जिस घर में कर्पूर जलता रहता है …वहां
कपूर अपने एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुणों के चलते सेहत और ब्यूटी के लिए भी बेहद फायदेमंद है। जितना लाभकारी है कपूर, उतना ही बेशकीमती है कपूर का तेल। इसे घर पर भी बड़ी ही आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसे घर पर बनाने के लिए नारियल के तेल में कपूर के कुछ टुकड़े डालें और किसी एयरटाइट डिब्बे में भरकर रख दें। कुछ समय में नारियल का यह तेल कपूर के सत्वों को ग्रहण कर लेगा और ये हो गया तैयार कपूर का तेल।
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पुण्य प्राप्ति हेतु : कर्पूर जलाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अत: प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर (कपूर) जरूर जलाएं। घर में यदि सकारात्मक उर्जा और शांति का निर्माण करना है तो प्रतिदिन सुबह और शाम कर्पूर को घी में भिगोकर जलाएं और संपूर्ण घर में उसकी खुशबू फैलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाएगी। दु:स्वप्न नहीं आएंगे और घर में अमन शांति बनी रहेगी है। वैज्ञानिक शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है कि इसकी सुगंध से जीवाणु, विषाणु आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट हो जाते हैं जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है तथा बीमारी होने का भय भी नहीं रहता।
कपूर अपने एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुणों के चलते पूजा-हवन सामग्री के अलावा सेहत और ब्यूटी के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यदि आपने अपने ब्यूटी प्रसाधन में इसे भी जोड़ लिया तो आपकी कई समस्याएं हल हो जाएंगी। जितना लाभकारी है कपूर, उतना ही बेशकीमती है कपूर का तेल।
पितृदोष और कालसर्पदोष से मुक्ति हेतु : कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि हमें शायद पितृदोष है या काल सर्पदोष है। दरअसल, यह राहु और केतु का प्रभाव मात्र है। इसको दूर करने के लिए घर के वास्तु को ठीक करें।यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो प्रतिदिन सुबह, शाम और रात्रि को तीन बार घी में भिगोया हुआ कर्पूर जलाएं। घर के शौचालय और बाथरूप में कर्पूर की 2-2 टिकियां रख दें। बस इतना उपाय ही काफी है।
आकस्मिक घटना या दुर्घटना का कारण राहु, केतु और शनि होते हैं। इसके अलावा हमारी तंद्रा और क्रोध भी दुर्घटना का कारण बनते हैं। इसके लिए रात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद कर्पूर जलाएं।हालांकि प्रतिदिन सुबह और शाम जिस घर में कर्पूर जलता रहता है उस घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना और दुर्घटना नहीं होती। रात्रि में सोने से पूर्व कर्पूर जलाकर सोना तो और भी लाभदायक है।
जब हमारे पैर पानी में ज्यादा रहते है तो उनमें अत्याधिक नमी होने से पैरों में सफेद फफूंद सी पड़ जाती है यह पैरो में बढ़ते संक्रमण के कारण होता है। जिससे पैरों में फंगल संक्रमण बढ़ने लगता है। इस संक्रमण को दूर करने के लिये आप कपूर का इस्तेमाल कर इस समस्या से छुटकारा पा सकती है। हमारी त्वचा पर किसी भी प्रकार की जलन या खुजली हो तो आप तुरंत ही कपूर को पानी के साथ मिलाकर उस प्रभावी क्षेत्र पर लगा दे इसके अलावा कपूर को आप तेल के साथ मिलाकर लगायेगे तो और भी ज्यादा असरदार साबित होगा। इससे आपको खुजली जैसी समस्या से जल्द ही छुटकारा मिल जायेगा। त्वचा पर किसी भी प्रकार के दाग व धब्बे को दूर करने के साथ कपूर का उपयोग कटे व जले हुए निशान को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है। इसका उपयोग करने के लिये आप थोड़े से पानी में कपूर के टुकड़े को मिलाकर उस जगह पर लगाये जहां का हिस्सा आपका जल या कट गया है। ये सूजन को दूर करने के साथ उस स्थान पर तुरंत राहत पहुंचाने का काम करता है। चेहरे पर कील मुहांसों कई गहरे दाग छोड़ जाते है। इस समस्या से निजात पाने के लिए कपूर का तेल काफी अच्छा इलाज है। जिसका उपयोग करने से चेहरे को दाग धब्बे कम होकर गहरे निशान खत्म कर देता है और त्वचा को साफ सुथरा चिकना बनाने में विशेष भूमिका अदा करता है। यदि आप त्वचा पर लाल और बड़े निशान वाले धब्बों को लेकर काफी परेशान हो रहे है तो आपको घबराने की की आवश्यकता नही है इसके लिये आप कपूर को थोड़े से पानी में मिलाकर एक पतला सा पेस्ट तैयार कर लें और उन स्थानों पर लगाये जहां पर ये लाल लाल चकत्ते निकल रहे हो। इसमें यह आपको जल्द ही राहत पहुंचायेगा। हमारे पैर की एड़िया जब कटी फटी हो जाती है तो उनमें दरार सी पड़ जाती है। जिससे काफी दर्द भी बना रहता है इस समस्या से निजात पाने के लिये आप कपूर को फटी एडियों की दरार में डाल दें या फिर गुनगुने पानी में थोड़ा सा कपूर डाल कर, उसमें पैर भिगो कर रख दें इसके बाद पैरों में स्क्रब करे इससे पैर की मृत कोशिकाये भी दूर होगी और पैर पर नई त्वचा का विस्तार होगा। ऐसा आप कुछ समय तक करते रहे और जब भी आप गुनगुने पानी में पैर डालकर धोयेगी उसके बाद उसे अच्छी तरह से सुखाकर क्रीम भी लगा लें।
कपूर का तेल यूं तो बाजार में भी उपलब्ध होता है, लेकिन इसे घर पर ही तैयार करना ज्यादा शुद्ध और फायदेमंद होता है। इसे घर पर बनाने के लिए नारियल के तेल में कपूर के कुछ टुकड़े डालकर इसे किसी एयरटाइट डिब्बे में भरकर रख दें। कुछ समय में नारियल का यह तेल कपूर के सत्वों को ग्रहण कर लेगा अंदरुनी दर्द में भी कपूर का यह तेल बेहद असरदार औषधि है। शरीर के किसी भी भाग में दर्द होने पर कपूर का यह तेल हल्का गुनगुना कर उस स्थान पर मसाज करने पर दर्द से राहत मिलती है। हमारे भारत में कपूर का इस्तेमाल काफी पुराने समय से ही औषधिय रूप में चिकित्सा के क्षेत्र में होता आया है। अपने सुंगधित और औषधिय गुणों के कारण इसका उपयोग पूजा पाठ के अलावा घरों पर पाई जाने वाली नाकार्त्मक उर्जा को दूर करने में किया जाता है और घर के वातावरण को स्वच्छ रखने में कपूर काफी अच्छा माना जाता है। ज्यादातर कपूर के पेड़ मुख्य रूप से वियतनाम, चीन और जापान में उगाये जाते है और इन्हीं पेड़ो के तेल से कपूर को बनाया जाता है। कपूर के पेड़ की उम्र 50 वर्ष की आयु से अधिक होती है। ऊंचा होने के कारण इसके तेल को हर पेड़ से निकाला जा सकता है। यह शरीर को कई बीमारियों से दूर करने के साथ साथ त्वचा एंव बाल से सबंधित समस्याओं को दूर करने के लिये उपयोगी होता है। इसलिये आज कपूर अपनी प्राकृतिक चिकित्सा गुणों के कारण ही व्यापक रूप से जाना जाता है। जो कि आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी माना गया है। कपूर का तेल बालों की जड़ों को और उनकी ग्रोथ को मजबूत करने का सबसे बढ़िया प्रभावी उपाय माना जाता है। इसके लिये आप कपूर के तेल में, दही और अंडे को मिलाकर उसका मिश्रण तैयार कर बालों की जड़े पर लगाएं ये झड़े हुये बालों में दुबारा ग्रोथ करने की शक्ति प्रदान करता है। साथ ही इसकी मालिश करने से तनाव कम होता है और बालों को मजबूत कर उनका झड़ना रोकता है। बालों का झड़ना आजकल एक बहुत ही आम समस्या बन गई है। जो हर घरों पर सुनने को मिल सकती है। बालों के जड़ो को मजबूती प्रदान करने में कपूर अहम भूमिका निभाता है। कपूर को नारियल के तेल के साथ मिलाकर मालिश करने से रक्त का संचार तीव्र गति से होता है जिससे बालों में जान जाती है और बालों का झड़ना रूक जाता है बालों को मजबूती मिलती है।
इसके जादुई फायदे –
1 फोड़े, फुंसी और मुहांसों के लिए कपूर का तेल बेहद असरकारी है। इससे न केवल मुंहासों में कमी आती है, बल्कि यह त्वचा पर मुहांसों के पुराने दाग धब्बों को भी जड़ से समाप्त कर सकता है। है ना जादुई फायदा।
2 त्वचा की किसी भी प्रकार की समस्या हो, कपूर का तेल उसे समाप्त कर आपको साफ, स्वस्थ, चिकनी और बेदाग त्वचा प्रदान करता है। त्वचा की एलर्जी होने या जलने कटने पर भी यह एक कारगर उपाय है।
3 अंदरूनी दर्द में भी कपूर का यह तेल बेहद असरदार औषधी है। शरीर के किसी भी भाग में दर्द होने पर कपूर का यह तेल हल्का गुनगुना कर, उस स्थान पर मसाज करने पर दर्द से राहत मिलती है।
4 तनाव कम करने के लिए कपूर का तेल प्रयोग करना फायदेमंद होता है। इसे माथे पर लगाना या फिर बालों में इसकी मसाज करना तनाव को कम करने में मददगार साबित होता है।
5 कपूर के तेल को त्वचा पर लगाने से फोड़े-फुंसी और मुंहासे ठीक होने लगते हैं। इससे न केवल मुंहासों में कमी आती है, बल्कि यह त्वचा पर मुंहासों के पुराने दाग-धब्बों को भी जड़ से समाप्त कर देता है।
6. एक टब में गुनगुना गर्म पानी लें और उसमें थोड़ा सा कपूर का तेल डालें। अब इसमें कुछ देर अपने पैरों को डुबोकर बैठ जाएं। इससे आपकी एड़ियां साफ हो जाएंगी और फटी एड़ियां भी जल्दी ही ठीक हो जाएंगी। यदि आपके पैरों में कोई इंफेक्शन या फंगस लगा हो, तो भी ऐसा करने से फंगस हट जाएंगे और साथ ही दर्द से भी राहत मिलेगी।
7. कपूर का तेल बालों में लगाने से बाल जल्दी बढ़ने लगते हैं, मजबूत होते हैं और झड़ना भी रुक जाते हैं। इसके लिए कपूर का तेल दही में मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं और आधे से 1 घंटे बाद बाल धो लें।
8. स्किन में यदि कोई जले या कटे का निशान हो तब भी कपूर का तेल उस हिस्से पर लगाने से निशान हल्के होते चले जाएंगे।
9बालों का झड़ना हो या फिर डैंड्रफ की समस्या, कपूर के तेल से मसाज करना इन दोनों समस्याओं को हल करने में बेहद मददगार और फायदेमंद है। वहीं बालों के दोबारा उगने में भी यह मददगार है।
यदि घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष निर्मित हो रहा है तो वहां एक कर्पूर की 2 टिकियां रख दें। जब वह टिकियां गलकर समाप्त हो जाए तब दूसरी दो टिकिया रख दें। इस तरह बदलते रहेंगे तो वास्तुदोष निर्मित नहीं होगा। प्रतिदिन शयनकक्ष में कर्पूर जलाएं और कर्पूर की 2 टिकियां शयनकक्ष के किसी कोने में रख दें।
पानी में कर्पूर के तेल की कुछ बूंदों को डालकर नहाएं। यह आपको तरोताजा तो रखेगा ही आपके भाग्य को भी चमकाएगा। यदि इस में कुछ बूंदें चमेली के तेल की भी डाल लेंगे तो इससे राहु, केतु और शनि का दोष नहीं रहेगा, लेकिन ऐसे सिर्फ शनिवार को ही करें।