केदारनाथ हाइवे पर बड़ा हादसा

HIGH LIGHT; 21 DEC.; #केदारनाथ हाईवे पर बांसबाड़ा में भूस्खलन #उत्तराखंडः रुद्रप्रयाग के DM-अब तक 7 शव मिले, 5 मजदूरों की हालत नाजुक # हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश # देश में सभी कंप्यूटर की जासूसी का आदेश दे दिया # कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने  रथयात्रा को हरी झंडी देने के आदेश को पलट दिया # जेल जाने वाले पत्रकार सलाहकार मुख्‍यमंत्री बने   # गृह मंत्रालय के सभी कंप्‍यूटरों की निगरानी के आदेश #

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में 21 DEC. 2018 शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया. यहां चट्टान से गिरे मलबे के नीचे दबकर 7 मजदूरों की मौत हो गई है. ये हादसा रुद्रप्रयाग के पास केदारनाथ हाइवे पर बांसबाड़ा में हुआ. बताया जा रहा है कि यहां पर ऑल वेदर रोड का काम जारी था. अभी भी काफी मजदूरों के दबे होने की खबर है. स्थानीय पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंच गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मलबे में करीब 15 मजदूर दब गए। सात शव बरामद किए जा चुके हैं। पांच को जख्मी हालत में बाहर निकाला गया है। इनमें से तीन की हालत नाजुक है। अभी मलबे में तीन से चार मजदूराें के दबे होने की आशंका है।
रुद्रप्रयाग के कलेक्टर मंगेश घिलडियाल ने बताया कि रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर यह भूस्खलन हुआ। बताया जा रहा है कि रोड़ धंसने से जीसीबी मशीन खाई में जा गिरी। घटनास्थल रुद्रप्रयाग से 22 किलोमीटर दूर है। मलबा रास्ते पर गिरने से मार्ग बाधित हो गया। कई स्थानीय लोग और यात्री मार्ग में फंसे हुए हैं।

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में आज सुबह एक चट्टान से गिरे से मलबे के नीचे दबकर नौ मजदूरों की मौत हो गई है और कई मजदूरे के दबे होने की खबर है। ये हादसा रुद्रप्रयाग के निकट केदारनाथ हाइवे पर बांसबाड़ा में हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां पर ऑल वेदर रोड का काम जारी था। हादसे की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंच गया है।

रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल के मुताबिक मलबे में से लात शवों कि निकाल लिया गया है। पांच मजदूर गंभीर रुप से घायल हुए हैं। घायलों इलाजे के लिए अस्पताल को लेकर जाया गया है। बचाव कार्य जारी है।

गौरतलब है कि उत्तर भारत में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस दौरान होने वाली बर्फबारी और बारिश के कारण पहाड़ों में काम करने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लगातार बारिश होने से पहाड़ों से मलबा गिरने का खतरा रहता है. कहा जा रहा है कि ऐसा ही यहां पर भी हुआ.

चट्टान के पास ही काम कर रहे कुछ मजदूरों पर अचानक चट्टान का मलबा गिर गया और वहां दबकर उनकी मौत हो गई. एम्बुलेंस में घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है.

2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ में ही प्राकृतिक आपदा आई थी. तब बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई थी और पूरे क्षेत्र में पहाड़ों का मलबा, भूसख्लन की स्थिति पैदा हो गई थी. 21 Dec. 2018  शुक्रवार दोपहर रुद्रप्रयाग के बांसवाड़ा में भीरी के पास हुए हादसे में 7 मजदूरों की मौके पर मौत को क्या टाला जा सकता था? क्या ऑल वेदर रोड का काम कर रही कंपनियां सुरक्षा मानकों को अनदेखा कर रही हैं?  


हेराल्ड हाउस केस में कांग्रेस पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका
हेराल्ड हाउस केस में कांग्रेस पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी को 56 साल पुराने हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद अब कांग्रेस पार्टी को 2 हफ़्ते में हेराल्ड हाउस खाली करना होगा. नहीं तो कार्रवाई होगी. एलएनडीओ(केंद्र और भूमि विकास कार्यालय) के लीज रद्द करने के फैसले को रद्द करने से हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इंकार कर दिया और कांग्रेस को हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दे दिया.

गौरतलब है कि 30 अक्टूबर को एजेएल को एलएनडीओ ने नोटिस भेजकर 15 नवंबर तक खाली करने का आदेश दिया था जिसे एजेएल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कांग्रेस ने एलएनडीओ के लीज रद्द करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन आज हाईकोर्ट ने एजेएल की याचिका को खारिज कर दिया.

ये याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक असोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की ओर से दाखिल किया गया था. इसमें केंद्र के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें उससे यहां 56 साल पुरानी लीज खत्म करते हुए आईटीओ स्थित परिसर की इमारत को खाली करने को कहा था.

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सुनील गौर ने सरकार के 30 अक्टूबर के नोटिस के खिलाफ एजेएल की याचिका पर 22 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने पिछली तारीख पर केंद्र से पूछा था कि परिसर में फिर प्रवेश करने के पीछे अब क्या स्पष्टीकरण है जब नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन शुरू हो चुका है.

केंद्र और भूमि विकास कार्यालय (एलएंडडीओ) ने अदालत को बताया कि पुन:प्रवेश का नोटिस जब जारी किया गया था जब उसने 2016 में कार्यवाही शुरू की थी जब कोई मुद्रण या प्रकाशन की गतिविधि नहीं हो रही थी.

Presented by- हिमालयायूके देश में इन दिनों भगवान हनुमान लगातार चर्चा में हैं और उनकी चर्चा का विषय उनकी जाति को लेकर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान हनुमान को दलित बताया था, इसके बाद उनके जाति को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. कोई उन्हें दलित, कोई मुसलमान और कोई उन्हें जाट का बता रहा है, लेकिन अब सांसद कीर्ति आजाद ने उन्हें चीनी बता दिया है.

इस मुद्दे पर कीर्ति आजाद ने कहा, ‘हनुमान जी चीनी थे. हर जगह यह अफवाह उड़ रहा है कि चीनी लोग दावा कर रहे हैं कि हनुमान जी चीनी थे.’ वहीं, बीजेपी सांसद उदित राज ने हनुमान को आदिवासी बताया. हनुमान की जाति को लेकर बीजेपी नेता तरह-तरह की बयानबाजी पर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विधान परिषद में बहस के दौरान हनुमान को जाट बता दिया. उन्होंने कहा था, ‘जो दूसरों को दिक्कत में देखकर कूद पड़ते हैं, वह जाट ही हो सकता है. इसलिए हनुमान जाट थे.’ हालांकि उनकी इस दलील को सुनकर सदन में बैठे विपक्षी दलों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया.

इससे पहले बीजेपी विधायक बुक्कल नवाब ने भी हनुमान की जाति को लेकर अनोखा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि हनुमान मुस्लिम थे. इसलिए मुसलमानों के नाम रहमान, रमजान, फरहान, सुलेमान, सलमान, जिशान, कुर्बान पर रखे जाते हैं. बीजेपी के विधायक बुक्कल नवाब ने हनुमान को दलित बताए जाने पर उठे विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि हनुमान की जाति पर बात होती है. तो यह भी देखना चाहिए कि वो किस धर्म से थे. मेरा मानना है कि हनुमान जी मुस्लिम थे. इसलिए मुसलमानों के अंदर जो नाम रखा जाता है, वो हनुमान से मिलता-जुलता है.

हनुमान की जाति को लेकर सबसे पहला बयान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने दिया था जिसमें उन्होंने 27 नवंबर को अलवर में चुनावी रैली में भाषण के दौरान हनुमान को दलित बताया था. उन्होंने कहा था कि हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे. उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में जमकर विरोध शुरू हो गया.

योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद हर कोई अपने-अपने स्तर पर हनुमान की जाति बताने लगा. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने हनुमान को आदिवासी बताया था. जबकि बाबा रामदेव ने बताया कि हनुमान अष्ट सिद्धि के ज्ञानी होने के साथ-साथ क्षत्रिय भी हैं.

केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सोंघ ने हनुमान को दलित नहीं आर्य बताया तो शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने उन्हें ब्राह्मण बताया. बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने तो यह तक कह दिया कि हनुमान तो बंदर थे और बंदर पशु होता है, जिसका दर्जा दलित से भी नीचे होता है. वो तो राम ने उन्हें भगवान बना दिया. हनुमान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी लगातार जारी है.

21 दिसम्बर, 2018 4:32 PM

नई दिल्ली: 
 पश्चिम बंगाल में भाजपा की ‘रथ यात्रा’ को अनुमति देने वाला एकल पीठ का आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया। मुख्य न्यायाधीश देबाशीष कारगुप्ता और न्यायमूर्ति शम्पा सरकार की खंडपीठ ने मामला वापस एकल पीठ के पास भेजते हुए कहा कि वह इस पर विचार करते वक्त राज्य सरकार की ओर से दी गई खु्फिया जानकारी को ध्यान में रखें।
दो न्यायाधीशों की पीठ ने यह आदेश राज्य सरकर की अपील पर सुनवाई के बाद दिया जिसमें उसने एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने ममता बनर्जी सरकार को झटका देते हुए बृहस्पतिवार को रथ यात्रा को अनुमति दी थी। जिसपर भाजपा महासचिव कैलाश विजय वर्गीय ने कहा था कि कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है। यह फैसला अन्याय के चेहरे पर तमाचा है।

गुरुवार को पश्चिम बंगाल में बीजेपी की तीन रथ यात्राओं को हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था, ‘हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और हमें न्यायपालिका पर भरोसा था कि हमें न्याय मिलेगा. यह निर्णय निरंकुशता के मुंह पर तमाचा है. हमने अभी कुछ फैसला नहीं लिया है, मगर मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि पीएम और पार्टी के मुखिया रथ यात्रा में शामिल होंगे.’

इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द्र में खलल पड़ने का अंदेशा जताने वाली खुफिया रिपोर्ट राज्य में भाजपा की रथ यात्रा रैलियों को इजाजत देने से इनकार करने की वजह थी. वहीं, भाजपा के वकील एस. के. कपूर ने आरोप लगाया कि इसके लिए इजाजत देने से इनकार करना पूर्व निर्धारित और इसका कोई आधार नहीं था. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में महात्मा गांधी ने दांडी मार्च किया और किसी ने उन्हें नहीं रोका लेकिन अब यहां सरकार कहती है कि वह एक राजनीतिक रैली निकालने की इजाजत नहीं देगी. 

दरअसल, याचिका के जरिए बीजेपी पार्टी ने अपनी रैली को इजाजत देने से इनकार करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार के कदम को चुनौती दी थी. कपूर ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार ने अपने दावे के समर्थन में कोई वस्तुनिष्ठ तथ्य नहीं रखा है और वह रैली करने से एक रजनीतिक दल को रोक रही है जबकि संविधान यह अधिकार देता है. महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को एक सीलबंद रिपोर्ट सौंपी और कहा कि भाजपा की विवरणिका में यात्रा को प्रकाशित करना साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील प्रकृति का है.

उन्होंने दलील दी थी कि प्रशासनिक फैसले में अदालत के पास न्यायिक समीक्षा करने का सीमित दायरा है. उन्होंने कहा कि 2017 से पश्चिम बंगाल में विभिन्न राजनीतिक रैलियों और सभाओं के लिए 2100 इजाजत दी गई लेकिन इस मामले में अंदेशे के चलते रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी गई. राज्य की पुलिस की ओर से पेश हुए अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने दलील दी कि भाजपा की रथ यात्रा की व्यापकता को लेकर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की जरूरत पड़ेगी. 

गौरतलब है कि छह दिसंबर को अदालत की एक एकल पीठ ने भाजपा को रथ यात्रा की इजाजत देने से इनकार कर दिया था, जिसका भाजपा प्रमुख अमित शाह सात दिसंबर को उत्तर बंगाल स्थित कूच बिहार में हरी झंडी दिखा कर शुभारंभ करने वाले थे. इसके बाद सात दिसंबर को खंड पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को भाजपा के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने तथा 14 दिसंबर तक यात्रा पर एक फैसला करने को कहा था. राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय टीम के साथ वार्ता के बाद रथ यात्रा की इजाजत देने से 15 दिसंबर को इनकार करते हुए यह आधार बताया था कि इससे साम्प्रदायिक तनाव हो सकता है. 

जेल जाने वाले पत्रकार सलाहकार मुख्‍यमंत्री बने  

नई दिल्ली: पिछले साल सेक्स सीडी मामले में चर्चित रहे पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ के नव नियुक्त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सलाहकार बनाया गया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग ने मंत्रालय से जारी अलग-अलग आदेशों में वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार, प्रदीप शर्मा को योजना, नीति, कृषि और ग्रामीण विकास सलाहकार, राजेश तिवारी को संसदीय सलाहकार किया है.   चुनाव से पहले हिंदी दैनिक अखबार के संपादक पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने वाले रूचिर गर्ग को सीएम बघेल का मीडिया सलाहकार नियुक्त किया गया है. बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को साल 2017 में राज्य के तत्कालीन मंत्री की कथित अश्लील सीडी मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने गाजियाबाद आवास से गिरफ्तार किया था. उन्हें रायपुर पुलिस की एक टीम ने ब्लैकमेलिंग और उगाही के केस में हिरासत में लिया था.   विधानसभा चुनाव से पहले वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा ने खुद बताया था कि वह कांग्रेस पार्टी के लिए बतौर कंसल्टेंट काम कर रहे थे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मेरे काम करने से बीजेपी के अंदर तिलमिलाहट है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने विनोद वर्मा की गिरफ्तारी को राजनैतिक षडयंत्र का नाम दिया था. पिछले साल दिसंबर महीने में जमानत पर रिहा किया गया था.


गृह मंत्रालय के सभी कंप्‍यूटरों की निगरानी वाले आदेश पर बोले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, ‘यह राष्‍ट्रीय सुरक्षा के हित में उठाया गया कदम है’
इस आदेश के अनुसार सभी सब्सक्राइबर या सर्विस प्रोवाइडर और कंप्यूटर के मालिक को जांच एजेंसियों को तकनीकी सहयोग देना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उन्हें 7 साल की सज़ा देने के साथ जुर्माना लगाया लगाया जा सकता है।

केंद्र सरकार ने 10 केंद्रीय एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में रखे गए सभी डेटा की निगरानी करने और उन्हें देखने के अधिकार दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर एवं सूचना सुरक्षा प्रभाग द्वारा गुरुवार देर रात गृह सचिव राजीव गाबा के जरिए यह आदेश जारी किया गया। 

आदेश के मुताबिक, 10 केंद्रीय जांच और खुफिया एजेंसियों को अब सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत किसी कंप्यूटर में रखी गई जानकारी देखने, उन पर नजर रखने और उनका विश्लेषण करने का अधिकार होगा। 
मोदी सरकार ने देशभर इतेमाल हो रहे तमाम कंप्यूटर के कारण इसलिए उनकी जानकारी को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने प्रमुख 10 सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति या संस्थान के कंप्यूटर के डेटा को जांचने का अधिकार दिया है। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक देश की ये सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकता है।
आईटी एक्ट की धारा 69 किसी कंप्यूटर संसाधन के जरिए किसी सूचना पर नजर रखने या उन्हें देखने के लिए निर्देश जारी करने की शक्तियों से जुड़ी है। पहले के एक आदेश के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय को भारतीय टेलीग्राफ कानून के प्रावधानों के तहत फोन कॉलों की टैपिंग और उनके विश्लेषण के लिए खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को अधिकृत करने या मंजूरी देने का भी अधिकार है।

इन 10 एजेंसियों में खुफिया ब्यूरो (आईबी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), सिग्नल खुफिया निदेशालय (जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम में सक्रिय) और दिल्ली पुलिस शामिल हैं। 

आदेश में कहा गया हैं कि उक्त अधिनियम (सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 की धारा 69) के तहत सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को किसी कंप्यूटर सिस्टम में क्रिएट, ट्रांसमिट, रिसीव या स्टोर किसी भी प्रकार की सूचना के अंतरावरोधन (इंटरसेप्शन), निगरानी (मॉनिटरिंग) और विरूपण (डीक्रिप्शन) के लिए प्राधिकृत करता है।

माकपा पोलित ब्यूरो और पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने निजी कंप्यूटरों को भी जांच एजेंसियों की निगरानी के दायरे में लाने के सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए शुक्रवार को सवाल किया कि सरकार प्रत्येक भारतीय को अपराधी क्यों मान रही है? येचुरी ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के 10 केन्द्रीय एजेंसियों को सभी कंप्यूटरों पर निगरानी करने संबंधी आदेश को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘‘प्रत्येक भारतीय के साथ अपराधी की तरह व्यवहार क्यों किया जा रहा है? यह आदेश असंवैधानिक है।

यह सरकार द्वारा पारित किया गया है जो प्रत्येक भारतीय पर निगरानी रखना चाहती है, ।’’ येचुरी ने इसके असंवैधानिक होने की दलील देते हुए कहा कि यह टेलीफोन टैपिंग संबंधी दिशानिर्देशों तथा निजता और आधार पर अदालती फैसले का उल्लंघन करता है। खबरों के मुताबिक गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि खुफिया ब्यूरो, मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सचिवालय (रॉ), ‘डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस’ और दिल्ली के पुलिस आयुक्त के पास देश में चलने वाले सभी कंप्यूटर की कथित तौर पर निगरानी करने का अधिकार होगा।


मुझे गद्दार कहा जा रहा है- नसीरुद्दीन शाह

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अपने बुलंदशहर हिंसा पर दिए बयान पर बचाव करते हुए कहा है कि मैंने अपने देश को लेकर चिंता व्यक्त की थी, लेकिन मेरे इस बयान के लिए मुझे गद्दार कहा जा रहा है। मैं देश को प्यार करता हूं जो मेरा घर है।

बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर में हुई हिंसा का हवाला देते हुए कहा था कि कई जगहों पर एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा अहमियत दी गई। नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि उन्हें अब देश में डर लगता है और अपने बच्चों की चिंता होती है।

नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को किसी खास धर्म की शिक्षा नहीं दी है। नसीरुद्दीन शाह ‘कारवां-ए-मोहब्बत इंडिया’ द्वारा किए गए इंटरव्यू में यह टिप्पणी की है। इस संगठन ने सोमवार को यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो पोस्ट किया है। अभिनेता का कहना है कि ‘जहर फैलाया जा चुका है’ और अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा।

नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा। जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है। कई क्षेत्रों में हम यह देख रहे हैं कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी से ज्यादा तवज्जो दी गई।

उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के संस्थापक अमित जानी ने बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के ‘देश में डर’ वाले बायन की आलोचना की है। अमित जानी ने कहा कि नसीरुद्दीन शाह के लिए मुंबई से कराची (पाकिस्तान) के लिए टिकट बुक कर दिया है।

अमित जानी ने कहा कि नसीरुद्दीन शाह को हिंदुस्तान (भारत) में डर लगता है तो वे बिना देरी किए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जा सकते हैं। उनके लिए 14 अगस्त, 2019 का मुंबई से कराची का टिकट बुक किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में 14 अगस्त को आजादी दिवस मनाया जाता है और भारत में 15 अगस्त को आजादी दिवस मनाया जाता है।आजादी दिवस से एक दिन पहले हिंदुस्तान से एक गद्दार कम हो जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें डर उन्हें डर लगता है तो हनुमान चालीसा पड़ सकते हैं और इस्लाम से खारिज भी नहीं होंगे। क्योंकि अब तो हनुमान जी को मुसलमान बता दिया गया है।

मालूम हो की बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि उन्हें अब भारत में डर लगता है और अपने बच्चों की चिंता होती है। बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर में हुई हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा अहमियत दी गई। अब डर लगता है और अपने बच्चों की चिंता होती है। 

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