महाराष्ट्र में फेल हुई बीजेेेेपी की रणनीति कई दूूूूूूूरगामी संदेश दे गयी- हिमालयायूके का निरंतर सटीक आकंलन

महाराष्ट्र में फेल हुई बीजेेेेपी की रणनीति कई दूूूूूूूरगामी संदेश दे गयी- हिमालयायूके एक्‍सक्‍लूसिव- भविष्‍य में देश के अनेक राज्‍यो में ऐसी स्‍थिति आने की संभावना- जिस ओर गौर करने तक की जरूरत नही समझी जा रही है-

महाराष्ट्र में शनिवार सुबह करीब 8 बजे मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने वाले देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के बुधवार परीक्षण कराने के फैसले के बाद दोनों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को अपना इस्तीफा सौंप दिया वहीं, देवेंद्र फड़णवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इस्तीफे की घोषणा कर दी. उन्होंने कहा कि वे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे. देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि बहुमत नहीं होने के कारण मैं इस्तीफा दे रहा हूं. हिमालयायूके ने महाराष्ट्र में रणनीति पर निरंतर सटीक आलेख प्रकाशित किये- CHANDRA SHEKHAR JOSHI EDITOR Mob. 9412932030

वापिस अपने घर आ जाओ. ; चाचा ने जैसे यह कहा- बदल गया भतीजा—- मुम्बई के ट्राइडेंट होटल में शरद पवार, सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल और जयंत पाटिल ने अजित पवार से मुलाक़ात की. सूत्रों के मुताबिक शरद पवार ने कहा कि मैं तुमसे नाराज़ नहीं हूं. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर वापिस अपने घर आ जाओ. 

   और फिर शरद पवार ने फूँका मोदी के ख़िलाफ़ बिगुल?

मैं सरकार बनने नहीं दूंगा; चाचा ने सख्‍त स्‍वर में ऐलान किया  तो भतीजे की जुबा पर ताला लटक गया —-  अजित पवार सुनते रहे. शरद पवार ने फिर कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दो और अगर तुम इस्तीफ़ा नहीं दे सकते तो कल जब विधानसभा में विश्वास मत होगा तो वहां मत आना. इतना ही नहीं शरद पवार ने यहां तक कहा कि अगर तुम्हें लग रहा है कि बीजेपी का स्पीकर तुम्हें एनसीपी का विधायक दल का नेता बना देंगे और तुम व्हिप जारी कर दोगे तो ऐसा नहीं हो पाएगा. मैंने इसका हल भी निकाल लिया है. मैंने वकीलों से बात की है किसी भी पार्टी को तोड़ने के लिए 2/3 बहुमत की ज़रूरत होती है. अगर तुम नहीं मानोगे तो मैं एनसीपी बी बना दूंगा और मेरे पास 51 विधायक हैं तो एनसीपी के विधायक दल के नेता बनने के बावजूद भी मैं सरकार बनने नहीं दूंगा. हिमालयायूके Bureau

रातो रात फण्‍डवीस की  सरकार  बनाना  बीजेपी रणनीतिकारो की गलती थी

23 नवंबर को तड़के देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर जो अप्रत्याशित धमाका किया था आज उससे बड़ा धमाका सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों नेताओं के इस्तीफ़ा देने से हुआ है। हिमालयायूके ब्‍यूरो

सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इसके अलावा एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. www.himalayauk.org (Newsportal)

अजीत पवार के इस फ़ैसले पर बीजेपी नेताओं की भी नजर थी और जैसे ही पवार के निर्णय की उन्हें जानकारी मिली उन्होंने दिल्ली में हाई कमान को सूचित किया। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस पर तुरंत चर्चा की और अपना निर्णय देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र के नेताओं को बता दिया। 

महाराष्ट्र में मंगलवार को तेजी से बदले घटनाक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफ़ा दे दिया। फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस्तीफ़ा देने की घोषणा की। प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद फडणवीस ने राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफ़ा सौंप दिया। फडणवीस से पहले एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार ने भी उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया। राज्यपाल ने 23 नवंबर को दोनों नेताओं को शपथ दिलाई थी। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख  किया था और अदालत ने दो दिन तक सुनवाई के बाद बुधवार को फ़्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। 

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में फडणवीस ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना को सरकार बनाने का जनादेश मिला था और हमने सरकार बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘हमने कभी शिवसेना से ढाई साल के मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया। हमने शिवसेना का काफ़ी इंतजार किया लेकिन उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस से बातचीत शुरू कर दी थी।’

महाराष्ट्र में रातोरात फडणवीस सरकार के गठन में अगर किसी शख्स ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी तो वो थे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता धनंजय मुंडे जिन्होंने अजित पवार के लिए एनसीपी विधायकों को एकजुट किया था. अजित पवार ने जब राजभवन में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी तो वो धनंजय मुंडे ही थे, जिन्होंने विधायकों को अजित पवार के लिए एकजुट किया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के बुधवार शाम तक बहुमत परीक्षण के आदेश के बाद अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. अजित पवार के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफे का ऐलान कर दिया. www.himalayauk.org (Newsportal Bureau)

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफ़े के साथ ही महाराष्ट्र संकट का पहला चरण पूरा हो गया। लेकिन इसके साथ ही तेज़ी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम का अगला चरण शुरू हो चुका है। इस बात की पूरी संभावना है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राज्य के अगले मुख्यमंत्री बन जाएँ। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के नेता मंगलवार की शाम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलााक़ात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। 

महाराष्ट्र में बुधवार को फ़्लोर टेस्ट के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश देने से उत्साहित शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस अब अपने गठबंधन का नेता चुनने जा रही हैं। तीनों दलों की आज शाम संयुक्त बैठक बुलाई गई है जिसमें गठबंधन का नेता तय कर लिया जाएगा। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे इस पद पर चुने जा सकते हैं। बता दें कि फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होने की बात सामने आई थी। 

तब कहा गया था कि 22 नवंबर को कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की साझा बैठक में उनके नाम पर सहमति बन गई है। सूत्रों ने तब कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ठाकरे के नाम पर राज़ी हो गए हैं। बताया जा रहा था कि ठाकरे के नाम की विधिवत घोषणा अगले दिन 23 नवंबर यानी शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी। लेकिन उस प्रस्तावित कॉन्फ़्रेंस से पहले ही फडणवीस ने मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। इसके बाद बखेड़ा खड़ा हो गया।

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महाराष्ट्र में रातोरात फडणवीस सरकार के गठन में अगर किसी शख्स ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी तो वो थे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता धनंजय मुंडे जिन्होंने अजित पवार के लिए एनसीपी विधायकों को एकजुट किया था. अजित पवार ने जब राजभवन में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी तो वो धनंजय मुंडे ही थे, जिन्होंने विधायकों को अजित पवार के लिए एकजुट किया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के बुधवार शाम तक बहुमत परीक्षण के आदेश के बाद अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. अजित पवार के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफे का ऐलान कर दिया. हिमालयायूके ब्‍यूरो

इन तीन दलों का गठबंधन का नेता चुनने का यह फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद आया है। कोर्ट ने कहा है कि 27 नवंबर को शाम 5 बजे तक फ़्लोर टेस्ट करा लिया जाए और इसका सीधा प्रसारण भी किया जाए। कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि पहले विधायकों को शपथ ग्रहण कराई जाए और उसके बाद ही फ़्लोर टेस्ट हो। 

तीनों दल, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी दावा करते रहे हैं कि सरकार गठन के लिए उनके पास ज़रूरी संख्या है। उन्होंने सोमवार शाम को मुंबई के हयात होटल में अपने विधायकों की मीडिया के सामने परेड कराई थी और दावा किया कि उनके पास 162 से ज़्यादा विधायक हैं। 

हालाँकि बीजेपी भी अजीत पवार के नाम को लेकर कई विधायकों के समर्थन का दावा करती रही है। सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अजीत पवार का नाम लिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार की ओर से 22 नवंबर को 54 विधायकों के समर्थन का पत्र मिला था। इस पत्र में लिखा था कि अजीत पवार विधायक दल के नेता हैं। उन्होंने कहा था कि पत्र में सभी 54 विधायकों के हस्ताक्षर थे और अजीत पवार को इनका समर्थन हासिल था।

23 नवंबर को तड़के देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर जो अप्रत्याशित धमाका किया था आज उससे बड़ा धमाका सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों नेताओं के इस्तीफ़ा देने से हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक़, बुधवार को 5 बजे से पहले देवेंद्र फडणवीस को अपना बहुमत साबित करना था लेकिन उससे पहले ही उन्होंने हार स्वीकार कर ली। 

अजीत पवार को मनाने के लिए मंगलवार सुबह से ही सुप्रिया सुले के पति सदानंद सुले उनके साथ ट्राईडेंट होटल में थे। अजीत पवार को मनाने की कोशिशें पिछले दो दिनों से चल रही थीं और उसमें एक बात यह निकल कर आयी थी कि एक बार शरद पवार और सुप्रिया सुले की मीटिंग अजीत पवार से करा दी जाए। यह काम सदानंद सुले ने किया। उन्होंने शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार से अजीत पवार की मुलाक़ात कराई। बताया जाता है कि प्रतिभा पवार की किसी भी बात को अजीत पवार नहीं टालते हैं और उनका विशेष सम्मान करते हैं। 

प्रतिभा पवार से मीटिंग होने के बाद अजीत पवार ने एक शर्त रखी थी कि वह वापस आयेंगे लेकिन सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इस शर्त के बाद शरद पवार और सुप्रिया सुले उनसे मिले और इस फ़ैसले को अंतिम रूप दिया और थोड़ी देर बाद अजीत पवार ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। 

इससे पहले सुबह ट्राईडेंट होटल में एनसीपी नेताओं से मुलाक़ात के बाद अजित पवार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके सरकारी आवास वर्षा गए थे और वहां उन्होंने अपना इस्तीफ़ा फडणवीस को सौंप दिया था। एनसीपी नेताओं और देवेंद्र फडणवीस से मुलाक़ात के बाद अजित पवार अपने भाई श्रीनिवास पवार के घर गए थे। 

फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अजीत पवार ने हमसे सरकार बनाने की बात की। फडणवीस ने कहा, ‘अजीत पवार के प्रस्ताव पर हमने उनसे चर्चा की और उनके समर्थन से सरकार बनाने की पहल की। अजीत पवार के इस्तीफ़े के बाद हमने यह निर्णय किया कि हम किसी दल के विधायक नहीं खरीदेंगे और इस्तीफ़ा देंगे।’ फडणवीस ने कहा कि अब दूसरे दल सरकार बनाएं, हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।’

फ़्लोर टेस्ट से पहले ही देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के इस्तीफ़ा देने को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि बीजेपी यह दावा कर रही थी कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है। बीजेपी ने अजीत पवार के भरोसे ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने का क़दम उठाया था और उसे उम्मीद थी कि अजीत पवार अपने साथ एनसीपी के कुछ विधायकों को तोड़कर लाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हालांकि पहले यह कहा गया कि अजीत पवार के पास 22 विधायक हैं लेकिन 24 घंटे के अंदर ही लगभग सभी विधायक एनसीपी में वापस चले गए।

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