लोकसभा चुनाव में 100 दिनों से भी कम का समय; माहौल क्या बन रहा है?
गौरतलब है कि अब लोकसभा चुनाव में 100 दिनों से भी कम का समय बचा है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी देश के अलग-अलग राज्यों में जा-जा कर रैलियां और सभाएं कर रहे हैं. इसी दौरान वह विपक्षी दलों पर जम कर हमला भी कर रहे हैं. वही दूसरी ओर 22 राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता एक ही मंच पर आते जा रहे हैं, कोलकाता में ममता बनर्जी की रैली के बाद सोमवार को एक महीने में दूसरी बार विपक्षी एकता देखने को मिली। दरअसल, दिल्ली में आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक दिन की भूख हड़ताल की जिसमें कई पार्टियों के नेता पहुंचे। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की एक दिन की भूख हड़तालसोमवार को विपक्षी नेताओं का रैली स्थल बनी रही। एक महीने से भी कम समय में यह दूसरा मौका है जब विपक्षी नेता सरकार के खिलाफ एकजुट हुए। राज्य के मुद्दों को एक केंद्रीय मंच पर उठाने के लिए नायडू ने आंध्र भवन में प्रदर्शन किया, जहां कई विपक्षी नेता उनके समर्थन में पहुंचे। शाम में 8 बजे के बाद एचडी देवगौड़ा ने नायडू की भूख हड़ताल तुड़वाई। दिनभर नायडू से मुलाकात करने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के माजिद मेमन, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक के तिरुचि शिवा, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और SP के संस्थापक मुलायम सिंह यादव समेत कई पार्टियों के नेता पहुंचते रहे।
पिछली बार 19 जनवरी को 22 विपक्षी दल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एकजुट हुए थे। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अध्यक्ष ने मांग की है कि केंद्र 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के दौरान किए गए अपने वादे को पूरा करे। उन्होंने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर मोदी ‘राजधर्म’ का पालन नहीं कर रहे हैं। अब नायडू मंगलवार को सुबह 11 से 12 बजे के बीच राज्य के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों के साथ आंध्र भवन से लेकर जंतर-मंतर तक मार्च करेंगे। मार्च के बाद वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में 12.30 बजे मिलकर ज्ञापन देंगे। प्रधानमंत्री पर बरसते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘मोदी इतना नीचे गिर गए हैं कि वह उन नायडू के खिलाफ निजी हमले कर रहे हैं जो देश के लिए महान सेवा कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग छह दिन से बंद है। वे 30 किलोमीटर सड़क साफ नहीं करा सकते हैं लेकिन वह देश पर शासन करना चाहते हैं।’ केंद्र पर निशाना साधते हुए मेमन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य के साथ सौतेला बर्ताव कर रही है। बीजेपी नायडू पर इसलिए हमले कर रही है क्योंकि वह उसके खिलाफ विरोधी दलों को एकजुट करने का नेतृत्व कर रहे हैं।
मेमन ने कहा, ‘हमलोग चुनाव में बीजेपी को उसकी जगह दिखाएंगे। शरद पवार की ओर से मैं आपको यकीन दिलाता हूं।’ एसपी नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वह स्वस्थ नहीं हैं लेकिन नायडू के रुख का समर्थन करने के लिए यहां आए। उन्होंने कहा, ‘नायडू गरीबों, किसानों और वंचितों की लड़ाई लड़ रहे हैं।’ DMK नेता शिवा ने कहा कि नायडू उचित कारण के लिए लड़ रहे हैं और तीन महीने में मोदी सरकार को उखाड़ फेंका जायेगा। उन्होंने कहा, ‘राज्य की शक्तियों का अतिक्रमण किया जा रहा है… अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और विपक्षी दलों की राज्य सरकारों के साथ सौतेला बर्ताव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘किसी व्यक्ति ने चाहे किसी पार्टी को वोट दिया हो, लेकिन चुनाव जीतकर अगर वह मुख्यमंत्री बनता है तो वह समूचे राज्य का मुख्यमंत्री है ना कि किसी खास पार्टी का। इसी तरह अगर कोई प्रधानमंत्री बनता है तो वह समूचे देश का प्रधानमंत्री होता है ना कि सिर्फ एक पार्टी का।’
केजरीवाल ने कहा, ‘जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी राज्यों में विपक्षी पार्टियों की सरकारों के साथ बर्ताव करते हैं ऐसा लगता है कि वह भारत के प्रधानमंत्री नहीं बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हों।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल, मायावती, आदि सभी ने मोदी पर पलटवार करते हुए कहा है कि. बीजेपी को एक नया सहयोगी मिला – सीबीआई. इसके अलावा नायडू आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र के किए गए वादों को पूरा करने की मांग को लेकर यह भूख हड़ताल कर रहे हैं. वही शिवसेना ने आगामी लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटें जीतने के बीजेपी के दावे का मजाक उड़ाया है. पार्टी ने तंज कसते हुए कहा कि यह ‘काफी कठिन’ और ‘सच्चाई से परे’ है.
जब देश की राजनीति जाति की धुरी पर घूम रही है तो नितिन गडकरी धारा के विपरीत बहने की जिद क्यों कर रहे हैं? बीजेपी जातिगत समीकरणों को साधने के लिए राजनीति का हर वो दांव चल रही है जो देश की सियासत का ब्रह्मास्त्र बन चुका है. लेकिन गडकरी अपने संसदीय क्षेत्र में जातिवाद को खारिज कर आखिर किस पर निशाना साध रहे हैं? गडकरी के इस बयान ने विपक्ष को पीएम मोदी पर हमला बोलने का मौका दिया. कांग्रेस ने कहा कि गडकरी के बयान के केंद्र में पीएम पद की कुर्सी है. गडकरी मंझे हुए रणनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ हैं. वो ये जानते हैं कि तोल-मोल के कैसे बोला जाता है. ऐसे में इस बार गडकरी का ये बयान किस पर निशाना है
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलगू देशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू आज यानी सोमवार को दिल्ली में एक दिन के उपवास पर बैठे हैं. वह आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में कई विपक्षी पार्टियां उनके समर्थन में दिल्ली पहुंच गई हैं. यहां शामिल हुए तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने चंद्रबाबू नायडू से कहा, नायडू जी, मैं टीडीपी को बधाई देना चाहूंगा. हमने यह लड़ाई 4 साल पहले शुरू की थी, लेकिन एक बहुत महत्वपूर्ण तारीख है – 20 जुलाई, 2018 – जब टीडीपी लोकसभा में ‘नो कॉन्फिडेंस मोशन’ लेकर आई. इससे मोदी डर गए. उसके बाद 9 जनवरी, 2019 को एसपी-बीएसपी एक साथ आ गए. उसके बाद 19 जनवरी को क्या हुआ? 2019 बीजेपी खत्म. उस दिन 22 राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता एक ही मंच पर आए. मैं इन तारीखों का उल्लेख क्यों कर रहा हूं? क्योंकि उन सभी के बाद, बीजेपी को एक नया सहयोगी मिला – सीबीआई.
डेरेक ओ ब्रायन के अलावा नायडू को समर्थन देने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डीएके के नेता टी शिवा, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आदी पहुंचे हैं.
नायडू आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र के किए गए वादों को पूरा करने की मांग को लेकर यह भूख हड़ताल कर रहे हैं.
नायडू का यह भूख हड़ताल सोमवार सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक आंध्र भवन में जारी रहेगा. इसके अगले दिन यानी मंगलवार 12 फरवरी को वो राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे.
बता दें कि पूर्व में एनडीए गठबंधन का हिस्सा रही टीडीपी ने इस मुद्दे पर पिछले साल (2018) में केंद्र सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. नायडू वर्ष 2014 में हुए राज्य बंटवारे में आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय होने की बात कहते रहे हैं.
वही दूसरी ओर
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने राफेल मुद्दे पर नरेंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया है. मायावती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘केंद्र सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधान को खत्म कर दिया था. अंग्रेजी अखबार द हिंदू का राफेल में आज का नया विस्तृत रहस्योदघाटन फिर भी नो प्राब्लम. बीजेपी और आरएसएस वालों के लिये चौकीदार का महत्व है उसकी ईमानदारी का नहीं.’
उन्होंने कहा कि ‘भ्रष्टाचार-मुक्ति, ईमानदारी, देशहित और राष्ट्रीय सुरक्षा सब कुछ चौकीदार पर न्योछावर. अब चुनाव के समय चौकीदार सरकारी खर्चे पर देश भर में घूम-घूम कर सफाई दे रहे हैं कि वो बेईमान नहीं हैं बल्कि ईमानदार हैं. देश को सोचना है कि ऐसे चौकीदार का आखिर क्या किया जाए?’
राफेल डबल इंजन से लैस आधुनिक लड़ाकू विमान है. इसका निर्माण दसॉ एविएशन ने किया है. भारत सरकार ने फ्रांस के साथ 36 आधुनिक लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया है. फ्रांस यात्रा के दौरान अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों की सरकार के स्तर पर समझौते के तहत 36 राफेल विमानों के खरीदने की घोषणा की थी.
भारत और फ्रांस के बीच 36 विमानों का यह सौदा 58,000 करोड़ रुपयों का है.
कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर इस सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. पार्टी इसे मुद्दे पर सड़क से संसद तक में जोर-शोर से विरोध-प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस का आरोप है कि उसके (यूपीए) शासनकाल में भारत सरकार द्वारा वायुसेना की मजबूती के लिए फ्रांस से 126 विमानों के लिए 54,000 करोड़ रुपए में सौदा तय किया गया था. लेकिन 2014 में केंद्र में सत्ता आने पर मोदी सरकार ने विमानों की संख्या को 126 से घटाकर 36 कर दिया जबकि लागत बढ़ाकर 58,000 करोड़ रुपए कर दिया.
वही लोकसभा चुनावों की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे विपक्षी दलों का केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला भी तल्ख होता जा रहा है. इसी पहल में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है.
सोमवार को केजरीवाल ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री जी को कहना चाहते हैं कि वो बीजेपी के पीएम नहीं हैं, वो इस देश के लोगों के पीएम हैं.’ इसी के साथ केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के अन्य दलों की सरकार वाले राज्यों के प्रमुखों के साथ बर्ताव के तरीके पर भी निशाना साधा.
केजरीवाल ने कहा, ‘जिस तरह का बर्ताव प्रधानमंत्री मोदी जी विपक्षी राज्यों की सरकारों के साथ करते हैं, ऐसा लगता है कि जैसे वह प्रधानमंत्री हिंदुस्तान के नहीं पाकिस्तान के हैं.’
वही राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार विरोधी दंड से जुड़े अहम प्रावधानों को हटाने संबंधी छपी खबर का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि ’30 हजार करोड़ रुपए की चोरी कराने के लिए चौकीदार ने दरवाजा खुद खोला है.’ गांधी ने अंग्रेजी के प्रतिष्ठित अखबार ‘द हिंदू’ की एक खबर को ट्विटर पर शेयर करते हुए गांधी ने कहा, ‘चौकीदार ने अनिल अंबानी को वायुसेना से 30 हजार करोड़ रुपए की चोरी कराने के लिए खुद दरवाजा खोला.’ आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर दिल्ली में अनशन कर रहे मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का समर्थन करने के लिए पहुंचे गांधी ने वहां भी राफेल का मुद्दा उठाया.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की बात करके सत्ता में आए थे. क्या आप लोगों ने हिंदू अखबार पढ़ा है? प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के लोगों के पैसे चुराए और वह अनिल अंबानी को दिए. चौकीदार चोर है.’ गौरतलब है कि अखबार की खबर में कहा गया है कि फ्रांस के साथ इस सौदे के समझौते पर दस्तख्त करने से चंद दिन पहले ही सरकार ने इसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पेनाल्टी से जुड़े अहम प्रावधानों को हटा दिया था.
कांग्रेस और राहुल गांधी राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप सरकार और अनिल अंबानी पर लंबे समय से लगा रहे हैं. सरकार और अनिल अंबानी के समूह ने आरोपों को पहले ही सिरे से खारिज किया है.
शिवसेना ने आगामी लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटें जीतने के बीजेपी के दावे का मजाक उड़ाया है. पार्टी ने तंज कसते हुए कहा कि यह ‘काफी कठिन’ और ‘सच्चाई से परे’ है.
शिवसेना ने सोमवार को पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि राज्य (महाराष्ट्र) में स्थिति गंभीर है. ऐसे में हैरानी की बात है कि बीजेपी यहां इतनी सीटें जीतने के बारे में सोच भी कैसे सकती है जब पार्टी शासित राज्य में इतनी समस्याएं मुंह फैलाए खड़ी हैं.
मुखपत्र में दावा किया गया कि सरकार के पास इन मुद्दों का कोई समाधान नहीं है लेकिन उसे राज्य में 43 लोकसभा सीटों को जीतने का भरोसा है.
दरअसल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष राव साहेब दानवे ने शनिवार को दावा किया था कि उनकी पार्टी राज्य में लोकसभा चुनावों में 2014 के लोकसभा चुनावों में मिली सीटों से एक सीट ज्यादा यानी 43 सीटें जीतेगी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाला राज्य है. यहां लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं.
वर्तमान में शिवसेना एनडीए गठबंधन में शामिल है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को पार्टी अपना समर्थन दे रही है. साथ ही वो बीजेपी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में भी शामिल है.
बीजेपी से अपने कटु होते रिश्तों के बीच शिवसेना ने पिछले साल यह घोषणा कर सबको चौंका दिया था कि वो भविष्य (2019) में अकेले ही लोकसभा का चुनाव लड़ेगी. इसपर बीजेपी ने भरोसा जताया था कि उसका शिवसेना के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन हो जाएगा.