17 SEP; मोदी ने अपने जन्मदिन पर मां हीरा बा का आशीर्वाद लिया
देश की अन्य प्रमुख खबरें- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी छात्रों ने स्याही फेंक # उन्हें पद से हटाने की कोशिश जारी – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस #दिल्ली सरकार को राज्य से बाहर छपे विज्ञापनों का पैसा चुकाने का आदेश #राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मियों द्वारा एयरलाइंस के पायलट से लाइसेंस मांगने #इन सबके बीच शिवपाल यादव के बेटे आदित्य भी उभरकर सामने आए #अभिनेत्री विद्या बालन डेंगू की शिकार हो गई #मोदी आज अपना 66वां जन्मदिन मनाने अपने गृह नगर गुजरात में #मेरे ऊपर नंज़रबंदी की तरह नज़रें – गुजरात में दलित आंदोलन की अगुवाई करने वाले जिग्नेश मेवानी #www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal) CS JOSHI- EDITOR & Bureau Report
गांधीनगर में अपनी मां हीरा बा का आशीर्वाद लिया -नरेंद्र मोदी अपने 66वें जन्मदिन पर शनिवार सुबह यहां गांधीनगर में मां हीराबेन से मिलने पहुंचे। वे करीब आधा घंटा मां के साथ रहे। इस दौरान पूरे वक्त उनका हाथ थामे रहे। मां के घर वे प्रोटोकॉल तोड़कर अपने लंबे काफिले के बगैर ही पहुंचे। इससे पहले मोदी शुक्रवार रात अहमदाबाद आए। पीएम बनने के बाद वे तीसरी बार मां से मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ”मां की ममता, मां का आशीर्वाद जीवन जीने की जड़ी-बूटी है।” बता दें कि दो दिन के गुजरात दौरे में मोदी कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत करेंगे। इसके बाद नवसारी जाकर हैंडिकैप्ड लोगों को हेल्पिंग इक्विपमेंट भी बांटेंगे। मोदी की मां उनके भाई पंकज के घर रहती हैं। यहां सुबह सवा सात बजे मोदी एक कार में बैठकर पहुंचे। वे हाफ कुर्ता पहने हुए थे। उनकी मां सोफे पर बैठी थीं। आते ही मोदी ने मां के पैर छुए। हीराबेन ने उन्हें हाथ में कुछ दिया। इसके बाद माेदी अपनी मां की दाहिनी तरफ बैठ गए। मोदी पूरे वक्त उनका हाथ थामे हुए थे। मोदी के काफिले में आमतौर पर 20 से ज्यादा कारें रहती हैं, जिनमें सिक्युरिटी, पर्सनल स्टाफ से लेकर एम्बुलेंस तक शामिल है।
– न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मोदी इतने बड़े काफिले के बगैर मां से मिलने पहुंचे। वे एक एसयूवी में सवार थे। पूरे रास्ते की नाकेबंदी की गई थी। मोदी की गाड़ी के आगे या पीछे काफिले की कोई कार मौजूद नहीं थी। यहां से मोदी राजभवन लौट गए, जहां सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर से उनकी मुलाकात हुई। मोदी के बर्थडे पर शनिवार को नवसारी में एक खास प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया गया है। इस प्रोग्राम में 11 हजार दिव्यांगों को इनवाइट किया गया है। इन सभी लोगों को मोदी इक्विपमेंट्स और किट्स गिफ्ट करेंगे। माना जा रहा है कि 11 हजार दिव्यांगों को एक साथ कभी इतने उपकरण गिफ्ट नहीं किए गए। इस लिहाज से मोदी नया गिनीज रिकॉर्ड बना सकते हैं। दो और रिकॉर्ड्स बन सकते हैं। 1000 दिव्यांग इतने ही दीपक एक साथ जलाएंगे। 1000 दिव्यांगों को व्हील चेयर्स दी जाएंगी। इसके पहले अमेरिका में 346 लोगों को एक साथ व्हील चेयर्स दी गई थीं। शनिवार को ये रिकॉर्ड टूट सकता है।
######केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पर भोपाल में एम्स के छात्रों ने स्याही फेंक दी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पर भोपाल में एम्स के छात्रों ने स्याही फेंक दी। छात्र बेहतर सुविधाओं और फेकल्टी की मांग कर रहे थे। फेंकी गई स्याही नड्डा के कुर्ते पर गिरी। इसके बाद उन्हें तुरंत गाड़ी में बैठाया गया। अभी तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस मामले में की छात्रा ने बताया कि हम उन्हें हमारी समस्याएं बताना चाहते थे लेकिन वे नहीं रूके। हम उन्हें रोकना चाहते थे।
नड्डा ने शनिवार को भोपाल स्थित एम्स का दौरा किया। इस दौरान उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। एम्स का दौरा करने पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच से किसी से स्याही फेंक दी। स्टूडेंट्स एम्स में बदइंतजामी से नाराज थे। इस दौरान मंत्री के ड्राइवर ने हड़बड़ी में गाड़ी आगे बढ़ा दी, जिससे MBBS की दो स्टूडेंट्स घायल हो गईं। बाद में नड्डा ने कहा, “पहले जो भी हुआ हो, वो मुझे नहीं पता। लेकिन अब सारी परेशानियां हल कर ली जाएंगी।” एम्स में असुविधाओं से नाराज स्टूडेंट्स ने नड्डा पर स्याही फेंकी और नारेबाजी की। स्टूडेंट्स एम्स में नये डायरेक्टर को अप्वाइंट करने, फैकल्टी, अन्य स्टाफ की कमी को दूर करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर, लैब की समस्याएं दूर करने की मांग कर रहे थे। स्टूडेंट्स का कहना था कि 2013-14 में जब से उन्होंने MBBS में एडमिशन लिया है, तब से वे प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं।यहां के प्रभारी डायरेक्टर नितिन एम नागरकर रायपुर एम्स की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।
###### आम आदमी पार्टी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की विज्ञापन गाइड लाइंस के उल्लंघन का दोषी
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की विज्ञापन गाइड लाइंस के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। केंद्र सरकार की बीबी टंडन समिति ने दिल्ली सरकार को राज्य से बाहर छपे विज्ञापनों का पैसा चुकाने का आदेश दिया है। टंडन समिति ने दिल्ली सरकार को निम्न चार कैटेगरी के तहत छपे विज्ञापनों पर हुए खर्च की भरपाई करने का निर्देश दिया है।
1. अलग-अलग वर्षगांठों पर दिल्ली के बाहर छपे विज्ञापन
2. ऐसे विज्ञापन जिन पर आम आदमी पार्टी का नाम छपा है
3. दूसरे राज्यों की घटनाओं पर मुख्यमंत्री के विचारों का प्रचार
4. विपक्ष पर निशाना साधने वाले विज्ञापन
केंद्र की कंटेंट रेगुलेशन कमेटी ने ने आम आदमी पार्टी को इन तमाम विज्ञापनों पर खर्च हुए रकम को सरकारी खजाने में वापस जमा करने के आदेश दिए हैं। आम आदमी पार्टी ने पूरे देश में विज्ञापनों पर कुल 18 करोड़ 47 लाख रुपये खर्च किए थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कंटेंट रेगुलेशन कमेटी ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी की छवि बनाने के लिए सार्वजनिक धन का विज्ञापनों पर गलत इस्तेमाल किया है। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है।
माकन ने कमेटी के पास शिकायत दर्ज कराया था कि आम आदमी पार्टी अपने विज्ञापनों में कोर्ट के दिशा निर्दशों के नौ बिंदुओं का उल्लंघन कर रही है। बाद में माकन के आरोपों की जांच करने पर कमेटी ने पाया कि कोर्ट के नौ बिंदुओं में से आम आदमी पार्टी छह बिंदुओं का वाकई में उल्लंघन कर रही है। कमेटी के मुताबिक आप सरकार ने अपने क्षेत्र से बाहर विज्ञापन दिए हैं। जिस कमेटी ने आम आदमी पार्टी सरकार को विज्ञापन मामले में दोषी माना है उसका गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने किया था। इस कमेटी में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी टंडन वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा और ऐड गुरु पीयूष पांडे शामिल हैं।
#### राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मियों द्वारा एयरलाइंस के पायलट से लाइसेंस मांगने का मामला
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मियों द्वारा एयरलाइंस के पायलट से लाइसेंस मांगने का मामला सामने आया है। राहुल गांधी दिल्ली से वाराणसी जा रह थे उस दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) ने जांच के लिए पायलटों से लाइसेंस दिखाने को कहा। सूत्रों के मुताबिक एसपीजी की ओर से ईंधन के जांच की भी मांग की गई थी। यह मामला 14 सितंबर का है, राहुल गांधी 8.55 am की इंडिगो फ्लाइट 6E 308 से वाराणसी जा रहे थे।
टीओई के मुताबिक क्रू मेंबर्स में शामिल एक सदस्य ने बताया कि एसपीजी की मांग सुनकर वे लोग हैरान रह गए। फ्लाइट के पायलटों ने अपना लाइसेंस दिखाने से इनकार करते हुए कहा इस बात की जानकारी आपको एयरलाइंस से करनी चाहिए, क्योंकि एसपीजी को पायलटों के लाइसेंस की जांच करने का अधिकार नहीं है। वहीं, डीजीसीए (डॉयरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) की ओर से भी फ्लाइट की जांच की जा रही थी इसलिए फ्यूल टेस्ट की एसपीजी की मांग पूरी की गई। हालांकि इस वजह से फ्लाइट की उड़ान में 45 मिनट की देरी हुई। विमान का फ्यूल सही पाए जाने पर फ्लाइट को वाराणसी के लिए रवाना किया गया।
इंडिगो एयरलाइंस के प्रवक्ता ने एसपीजी की इस डिमांड पर कुछ भी कहने से इनकार दिया है। बताया जा रहा है कि इस तरह की मांग पहले कभी नहीं की गई। स्पेशल वीआईपी फ्लाइट्स के लिए एक प्रोटोकॉल होता है, जहां एयर इंडिया या इंडियन एयरफोर्स में ऐसे समय पर फ्लाइट में बेहतरीन पायलटों को तैनात किया जाता है। लेकिन जब कोई वीआईपी कॉमर्शियल एयरलाइंस से यात्रा करता है तो उसकी सिक्योरिटी को पायलटों के लाइसेंस के जांच का अधिकार नहीं होता है।
करीब 30 साल तक वीआईपी फ्लाइट्स उड़ा चुके एयलाइंस के सीनियर पायलट का कहना है कि कॉकपिट में सिर्फ वहीं लोग होते हैं, जिन्हें वहां होना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम से एयरलाइंस और एविएशन अथॉरिटी हैरान है। जानकारी के मुताबिक सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत वीआईपी यात्रा के लिए एक ब्लू बुक होती है।
########इन सबके बीच शिवपाल यादव के बेटे आदित्य भी उभरकर सामने आए
समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच चल रही रस्साकशी फिलहाल थमती नजर आ रही है। मुलायम सिंह यादव के दखल और समझाइश के बाद दोनों नरम पड़ गए। शिवपाल को फिर से प्रदेशाध्यक्ष का पद मिल गया है तो अखिलेश ने उन्हें तीन मंत्रालय भी दे दिए हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश के सीएम ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण का जिम्मा मांगा है। लेकिन इन सबके बीच शिवपाल यादव के बेटे आदित्य भी उभरकर सामने आए हैं। 20 साल के आदित्य इस समय स्टेट कॉपरेटिव फैडरेशन के चेयरमैन हैं। वे फरवरी 2013 से इस पद पर हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से कभी पिता शिवपाल के साथ नजर नहीं आए। लेकिन अखिलेश-शिवपाल मामले में वे पिता के साथ खड़े दिखे।
मंगलवार को जब मुलायम ने शिवपाल को उत्तरप्रदेश सपा का अध्यक्ष बनाया तो इसके बाद से आदित्य शिवपाल के साथ हैं। सेफई में पैतृक घर के बाहर से लेकर बुधवार को गांववालों को संबोधित करने तक बाप-बेटे साथ रहे। बाद में जब शिवपाल दिल्ली में मुलायम के घर पर मिलने गए तब भी आदित्य उनके साथ थे। इस बैठक का हालांकि कोई नतीजा नहीं निकला। बाद में शिवपाल ने मंत्री और अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने पर उन्होंने लखनऊ में घर के बाहर समर्थकों को संबोधित किया। इस दौरान भी आदित्य उनके साथ खड़े रहे और लोगों को शांत करते रहे। सपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जो लोग शिवपाल के घर के बाहर इकट्ठा हुए उनमें से ज्यादातर नौजवान थे। वे आदित्य के लोग थे।
उन्होंने बताया, ”अभी तक शिवपाल कहा करते थे अखिलेश उनके लिए बेटे के समान हैं। लेकिन संकट के समय मदद के लिए वे आदित्य को भी तैयार कर रहे थे। आदित्य को साथ रखकर शिवपाल संदेश देना चाहते हैं कि उनके पास भी बेटा है जो कि उनके साथ खड़ा है।” आदित्य अगले साल होने वाले यूपी चुनाव में उतरने की तैयारी भी कर रहे हैं। बताया जाता है वे जसवंतनगर सीट से खड़े हो सकते हैं। उनके पिता शिवपाल यादव यह सीट छोड़ सकते हैं। आदित्य की इसी साल सुल्तानपुर के पूर्व कांग्रेसी नेता के परिवार में शादी हुई है।
#########अभिनेत्री विद्या बालन डेंगू की शिकार
अभिनेत्री विद्या बालन डेंगू की शिकार हो गई हैं. डॉक्टरों ने विद्या को आराम करने की सलाह दी है और शुक्रवार को बीमारी की पुष्टि होने के बाद से ही उन्हें घर पर अंडर ऑब्ज़र्वेशन रखा गया है.
बॉम्बे मुनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) ने डेंगू के फैलाव को रोकने में नाकाम होने के मामले में विद्या बालन के दो पड़ोसियों को नोटिस जारी किया है. इनमें शाहिद कपूर भी शामिल हैं. शाहिद के स्विमिंग पूल में बारिश का पानी जमा होने की वजह से वहां बड़ी मात्रा में डेंगू के मच्छरों को पैदा करने वाले किटाणु पाए गए.
बताते चलें कि शाहिद और विद्या जुहु इलाके के जुहू तारा रोड स्थित प्रणीति अपार्टमेंट में रहते हैं. हाल ही में अपनी फिल्म ‘कहानी 2’ की शूटिंग खत्म करने के बाद विद्या बालन यूएस से भारत लौटी हैं.
#####मोदी आज अपना 66वां जन्मदिन मनाने अपने गृह नगर गुजरात में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 66वां जन्मदिन मनाने अपने गृह नगर गुजरात में हैं. यहां सुबह उन्होंने गांधी नगर जाकर अपनी मां हीराबेन का आशीर्वाद लिया. पीएम सुबह करीब सवा 7 बजे अपनी मां के आवास पहुंचे और वहां उनके पांव छूकर आशीर्वाद लिया. पीएम इस दौरान करीब आधा घंटा अपनी मां के साथ रहे. पीएम की माता ने उन्हें अपने हाथों से बनी मिठाई खिलाई और काफी देर तक उनसे बातचीत भी की.
इसके बाद पीएम की मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर से मुलाक़ात हुई. चीफ जस्टिस से मिलने के बाद पीएम ने राजभवन में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी और दूसरे मंत्रियों से मुलाक़ात की. प्रधानमंत्री के इन कार्यक्रमों को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्त इंतज़ाम किए हैं. इसके बाद में प्रधानमंत्री ने लिमखेड़ा कस्बे में सिंचाई और आदिवासी विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया और एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जब गुजरात का गठन हुआ था तो लोगों ने सवाल उठाए थे कि गुजरात का विकास हो पाएगा या नहीं, लेकिन आज हम देख सकते हैं कि राज्य ने विकास किया है.
दोपहर बाद पीएम मोदी नवसारी जाएंगे, जहां उन्हें एक कार्यक्रम में हिस्सा लेना है. इस कार्यक्रम में दिव्यांगजनों को सहायता वितरित की जाएगी. नवसारी में प्रधानमंत्री दिव्यांगजनों को किट और सहायता प्रदान करेंगे. वह नवसारी कस्बे के पास एक बड़ी सभा को भी संबोधित करेंगे.
दरअसल, पटेल आरक्षण आंदोलन और उना में हुई दलित उत्पीड़न की घटना के बाद बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद बीजेपी को गुजरात में काफी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है और अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव हैं. पिछले महीने मोदी दो बार गुजरात की यात्रा पर आए थे.
उल्लेखनीय है कि अपने 66वें जन्मदिन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार रात अहमदाबाद पहुंचे. स्थानीय हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित पूरी गुजरात कैबिनेट, बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघानी एवं पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हवाई अड्डे पर स्वागत किया. हाल के दिनों में यह प्रधानमंत्री की तीसरी गुजरात यात्रा है. गौरतलब है कि अगले साल गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
अपने भव्य स्वागत के बाद पीएम मोदी ने गुजरात बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया और सीधा गांधीनगर स्थित राज भवन गए. पार्टी के कुछ कार्यकर्ता निराश दिखे, क्योंकि पीएम मोदी ने उन्हें संबोधित नहीं किया.
########### मेरे ऊपर नंज़रबंदी की तरह नज़रें – गुजरात में दलित आंदोलन की अगुवाई करने वाले जिग्नेश मेवानी
गुजरात में दलित आंदोलन की अगुवाई करने वाले जिग्नेश मेवानी को शुक्रवार रात अहमदाबाद हवाईअड्डे से हिरासत में ले लिया गया था. दिल्ली से लौट रहे जिग्नेश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय यात्रा से पहले हिरासत में लिया गया. बता दें कि पीएम अपने जन्मदिन के मौके पर दो दिन के लिए गुजरात आए हुए हैं.
मेवानी को क्राइम ब्रांच दफ्तर में रखा गया था और अब उन्हें रिहा कर दिया गया है. हालांकि शनिवार को मेवानी ने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट डाली है जिसके मुताबिक उन पर अभी भी नज़र रखी गई है.
इस पोस्ट में लिखा गया है ‘दोस्तों और शुभचिंतकों, मैं तकनीकी तौर पर तो रिहा हो गया हूं लेकिन अभी भी मेरे ऊपर नंज़रबंदी की तरह नज़रें रखी जा रही है क्योंकि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम लगातार मेरे साथ है.
अभी अभी खबर मिली है कि कार्यकर्ता दोस्त शमशाद पठान और आसिम शेख को दादरी पार्ट 2 यानि गौरक्षकों द्वारा अहमदाबाद के मोहम्मद अय्यूब की हत्या के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए हिरासत में ले लिया गया है. बाहर निकलिए और उनका साथ दीजिए. बाहर निकलिए और बस्तर के प्रभात सिंह और कश्मीर के खुर्रम परवेज़ का साथ दीजिए. मेरी हिरासत तो नगण्य है, उन्हें समर्थन की जरूरत है.’
####### उन्हें पद से हटाने की कोशिश जारी – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मराठा समाज के राज्य में बरकरार आंदोलनों के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उन्हें हटाकर मराठा समाज के सवाल हल नहीं होने वाले. दूरदर्शन के मराठी चैनल सह्याद्री को दिए साक्षात्कार में फडणवीस ने ये बात कही है. वे यह भी कहते सुने गए कि उन्हें पद से हटाने की कोशिश जारी है.
लेकिन, ऐसा हुआ भी तो जो भी नया आएगा वह भी कुछ तुरंत न कर सकेगा. क्योंकि मराठा समाज के प्रश्न पिछले 15 साल सत्ता में बने रहने वाले मराठा नेताओं की वजह से बने हैं न कि उनकी वजह से. उन्होंने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर उन्हें दो साल भी पूरे नहीं हुए हैं.
दरअसल, महाराष्ट्र में कोपर्डी बलात्कार घटना के बाद हर जिले में मराठा समाज के मोर्चे निकल रहे हैं. जिसका सन्दर्भ जोड़कर मुख्यमंत्री के बयान को देखा जाना चाहिए. कोपर्डी कांड की पीड़ित मराठा थी.
जबकि, अत्याचार करने वाले दलित. इस घटना के बाद अत्याचार करने वालों को फांसी देने की मांग लेकर हर जिले में मराठा सडकों पर उतर रहे हैं. इस आंदोलन में दलित अत्याचार प्रतिबंध अर्थात एट्रोसिटी कानून को हटाने की मांग भी हो रही है.
मराठा महाराष्ट्र की शासक जमात है, जैसे उत्तर प्रदेश में ठाकुर या वर्ण व्यवस्था में क्षत्रिय. महाराष्ट्र में 32 फीसदी आबादी रखने वाले मराठा जाति के लोगों के लाखों की तादाद के मोर्चे पिछले महीनों में महाराष्ट्र में जारी है.
महाराष्ट्र की आबादी में 2 फीसदी हिस्सा रखने वाले ब्राह्मण आबादी का मुख्यमंत्री होना भी इस आंदोलन की वजह बताया जा रहा है. इस सन्दर्भ में पूछे सवाल पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी राजनीतिक स्थिरता से जुड़ा बयान दिया है.
अपने साक्षात्कार में मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट रूप से कहा कि मराठा आंदोलनकारी महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व से नहीं बल्कि उन्ही के समाज के नेतृत्व से सताए हुए हैं.