मुस्लिम बहुल इलाके में भीड़ ने नरेन्द्र मोदी का काफिला घेर लिया; फिर–
नरेन्द्र मोदी कल जब भाबरा की गलियों आज़ाद के स्मारक की ओर जा रहे थे तो मुस्लिम बहुल इलाके में भीड़ ने काफिला घेर लिया. और फिर जो हुआ उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी… दरअसल पीएम मोदी, चंद्रशेखर आजाद के गांव भावरा से उनके स्मारक की तरफ जा रहे थे बीच में मुस्लिम बहुल इलाका था और वहां स्थानिय लोगों ने काफिला घेर लिया.. उत्साहित लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे. यह देख सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए. इस बीच अचानक काफिला रुक गया और अभी कोई कुछ समझ पाता कि पीएम मोदी लोगों के बीच में थे पीएम मोदी ने भी उन्हें निराश नहीं किया. कार उतर कर उन्होंने वहां बुजुर्गों से गर्मजोशी से मुलाकात की और हाथ मिलाया. पीएम मोदी को अपने बीच पाकर लोगों का उत्साह दोगुना हो गया. हालांकि, कुछ देर के लिए सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती पैदा हो गई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल जब भाबरा की गलियों से होकर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के स्मारक की ओर जा रहे थे तो मुस्लिम बहुल इलाके में भीड़ ने काफिला को घेर लिया और फिर चारों तरफ मोदी-मोदी के नारे गूंजने लगे. मोदी ने भी उन्हें निराश नहीं किया और जनता का जोश से अभिनंदन किया.
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चंद्रशेखर आजाद को श्रद्धांजलि देने उनकी जन्मभूमि भावरा जाना था. मोदी इंदौर से हेलिकॉप्टर लेकर अलीराजपुर जिले के करेटी गांव पहुंचे और यहां से फिर वो भावरा के लिए निकल गए. करीब साढ़े चार किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद पीएम का काफिला चंद्रशेखर आजाद के स्मारक से पहले तंग गलियों से होकर गुजरता है. स्मारक पहुंचने से पहले जैसे ही मोदी का काफिला मुस्लिमों की एक बस्ती से गुजरता है कि तभी मोदी-मोदी के नारे लगाते मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पीएम के काफिले को घेर लिया और फिर जो हुआ उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी.
उत्साहित लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे यह देख सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए. इस बीच अचानक काफिला रुक गया और अभी कोई कुछ समझ पाता तब तक पीएम मोदी लोगों के बीच में थे. प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम समुदाय के इन लोगों को निराश नहीं किया. कार से उतर कर उन्होंने वहां बुजुर्गों से गर्मजोशी से मुलाकात की और हाथ भी मिलाया.
ये लोग मुस्लिम बोहरा समुदाय से थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां आने के बारे में लोगों को कई दिन पहले से जानकारी मिल गई थी. प्रधानमंत्री से मिलने की इन्होंने कोई योजना नहीं बनाई थी लेकिन इन्हें भरोसा था कि अगर हम प्रधानमंत्री के रास्ते में खड़े हो गए तो देश का सबसे बड़ा नेता इन्हें निराश नहीं करेगा.
जिस समय प्रधानमंत्री मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिल रहे थे उस दौरान मीडिया का कैमरा मौजूद नहीं था. किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल से इन तस्वीरों को कैद कर लिया.