हम पुतले नहीं जलाते -लटका देते हैं – पत्थर पर संदेश
पुतलों की जगह हम खुद को खत्म कर रहे हैं; Top Breaking; www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
पद्मावती पर चल रहे विवाद के बीच नाहरगढ़ फोर्ट की दीवार से एक युवक का शव मिला है। शव के पास एक पत्थर पर संदेश लिखा हुआ है कि लोग पद्मावती के विरोध में पुतले जला रहे हैं लेकिन हम पुतले नहीं जलाते लटका देते हैं। पुतलों की जगह हम खुद को खत्म कर रहे हैं। रिलीज से पहले ही फिल्म को कई राज्यों में बैन कर दिया गया है। फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होनी थी लेकिन अभी इस पर संशय बना हुआ है।
फिल्म पद्मावती को लेकर विरोध-प्रदर्शन अब खूनी रूप लेता नजर आ रहा है। राजस्थान के जयपुर के पास स्थित नाहरगढ़ किले की प्राचीर पर एक शख्स की लाश लटकी हुई मिली है। शव के पास से स्यूसाइड नोट भी बरामद हुआ है। इसमें लिखा है कि यह शख्स स्क्रीनिंग के विरोध में पद्मावती का पुतला जलाए जाने से नाराज था। नोट को मुताबिक उसने कहा कि वह फिल्म पद्मावती को लेकर आत्महत्या कर रहा है। उसके शरीर पर लिखा था-पद्मावती का विरोध। हालांकि घटनास्थल पर एक पत्थर पर लिखा है-हम सिर्फ पुतले नहीं लटकाते। इससे शक मर्डर की ओर भी जाता है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह आत्महत्या है या मर्डर। किले पर लटकती मिली लाश की पहचान जयपुर निवासी चेतन सैनी (40) के रूप में हुई है। पुलिस ने लाश को किले से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस मामले में ज्यादा जानकारी का इंतजार है।
वही दूसरी ओर देहरादून में उत्तराखण्ड रक्षा अभियान के संयोजक श्री हरिकिशन किमोठी ने जारी एक बयान में कहा है कि पद्मावती फिल्म उत्तराखण्ड में भी रिलीज नही होनी चाहिए, अगर उत्तराखण्ड मे किसी भी रूप में यह फिल्म दिखायी गयी तो उत्तराखण्ड रक्षा अभियान इसके विरोध में सडको पर उतरेगा, इतिहास के तथ्यो से छेडछानी करना गंभीर विषय है, त्याग, मर्यादा से खिलवाड करना एक गंभीर विषय है, समाज की मर्यादा को मात्र पैसे कमाने का धंधा बना दिया है, यह सीतामाई का देश है, गार्गी, विदतोत्तमा का देश है, यह वीरागना लक्ष्मीबाई महारानी पदमावती, महारानी दुर्गावती का देश है, हमारा समाज इनको आदर्श मानता है, यह समाज की प्रेरणा के स्रोत है, इनको पूजा जाता है, जो मर्यादा स्थापित है, भंसाली जैसे लोग इनकी मर्यादा को छिन्न भिन्न करने का कार्य कर रहे हैं, इन पर कडी निगरानी होनी चाहिए, अश्लील संस्क़ति को हिन्दू समाज कभी स्वीकार नही करेगा,
गौरतलब है कि संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित इस फिल्म का लंबे समय से देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस वजह से फिल्म निर्माताओं ने इसकी रिलीज भी टाल दी है। पहले फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होनी थी। राजपूत समूह करणी सेना का कहना है कि फिल्म में इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है। गौरतलब है कि फिल्म को ब्रिटेन में रिलीज की मंजूरी मिल गई है। यहां फिल्म बिना कोई दृश्य काटे दिखाई जाएगी। इसको लेकर लंदन में राजपूत समुदाय ब्रिटिश सेंसर बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बना रहा है। हालांकि फिल्म के निर्माता वायकॉम18 का कहना है कि भारतीय सेंसर बोर्ड की मंजूरी के बिना इसे वैश्विक स्तर पर रिलीज करने की कोई योजना नहीं है। लंदन के राजपूत समाज ने ब्रिटिश सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।
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