देश को मोदी की पाकिस्तान नीति नामंजूर
देश को मोदी की पाकिस्तान नीति नामंजूर – होने से भाजपा को इसका दूरगामी विपरीत परिणाम देखने कोो मिल सकता है- कई राज्यों में विधानसभा चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है- ऐसे समय में मोदी की पाक नीति नामंजूर किये जाने से भाजपा को विधान सभा चुनावों में शिकस्त मिल सकती है- हिमालयायूके न्यूज पोर्टल-
सर्वेक्षण में शामिल किए गए आधे से अधिक लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तान नीति को नामंजूर कर दिया
प्यू रिसर्च सेंटर’ के एक ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक आतंकवाद की बुराई को शिकस्त देने के लिए 60 फीसदी से अधिक भारतीय सैन्य बल के इस्तेमाल का समर्थन करते हैं। वहीं, सर्वेक्षण में शामिल किए गए आधे से अधिक लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तान नीति को नामंजूर कर दिया, जबकि उनकी पाकिस्तान नीति को महज 22 फीसदी लोगों ने मंजूरी दी है। प्यू ने अपने 40 पन्नों की रिपोर्ट में कहा है कि करीब 52 फीसदी भारतीय इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आईएसआईएस उनके देश में एक बड़ा खतरा पैदा करता है। 10 में करीब छह भारतीय (62 फीसदी) का मानना है कि दुनिया भर में आतंकवाद को शिकस्त देने के लिए सैन्य इस्तेमाल सर्वश्रेष्ठ तरीका है। सिर्फ 21 फीसदी ने कहा कि ऐसे बल पर अत्यधिक निर्भरता नफरत पैदा करता है जो और अधिक आतंकवाद की ओर ले जाता है।
प्यू रिसर्च सेंटर के सालाना सर्वेक्षण में शामिल किए गए 68 फीसदी लोगों को लगता है कि भारत 10 साल पहले की तुलना में आज दुनिया में कहीं अधिक अहम भूमिका निभाता है। यह सर्वेक्षण 2464 लोगों पर सात अप्रैल से 24 मई के बीच किया गया था। इसमें कहा गया है कि सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक लोगों ने पाकिस्तान के साथ भारत के अस्थिर संबंध के मोदी के प्रबंधन को नामंजूर कर दिया है। मोदी की पाकिस्तान नीति को महज 22 फीसदी लोगों ने मंजूरी दी है। पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले के कुछ महीनों बाद यह सर्वेक्षण किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के आधे से ज्यादा समर्थक (54 फीसदी) और कांग्रेस पार्टी के अधिकांश समर्थकों (45 फीसदी) ने पाकिस्तान के साथ संबंधों के मामले में प्रधानमंत्री के तरीके को नामंजूर कर दिया। वहीं, चीन के साथ संबंधों के मामले में मोदी की खुद की पार्टी, भाजपा के समर्थक कांग्रेस पार्टी के समर्थकों की तुलना में द्विपक्षीय संबंध पर उनके कार्य का कहीं अधिक संख्या में सहमत हैं। प्यू ने कहा कि भारतीय रक्षा पर कहीं अधिक खर्च किए जाने के समर्थक हैं। दलगत भावना से ऊपर उठते हुए 10 में छह (63 फीसदी) लोगों का मानना है कि देश को राष्ट्रीय सुरक्षा पर खर्च बढ़ाना चाहिए जबकि महज छह फीसदी ने इसे घटाने की बात कही। वहीं, 20 फीसदी लोग मानते हैं कि इसे मौजूदा स्तर पर ही रखा जाए।