एमसीडी चुनाव – बीजेपी) को सबसे आगे
एमसीडी चुनाव -दो ओपिनियन पोल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सबसे आगे -मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देते ;रविशकंर ने कहा, “हमें कभी मुस्लिम वोट नहीं मिलते. हम इस बात को पूरी स्पष्टता से स्वीकार करते हैं ; केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के ‘मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं करते’ वाले बयान का लघु उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने समर्थन किया है. गिरिराज सिंह ने कहा कि रविशंकर प्रसाद ने जो भी कहा है बिलकुल सही कहा है. आप लोग इसे विवादित कह रहे हैं लेकिन सच बदल नहीं जाता.
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दिल्ली में 23 अप्रैल को एमसीडी चुनाव होने वाले हैं. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद का मुलसमानों को लेकर दिया गया एक बयान का क्या असर पड सकता है परन्तु उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीन तलाक के मुद्दे को लेकर मुस्लिम महिलाओं का समर्थन मिलने का दावा कर चुकी भाजपा को अब उम्मीद है कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव में भी इसी मुद्दे पर उसे मुस्लिम समाज की महिलाओं का साथ मिलेगा। भाजपा की दिल्ली इकाई का यह भी कहना है कि वह तीन तलाक के मुद्दे का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए नहीं करेगी, हालांकि उसे लगता है कि इस मामले पर पार्टी के रूख से मुस्लिम महिलाओं का रूझान उसकी ओर स्वाभाविक रूप से होगा।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए एक सर्वे कराया है जिसके लिए एक सर्वे एजेंसी को ठेका दिया गया. सूत्रों के मुताबिक ये सर्वे दिल्ली के सभी 272 वार्ड में 5 से 15 अप्रैल के बीच कराया गया है और इनमें दिल्ली के करीब 31,000 वोटर से बात की गई है.
इसमें हाउस टैक्स, बिजली-पानी और साफ सफाई पर दिल्ली के लोगों की राय के साथ पूछा गया है कि आपके हिसाब से इन मुद्दों पर कौन सी पार्टी अच्छा काम और गवर्नेंस दे सकती है. पार्टी सूत्रों ने फिलहाल इस पर कुछ कहने से मना कर दिया है, लेकिन बताया कि पार्टी एजेंसी से डेटा मिलते ही 1-2 दिन में इसे जारी कर सकती है.
दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव 2017 से पहले आए दो ओपिनियन पोल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सबसे आगे दिखाया गया है। दोनों में ही बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। दोनों में बीजेपी तीनों निगमों में बहुमत पाती दिख रही है। एक ओपिनियन पोल में बीजेपी को 272 में से 195 सीट दी गई हैं। वहीं दूसरे में 179 सीट बीजेपी के खाते में गिरती दिखाई गई हैं। दोनों ही पोल में आम आदमी पार्टी (आप) को दूसरे नंबर पर रखा गया है। वहीं कांग्रेस को काफी पीछे बताया जा रहा है। पहले पोल में आप को 55 और दूसरे में आप को 45 सीट दी गई हैं। पहला पोल: यह पोल टाइम्स नाऊ के लिए VMR ने किया। इसमें बीजेपी को 195 सीट मिलीं। जिसमें बीजेपी तीनों निगमों में जीत रही है। इस पोल में कांग्रेस को कुल मिलाकर तीनों निगमों में 15 सीट दी गई हैं। दूसरा पोल: यह पोल एबीपी न्यूज के लिए CVoter ने किया। इसमें कहा गया है कि नॉर्थ कॉर्पोरेशन में बीजेपी को 104 में से 76 सीट, साउथ में 104 में से 60 सीट और ईस्ट में 64 में से 43 सीट मिलेंगी। इस पोल में कहा गया है कि आप को नॉर्थ में 13, साउथ में 21 और ईस्ट में 11 सीट मिल सकती हैं। इसमें कांग्रेस को 26 सीट दी गई हैं। जिसमें से आठ-आठ नॉर्थ और ईस्ट और बाकी 10 साउथ में जीत सकती हैं। एबीपी न्यूज के इस सर्वे में बीजेपी को 41.9 प्रतिशत वोट शेयर दिया गया है। लगभग इतना ही उसको 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के वक्त मिला था। वहीं आप जिसका 2015 विधानसभा चुनाव में 55 प्रतिशत वोट शेयर था वह गिरकर 27.5 प्रतिशत पर आ जाएगा। ऐसा कहा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद का मुलसमानों को लेकर दिया गया एक बयान सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देते फिर भी हमारी सरकार ने उन्हें समुचित सम्मान दिया है. हीरो मोटोकॉर्प के कार्यक्रम माइंडमाइन समिट में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे 13 मुख्यमंत्री हैं. हम देश चला रहे हैं. इसके बावजूद क्या हमने उद्योग या सेवा क्षेत्र में काम कर रहे किसी मुसलमान को परेशान किया.
संस्कृति और बहुलता पर विकास के प्रभाव को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क्या हमने उन्हें बर्खास्त किया? हमें मुसलमानों के वोट नहीं मिलते हैं. मैं स्पष्ट रूप से इसे स्वीकार करता हूं, लेकिन हमने उन्हें पूरा सम्मान दिया है या नहीं? प्रसाद ने कहा कि हम भारत की बहुलता और संस्कृति को नमन करते हैं. इसे देखने के दो तरीके हैं. आज मैं स्पष्ट बोलूंगा. हमारे खिलाफ लंबे वक्त से अभियान चल रहा है, लेकिन हम भारत की जनता के आशीर्वाद से यहां हैं. प्रसाद ने कहा कि बतौर सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री वह कई मुस्लिम बहुल गांव गए, जहां मुस्लिम युवक सामुदायिक सेवा केंद्र चला रहे हैं, जो लोगों को इंटरनेट के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करते हैं. केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जलपाईगुड़ी के चाय बगान में काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारी करीमुल हक को उसके अनुकरणीय काम के लिए चुने जाने का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा, हक ने अपनी मोटरसाइकिल को एम्बुलेंस में बदल लिया है और बीमारों को अस्पताल ले जाते हैं. इस तरह उन्होंने करीब 2000 लोगों की जीवनरक्षा की है. वहीं प्रसाद के बयान पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है. पार्टी नेता शकील आहमद ने कहा, यही भाजपा का असली चेहरा है.
दिल्ली भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष आतिफ रशीद ने कहा, ”भाजपा ने तीन तलाक के मुद्दे को चुनावी फायदे के मकसद से नहीं उठाया है। पार्टी ने पहले ही स्पष्ट किया है कि यह महिलाओं के अधिकार से जुड़ा मुद्दा है और हम इसी रूख पर कायम हैं।” उन्होंने कहा, ”जब आप किसी मुद्दे पर काम करते हैं तो उसका इनाम भी मिलता है। ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि उत्तर प्रदेश की तरह दिल्ली में भी मुस्लिम महिलाओं का समर्थन हमें मिलेगा। महिलाओं को यह महसूस हो रहा है कि भाजपा इकलौती ऐसी पार्टी है जो उनके हक की बात कर रही है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुस्लिम महिलाओं ने भाजपा को अपना समर्थन दिया।”
तीन तलाक के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रशीद ने कहा, ”कांग्रेस और केजरीवाल तीन तलाक के मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। वोटबैंक की खातिर वे महिला अधिकार के मुद्दे पर मुंह खोलने से कन्नी काट रहे हैं। ये लोग सर्जिकल स्ट्राइल पर सवाल खड़े कर देते हैं, लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर नहीं बोलते।’ दिल्ली में 23 अप्रैल को तीनों नगर निगमों के लिए वोट डाले जाएंगे और 26 अप्रैल को मतगणना है।
भाजपा की ओर से एमसीडी चुनाव में सात मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जाने के संदर्भ में आतिफ रशीद ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा का मूलमंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है। इसी मूलमंत्र को लेकर पार्टी आगे बढ़ रही है। पार्टी ने एमसीडी चुनाव में सात मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि मुस्लिम समुदाय दिल्ली में भाजपा को कांग्रेस और आप से बेहतर विकल्प के तौर पर देखेगा।”
भाजपा नेता ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर मुस्लिम बहुल इलाकों की अनदेखी करने और वक्फ बोर्ड में कुप्रबंधन का आरोप लगाया। रशीद ने कहा, ”केजरीवाल सरकार ने ओखला, मुस्तफाबाद और दूसरी मुस्लिम बहुल बस्तियों की पूरी तरह अनदेखी की है। इन इलाकों में सीवर लाइन नहीं बिछाया गया और सड़कों की हालत भी खस्ता है। यही नहीं वक्फ बोर्ड में आप के रहते कुप्रबंधन हुआ और इसी वजह से उप राज्यपाल को बोर्ड भंग करने का कदम उठाना पड़ा। इस पार्टी ने बड़े-बड़े सपने दिखाकर मुस्लिम समुदाय का वोट हासिल किया, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया।”
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