मिशन 2024- बजी खतरे की घण्टी- बंगाल बीजेपी के 24 विधायक ग़ैर हाज़िर, पीके के साथ करार बढाने में कामयाब ममता
15 JUNE 2021# Himalayauk Newsportal & Print Media # High Light # विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को बीजेपी विधायकों के साथ राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाक़ात की तो 24 विधायक इससे ग़ैर हाज़िर रहे # इंडिया टुडे के मुताबिक़ बीजेपी के 30 से ज़्यादा विधायक टीएमसी के संपर्क में हैं # मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम के साथ अपने करार को 2026 तक के लिए बढ़ा दिया # आज़ाद भारत की राजनीति के इतिहास में पहली बार #Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com
# High Light # विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को बीजेपी विधायकों के साथ राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाक़ात की तो 24 विधायक इससे ग़ैर हाज़िर रहे।
# High Light # मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम के साथ अपने करार को 2026 तक के लिए बढ़ा दिया
वही दूसरी ओर वही दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम के साथ अपने करार को 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी शायद बीजेपी को उसके इस प्रदर्शन को नहीं दोहराने देंगी और उसे मिली बढ़त को कम करने की कोशिश करेंगी। बंगाल के अलावा किशोर ने तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में भी रणनीति बनाने का काम किया और वहां भी डीएमके प्रमुख स्टालिन को जीत मिली।
अब बीजेपी आलाकमान परेशान हो गया है कि ये 24 विधायक राज्यपाल से मिलने क्यों नहीं पहुंचे। इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि ये सभी टीएमसी में लौट सकते हैं। इससे यह भी सवाल खड़ा हुआ है कि क्या इन विधायकों को शुभेंदु अधिकारी को विपक्ष का नेता बनाया जाना अखरा है।
इंडिया टुडे के मुताबिक़, बीजेपी के कई विधायक नाराज़ हैं। टीएमसी ने कहा है कि 30 से ज़्यादा विधायक उसके संपर्क में हैं। मुकुल राय से पहले सोनाली गुहा और दीपेंदु बिस्वास भी खुलकर कह चुके हैं कि वे टीएमसी में वापस आना चाहते हैं। मुकुल राय की टीएमसी में वापसी के बाद इन नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी उन्हें भी वापस ले लेगी।
मुलाक़ात के बाद राज्यपाल ने कहा कि संवैधानिक मुखिया होने के नाते वह यह साफ कर देना चाहते हैं कि बंगाल में दल-बदल क़ानून पूरे प्रभाव के साथ लागू है और यह उसी तरह है जिस तरह पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि राज्य में डर का माहौल है। शुभेंदु ने भी कहा है कि ऐसे विधायक जो टीएमसी में वापस जाना चाहते हैं, उन पर दल-बदल क़ानून लागू होना चाहिए।
24 विधायकों की ग़ैर हाज़िरी पर टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने चुटकी ली और शुभेंदु अधिकारी से पूछा कि उन्हें दल-बदल क़ानून पर बात करने से पहले अपने इन ग़ैर हाज़िर रहे विधायकों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है तो शुभेंदु को उनसे नया दल-बदल क़ानून लाने के लिए कहना चाहिए।
बीजेपी के ऐसे नेता जो विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी को छोड़कर पार्टी में आए थे, उनके बीच घर वापसी की होड़ लग गई है। बीरभूमि के इल्लम बाज़ार इलाक़े में बीजेपी कार्यकर्ता सोमवार को टीएमसी के दफ़्तर के बाहर धरने पर बैठ गए और उन्हें पार्टी में वापस लेने की मांग की। इन सभी नेता और कार्यकर्ताओं ने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से उन्हें पार्टी में वापस लिए जाने की गुहार लगा रहे थे।
आज़ाद भारत की राजनीति के इतिहास में पहली बार
आज़ाद भारत की राजनीति के इतिहास में पहली बार हुई है। हालांकि इन लोगों का संघर्ष कामयाब हुआ और धरना देने के बाद 50 बीजेपी कार्यकर्ताओं को टीएमसी में वापस शामिल कर लिया गया।
प्रशांत किशोर की टीम के साथ अपने करार को 2026 तक के लिए बढ़ा दिया
वही दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम के साथ अपने करार को 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है। प्रशांत किशोर की कंपनी का नाम इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) है और यह कई राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति बना चुकी है। बताया गया है कि प्रशांत किशोर की कंपनी पहले की तरह ही पश्चिम बंगाल में काम करती रहेगी यानी वह फ़ील्ड और दफ़्तर दोनों जगह काम करेगी। बंगाल के अलावा किशोर ने तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में भी रणनीति बनाने का काम किया और वहां भी डीएमके प्रमुख स्टालिन को जीत मिली। प्रशांत किशोर आने वाले दिनों में मज़बूत गठबंधन की रणनीति बनाते दिखाई दें।
ममता बनर्जी जानती हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 18 सीटों पर जो जीत मिली थी, वह उनके अनुमान से कहीं ज़्यादा थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में वह शायद बीजेपी को उसके इस प्रदर्शन को नहीं दोहराने देंगी और उसे मिली बढ़त को कम करने की कोशिश करेंगी।
लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में ऐसा माहौल बन गया था कि टीएमसी का विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर जाना तय है, लेकिन प्रशांत किशोर की कंपनी का नाम इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) ने अपनी टीम की मदद से राज्य में ऐसा माहौल बनाया और ऐसी रणनीति बनाई कि बीजेपी चारों खाने चित हो गई.
डियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPac) प्रशांत किशोर की कंपनी
इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPac) प्रशांत किशोर की कंपनी का नाम है. यह कंपनी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति बनाने के लिए काम करती है. 2013 में, प्रशांत किशोर ने 2014 के आम चुनाव से पहले एक मीडिया और प्रचार कंपनी, सिटीजंस फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (CAG) बनाई थी. प्रशांत किशोर को पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बढ़िया मार्केटिंग और विज्ञापन अभियान बनाने का श्रेय दिया जाता है. कहा जाता है कि ‘चाय पे चर्चा’ 3 डी रैली, रन फॉर यूनिटी और कई सोशल मीडिया कार्यक्रमों के जरिये उन्होंने मोदी की छवि चमकाने का काम किया. किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव तक मोदी की टीम के सबसे महत्वपूर्ण लोगों में से एक थे. 2014 के आम चुनावों के बाद प्रशांत किशोर ने सीएजी को आईपैक (पॉलिटिकल एक्शन कमेटी) में बदल दिया. आईपैक ने बिहार, पंजाब चुनावों में भी चुनावी रणनीतिककार एजेंसी के तौर पर काम किया था. आई-पैक अभी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी के साथ भी काम कर रही है. प्रशांत किशोर पंजाब के सीएम अमरेंद्र सिंह के साथ भी काम कर रहे हैं और हाल में मुंबई जाकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार से 3 घंटे तक मुलाकात की थी.
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