॉक्टर हर्षवर्धन ने ख़ुद भी इस बयान को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इसके बाद रामदेव को अपना बयान वापस लेना पड़ा था।
रामदेव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ओपन लैटर जारी किया है और इसमें आईएमए से 25 सवाल पूछे हैं।
रामदेव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ओपन लैटर जारी किया है और इसमें आईएमए से 25 सवाल पूछे हैं। इन सवालों में यह भी पूछा गया है कि क्या एलोपैथी में हाइपरटेंशन और डायबिटीज के टाइप-1 और टाइप-2 का कोई पक्का इलाज है। इसके बाद रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण ने ट्वीट कर कहा कि पूरे देश को ईसाईयत में बदलने के षड्यंत्र के तहत रामदेव को निशाना बनाकर योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे गहरी नींद से जागें वरना आने वाली पीढ़ियां उन्हें माफ नहीं करेंगी।
रामदेव का एक और बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि उन्हें किसी का बाप भी अरेस्ट नहीं कर सकता। इसमें वह उन लोगों का जिक्र कर रहे हैं जो लोग उनके ख़िलाफ़ ट्विटर पर लगातार ट्रेंड चलाते रहते हैं।
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