विदेशों से चंदा लेने की मंजूरी-सिर्फ गुजरात के इस एनजीओ को; इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट
केंद्र सरकार साल 2014 से अब तक ग्रीनपीस, फोर्ड फाउंडेशन और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के संगठन समेत 16 हज़ार से अधिक एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर चुकी है.
Patidar NGO gets nod for temple grant as others face FCRA curbs
नई दिल्ली: गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को विदेशों से चंदा मिलने पर सख्त रवैया अपनाने वाली केंद्र की मोदी सरकार साल 2014 से अब तक विदेशी सहयोग नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत 16 हजार से अधिक एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर चुकी है. हालांकि, गृह मंत्रालय ने हाल ही में गुजरात के एक पाटीदार एनजीओ को मंदिर निर्माण के लिए विदेशों से चंदा लेने की मंजूरी प्रदान कर दी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व उमिया फाउंडेशन नाम का यह एनजीओ विदेशी चंदे से मंदिर के साथ के एक सामुदायिक परिसर भी बनाना चाहता है.
सूत्रों ने बताया कि इस एनजीओ को गुजरात में ताकतवर पाटीदार समुदाय का समर्थन हासिल है. इसकी शुरुआत साल 2017 में हुई थी जिसके मुख्य संयोजक एनआरआई चंदु के. पटेल हैं.
साल 2008 में पटेल कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन-अमेरिकन एसोसिएशन के अध्यक्ष होने साथ पटेल अमेरिका में कई मोटल्स के मालिक हैं.
गृह मंत्रालय ने इस एनजीओ को एक ऐसे समय में मंजूरी दी है जब उसने विदेशी चंदा हासिल करने वाले कई अन्य एनजीओ पर शिकंजा कस दिया है. इससे पहले उसने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के संगठनों सहित कई अन्य एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर दिए थे.
वहीं एफसीआरए के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर ग्रीनपीस और फोर्ड फाउंडेशन भी गृह मंत्रालय के जांच के घेरे में आ गए है. वरिष्ठ वकील और पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) इंदिरा जयसिंह का संगठन लॉयर्स कलेक्टिव का भी एफसीआरए लाइसेंस रद्द हो चुका है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि विश्व उमिया फाउंडेशन धार्मिक (हिंदू), शैक्षणिक और सामाजिक श्रेणी के तहत सूचीबद्ध है और उसे एफसीआरए, 2010 के तहत मंजूरी प्रदान की गई है.
इसके तहत तीन साल बाद एनजीओ को एफसीआरए लाइसेंस मिल सकता है. हालांकि, 1000 करोड़ रुपये के विश्व उमियाधाम मंदिर और सामुदायिक परिसर के निर्माण की मंजूरी के लिए वह पहले भी आवेदन कर सकती है.
वहीं, पटेल ने भी इस बात की पुष्टि की है कि एनजीओ को मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है और अब वे विदेशों में रहे समुदाय के लोगों से चंदा इकट्ठा करेंगे.
पटेल ने कहा, ‘हमने दुनियाभर में रह रहे पाटीदार समुदाय से चंदा इकट्ठा करने की मंजूरी के लिए आवेदन किया था और हमें वह मिल गई है. हमने इस एनजीओ की शुरुआत डेढ़ साल पहले की थी और हमें बहुत अच्छा समर्थन मिला.’
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत मंदिर के अलावा एक अस्पताल एवं स्वास्थ्य सुविधाएं, एक खेल एवं सांस्कृतिक परिसर, एक शैक्षणिक संस्थान और हॉस्टल बनाया जाना शामिल है.
अहमदाबाद स्थित एनजीओ का कहना है कि वह समुदाय की दो प्रमुख उपजातियों में से एक कड़वा पाटीदारों की ‘कुलदेवी’ देवी उमिया माता को समर्पित मंदिर का निर्माण किया जाएगा.
40 एकड़ में प्रस्तावित मंदिर-सह-सामुदायिक परिसर को 2024 तक पूरा होने की संभावना है. एनजीओ के समन्वयक और गुजरात में पटेल संगठन समिति (पीओसी) के संयोजक आरपी पटेल ने कहा, ‘हमें संयुक्त राज्य अमेरिका से ज्यादातर चंदा मिलने वाला है और विदेश से दान प्राप्त करने के लिए एफसीआरए की अनुमति प्राप्त की गई है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें पिछले साल एनजीओ से एक आवेदन मिला था. उन्होंने कहा, ‘हमने उन्हें सूचित किया कि एक एनजीओ अपने शुरुआती दौर में एफसीआरए लाइसेंस के लिए योग्य नहीं है और उन्हें अपने संगठन में विदेशी दान लेने के लिए पूर्व अनुमति के लिए आवेदन करना होगा.’
एफसीआरए नियमों के तहत, पूर्व अनुमति प्राप्त करने वाले किसी भी गैर सरकारी संगठन को दानकर्ता से एक प्रतिबद्धता पत्र प्रदान करना आवश्यक होता है, जो विदेशी योगदान की मात्रा को दर्शाता है और जिस उद्देश्य के लिए इसे दिया जाना प्रस्तावित है.
नियम के मुताबिक दान लेने वाले का मुख्य भारतीय संगठन दानकर्ता के संगठन का हिस्सा नहीं होना चाहिए और प्राप्तकर्ता संगठन के गवर्निंग बॉडी के कम से कम 51 फीसदी पदाधिकारी या सदस्य विदेशी दाता संगठन के सदस्य या कर्मचारी नहीं होने चाहिए.
Patidar NGO gets nod for temple grant as others face FCRA curbs
The NGO, sources said, is backed by the powerful Patidar community and was started in 2017 with NRI Chandu K Patel as its chief coordinator.
While the Centre has been strict about granting foreign funding licences to non-governmental organisations (NGOs) and has, since 2014, cancelled over 16,000 licences issued under the Foreign Contribution (Regulation) Act (FCRA), the Union Home Ministry recently granted approval to a Gujarat-based Patidar NGO, Vishv Umiya Foundation, to receive foreign donations for the construction of a temple-cum-community complex.Advertising
The NGO, sources said, is backed by the powerful Patidar community and was started in 2017 with NRI Chandu K Patel as its chief coordinator. Patel, who switched from the Congress to the BJP in 2008, is also president of the National Federation of Indian-American Associations and owns several motels in United States.
The ministry decision comes at a time when it has tightened norms for several other NGOs receiving foreign aid. It had earlier cancelled licences of several prominent NGOs, including Teesta Setalvad’s organisations. Greenpeace and Ford Foundation had also come under the Home Ministry’s scanner for violating provisions of FCRA. Senior lawyer and former ASG Indira Jaising’s Lawyer’s Collective had lost its FCRA licence.
Home Ministry sources confirmed the Vishv Umiya Foundation is listed under the “religious (Hindu), educational and social” category and has been granted “prior permission” under the Foreign Contribution Regulation Act, 2010, that is the NGO can get an FCRA licence after three years, but can go ahead with the ‘prior permission’ to construct the Vishva Umiyadham temple-cum-community complex, a Rs 1,000-crore project.
Speaking to The Sunday Express, Patel confirmed that his NGO had received the nod from ministry and would now seek contributions from community members settled abroad.
“We had applied for permission to receive funds from the Patidar community all across the world. This project is of Rs 1,000 crore. Funds are being raised in India and abroad. We have sought prior permission from the Ministry of Home Agffairs and we have received the same. We had started this NGO a year and a half ago and are getting very good support. Besides the temple, a hospital and healthcare facilities, a sports and cultural complex, an education institute and hostels are part of the project,” Patel said.
The NGO, based in Ahmedabad, says it will construct a temple dedicated to goddess Umiya Mata, revered as ‘kuldevi’ by Kadva Patidars, one of the two major sub-castes of the community.
The temple-cum-community complex, planned over 40 acres, is likely to be completed by 2024. The coordinator of the NGO, R P Patel, who is also the convenor of the Patel Organisation Committee (POC) in Gujarat, said, “Our primary donors are in the United States and FCRA permission has been obtained to receive donations from abroad. The social
empowerment project will not only cater to Patidar community but will be open to others as well,” he added.
A home ministry official told The Sunday Express that they had received an application from the NGO last year. “We informed them that an NGO in formative stage is not eligible for FCRA licence and that they should apply for prior permission in case they want to bring foreign contribution into their organisation,” he explained.Advertising
Under FCRA rules, any NGO seeking prior permission is required to provide a commitment letter from the donor indicating the amount of foreign contribution and the purpose for which it is proposed to be given. Rules say that the chief functionary of the recipient Indian organisation should not be part of the donor organisation and at least 51% of the office-bearers or members of the governing body of the recipient organisation should not be members or employees of the foreign donor organisation.