मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का चुनावी बजट
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने चुनावी साल में अपना आखिरी बजट पेश कर दिया है. चुनावी साल को देखते हुए इस बजट में गांव, गरीब, किसानों, मजदूरों के लिए कई घोषणाएं की गईं. इसमें लंबे समय से मांग की जा रही आयकर छूट की सीमा भी बढ़ाई गई.
आईए जानते हैं मोदी सरकार के आखिरी बजट की मुख्य बातें क्या हैं:
- आयकर छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है. वहीं, अगर आप निवेश करते हैं तो 6.5 लाख रुपये की राशि पर छूट का लाभ ले सकते हैं. सरकार का दावा है कि इसके तहत सीधेे-सीधे तीन करोड़ लोग लाभांवित होंगे. हालांकि साल 2019-20 में इनकम टैक्स की मौजूदा दरें ही रहेंगी. नई छूट का लाभ 2020-21 से लागू होगा.
-
बैंक या पोस्ट ऑफिस में की गई डिपॉजिट पर मिलने वाले 40 हजार रुपये तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं कटेगा.
वेतनभोगी तबके के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया
रक्षा बजट को बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा.
मनरेगा के लिए 60 हजार करोड़ रुपये की घोषणा
- वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय गोकुल योजना शुरू करने का किया ऐलान, 750 करोड़ रुपये दिए जाएंगे
- आपदा प्रभावित लोगों को ब्याज में 5 फीसदी की छूट की घोषणा
- ग्रैच्यूटी भुगतान सीमा 10 लाख से 20 लाख करने की घोषणा
- हादसे के स्थिति में ईपीएफओ की बीमा राशि 6 लाख रुपये हुई.
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मौत पर मुआवजा राशि को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने की घोषणा.
- घुमंतू समुदाय की पहचान करेगा नीति आयोग पहचान का काम करेगी. उनके लिए कल्याण बोर्ड बनाया जाएगा.
- अगले पांच साल में 1 लाख डिजिटल गांव बनाने की घोषणा
- वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक मदद के लिए 75 हजार करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की. इसके तहत 2 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को 6 हजार रुपये प्रति वर्ष की सहायता राशि दी जाएगी. यह पैसा सीधे उनके खाते में तीन बार में जमा हो जाएगा. इससे 12 करोड़ किसानों को सीधा लाभ होगा. यह कार्यक्रम 1 दिसंबर 2018 से लागू किया जाएगा.
- दूसरा मकान खरीदने से टैक्स में राहत
- गांव की सड़कों के लिए 19 हजार करोड़ रुपये दिए जाने का ऐलान
- सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सौगात देते हुए उनके लिए प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का ऐलान है. 10 करोड़ मजदूरों को लाभांवित करने वाली इस योजना का लाभ मजदूरों को 60 वर्ष की आयु के बाद मिलेगा. मजदूरों को प्रति माह 100 रुपये का अंशदान करना होगा जिसके बाद उन्हें 3,000 रुपए प्रति माह मासिक पेंशन मिलेगी.
- पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 प्रतिशत की छूट
- पशुपालन के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड
वित्त मंत्री ने कहा, 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद सबसे कम रही महंगाई दर:
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए औसत महंगाई दर को 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद सबसे कम बताया.
वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए गोयल ने लोकसभा को बताया कि 2009-2014 के बीच महंगाई की औसत दर 10.1 फीसदी थी और एनडीए सरकार में यह घटकर 4.6 फीसदी पर आ गई है.
गोयल ने करदाताओं की संख्या में 80 फीसदी बढ़ोतरी का दावा करते हुए ईमानदार करदाताओं का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये का टैक्स मिला जबकि 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने टैक्स फाइल किया.
वित्त मंत्री ने उज्ज्वला योजना में 6 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जाने का दावा किया और कहा कि 70 फीसदी मुद्रा लोन महिलाओं को मिले.
गोयल ने कहा कि यह साल भारतीय रेल लिए सबसे सुरक्षित साल रहा. वहीं उन्होंने देश में सभी ब्रॉडगेज लाइन से मानवरहित क्रॉसिंग खत्म किए जाने का भी दावा किया.
योगेंद्र बोले, लगता है जल्द ही ख़ुद इतिहास बन जाएँगे पीएम मोदी!
योगेंद्र यादव ने मोदी सरकार की किसानों को 6 हजार रुपये प्रति साल देने की घोषणा को लेकर तंज कसे हैं। यादव स्वराज इंडिया के अध्यक्ष हैं, जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक हैं और साथ ही किसानों के लिए लंबे समय से काम भी करते रहे हैं। यादव ने मोदी सरकार को बताया है कि उसकी इस महान सरकारी ‘मदद’ से एक आम किसान को क्या मिल सकता है।
मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि इस योजना के तहत छोटे किसानों के (2 हेक्टेयर तक की ज़मीन वाले) खाते में हर साल 6 हजार रुपये दिए जाएँगे।
योगेंद्र यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर सरकार की इस योजना को किसानों के साथ मजाक बताया है। योगेंद्र ने ट्वीट करते हुए कहा कि लगता है जल्द ही पीएम ख़ुद इतिहास बनने वाले हैं।
यादव ने तंज कसते हुए इस योजना को ‘ऐतिहासिक’ भी बताया है। उन्होंने कहा, ‘सरकार किसानों के घावों पर नमक छिड़क रही है। सरकार की यह ‘मदद’ मनरेगा में या बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन से भी बहुत कम है।’
यादव ने कहा है कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का वादा करने वाली यह सरकार इस पर जवाब देने के बजाए किसानों के वोट का सौदा कर रही है।
यादव ने कहा, अगर किसी परिवार में 5 सदस्य हैं तो 6000 रुपये साल का मतलब इस परिवार के लिए प्रतिदिन 3.30 रुपये प्रति सदस्य होता है। यादव ने कहा, इसमें तो एक कप चाय भी नहीं मिलती। उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या यह पैसा चाय पर चर्चा के लिए दिया गया है।
यादव ने कहा कि सरकार की इस योजना का सीधा मतलब यह है कि वह बीजेपी के लिए किसानों के वोट खरीदेगी और इस पर 20 हजार करोड़ रुपये ख़र्च करेगी। यादव ने कहा कि लेकिन ऐसी योजनाओं से कोई फ़ायदा नहीं होता। अंत समय में चली गई ऐसी चालें कामयाब नहीं होतीं।