उत्तराखंड लॉकडाउन; शराब की जम कर तस्करी, एक करोड़ की शराब तो पकडी गई & UK Top News 30 April 20

30 April 20# High Light # Himalayauk Bureau# सभी तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी एवं पंडा समाज ने भगवान नारायण से क्षमा याचना क्‍यो की #मुख्यमंत्री ने श्रीनगर में कोविड-19 पी.सी.आर टेस्टिंग लैब का ऑनलाईन लोकार्पण किया # मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया # टीएचडीसी द्वारा COVID-19 के खिलाफ संघर्ष हेतु उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में रू 1.45 करोड़ तथा मुख्यमंत्री रहत कोष में रू 55 लाख का योगदान   #चमोली जनपद के विकास खण्ड घाट में कोरोना वारियर्स सम्मानित # जनपद चमोली – होम क्वारेन्टीन अवधि पूरा करने पर बुधवार को 70 लोगों को अपने परिवार के साथ रहने की छूट मिली # दीपक चन्द्र भट्ट को उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थान्म बोर्ड के वित्त नियंत्रक की अतिरिक्त जिम्मेदारी #उत्तराखंड में अन्‍य राज्‍यो के 46 हजार के करीब मजदूर कैसे जायेगे # सीएम घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं; कांग्रेस ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया# मरीज और तीमारदार से नर्सिंग स्टाफ को संक्रमण ; निदेशक एम्‍स

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इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि और मुहुर्त की घोषणा हो जाने के बाद उसे बदला गया हो.

 देहरादून. Himalayauk  पूर्व निर्धारित तिथि और मुहुर्त के अनुसार आज बदरीनाथ धाम के कपाट तो नहीं खुले लेकिन धाम में पूजा अर्चना ज़रूर की गई. बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों, हक-हकूक धारियों, पंडा समाज और बदरीनाथ मंदिर की परंपरा से जुड़े लोगों ने ब्रह्म मुहूर्त में भगवान नारायण की पूजा, अर्चना, हवन के साथ ही विष्णुसहस्रनाम का पाठ किया. यह पाठ इसलिए किया गया ताकि सदियं से चली आ रही परंपरा को अक्षुण्ण रखा जा सके. दरअसल ज्ञात इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि और मुहुर्त की घोषणा हो जाने के बाद उसे बदला गया हो. ज्योतिर्पीठ के पीठाधीश्वार शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी उत्तराखंड सरकार से बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि आगे बढ़ाने के निर्णय को वापस लेने की मांग करते हुए कहा था कि ‘शुभ तिथि को बदलना देव शक्तियों के प्रकोप को आमंत्रित करना होगा.’ वही तीर्थ पुरोहितों एवं पंडा समाज के लोगों ने भगवान नारायण का पूजन अर्चन एवं हवन कर भगवान नारायण से क्षमा याचना के साथ देश के सभी नागरिकों की मंगल कामना की गई.

बदरीनाथ धाम के कपाट आज 30 अप्रैल यानी वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग एवं अमृत सिद्धि योग के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में 4:30 बजे खोले जाने थे. लेकिन कोरोना वायरस,कोविड-19, संक्रमण फैलने की वजह से इस साल टिहरी नरेश ने कपाट की तिथि में बदलाव कर दिया. अब बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे.

सरकार के दबाव में टिहरी नरेश ने बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि में तो परिवर्तन कर दिया लेकिन केदारनाथ मंदिर के साथ ही गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के पंडा पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के विरोध की वजह से बाकी तीनों धामों के कपाट पूर्व निर्धारित समय पर ही खुले.

ज्योतिर्पीठ के पीठाधीश्वार शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी उत्तराखंड सरकार से बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि आगे बढ़ाने के निर्णय को वापस लेने की मांग करते हुए कहा था कि ‘शुभ तिथि को बदलना देव शक्तियों के प्रकोप को आमंत्रित करना होगा.’ शंकराचार्य ने मथुरा में बयान भी दिया था कि ‘ऐसे समय में जब देश कोविड-19 संकट का सामना कर रहा है, देव शक्तियों को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए.’

देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत के प्रवक्ता डॉक्टर बृजेश सती के अनुसार सदियों से चली आ रही इस परंपरा को अक्षुण्ण रखने के लिए देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत ने निर्णय लिया कि पूर्व मुहूर्त के अनुसार ही सभी तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी एवं पंडा समाज के लोग भगवान नारायण का पूजन अर्चना, हवन और विष्णु सहस्रनाम पाठ अपने-अपने घरों करेंगे. इसी क्रम में आज सभी तीर्थ पुरोहितों एवं पंडा समाज के लोगों ने भगवान नारायण का पूजन अर्चन एवं हवन कर भगवान नारायण से क्षमा याचना के साथ देश के सभी नागरिकों की मंगल कामना की गई.

महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल के दिशा निर्देशन में महापंचायत से जुड़ी डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत, ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत,  बद्रीश पंडा पंचायत देवप्रयाग और बदरीनाथ धाम से जुड़ी परंपरा के लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

मुख्यमंत्री ने श्रीनगर में कोविड-19 पी.सी.आर टेस्टिंग लैब का ऑनलाईन लोकार्पण किया

देहरादून 30 अप्रैल, 2020 (सू.ब्यूरो Himalayauk ) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर में कोविड-19 पी.सी.आर टेस्टिंग लैब का ऑनलाईन लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्टिंग लैब से पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं टिहरी जनपद जनपदों के लोगों के सैंपल लेने में आसानी होगी। अल्मोड़ा एवं हरिद्वार में भी जल्द टेस्टिंग लैब बनाई जाएगी। अब प्रदेश में कोरोना के सैंपल लेने में और तेजी आएगी।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आज से श्रीनगर में सैंपल टेस्ट होने शुरू हो गए हैं। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन 100 से अधिक सैंपलों की टेस्टिंग होगी। अभी तक प्रदेश में 5602 सैंपलों की रिपोर्ट आ चुकी है जिसमें 55 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, इनमें से 36 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना से अभी तक कोई मृत्यु नहीं हुई है।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक श्री मुकेश कोहली, स्वास्थ्य सचिव श्री नितेश झा, निदेशक एन.एच.एम श्री युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया

देहरादून 30 अप्रैल, 2020 (सू.ब्यूरो Himalayauk ) मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने इसे हिंदी सिनेमा जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि ऋषि कपूर न केवल एक महान अभिनेता बल्कि एक बेहतरीन इंसान एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी भी थे।
उनका एवं उनके परिवार का हिंदी सिनेमा जगत में अतुलनीय योगदान रहा है। ऋषि कपूर सदैव फिल्म प्रेमियों के दिलों में छाए रहेंगे।

लॉकडाउन; उत्तराखंड के अंदर ही उत्तराखंड की शराब की जम कर तस्करी ;एक महीने में पकड़ी गई एक करोड़ की शराब

देहरादून. Himalayauk  उत्तराखंड में 22 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है. इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की खरीद-बिक्री के लिए चंद घंटों की छूट तो मिली हुई लेकिन इन आवश्यक वस्तुओं में शराब शामिल नहीं है. लेकिन शराब खरीदने और बेचने वालों ने धंधे को चलाए रखने का ज़रिया ढूंढ ही लिया है. लॉकडाउन के एक महीने मे पुलिस ने करीब एक करोड़ रुपये की तस्करी की शराब पकड़ी है. ज़ाहिर है कि बहुत सारी शराब बेचने वालों से खरीदने वालों तक पहुंच ही गई होगी. कमाल की बात यह है कि पकडी गई सारी शराब उत्तराखंड मार्का ही है यानी कि उत्तराखंड के अंदर ही उत्तराखंड की शराब की तस्करी हो रही है.

लॉकडाउन के चलते राज्य में शराब की सभी दुकानें 22 मार्च से बंद हैं और इसके एक महीने के अंतराल में यानी 22 अप्रैल तक पुलिस ने करीब एक करोड़ रुपये कीमत की करीब 1100 लीटर शराब पकड़ ली है. पुलिस ने राज्य के अलग-अलग थानों में शराब तस्करी के 494 मुकदमे दर्ज कर 566 लोगों को गिरफ़्तार किया है. इसके अलावा शराब तस्करी में लाए गए 120 वाहनों को भी सीज़ किया है.

कमाल की बात यह है कि सबसे ज्यादा शराब पहाड़ी जिलों में पकड़ी गई है. अल्मोड़ा में 47 लाख रुपये कीमत की तो पिथौरागढ़ में 15 लाख रुपये कीमत की शराब पकड़ी गई है.

उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार का कहना है कि लॉकडाउन में शराब तस्करों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है और इसीलिए इतनी बड़ी मात्रा में शराब पकड़ी जा रही है.
ख़ास बात यह है कि अभी तक जितनी भी शराब पुलिस ने पकड़ी है वह सारी उत्तराखण्ड मार्का है यानी कि सारी शराब उत्तराखंड से ही लेकर उत्तराखंड में सप्लाई की जा रही थी. मज़ेदार बात यह भी है कि लॉकडाउन में शराब की दुकानों और गोदामों को आबकारी विभाग ने सील कर दिया है फिर भी राज्य में राज्य की शराब की तस्करी हो रही है.

आबकारी आयुक्त सुशील कुमार का कहना है कि विभाग भी लगातार शराब तस्करी पर कार्रवाई कर रहा है. लेकिन लॉकडाउन के बाबजूद बड़ी मात्रा में शराब का पकड़े जाना कहीं न कहीं आबकारी विभाग पर तो सवाल खड़े करता ही है.

टीएचडीसी द्वारा COVID-19 के खिलाफ संघर्ष हेतु उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में रू 1.45 करोड़ तथा मुख्यमंत्री रहत कोष में रू 55 लाख का योगदान   

ऋषिकेश- 30.04.2020 Himalayauk  कोविड-19 अभी भी हमारी राष्ट्रीय लोक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए गंभीर चुनौती बनी हुयी है एवं विभिन्न राज्य सरकारें भी इस खतरे को नियंत्रित करने के लिए अनेक उपाय कर रही हैं । आम लोगों को राहत देने में उत्तराखंड सरकार भी भारत सरकार के साथ कार्य कर रही है । हमारी अधिकांश परियोजनाएं उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं, इसलिए टीएचडीसी ने COVID-19 के खिलाफ संघर्ष हेतु कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को 1.45 करोड़ रूपये का योगदान तथा टीएचडीसी के सभी कर्मचारियों के मई, 2020 माह के वेतन से एक दिन के मूल वेतन का योगदान जो की 55 लाख रूपये है मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय लिया गया है । टीएचडीसी का कुल योगदान लगभग रूपए 02 करोड़ का है । इसके अतिरिक्त टीएचडीसी कारपोरेट कार्यालय ऋषिकेश तथा अपनी परियोजनायो टिहरी, कोटेश्वर, पीपलकोटी, खुर्जा, धुकवा आदि में जनता को खाद्य सामग्री, मास्क, सैनीटाइज़र आदि जनता में वितरित कर रही है ।  

टिहरी व कोटेश्‍वर जल विद्युत परियोजनाओं तथा गुजरात के पाटन व द्वारिका में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की कमीशनिंग के उपरांत टीएचडीसी की कुल संस्‍थापित क्षमता 1513 मेगावाट  हो गयी है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड देश का प्रमुख विद्युत उत्‍पादक संस्‍थान होने के साथ ही एक मिनी-रत्‍न (कटेग्री-प्रथम) व   शेड्यूल ‘ए’ दर्जा प्राप्‍त संस्‍थान है।

चमोली जनपद के विकास खण्ड घाट में कोरोना वारियर्स सम्मानित

चमोली 30 अप्रैल,2020 (सू0वि0 Himalayauk ) चमोली जनपद के विकास खण्ड घाट में कोविड 19 की रोकथाम में लगे कोरोना वारियर्स के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियां का गुरूवार को व्यापार मंडल, स्थानीय लोगों तथा जन प्रतिनिधियों ने पुष्प वर्षा कर सम्मानित किया। अधिकारियों एवं कार्मिको ने सभी का आभार व्यक्त किया। कोरोना वारियर्स के सम्मान के दौरान शरीरिक दूरी बनाए रखने का भी पूरा पालन किया गया। घाट बाजार में लोगों ने उपजिलाधिकारी बुसरा अन्सारी, नायब तहसीलदार राकेश देवली, राजस्व निरिक्षक पुरूषोत्तम गुसांई, उपनिरीक्षक फरखेत अनुज बंडवाल, कुलदीप शाह, मोहन सिंह बिष्ट, चैकी प्रभारी घाट नरेंद्र कोठियाल व समस्त पुलिस कर्मी, होमगार्ड, सामुदायिक घाट के सभी चिकित्सकों, खंड विकास अधिकारी, बैंक कर्मचारी तथा सफाई कर्मचारी पर फूल बरसाए।

इस दौरान थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, प्रमुख घाट भारती देवी, जिला पंचायत सदस्य बूरा वार्ड नन्दिता रावत, मंडल अध्यक्ष भाजपा खिलाप सिंह नेगी, मंडल महामंत्री महावीर सिहं, राकेश गौड, त्रिभुवन फरस्वाण, पूर्व मंडल अध्यक्ष, पूर्व सांसद प्रतिनिधि, विधायक प्रतिनिधि, जेष्ठ प्रमुख घाट, पूर्व जेष्ठ प्रमुख घाट, महिला मोर्चा अध्यक्ष घाट, महामंत्री घाट व व्यापार मंडल के पदाधिकारी कोरोना वारियर्स के  सम्मान में शामिल थे। इस दौरान प्रतिष्ठित व्यापारी भरत सिंह रावत ने पी.एम केयर फंड मे 21 हजार रुपए का चेक भी मा0 विधायक थराली तथा उप जिलाधिकारी को सौंपा।

इस दौरान थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, प्रमुख घाट भारती देवी, जिला पंचायत सदस्य बूरा वार्ड नन्दिता रावत, मंडल अध्यक्ष भाजपा खिलाप सिंह नेगी, मंडल महामंत्री महावीर सिहं, राकेश गौड, त्रिभुवन फरस्वाण, पूर्व मंडल अध्यक्ष, पूर्व सांसद प्रतिनिधि, विधायक प्रतिनिधि, जेष्ठ प्रमुख घाट, पूर्व जेष्ठ प्रमुख घाट, महिला मोर्चा अध्यक्ष घाट, महामंत्री घाट व व्यापार मंडल के पदाधिकारी कोरोना वारियर्स के  सम्मान में शामिल थे। इस दौरान प्रतिष्ठित व्यापारी भरत सिंह रावत ने पी.एम केयर फंड मे 21 हजार रुपए का चेक भी मा0 विधायक थराली तथा उप जिलाधिकारी को सौंपा।

 जनपद चमोली जिला योजना वर्ष 2020-21 हेतु प्राविधानित धनराशि के व्यय के संदर्भ में बैठक

चमोली 30 अप्रैल,2020 (सू0वि0 Himalayauk ) जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में 01 मई को अपराह्न 3ः00 बजे से क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना वर्ष 2020-21 हेतु प्राविधानित धनराशि के व्यय के संदर्भ में बैठक आहूत की गई है। यह जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने चिकित्सा, पेयजल, समाज कल्याण, कृषि, उद्यान, उद्योग, पशु चिकित्सा, डेयरी, सहाकारिता, क्रीडा, युवा कल्याण, सूचना तथा अर्थ एवं संख्या विभाग के अधिकारियों को नियत समय पर बैठक में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए है।

  जनपद चमोली – होम क्वारेन्टीन अवधि पूरा करने पर बुधवार को 70 लोगों को अपने परिवार के साथ रहने की छूट मिली

Himalayauk होम क्वारेन्टीन अवधि पूरा करने पर बुधवार को 70 लोगों को अपने परिवार के साथ रहने की छूट मिली। कोबिड 19 संक्रमण के दृष्टिगत जिले में अभी भी 799 लोग होम क्वारेन्टाइन में चल रहे है। होम क्वारेन्टीन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गठित 23 मोबाइल चिकित्सा टीमों ने बुधवार को 46 गांवों में घर-घर जाकर 195 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। मोबाइल चिकित्सा टीम मजदूरों का भी हेल्थ चैकअप भी कर रही है। वही जिले में बाहर से आए 72 लोग फेसलिटी क्वारेन्टाइन में चल रहे है। 

लाकडाउन अवधि में पुरानी गम्भीर बीमारियों का उपचार करा रहे लोगों को जिला प्रशासन हर रोज जीवन रक्षक दवा उपलब्ध कराने में मदद कर रहा है। ऐसे बीमार लोगों की दवाईयां देहरादून एवं अन्य राज्यों से मंगाई जा रही है। जिला प्रशासन की इस पहल से लाॅकडाउन में लोगों ने बडी राहत महसूस की है।

चमोली में जिला अस्पताल गोपेश्वर को कोविड हेल्थ सेंटर बनाया गया है। यहाॅ पर कल तक आइसोलेशन में भर्ती दो मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है और अभी तक सभी 23 ब्लड सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। कोरोना संक्रमण पर निगरानी रखने के लिए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने 18 ब्लाक एवं सिटी रिसपोंस टीमें भी गठित की है। इन टीमों ने कोरोना संदिग्धों की जानकारी जुटाने के लिए अब तक 6115 लोगों से संपर्क किया गया है। 

कोरोना संकट की इस घडी में कोई भूखा ना रहे इसके लिए भी जिला प्रशासन निरन्तर कार्य कर रहा है। जिला प्रशासन ने गरीब, मजदूर एवं जरूरतमंद लोगों में अभी तक 5668 ड्राई राशन किट तथा 3370 लोगों को पका हुआ भोजन खिलाया गया। पाॅलिटेक्निक गौचर में बनाए गए रिलीफ सेंटर में 27 मजदूरों रह रहे है। इन मजदूरों को भी नियमित खाने, रहने, मनोरंजन आदि की समुचित व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।

जिले में लाकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर डीएम एक्ट के तहत 20 एफआईआर, महामारी अधिनियम के तहत 1, सीआरपीसी के तहत 48, डीएम एक्ट के तहत 24, पुलिस एक्ट के तहत 100 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके है। इसके आलावा 267 चालान और 58 वाहनों को सीज किया गया है।

जिले में खाद्यन्न आपूर्ति सुचारू बनी हुई है। स्टाॅक में गेहूं 1554.88 कुन्तल, चावल 2664.44 कुन्तल, मसूर दाल 374.61 कुन्तल, चना दाल 440.12 कुन्तल, चीनी 103.78 कुन्तल, पीएम गरीब कल्याण खाद्यान्न 2752.22 कुन्तल तथा घरेलू गैस के 3971 सिलेण्डर शेष है।

दीपक चन्द्र भट्ट को उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थान्म बोर्ड के वित्त नियंत्रक की अतिरिक्त जिम्मेदारी

चमोली 30 अप्रैल,2020 (सू0वि0/ Himalayauk )
मुख्य कोषागार चमोली में कार्यरत कोषाधिकारी दीपक चन्द्र भट्ट को उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थान्म बोर्ड के वित्त नियंत्रक की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। आयुक्त गढवाल मण्डल एवं चारधाम देवस्थान्म बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने इसके आदेश जारी किए है।

विदित हो कि राज्य सरकार ने 20 फरवरी 2020 को उत्तराखण्ड देवस्थान्म बोर्ड का गठन किया। बोर्ड गठन के फलस्वरूप बोर्ड के वित्तीय आय व्यय संचालन एवं विभिन्न देयकों यथा वेतन, पेंशन बिल आदि का भुगतान समय पर किए जाने हेतु वित्त नियंत्रक की तैनाती की गई है। कोषाधिकारी दीपक चन्द्र भट्ट अपने वर्तमान दायित्वों के साथ साथ उत्तराखण्ड देवस्थान्म बोर्ड के कार्यो का निर्वहन भी करेंगे। इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त भत्ता देय नही होगा। 

उत्तराखंड में अन्‍य राज्‍यो के 46 हजार के करीब मजदूर कैसे जायेगे

Himalayauk उत्तराखंड में बिहार ,उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ ओर अन्य राज्यों के लगभग 46 हजार मजदूर लॉक डाउन के कारण शिविरों में मौजूद है, ऐसे में कैसे ये बॉडर क्रॉस करके अपने राज्य जा पाएंगे ये सवाल खड़ा हुआ है. उत्तराखंड में 400 से ज्यादा शिविरों में 46 हजार के करीब मजदूर पिछले 1 महीने से लंबे से ज्यादा वक्त से रह रहे हैं. ये तो वो आंकड़े हैं जो सरकार के पास मौजूद हैं लेकिन ऐसे बहुत सारे हजारों की तादाद में मजदूर हैं जो अभी भी प्रदेश के कई इलाकों में किराए के मकान में रह रहे हैं. इन मजदूरों को उम्मीद है कि 3 मई के बाद अपने घर जा सकेंगे.

केंद्र सरकार से प्रवासी छात्रों, मजदूरों व तीर्थयात्रियों को अपने घर लाने की छूट मिलने के बाद, उत्तराखंड सरकार ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बुधवार देर शाम मुख्य सचिव को दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों का विवरण जुटाने के निर्देश दिए।

सीएम ने बताया कि अधिकांश प्रवासी तो उत्तराखंड लौट आए हैं, फिर भी करीब डेढ़ हजार और लोगों ने घर आने के लिए राज्य सरकार से संपर्क किया है। इसके चलते सरकार अब अन्य राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोगों की जानकारी जुटा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को आदेश दे दिए हैं। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि प्रवासियों को लाने से पहले संबंधित राज्य की सहमति मिलनी भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि इससे कहीं उत्तराखंड में कोरोना फैलने का खतरा तो नहीं है? मालूम हो कि उत्तराखंड सरकार काफी समय से केंद्र सरकार से यह मांग कर रही थी। 

लेकिन सवाल ये है कि सरकार कैसे इनको बॉर्डर पर करके भेजेगी. क्योंकि पिछले दिनों कुछ ऐसे मामले सामने आए थे जिसमें बॉर्डर पर बसें रोक दी गई थीं. अब राज्य सरकारों को समन्वय स्थापित करके काम करना पड़ेगा तभी ये मजदूर अपने घरों में जा सकेंगे.

अगर बिहार, छत्तीसगढ़ के मजदूरों की बात करें तो उनको उनके राज्य जाने में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश की सीमाएं उत्तराखंड से लगी हुई हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के मजदूर को जाने में कम दिक्कतें पैदा हो सकती हैं क्योंकि पिछले दिनों उत्तराखंड के कुछ उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों से फंसे मजदूर और छात्र इसलिये आ सके थे क्योंकि दोनों राज्यों की सीमा एक साथ सटी हुई थी. इसलिए ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार और छत्तीसगढ़ के मजदूर कैसे जा पाएंगे क्योंकि इनकी सीमाएं उत्तर प्रदेश से जुड़ी हैं ना कि उत्तराखंड से.

राहत शिविरों में रहने वाले मजदूरों का कहना है कि उनको अब घर जाना है क्योंकि उनके पास अब कुछ भी नहीं बचा है. हालात तो ये हैं कि ये मजदूर अब यहां काम भी नहीं करना चाहते हैं. इन मजदूरों के मुताबिक अब सरकार ही इनको किसी भी हालत में इनके घर वापस भेजने का प्रबंध करे. उत्तराखंड के कैबिनेट और राजकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक राज्य सरकार ने इस मामले में दूसरे राज्यों की सरकारों से बात की है ताकि वह उनके राज्यों के फंसे लोगों को उनके राज्य दे सकें.

सीएम घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं; कांग्रेस ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया

देहरादून,  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कठपुतली सरकार काम कर रही है। दिल्ली से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कठपुतली सरकार को नचा रही हैं। उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कोरोना वायरस से डरे हुए हैं इसलिए घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं।  

दरअसल, बुधवार को कांग्रेस के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सीएम से मुलाकात करना चाहता था, लेकिन मिलने की अनुमति सिर्फ चार को ही मिली। इससे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह नाराज हो गए और प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे। प्रीतम सिंह यह तक कह गए कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत कोरोना डर की वजह से घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। प्रीतम सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी अब मुख्य सचिव को ज्ञापन देगी, उनका मुख्यमंत्री से भरोसा उठ गया है।

देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट ने स्नेहा दून एकेडमी के सहयोग से 120 जरूरतमंद गरीब लोगों को राशन किट वितरित करवाई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने ये राशन किट वितरित की। उन्होंने देवभूमि ट्रस्ट के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह से लॉकडाउन के पहले दिन से ही सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में ट्रस्ट गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहा है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है। लाभार्थियों से प्रीतम सिंह ने अपील की कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन के नियमों का पालन करें और सामाजिक दूरी बनाए रखें। 

इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कोरोना की इस मुश्किल की घड़ी में देवभूमि मानव संसाधन ट्रस्ट अपने सहयोगियों और दानदाताओं के सहयोग से अबतक सात हजार लोगों को कच्चा राशन उपलब्ध करवा चुका है, जबकि दस हज़ार मास्क, सैनिटाइजर और साबुन वितरित कर चुका है। ट्रस्ट का अभियान ये लॉक डाउन के बाद भी चलता रहेगा। 

कांग्रेस ने केन्द्र के फैसले का स्वागत किया

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी देहरादून  ने  एक प्रेस विज्ञप्‍ति में अवगत कराया है  कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासियों की वापसी के स्ते खोलने के केन्द्र के फैसले का स्वागत किया है उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा देशभर में कोरोना के चलते फंसे प्रवासी उत्तराखंडियो के उत्तराखंड वापसी के रास्ते खोलने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप महामंत्री विजय सारस्वत और राजेश्वर पैन्यूली ने यहां जारी एक सयुंक्त बयान में कहा है कि उत्तराखंड कांग्रेस लगातार पिछले कई दिनों से उत्तराखंड के देशभर में रह रहे प्रवासियों को वापस लाने की कोशिश कर रही थी ।जो कोरोना के चलते देश के विभिन्न राज्यों में फंसे थे ।उन्होंने कहा यह फैसला देर से ही लिया गया परंतु उचित कदम है ।

 कांग्रेस् नेताओ ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर आरोप लगाया कि उनके कमजोर प्रशासन के चलते उत्तराखंड के लोग इतने दिन दूसरे राज्यों से फंसे रहे नहीं तो गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी कई दिन पहले ही,जो लोग गुजरात के उत्तराखंड में फंसे थे उन्हें निकाल ले गए ।लेकिन हमारे मुख्यमंत्री दिल्ली की तरफ मूक दर्शक कीतरह देखते रहे ।इसका नतीजा यह हुआ है कि हजारों प्रवासी उत्तराख्णडियो को भारी पीड़ा, उत्पीड़न और मानसिक दर्द को झेलना पड़ा ।कई लोग भूख और बदहाली के शिकार हुए।

प्रीतम सिंह , धीरेंद्र प्रताप और विजय सारस्वत ने सरकार के फैसले को “देर आयद दुरुस्त आयद” बताया और कहा कि राज्य सरकार को अगर प्रदेश कांग्रेस की किसी भी तरह की सहायता कांग्रेश शासित राज्यों से चाहिए हो तो कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ,नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश और पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह हर तरह की सहायता उत्तराखंड सरकार को दिलवाने को तैयार है।

उन्होंने कहा कि अगर इसमें बसों की भी कोई परेशानी हो तो उत्तराखंड कांग्रेस काग्रेसी शाससित राज्य सरकारो की मदद दिलवाना के लिए हर तरह से लिए तैयार हैं ।उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अब इस मामले में किसी प्रकार की हिलाहवाली करने से बचने की अपील की है और कहा कि जिस तरह से उनका सपू्रस्त शासन चल रहा है उसी की वजह से राज्य में धीरे-धीरे कोरोना जोर पकड़ता जा रहा है और राज्य के लोगों के जीवन पर खतरा बढ़ता जा रहा है । उन्होंने मुख्यमंत्री से अबउत्तराखंड के प्रवासियों की वापसी पर युद्ध स्तर पर काम करने को कहा है।

मरीज और तीमारदार से नर्सिंग स्टाफ को संक्रमण ; निदेशक एम्‍स

 ऋषिकेश । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत ने कहा कि मरीज और तीमारदार से नर्सिंग स्टाफ को संक्रमण हुआ है न कि एम्स स्टाफ से कोई मरीज संक्रमित हुआ है। लिहाजा हमें ऐसे कठिन दौर में सेवा में जुटे एम्स स्टाफ को प्रोत्साहित करना चाहिए।

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एम्स निदेशक ने बताया कि संस्थान में हल्द्वानी के ब्रेन स्ट्रोक से ग्रसित महिला मरीज को उपचार के लिए लाया गया था, उस समय उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव थी। उस समय उसकी थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई थी। इसके बाद बुखार आने पर कराई गई जांच में मरीज को कोरोना होने की पुष्टि हुई। उसी तरह रुड़की से आए किडनी और कैंसर ग्रसित गंभीर रोगी को भी संस्थान में भर्ती किया गया था। 

इस मरीज के तीमारदार में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन दोनों से ही एम्स का नर्सिग स्टाफ संक्रमित हुआ है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी की इस विकट परिस्थितियों में भी मरीजों की देखभाल कर रहे ऐसे एम्स योद्धा को हमें प्रोत्साहित करना चाहिए, न कि उन्हें कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग एम्स पर कोरोना फैलाने का झूठा आरोप लगाकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। ऐसे लोगों को वर्तमान की कठिन परिस्थितियों में संस्थान कर्मियों के चिकित्सा सेवा के योगदान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निदेशक ने कहा कि बरेली से आई महिला और रुड़की की महिला मरीज गंभीर अवस्था में थे। इनका सैंपल लेना उनकी हालत के अनुरूप ठीक नहीं था। ऐसे मरीजों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें शंका मिलने के बाद ही आगे सैंपल की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है। 

 बीरोंखाल में तैनात खंड विकास अधिकारी की अचानक तबीयत खराब ; जौली ग्रांट अस्पताल पंहुचाया

उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बीरोंखाल में तैनात खंड विकास अधिकारी की अचानक तबीयत खराब होने पर जिलाधिकारी धीरज ने तुरंत हैलीकाप्‍टर का इंतजाम कर जोली ग्रान्‍ट देहरादून पहुंचाने के इंतजाम किये।

 बीरोंखाल मे खंड विकास अधिकारी आशाराम पंत पिछले कई सालों से रीढ़ की हड्डी की बीमारी से ग्रसित थे। इसके बाद भी वे पूरे विकासखंड का कार्यभार संभाले हुए थे। कोरोना काल में भी उन्होंने छुट्टी नहीं ली, लेकिन बुधवार देर शाम को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। वे चल भी नहीं पा रहे थे। उन्होंने इसकी सूचना जिलाधिकारी पौड़ी को दी।

उनकी गम्भीर हालत को देखते हुए जिलाधिकारी धीरज ने उत्तराखंड सरकार के हेलीकाप्टर से उन्हें जौली ग्रांट अस्पताल पंहुचाया। वहीं स्थानीय निवासियों व सरकारी कर्मियों ने सरकार का आभार व्यक्त किया।

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