किसान डिप्रेशन की वजह से  खुदकुशी; विवादित बयान- किसका ?

किसान आंदोलन की भड़की आग ठंडी नहीं #विजयवर्गीय का मंदसौर घटना पर विवादित बयान #किसान डिप्रेशन की वजह से  खुदकुशी #झारखंड में किसानों को कर्ज पर सिर्फ एक फीसदी ब्याज  # महाराष्ट्र सरकार ने कर्जमाफी का एलान

भोपाल: मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की भड़की आग ठंडी होने का नाम नहीं ले रहा है। आज होशंगाबाद जिले के सियोनी मालवा गांव में कर्ज में दबे एक किसान ने खुदकुशी कर ली है। मृतक किसान का नाम माखनलाल बताया जा रहा है। सोमवार को भी रेहटी तहसील में आने वाले ग्राम जाजना के एक किसान ने छह लाख रुपए के कर्ज से तंग आकर जहर खाकर मौत को गले लगा लिया था।
मंदसौर में किसान आंदोलन में मारे गए किसानो का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि 24 घंटे के भीतर 2 किसानों की खुदकुशी से मामला गर्मा गया। होशंगाबाद और सीएम शिवराज के गृह जिले में किसानों ने कर्ज की वजह से खुदकुशी कर ली। किसान आंदोलनों को लेकर शिवराज सरकार बैकफुट पर हंै। इस बीच भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि उनके सूत्रों के मुताबिक एमपी में एक भी किसान ऐसा नहीं है जिसने कर्ज की वजह से खुदकुशी की हो।

विजयवर्गीय ने कहा कि किसानों की खुदकुशी की तमाम वजहें हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि किसान निजी समस्या, डिप्रेशन की वजह से भी खुदकुशी कर सकते हैं। इससे पहले भी विजयवर्गीय मंदसौर घटना पर विवादित बयान दे चुके हैं। तब विजयवर्गीय ने मंदसौर में ५ किसानों की मौत को बड़ा मसला न बताते हुए उसे एक जिले की घटना कहा था। उधर, शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर के दौरे पर जा रहे हैं।

 जानकारी के अनुसार ग्राम जाजना निवासी दुलचंद (55) पिता गोविन्द कीर ने सोमवार को अपने ही घर में कीटनाशक पी ली। मृतक के पुत्र शेर सिंह ने बताया कि जब उनके पिता ने जहर पिया तब घर में कोई नहीं था जब अचेत अवस्था में उन्हें रेहटी अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें कि राज्य में 1 जून से किसान आंदोलन चल रहा है। इस दौरान पुलिसिया कार्रवाई में 5 किसानों की गोलीबारी में मौत हो गई थी।

शिवराज ने किया था उपवास
राज्य में शांति बहाली के मकसद से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते शनिवार उपवास पर बैठे थे। उन्होंने लगभग 27 घंटे के बाद अपना उपवास तोड़ा था। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हिंसा के लिए किसान जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि कांग्रेस की साजिश से आंदोलन हिंसक हुआ।
::: देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के बीच झारखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. झारखंड में किसानों को कर्ज पर सिर्फ एक फीसदी ब्याज देना होगा. जो किसान एक साल के अंदर अपना लोन चुका देंगे सरकार उन किसानों को यह लाभ देगी.  अभी सरकार जो लोन देती है उस पर 7% ब्याज लगता है. एक साल के अंदर लोन चुकाने पर केंद्र सरकार तीन प्रतिशत ब्याज माफ कर देती है. अब इस पर राज्य सरकार भी तीन प्रतिशत माफ करेगी. राज्य से तीन प्रतिशत की छूट लेने के लिए बैंको को क्लेम करना होगा. बैंको को क्लेम के विरुद्ध पैसा लौटाया जाएगा. इस योजना में एक शर्त और है किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन लेने पर ही ये लाभ मिलेगा.

महाराष्ट्र सरकार ने कर्जमाफी का एलान
किसानों के आंदोलन के बाद महाराष्ट्र सरकार ने कर्जमाफी का एलान किया था. सरकार ने कहा था कि किसानों का पूरा कर्ज माफ करने के लिए सरकार एक कमेटी का गठन करेगी जो कर्जमाफी के लिए मानक तैयार करेगी.
इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है. महाराष्ट्र कैबिनेट ने आज तय कि सरकार किसानों को तुरंत दस हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी. सरकार ने कहा कि जब तक कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू नहीं होती तब तक के लिए यह राहत है.
किसान नए सीजन के लिए वोवाई का काम शुरू कर सकते हैं. शिवसेना कोटे से महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दिवाकर राउते ने इस फौरी राहत की मांग की थी जिसे सरकार ने मान लिया. आपको बता दें कि एक करोड़ 36 लाख किसानों पर कर्ज है.

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