हरीश रावत के पुत्र पर लगाये गंभीर आरोप
#मुख्यमंत्री द्वारा देवभूमि को माफिया के हवाले #हरीश रावत के पुत्र करोडो के भ्रष्टाचार में लिप्त #आशा कार्यकत्रियों की साडियों में १३ हजार करोड का घोटाला #हरीश रावत सरकार ने उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार, खनन एवं भूमाफियाओं के हवाले #लूट का कीर्तिमान स्थापित किया #रावत सरकार ने बनाया उत्तराखण्ड को हडताली प्रदेश – अमृता रावत
सरकार जमीनों की जांच करने के लिए एसआईटी के गठन की बात कर रही है इसे भी वे कब सिट डाउन कर दे- पता नहीं ;प्रवक्ता श्री विनय गोयल
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देहरादून ः १० दिसम्बर, २०१६ ः पूर्व काबीना मंत्री एवं विधान सभा क्षेत्र रामनगर की निवर्तमान विधायक श्रीमती अमृता रावत ने भाजपा परिवर्तन यात्रा में कहा कि सूबे की हरीश रावत सरकार ने उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार, खनन एवं भूमाफियाओं के हवाले कर, लूट का कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने आगे कहा कि जिस विकास की सोच के साथ उत्तराखण्ड का निर्माण किया गया था राज्य सरकार उसमें पूर्णतया विफल रही है फलतः आज उत्तराखण्ड को हडताली प्रदेश बना दिया गया है। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की परिकल्पनाओं, आशाओं, भावनाओं और आकांक्षाओं के प्रति सरकार खरी नहीं उतर पायी है।
##सरकार जमीनों की जांच करने के लिए एसआईटी के गठन की बात कर रही है इसे भी वे कब सिट डाउन कर दे- पता नहीं
देहरादून 10 दिसंबर,
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री विनय गोयल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत ने अपना नया अजीबो गरीब शब्दकोश रच लिया है जिसमें खंडित को अखंड , झूठ को सच, विनाश को विकास, असफल को सफल और भ्रष्टाचारी को सदाचारी कहा जाता है। उनके शब्दकोश में जल्दी का क्या अर्थ है यह भी समझ में नहीं आ रहा क्योंकि जिस भी काम को बहुत जल्दी करने की बात करते हैं वह कभी नहीं होता मुख्यमंत्री हरीश रावत जी लगातार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर गाली गलौज करने के आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन यात्रा को गाली-गलौच यात्रा बताते आए हैं, मुख्यमंत्री हरीश रावत जी स्पष्ट करें कौन-कौन से शब्द उनके शब्दकोश में गाली की श्रेणी में आते हैं जो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने या कार्यकर्ताओं ने उनके लिए प्रयोग किए हैं । मुख्यमंत्री जी यह भी स्पष्ट करने की कृपा करें जिन 1000 सड़कों को बनाने का दावा वह करते हैं उन पर कुल कितना खर्च किया जा रहा है उसमें से केंद्र सरकार द्वारा दी गई धनराशि और प्रदेश सरकार द्वारा अपने संसाधन से जुटाई गई धनराशि कितनी कितनी है श्री गोयल ने कहा प्रदेश में जंगल राज है और जंगल का कानून भी शर्मा रहा है। अपनी सुविधा के हिसाब से व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने वाले “टेलर मेड” नियम कायदे कानून और शर्तें लागू कर भर्ती की विज्ञप्तियां और टेंडर निकाले जा रहे हैं फिर भी तसल्ली न होने पर बार-बार उन्हें संशोधन किया जा रहा है । स्वयँ अपने चहेतों को 1 रु के नजऱाने पर 20 बीघा जमीन देने वाली सरकार जमीनों की जांच करने के लिए एसआईटी के गठन की बात कर रही है इसे भी वे कब सिट डाउन कर दे पता नहीं। क्योंकि अभी तक किसी जांच का नतीजा इस सरकार के कार्यकाल में सामने नहीं आया है।
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श्रीमती अमृता ने आगे कहा कि मीडिया में मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेन्द्र रावत को करोडो के भ्रष्टाचार में लिप्त दिखाया जा रहा है। राज्य में आर.आर. टैक्स, हरदा टैक्स की बात उजागर हुयी है है। राजनीतिक द्वेश भावनाओं से यह सरकार कार्य कर रही है और गैर कांग्रेसी विधायकों के क्षेत्र की योजनाएं तथा रामनगर के विकास की अनेक योजनाएं भी शासन स्तर पर लम्बित पडी हैं। उन्होंने कहा कि रामनगर में पेयजल योजनाओं, सीवर लाईन का निर्माण, होटल मैनेजमेंट, सांवल्दे पुल के साथ-साथ विधायक निधि से वन ग्रामों का विद्युतिकरण एवं अनेक मार्गों का सुधार एवं सुदृढिकरण करवाया गया है। यही नहीं बल्कि १३ विद्यालयों का हाईस्कूल तथा इण्टर स्तर पर उच्चीकरण करवाया गया है किन्तु श्री हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद से विकास योजनाए शासन स्तर लम्बित है।
अमृता रावत ने आगे कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति चिन्ताजनक है और मुख्यमंत्री रावत द्वारा आये दिन करोडो रूपयों की घोषणाएं की जा रही है। उत्तराखण्ड देवभूमि है और मुख्यमंत्री द्वारा देवभूमि को ही माफिया के हवाले कर दिया है। आशा कार्यकत्रियों की साडियों में भी घोटाला होने की बात प्रकाश में आई है। जैसाकि बतलाया गया है कि १२० रूपये की साडी को २७०० रूपये की दिखा कर लगभग १३ हजार करोड का घोटाला हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार को ढाई साल से ऊपर हो गया है परंतु कोई भी घोटाला अभी तक सामने नहीं आया है किसी मंत्री पर भ्रश्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है। मोदी जी ने ५०० और १००० के नोट बंद कर काले धन पर लगाम लगाई है।
रामनगर के वन ग्रामवासियों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के प्रति राज्य सरकार पूरी तरह उदासीन रही है। यही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी अपने घोषणा पत्र में किए गए वायदे के अनुसार वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं कर पाई है। रामनगर में ५९ विद्यालय शौचालय विहीन तथा ५५ विद्यालय पेयजल विहीन है,
२१ विद्यालय जीर्णशीर्ण स्थिति में है। दर्जनों पत्राचार के बाबजूद भी विद्यालयों में शौचालय एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। आजादी के वर्षों बाद भी वनग्रामों में संचालित विद्यालय खुले आसमान के नीचे संचालित हो रहे हैं। राज्य के चिकित्सालयों में चिकित्सक नहीं है जिसके कारण जनमान के जीवन के साथ खिलवाड हो रहा है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि रामनगर की उपेक्षा करने वाली सरकार को आने वाले विधान सभा चुनाव मे जनता करारा जबाब देगी।