केंद्रीय राज्य मंत्री अकबर ने दिया इस्तीफा
मीटू कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोपों पर केंद्रीय राज्य मंत्री एम जे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रिया रमानी द्वारा एम जे अकबर पर छेड़छाड़ का आरोप लगाए गए हैं। एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय राज्य मंत्री एम जे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस स्टेटमेंट जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मैं कानून लड़ाई लड़ूंगा। मैं अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निजी तौर पर लड़ूंगा। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा (MJ Akbar Resigns) दे दिया है. MeToo कैंपेनके तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना इस्तीफा भेज दिया है. बता दें कि अकबर पर 20 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगयाा था. एजमे अकबर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि अब वह निजी तौर पर केस लड़ेंगे. उनहोंने पीएम मोदी और सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा भी किया.
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नई दिल्लीः यौन शोषण के आरोपों में घिरे विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर एमजे अकबर ने इस्तीफा दिया है और उनके ऊपर लगे आरोपों से पार्टी की छवि खराब हो रही थी. अपने बयान में अकबर ने कहा है ‘‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं. ’’ प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले पर कल होगी सुनवाई
बयान में उन्होंने आगे कहा है मैं, अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा. अत: मैं विदेश राज्य मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं. उन्होंने कहा ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया.
उन्होंने कहा कि मैंने निर्णय लिया है कि मैं कानूनी तौर पर लड़ाई लड़ूंगा। इसके लिए मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं। मुझ पर गलत आरोप लगाए हुए हैं मैं इसका निजी हैसियत से जवाब दूंगा। उन्होंने अंत में कहा कि मैं देश के पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने मुझे देश सेवा का मौका दिया। खबरों की माने तो पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद एम जे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। बता दें कि अकबर पर 20 महिलाओं ने यौन शोषण आ आरोप लगाया था।
पूर्व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि केस की गुरूवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी। पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर #मीटू अभियान के तहत यौन उत्पीडन के आरोप लगाये थे। इसके बाद एमजे अकबर ने रमानी के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया था। रमानी के आरोपी से घिरे एमजे अकबर ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया हैं। हालांकि पिछले कई दिनों से अकबर के इस्तीफे के कयास लगाये जा रहे थे। विदेश से लौटने के बाद प्रिया रमानी द्वारा लगाये गए आरोपों को एमजे अकबर ने सिरे से खारिज कर दिया था।
अकबर ने अपने इस्तीफे के बाद कहा कि मुझे कानून पर पूरा भरोसा हैं और इस पूरी लड़ाई को कानूनी रूप से लड़ेंगे। पटियाला हाउस कोर्ट में 15 अक्टूबर को दिए ‘आपराधिक मानहानि केस’ के वकालतनामे में अकबर के वकील ने लिखा है कि इस केस में एमजे अकबर की तरफ से 97 वकील मुकर्रर किए गए हैं।
#MeToo के लपेटे में आए एमजे अकबर ने विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके ऊपर अब तक 20 महिला पत्रकारों ने #MeToo अभियान के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया था, जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी. रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाए. अकबर पर ताजा आरोप एक विदेशी महिला पत्रकार ने लगाया कि 2007 में जब वो इंटर्नशिप के लिए आईं तो वो सिर्फ 18 साल की थीं और उनके साथ एमजे अकबर ने गलत हरकत करने की कोशिश की. यह पहली बार है, जब मोदी सरकार के किसी मंत्री ने किसी विवाद में घिरने के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है. इस्तीफे से पहले अजीत डोभाल ने उनसे मुलाकात की थी और फिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इसकी रिपोर्ट दी थी. हालांकि एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि वो अपनी लड़ाई कोर्ट में लड़ेंगे. सुत्रों के मुताबिक पीएमओ की दखलंदाजी के बाद एमजे अकबर का इस्तीफा हुआ है. मामले को लेकर एनएसए अजीत डोभाल ने एमजे अकबर से मुलाकात की थी. इस मसले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की भी राय ली गई. वहीं, एमजे अकबर के इस्तीफे के बाद प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा, ‘अकबर के इस्तीफे से हम महिलाओं को सुकून मिला है. हम खुद को दोषमुक्त महसूस कर रही हैं. मुझे उस दिन का इंतजार है, जब कोर्ट में मुझे न्याय भी मिलेगा.’
दरअसल 5 राज्यों के आने वाले चुनावों में पार्टी की छवि को नुकसान न पहुंचे इसको सोचकर अकबर से इस्तीफा लिया गया है. करीब 20 महिलाओं ने पत्रकार प्रिया रमानी का साथ देने की बात कही थी.
#MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोपों से घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने पद से इस्तीफा दे दिया है. पत्रकार प्रिया रमानी समेत करीब 20 महिलाओं ने एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. उनके इस्तीफे का पत्र भी सामने आ गया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मामले पर कहा कि मैं एमजे अकबर को लेकर किए गए सरकार के फैसले का स्वागत करती हूं. महिला आयोग भी इस फैसले का स्वागत करता है. हमें इस बात की खुशी की सरकार ने इस मामले में फैसला लिया.
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने सबसे पहले यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ कोर्ट का रास्ता अपनाया है और उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है. इस मामले में कल दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी. वहीं दूसरी तरफ रमानी को ‘द एशियन एज’ में काम कर चुकीं 19 महिला पत्रकार सहकर्मियों का साथ मिला है
एमजे अकबर ने अपने इस्तीफे में लिखा है, ”मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं, मैं अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी हैसियत से चुनौती दूंगा. इसलिए मैंने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभारी हूं जिन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया.”
दरअसल, विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर कई अखबारों के संपादक रहे हैं. उनके ऊपर अब तक कई महिला पत्रकारों ने #MeToo कैंपेन के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप प्रिया रमानी नाम की वरिष्ठ पत्रकार ने लगाया था जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी.
रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगा रही हैं. जिसके कारण सोशल मीडिया और विपक्ष की ओर से लगातार उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है.
अकबर के इस्तीफे के बाद पीड़िता प्रिया रमानी ने ट्वीट किया है। ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि एक महिला के रूप में हम एमजे अकबर के इस्तीफे से सुकून मिला है। आगे लिखा कि हमें भरोसा है कि कानून से हमे न्याय मिलेगा। एमजे अकबर का जन्म 11 जनवरी 1951 को हुआ. उनका पूरा नाम मुबशर जावेद अकबर है. जानकारी के मुताबिक उनके दादा रहमतुल्ला धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बने थे. वह हिंदू थे, लेकिन उनकी शादी मुस्लिम महिला से हुई थी. अकबर की शुरुआती शिक्षा कोलकाता बॉयज स्कूल में हुई, इसके बाद उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज में पढ़ाई-लिखाई की. एमजे अकबर दुनिया के नामचीन पत्रकारों में शुमार रहे हैं. वह द टेलिग्राफ के संस्थापकों में शामिल रहे हैं. आज भले ही एमजे अकबर बीजेपी में हों, लेकिन कभी कांग्रेस में उनकी अच्छी-खासी पैठ थी. खासकर राजीव गांधी से अच्छी नजदीकी थी और उनके प्रवक्ता भी थे. 1989 में उन्होंने पत्रकारिता की दुनिया से सियासत में कदम रखा और बिहार के किशनगंज से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते.
एमजे अकबर 2014 में नरेंद्र मोदी के करीब आए और एक बार फिर पत्रकारिता को अलविदा कह औपचारिक तौर पर राजनीति ज्वाइन कर ली. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद अकबर को पार्टी का प्रवक्ता बना दिया गया. हालांकि कहा जाता है कि भाजपा के अंदर भी तमाम लोग उन्हें पसंद नहीं करते हैं.
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