विदेशो से घर वापसी के इच्छुक इस तरह पंजीकरण कराये- वही अमेरिका की चीन को बडा जवाब देने की तैयारी
1 MAY 20# (Himalayauk Bureau) अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को भारतीय सामुदायिक संगठनों और हाल में संपर्क किए गए लोगों को ईमले भेजना शुरू किया. वैसे लोग जो घर वापस जाना चाहते हैं, वे https://indianembassyusa.gov.in/Information_sheet1 पर पंजीकरण करा सकते हैं.
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# अब चीन के बढ़ते वर्चस्व अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के अंदर खलबली मचा दी है. अमेरिका हर हाल में अब चीन को जवाब देना चाहता है, चाहे वो रणनीतिक तौर पर हो या आर्थिक तौर पर हो. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर जंग जारी है. अमेरिका लगातार चीन को इस वायरस के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है.
नौसेना और भारतीय वायु सेना से भी इस अभियान के लिए अपने कुछ संसाधनों को तैयार रखने को कहा गया है. ऐसा माना जा रहा है कि ‘ऑपरेशन राहत’ के बाद यह सबसे बड़ा अभियान होगा. ‘ऑपरेशन राहत’ के तहत भारत 2015 में संघर्ष ग्रस्त यमन से 41 देशों के नागरिकों समेत 6,700 लोगों को वापस लाया था.
अब चीन के बढ़ते वर्चस्व अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के अंदर खलबली मचा दी है. अमेरिका हर हाल में अब चीन को जवाब देना चाहता है, चाहे वो रणनीतिक तौर पर हो या आर्थिक तौर पर हो. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर जंग जारी है. अमेरिका लगातार चीन को इस वायरस के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी पक्षपात का आरोप लगा चुके हैं. ट्रंप का मानना है कि यह जानलेवा वायरस चीन के वुहान लैब से निकला है. इसी बीच अमेरिका में हो रही मौतों से बौखलाए ट्रंप प्रशासन ने अब चीन को बड़ा झटका देने की तैयारी की है. दरअसल, सीएनएन ने ट्रंप प्रशासन के सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया है कि ट्रंप प्रशासन कोरोना वायरस महामारी के लिए कई मोर्चों पर चीन को दंडित करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार कर रहा है, जिसमें कई कठोर कदम उठाने पर विचार हो रहा है.
उधर ट्रंप लगातार चीन पर हमलावर हैं. ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि चीन उन्हें फिर से राष्ट्रपति के रूप में देखना नहीं चाहता है क्योंकि अमेरिका उनके व्यापार सौदे के माध्यम से काफी लाभ प्राप्त कर रहा है. साथ ही ट्रंप ने अपने विपक्षी उम्मीदवार जो बिडेन पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन ‘स्लीपी जो बिडेन’ को देखना चाहता है. ट्रंप प्रशासन को इस बात का भी डर है कि चीन की रणनीतिक चुनौती और प्रशासन के भीतर बढ़ते आपसी संदेह के बीच अमेरिका-चीन की झड़प बढ़ती जा रही है, इससे डोनाल्ड ट्रंप के लिए अगले कार्यकाल को बचाना मुश्किल ना हो जाए. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पिछले सप्ताह कहा था कि मुझे पूरा विश्वास है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने जो कुछ भी किया, उसके लिए एक कीमत चुकानी होगी, और अमेरिका से निश्चित तौर पर चुकानी होगी.
वही दूसरी ओरआधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत की केंद्र सरकार देशभर में 3 मई तक लागू लॉकडाउन समाप्त होने के बाद खाड़ी देशों एवं अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना के पोतों के बेड़े के अलावा सैन्य एवं वाणिज्यिक विमानों को तैनात करने की वृहद योजना पर काम कर रही है.
अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने उन भारतीय नागरिकों से संपर्क करना शुरू किया है जो कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के बाद घर वापस लौटने की इच्छा रखते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार देशभर में 3 मई तक लागू लॉकडाउन समाप्त होने के बाद खाड़ी देशों एवं अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को वापस लाने के लिए नौसेना के पोतों के बेड़े के अलावा सैन्य एवं वाणिज्यिक विमानों को तैनात करने की वृहद योजना पर काम कर रही है, जिसके बाद दूतावास ने यह कदम उठाया है. इससे पहले सरकार ने 10 अप्रैल को कहा था कि कोविड-19 स्थिति की समीक्षा के बाद विदेशों में फंसे भारतीय लोगों को लाने संबंधी विचार पर निर्णय लिया जाएगा.
विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव दम्मू रवि ने कहा, ‘विदेश में रह रहे भारतीय लोगों के बारे में कुछ सवाल आए हैं. ऐसी स्थिति है जहां हम कोई निश्चित जवाब नहीं दे सकते हैं क्योंकि वहां अब भी लॉकडाउन है. हमें स्थिति की समीक्षा करनी होगी…यह सरकार का फैसला होगा कि हम अन्य देशों से भारतीय लोगों की वापसी का प्रबंध कैसे करेंगे?’ इसके लिए पहले चरण की शुरुआत संभवत: खाड़ी देश, ब्रिटेन और यूरोप के अन्य हिस्सों से होगी. इसके बाद यूरोप और अमेरिका के बारे में विचार किया जाएगा. खाड़ी देशों में करीब 80 लाख भारतीय रहते हैं और कोरोना वायरस के कारण उनकी आजीविका को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि इस क्षेत्र की तेल आधारित अर्थव्यवस्था इस वैश्विक महामारी के कारण चरमरा गई है.
वहीं, सरकार ने कई राज्यों से पहले ही कह दिया है कि वे बहु-एजेंसियों की भागीदारी वाले इस अभियान के तहत स्वदेश लाए जाने वाले भारतीयों के लिए आवश्यक प्रबंध करें. सूत्रों ने बताया कि नागर विमानन मंत्रालय ने अभियान की योजना बना रहे कोर समूह से कहा है कि वह अभियान के लिए मालवाहक सहित करीब 650 वाणिज्यिक विमानों में से अधिकतर को उपलब्ध कराने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि नौसेना और भारतीय वायु सेना से भी इस अभियान के लिए अपने कुछ संसाधनों को तैयार रखने को कहा गया है. ऐसा माना जा रहा है कि ‘ऑपरेशन राहत’ के बाद यह सबसे बड़ा अभियान होगा. ‘ऑपरेशन राहत’ के तहत भारत 2015 में संघर्ष ग्रस्त यमन से 41 देशों के नागरिकों समेत 6,700 लोगों को वापस लाया था. नौसेना ने इस अभियान के लिए आईएनएस जलाश्व और दो अन्य पोतों को चिह्नित किया गया है. आईएनएस जलाश्व तलाश एवं बचाव अभियान के अलावा महत्वाकांक्षी अभियानों को पूरा करने में सक्षम है. वह 1,000 लोगों को लाने की क्षमता रखता हैं.’ सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना भी इस अभियान के लिए अपने कई विमानों को तैयार कर रही है. यह अभियान लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आरंभ किया जाएगा. लॉकडाउन तीन मई को समाप्त होगा. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार लॉकडाउन की अवधि को और बढ़ाएगी या नहीं..
अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को भारतीय सामुदायिक संगठनों और हाल में संपर्क किए गए लोगों को ईमले भेजना शुरू किया. हालांकि अभी यात्रा के संबंध में कोई तारीख नहीं तय की गई है. वैसे लोग जो घर वापस जाना चाहते हैं, वे https://indianembassyusa.gov.in/Information_sheet1 पर पंजीकरण करा सकते हैं.
अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने एक ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय अमेरिकी समुदाय ने इस कठिन समयों में नेतृत्व दिखाया है और उनकी सेवा की भावना सराहनीय है. वे हमारे नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए दूतावास और वाणिज्य दूतावास के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.’ हालांकि, अमेरिका में फंसे भारतीय लोगों की कुल संख्या को लेकर भी कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है. ऐसा कहा जा रहा है कि इसमें कई छात्र हैं. यहां विश्वविद्यालय पूरे सत्र के लिए बंद है. इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं जो थोड़े समय के लिए यहां आए थे और जिनके पास पैसा समाप्त हो चुका है.
प्रशासन के अंदर के सूत्रों का कहना है कि अमेरिका की तरफ से चीन पर प्रतिबंधों सहित कई अन्य कदम उठाए जा सकते हैं. इनमें अमेरिकी ऋण दायित्वों को रद्द करने और नई व्यापार नीतियों को तैयार करने जैसे उपाय शामिल हैं. इन सब के अलावा चीन के मामले में जहां-जहां अमेरिकी भूमिका हैं वहां सब जगह अमेरिका विचार कर रहा है. उधर खुफिया विभाग पर भी प्रशासन की तरफ से भारी दबाव है. यह पता लगाने के लिए कि क्या चीन के वुहान में प्रयोगशाला से वायरस निकला गया है या इस पर कोई और बात है. प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी लगातार इस बात को लेकर दबाव बनाए हुए हैं कि इसका पता जल्द से जल्द निकाला जाए. हालांकि एक अभूतपूर्व बयान में खुफिया विभाग ने यह जरूर कहा है कि हम इस मामले में संसाधनों की वृद्धि कर रहे हैं क्योंकि यह हम हर हाल में करेंगे. United States Intelligence Community (USIC) ने अपने बयान में यह भी कहा कि हम सूचनाओं का कठोरता से परीक्षण कर रहे हैं. ताकि यह पता चल सके कि संक्रमित जानवरों के माध्यम से या वुहान में एक प्रयोगशाला के माध्यम से चीन ने यह काम किया है.
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