कुदरत जब चाहती, प्रलय से बड़े पैमाने पर धन जन हानि
समुद्र से घिरे अमेरिका और चीन के तटीय इलाकों के डूबने का खतरा बना रहता है।
तूफान या चक्रवात दुनिया के हर हिस्से में आते हैं। ये प्राकृतिक आपदाएं हैं, जिनसे हर साल हजारों लोग मारे जाते हैं और अपार नुकसान भी होता है।
क्या तूफान से चीन और अमेरिका जैसे देश नष्ट हो सकते हैं? क्या हैं भौगोलिक स्थितियां, जिनसे समुद्र तटीय देशों में तूफान या चक्रवात से तबाही आने का खतरा बढ़ जाता है।
तूफान : कुदरत जब चाहती है, प्रलह से धन जन हानि बड़े पैमाने पर होती हैं। हर वर्ष तूफान की वजह से अनेक देशों के अलावा भारत के भी कई इलाकों में आंधी और बारिश का कहर देखने को मिलता है।
तूफ़ान आने वाले समय में ज्यादा विनाशकारी साबित होगी। वजह यह है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्र का पानी लगातार गर्म हो रहा है। महज अरब सागर का पानी अब तक 1.2 सेंटीग्रेड गर्म हो चुका है।
चीन के शंघाई शहर में सोमवार को ‘बेबिंका’ तूफान ने दस्तक दी जो पिछले 75 साल में शहर में आया सबसे शक्तिशाली तूफान है।
हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने बताया कि 2.5 करोड़ की आबादी वाले इस विशाल शहर से 4,14,000 से अधिक लोगों को अन्य स्थानों पर ले जाया गया
म्यांमार में प्राकृतिक आपदा से मरने वालों की संख्या 500 के पार पहुंच चुकी है।
200 से ज्यादा की मौत वियतनाम में तूफान यागी के चलते आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इस तूफान के चलते 100 से ज्यादा लोग लापता है। वहीं 800 से ज्यादा घायल हुए हैं। 10 सिंतबर को लाओ काई प्रांत में भूस्खलन के कारण लैंग नू गांव मिट्टी में जमींदोज हो गया।
मई 24 में अमेरिका के दक्षिणी मैदानी क्षेत्रों ओजार्क्स समेत चार प्रांतों में तूफान से 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घर तबाह हो गए। बिजली संकट की वजह से 5 लाख लोगों को अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा था।