मुलायम सिंह का ऐलान- राष्ट्रपति पद हेतु एनडीए कैंडिडेट का समर्थन
शर्त- कट्टर भगवा चेहरा नहीं: मुलायम ने इसके साथ एक शर्त भी जोड़ी है कि उम्मीदवार सभी द्वारा स्वीकार्य व कट्टर भगवा चेहरा नहीं होना चाहिए. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के सर्वाधिकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने पर एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने असहमति जताई ; #पश्चिम बंगाल सरकार के साथ किसी भी तरह की वार्ता से इनकार# हिमालय गौरव उत्तराखण्ड-
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं भी काफी तेज हैँ. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए भाजपा लगातार सभी दलों के साथ बैठक कर रही है. इसी बीच सपा के संस्थापक व वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने एक बड़ा ऐलान किया है कि वह राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए कैंडिडेट का समर्थन करेंगे. गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को इस मसले पर मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर बातचीत की थी. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा गठित पैनल के सदस्य विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात करके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर एक राय बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में आम राय बनाने की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के सर्वाधिकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने पर एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने असहमति जताई है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है. अमित शाह महाराष्ट्र के तीन दिन के दौरे पर हैं अमित शाह के दौरे का आज तीसरा दिन है. अमित शाह और उद्धव ठाकरे की ये मुलाकात राष्ट्रपति चुनाव को लेकर काफी अहम है. शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के लिए पहले आरएसएस प्रमुक मोहन भागवत का नाम आगे बढ़ाया था. जब मोहन भागवत ने खुद को रेस से बाहर बताया तो शिवसेना ने हरित क्रांति के जनत एसएम स्वामिनाथन का नाम आगे बढ़ाया था. ष्ट्रपति चुनाव पर अमित शाह ने तीन केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, वैंकेया नायडू और अरुण जेटली की कमेटी बनाई है जो अलग अलग दलों के नेताओं से मिलकर उम्मीदवार को लेकर चर्चा कर रही है. ये कमेटी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, डी राजा, मुलायम सिंह यादव, नरेश अग्रवाल, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेताओं से मुलाकात कर चुकी है.
एनडीए की ओर से अभी तक किसी भी उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं हुआ है. बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सीताराम येचुरी ने कहा था कि जब कोई नाम ही नहीं बताया गया तो फिर चर्चा कैसी?
इसी कवायद को लेकर रविवार सुबह 10 बजे के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ पहुंचे, जहां सवा घंटे तक उनकी बैठक चली. बैठक में शिवसेना प्रमुख अपने बेटे आदित्य समेत शरीक हुए, जबकि अमित शाह का साथ देने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष रावसाहब दानवे शामिल हुए.
बैठक में बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव दिया गया कि राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार चुनने के सर्वाधिकार एनडीए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए हैं, सो, शिवसेना भी इसका समर्थन करे. ज्ञात हो कि शिवसेना अपनी तरफ से बिना पूछे पहले सरसंघचालक मोहन भागवत और बाद में कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन के नामों को आगे कर चुकी है. बीजेपी की कवायद थी कि शिवसेना नामों को सुझाने के बजाय एनडीए का अनुशासन बनाए रखे.
सूत्र बता रहे हैं कि शिवसेना ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार किया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी अपने उम्मीदवार का नाम बिना बताए शिवसेना से समर्थन की अपेक्षा कैसे कर रही है. ठाकरे का तर्क है कि वह अपने तरफ से दो नामों की घोषणा कर चुके हैं, सो, बीजेपी को उन पर प्रतिक्रिया देनी होगी. अगर नाम तय करना है तो एनडीए तय करेगा, केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं. ऐसे में बैठक ख़त्म कर खाली हाथ लौटने के सिवाय बीजेपी नेताओं के पास कोई और चारा नहीं था.
###########पश्चिम बंगाल सरकार के साथ किसी भी तरह की वार्ता से इनकार
दार्जिलिंग/कोलकाता (पश्चिम बंगाल): जीजेएम ने पश्चिम बंगाल सरकार के साथ किसी भी तरह की वार्ता से इनकार किया लेकिन कहा कहा कि वह केंद्र एनडीए सरकार के साथ वार्ता करने को लेकर सहज है. जीजेएम के नेता बिनय तमांग ने कहा, हम पश्चिम बंगाल सरकार के साथ वार्ता करने को तैयार नहीं है. ममता बनर्जी ने हमारा अपमान किया है उन्होंने हमें आतंकवादी कहा है. उन्होंने कहा, हम अपने अधिकारों और आजादी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. हम केवल केंद्र सरकार के साथ वार्ता करेंगे. ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ वार्ता करने में हमारी दिलचस्पी नहीं है.
अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर पिछले 10 दिनों से अशांत चल रहे दार्जिलिंग में शनिवार को जीजेएम कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच व्यापक झड़प देखने को मिली. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) का एक सहायक कमांडेंट समेत 35 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. सहायक कमांडेंट गंभीर रूप से घायल हो गए. दार्जिलिंग में कुछ वर्षो के अंतराल के बाद आठ जून से फिर से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद से यह पहली मौत है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर पेट्रोल बम फेंके, पथराव किया और बोतल फेंके. इस पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज का सहारा लेना पड़ा.
हालात पर नियंत्रण के लिये सेना की टुकड़ियां तैनात
हालात पर नियंत्रण के लिये सेना की टुकड़ियां तैनात की गई हैं और दार्जिलिंग और कुसर्यिांग समेत हिंसा प्रभावित पहाड़ी जिले के कई क्षेत्रों में सेना ने फ्लैग मार्च किया. वहां अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन बंद शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. दार्जिलिंग का सिंगमारी इलाका संघर्ष क्षेत्र में तब्दील हो गया क्योंकि जीजेएम कार्यकर्ताओं ने दंगा रोधी पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल बम और पत्थर फेंके. पुलिसकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिये आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. इस घटना ने प्रशासन को इलाके में सेना की टुकड़ी तैनात करने को मजबूर किया. इस घटना में कई लोग घायल हो गए थे. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में सेना की छह टुकड़ियां (तकरीबन 250 कर्मी) तैनात हैं और कलीमपोंग में हालात तनावपूर्ण है. सिंगमारी के अलावा लेबोंगकार्ट रोड, चौक बाजार और घुम में भी संघर्ष हुआ. घुम में देश का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है.
सिंगमारी में एक व्यक्ति की मौत हुई, 35 पुलिसकर्मी घायल
पश्चिम बंगाल के एडीजी (कानून व्यवस्था) अनुज शर्मा ने कोलकाता में बताया कि सिंगमारी में एक व्यक्ति की मौत हुई और तकरीबन 35 पुलिसकर्मी घायल हो गए. उनमें से 19 गंभीर रूप से घायल हैं. हालांकि, जीजेएम ने दावा किया कि पुलिस की गोलीबारी में दो पार्टी समर्थक मारे गए. जीजेएम प्रमुख बिमल गुरंग ने अज्ञात स्थान से एक वक्तव्य में कहा, ‘पुलिस गोलीबारी में हमारे दो साथी मारे गए. वे गोरखालैंड आंदोलन के शहीद हैं. पहाड़ियों के लोग तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि गोरखालैंड नहीं मिल जाता है.’ उन्होंने कहा, ‘अंतिम लड़ाई चल रही है. या तो हम अपना अधिकार पा लेंगे या इसके लिए मर जाएंगे.’ गुरंग के दावे को एडीजी शर्मा ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने गोली नहीं चलाई. एक भी गोली नहीं चलाई गई. यह जीजेएम था, जिसने हम पर गोलीबारी की.’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आईआरबी की दूसरी बटालियन के सहायक कमांडेंट किरण तमांग हिंसा में गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि तमांग को सिलिगुड़ी में एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है. इससे पहले, आईआरबी सूत्रों ने बताया था कि संघर्ष में तमांग मारे गए.
राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी से की बात
हिंसा जारी रहने के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को फोन किया और वहां के हालात पर चर्चा की. बातचीत के दौरान बनर्जी ने गृह मंत्री को कानून व्यवस्था कायम रखने और पहाड़ी जिले में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिये राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी. सिंह ने मुख्यमंत्री से हिल स्टेशन में शांति बहाल करने के लिये हरसंभव कदम उठाने को कहा.
गहरी साजिश है दार्जिलिंग में हिंसा : ममता
बनर्जी ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, ‘आज जो हो रहा है, वह गहरी साजिश है. इतने सारे बम और हथियार एक दिन में नहीं जुटाए जा सकते. मैं अपने जीवन की कुर्बानी देने को तैयार हूं, लेकिन मैं बंगाल का विभाजन नहीं होने दूंगी.’ उन्होंने कहा कि जीजेएम के पूर्वोत्तर में विद्रोही समूहों और कुछ दूसरे मुल्कों के साथ संबंध हैं. हालांकि, उन्होंने किसी विद्रोही समूह या दूसरे मुल्क का नाम नहीं लिया. बनर्जी ने कहा, ‘इस गुंडागर्दी के पीछे आतंकवादी दिमाग है. हमारे पास सुराग है कि उनका पूर्वोत्तर में भूमिगत विद्रोही समूहों के साथ संबंध है. कुछ दूसरे मुल्क भी उनकी मदद कर रहे हैं.’
अमित शाह ने किया ममता पर पलटवार
दार्जिलिंग की पहाड़ियों में जारी आंदोलन के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर आंदोलन को प्रोत्साहित करने के आरोप लगाए और दावा किया कि इसमें गहरा षड्यंत्र है. बहरहाल हिंसक आंदोलन के लिए उन्होंने भाजपा पर सीधे आरोप नहीं लगाए और दावा किया कि इसे पूर्वोत्तर के उग्रवादी समूहों और दूसरे देशों से समर्थन मिल रहा है. उनके बयान पर भाजपा प्रमुख अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें हर चीज में षड्यंत्र दिखता है. शाह ने कहा कि ममता को हर चीज में षड्यंत्र दिखता है. शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ममता को हर चीज में षड्यंत्र दिखता है. उन्होंने भारतीय सेना के खिलाफ भी ऐसे ही आरोप लगाए थे. उनसे पूछा गया था कि दार्जिलिंग में चल रहे आंदोलन को ममता ने गहरा षड्यंत्र करार दिया है जिसका समर्थन पूर्वोत्तर के कुछ उग्रवादी समूह और दूसरे देश कर रहे हैं.
पुलिस ने बताया कि हिंसा में कथित तौर पर संलिप्तता के लिये सात जीजेएम समर्थकों को गिरफ्तार किया गया. सिंगमारी घटना का ब्योरा देते हुए पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इलाके में निषेधाज्ञा लागू थी और हाथ में तिरंगा और जीजेएम का ध्वज लिये प्रदर्शनकारियों से पुलिस ने वापस लौटने को कहा. नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारी नहीं माने और पुलिस पर पत्थर और बोतल फेंकने लगे. पुलिस के कई वाहनों में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने उनसे वापस जाने को कहा, लेकिन उन्होंने पत्थर, बोतल और पेट्रोल बम फेंकना शुरू कर दिया. हमें लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा.’
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