डिप्टी सीएम के फोन से अश्लील क्लिप भेजने का आरोप & इस्तीफा देने के लिए भी राजी – CM ने क्‍यो कहा? & Top News 10/20/20

20 Oct. 20; Himalayauk Newsportal Bureau: # मैं इस्तीफा देने के लिए भी राजी हूं – मुख्यमंत्री ने क्‍यो दिया ऐसा बयान : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ‘आइटम’ वाले बयान पर असहमति जताई है. # योगी आदित्यनाथ भी बिहार चुनावी रण में उतर गए # स्मृति ईरानी की बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां भी खूब उड़ी # सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजेपी के बीच जंग छिड़ गई #शिवराज सिंह चौहान सरकार की मंत्री का विवादित बयान 

मैं इस्तीफा देने के लिए भी राजी हूं – मुख्यमंत्री ने क्‍यो दिया ऐसा बयान

मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह  ने केंद्र के तीन नए कृषि बिलों के खिलाफ राज्य विधानसभा में विधेयक पेश किए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने काफी भावुक भाषण भी दिया. उन्होने विपक्षी अकाली दल पर भी तंज कसा. बता दें कि विधेयक पेश करने के दौरान सीएम ने कहा कि अगर उनकी सरकार गिरती है तो गिर जाए, उन्हें इस बात का जरा भी खौफ नहीं है लेकिन वह किसानों के साथ खड़े रहेंगें.

कैप्टन अमरिंद सिंह ने यह भी कहा कि, केंद्र का कृषि बिल किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के हितों का हनन करता है. बता दें कि अमरिंदर सिंह द्वारा विधानसभा में तीन विधेयक, किसानों को उत्पादन सुविधा अधिनियम में संशोधन विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन विधेयक 2020, किसानों के समझौते और कृषि सेवा अधिनियम में संशोधन विधेयक 2020 बिल पेश किया गया था.

इस दौरान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि,’ मुझे अपनी सरकार गिरने से डर नहीं लगता है. मैं इस्तीफा देने के लिए भी राजी हूं. पहले भी पंजाब के लिए इस्तीफा दे चुका हूं. हम किसानों के साथ पूरी तरह से खड़े हैं. बिल पेश करते समय उन्होने यह भी कहा कि कृषि संसोधन बिल और प्रस्तावित इलेक्ट्रिसिटी बिल दोनो ही किसानों, मजदूरों के खिलाफ हैं.गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब में किसान लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.

केंद्र सरकार के किसान कानून के खिलाफ पंजाब में कैप्टन अमिरंदर की सरकार ने विधानसभा में तीन बिल पेश किए हैं. पंजाब पहला राज्य है जहां केंद्र के कानून के खिलाफ बिल लाया गया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस बिल को विधानसभा में पेश किया. विधानसभा में पेश बिल में एमएसपी से कम कीमत देने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है.सीएम कैप्टन ने बिल को पेश करते हुए सभी पार्टियों से किसानों के हित को देखते हुए साथ आने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि नए खेत कानून किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के हितों के खिलाफ हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार से कानून में किसानों के लिए एमएसपी को अनिवार्य करने की मांग भी की गयी.

सिद्धू ने अमरिंदर सरकार को निशाने पर ले लिया

इस बीच, पंजाब में केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ जोरदार आंदोलन हुए और पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य बना जिससे इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ विधानसभा में विधेयक पेश किया। लेकिन उससे पहले ही सिद्धू ने अमरिंदर सरकार को निशाने पर ले लिया।  सिद्धू ने ताज़ा हमला करते हुए कहा है, ‘आज की तारीख़ में पंजाब सरकार के पास गेहूं और चावल के अलावा किसी और फसल की ख़रीद का सरकारी मॉडल नहीं है और न ही हमारे पास भंडारण और बाज़ार में फ़सल बेचने की क्षमता है।’  सिद्धू ने वीडियो संदेश जारी कर पूछा, ‘अगर पंजाब की खेती में सब कुछ सही है और सिर्फ़ केंद्र के तीन क़ानूनों से दिक्कत है तो आख़िर इतने सालों से किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। अगर दूसरे राज्यों में पंजाब से सस्ता चावल और गेहूं मिलेगा तो पूंजीपति हमारा अनाज एमएसपी पर ख़रीदने क्यों आएंगे।’ 

कुछ दिन पहले कृषि क़ानूनों के विरोध में जब राहुल गांधी पंजाब के दौरे पर आए थे तब भी सिद्धू ने मंच से ही अमरिंदर सरकार को घेरा था। सिद्धू ने कहा था, ‘अगर हिमाचल सरकार अपने सेब पर एमएसपी दे सकती है तो पंजाब सरकार भी अपनी फसलों पर दे सकती है। सरकारें दिखाने के लिए नहीं होतीं, हल देने के लिए होती हैं। पंजाब सरकार जिम्मेदारी ले और हल दे।’ राहुल गांधी की मौजदूगी में सिद्धू के अपनी ही सरकार को निशाने पर लेने के कारण बताया गया है कि राहुल के साथ ही प्रभारी हरीश रावत भी नाराज हुए। इसके बाद हुई रैलियों में सिद्धू को नहीं बुलाया गया।  सिद्धू जानते हैं कि अमरिंदर सिंह के रहते वो कांग्रेस में आगे नहीं जा सकते, शायद इसलिए ही उन्होंने खुलकर बग़ावत करते हुए बीजेपी में वापसी की तैयारी कर ली है। 

कमलनाथ के ‘आइटम’ वाले बयान पर असहमति जताई

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ‘आइटम’ वाले बयान पर असहमति जताई है. वायनाड दौरे के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मुझे ऐसी भाषा पसंद नहीं है, मैं ऐसी भाषा की सराहना नहीं करता हूं. अब राहुल गांधी की टिप्पणी पर कमलनाथ ने बयान दिया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि वो राहुल गांधी जी की राय है, लेकिन मैं अपने बयान पर खेद जता चुका हूं.

कमलनाथ से जब राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि वो राहुल गांधी की राय है, मैं तो पहले ही कह चुका हूं कि मैंने किस संदर्भ में कहा था. जब कांग्रेस नेता कमलनाथ से सवाल हुआ कि क्या वो माफी मांगेंगे? तो कमलनाथ ने कहा कि मैं क्यों माफी मांगूंगा? मैंने तो कल ही कह दिया है कि अगर किसी को गलत महसूस हुआ तो वह खेद प्रकट करता हूं.

शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी को खुद ही जनता के बीच में जाकर माफी मांगनी चाहिए.

राहुल गांधी अभी वायनाड के दौरे पर हैं, जहां पर उनसे कमलनाथ की टिप्पणी को लेकर सवाल हुआ था. कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस तरह से हम महिलाओं के साथ व्यवहार करते हैं, उसे सुधारने की जरूरत है. हमारी महिलाएं हमारी शान हैं. मैं ऐसी भाषा की सराहना नहीं करता हूं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने दौरे के बारे में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि केरल में राज्य और केंद्र सरकार एक दूसरे पर आरोप लगाने में जुटे हुए हैं और कोरोना फैल रहा है. हर किसी को ये बंद करते हुए कोरोना पर ध्यान देना चाहिए.

मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले प्रचार के दौरान कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी इमरती देवी के लिए आइटम शब्द का इस्तेमाल किया. जिसपर काफी विवाद हुआ था. भाजपा की ओर से कमलनाथ को घेरा गया, तो शिवराज सिंह चौहान ने मौन व्रत भी रखा. 

योगी आदित्यनाथ भी बिहार चुनावी रण में उतर गए

भभुआ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ भी बिहार चुनावी रण में उतर गए. उन्होंने आज कहा कि बीजेपी विकास के कार्यो में कोई भेदभाव नहीं करती है. उन्होंने कहा कि हमने जनता का भी काम किया है और राम का भी काम किया है. कैमूर के रामगढ़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने विपक्षियों पर करारा सियासी हमला बोलते हुए कहा कि उनकी मानसिकता देश के विघटन की ओर ले जाने की है जबकि हमारी मानसिकता एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने की है. उन्होंने कहा कि हमलोग सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं, वे लोग एक परिवार की बात करते हैं.

योगी आदित्यनाथ ने कहा, कांग्रेस को देश में सबसे ज्यादा समय मिला, लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया. कारण उनके एजेंडा में ना गरीब थे और न किसान थे. उनके यहां केवल परिवारवाद था. राजद के भी पोस्टर में चार लोगों के अलावा किसी की तस्वीर नहीं दिखती. जब वे पोस्टर में ही स्थान नहीं दे सकते तो सत्ता में क्या देंगे?

योगी ने बीजेपी को वादा पूरा करने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि हमने जनता का भी काम किया और राम का भी काम किया. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश में विकास कर रही है जबकि नीतीश कुमार बिहार के विकास में लगे हैं. हमने विकास में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया. हमारा वादा था कि पाकिस्तान में घुसककर आतंकी मारेंगे और मारा. भगवान राम का मंदिर बनाएंगें. कर दिया न पूरा. अब तो कोई नहीं कह सकता बीजेपी ने वादाखिलाफी की. बीजेपी नेता ने कोरोना काल में किए गए कार्यो की भी चर्चा की.

स्मृति ईरानी की बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां भी खूब उड़ी.

रायबरेली. 2019 के लोकसभा चुनाव में गांधी को गांधी के गढ़ में हराने के बाद भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी ने अमेठी संसदीय क्षेत्र को ना सिर्फ अपना बना लिया बल्कि अमेठी बार-बार आने लगी. सोमवार को इसी कड़ी में स्मृति ईरानी अपने एक दिवसीय दौरे पर अमेठी लोकसभा की सलोन विधानसभा पहुंची. जहां उन्होंने कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया तो अधिकारियों के पेच भी कसे. यहां पहली बार देखने को मिला जब कैबिनेट मंत्री तो बैठक स्थल पर नियत समय पर पहुंच गई लेकिन जिले के डीएम, एसपी लगभग आधे घंटे बाद पहुंचे. तब तक उद्घाटन के लिए मंत्री जी को इंतजार करना पड़ा. स्मृति ईरानी की बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां भी खूब उड़ी.

अपने तय कार्यक्रम के अनुसार स्मृति ईरानी तो बैठक स्थल पर पहुंच गईं, लेकिन देश में दो इंजन की सरकार के आला अधिकारी एक बार फिर पुराने ढर्रे पर ही रहे. स्मृति ईरानी के साथ मंच पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की कुर्सियां स्मृति ईरानी के पहुंचने के बाद भी खाली रहीं. उनके पहुंचने के करीब आधे घंटे के बाद जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. यही नहीं, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के आने के बाद भी कई अधिकारी समय पर नहीं पहुंचे, इससे साफ पता चलता है कि आखिर स्मृति ईरानी ने किस तरह से भला क्षेत्र की तरक्की के लिए अधिकारियों से बातचीत की होगी.

लोगों से मिलने और जनता के दुख दर्द समझने के चक्कर में देश की कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता व उनके समर्थकों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को तार-तार कर दिया. ना तो उनके बीच 2 फुट की दूरी थी ना ही 4 फुट की. जिले के आला अधिकारी भी नेता के और मंत्री के करीब ही धक्का-मुक्की करते नजर आए. अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि इसमें कितने कोरोना को लेकर आते हैं या यहां देकर गए.

स्मृति ईरानी ने कहा कि गांवों के समग्र विकास के लिये प्रशासनिक टीम मिलकर काम करेगी. मेरा विशेष आग्रह रहा कि आज जिलाधिकारी से जो हमारे रेकरेमेंट सेंटर्स है उनकी लिस्ट को सब सेंटर्स के साथ जोड़कर बनाया गया है. मैं अभिनंदन करना चाहूंगी जिलाधिकारी को, जिन्होंने त्वरित रूप से किसानों को डिजिटल योगदान करने में सफल हो पाए हैं. अमेठी और रायबरेली में विशेष रुप से सलोन विधान सभा में आज 12 आंगनबाड़ियों का बनना निश्चित रूप से इस बात के संकेत है, जो वर्षों से विकास कार्य बंद थे, वो आज प्रगतिशील सरकार का अपना योगदान है. जनता ने इसी परिवर्तन के लिए भाजपा को वोट दिया था. मुझे इस बात का संतोष है कि जनता की उम्मीदों व कार्य के दम पर खरे उतरे हैं.

सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजेपी के बीच जंग छिड़ गई

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजेपी के बीच जंग छिड़ गई है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिलीगुड़ी में कहा है कि कोरोना महामारी के कारण सीएए को लागू करने में देरी हुई, लेकिन अब जल्द ही यह कानून लागू किया जाएगा. नड्डा के इस बयान पर लोकसभा से टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने पलटवार किया है.

महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया है, ‘’ जेपी नड्डा कह रहे हैं कि राज्य में जल्द सीएए लागू किया जाएगा. बीजेपी सुन ले, हम आपको कागज दिखाने से पहले ही दरवाजा दिखा देंगे.’’ तृणमूल कांग्रेस ने सीएए का संसद से सड़क तक पुरजोर विरोध किया है.

जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर ‘‘फूट डालो और राज करो’’ की नीति पर चलने का आरोप लगाया और विश्वास जताया कि प्रदेश में अगली सरकार बीजेपी की बनेगी. नड्डा ने कहा, ‘‘आपको सीएए मिलेगा और मिलना तय है. अभी नियम बन रहे हैं. कोरोना के कारण थोड़ी रूकावट आई है. जैसे-जैसे कोरोना हट रहा है, नियम तैयार हो रहे हैं. बहुत जल्द आपको उसकी सेवा मिलेगी. इसको हम पूरा करेंगे.’’

नड्डा ने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पारित होने के बाद कानून बन चुका है और बीजेपी इसे लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है. नड्डा ने सीएए को लेकर ये बातें तब कहीं जब स्थानीय लोगों ने उनसे इसे जल्द से जल्द क्रियान्वित करने का आग्रह किया. उनका कहना था कि उत्तर बंगाल में पूर्वी पाकिस्तान से आए बड़ी संख्या में शरणार्थियों की आबादी है.

मालूम हो कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और सीएए के पक्ष में स्थानीय लोगों की भावनाएं हैं. इसी पर सवार होकर बीजेपी ने क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत की है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र की आठ में से सात सीटें जीती थी. राज्य में विधानसभा का चुनाव अगले साल होना है. बीजेपी ने अपनी स्थिति मजबूत करते हुए प्रमुख विपक्षी पार्टी के रूप में स्थापित किया है. ममता बनर्जी सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत हैं. उत्तरी बंगाल में राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा की 54 सीटें हैं.

शिवराज सिंह चौहान सरकार की मंत्री का विवादित बयान 

इंदौर:मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इन दिनों बयानों पर बवाल हो रहा है. बिगड़े बोल लगातार जारी है. इसी कड़ी में एक विवादित बयान (Controversial Statement) शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj Singh Government) की मंत्री उषा ठाकुर (Usha Thakur) का आया है. उन्होंने देश में मदरसों को बंद करने की पैरवी की है. उषा ठाकुर ने कहा कि भोजन सबके लिए मिलना चाहिए पर यह जो संविधान की अलग परिभाषा करना.. बच्चे, बच्चे होते है, विद्यार्थी, विद्यार्थी होते है पर सबकी सामूहिक शिक्षा होना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता पनपा रही है.

मध्यप्रदेश की मंत्री का कहना है कि मदरसे विद्वेष का भाव फैला रहे हैं और सब बच्‍चों को सामूहिक शिक्षा दी जानी चाहिए. एक सवाल के जवाब में सुश्री ठाकुर ने कहा कि कौन सी संस्कृति पढ़ा रहे है बंधु. यदि आप इस देश के नागरिक है तो आप देखिये कि सारा कट्टरवाद सारे आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े है. जम्मू-कश्‍मीर को आतंकवादियों की फैक्‍टरी बनाकर रख दिया था. ऐसे मदरसे, जो राष्ट्रवाद से जो समाज की मुख्यधारा से नहीं जोड़ सकते उनको हमें समुचित शिक्षा के साथ जोड़कर समाज को सबकी प्रगति के लिए एक साथ जोड़कर आगे ले जाना चाहिए.

उन्‍होंने कहा कि असम में मदरसे बंद करके दिखा दिया है कि राष्ट्रवाद में बाधा जो भी डालेगा, ऐसी सारी चीजें राष्ट्रहित में बंद की जाएंगी. उन्‍होंने कहा कि मदरसे की शासकीय सहायता बंद होना चाहिए. वक्फ बोर्ड अपने आप में खुद सक्षम समर्थ संस्था है. कोई निजी तौर पर अपनी निजी धार्मिक संस्कार देना चाहता है तो हमारा संविधान उसकी छूट देता है.

वॉट्सऐप ग्रुप में अश्लील क्लिप भेजने का आरोप लगाया

पणजी: गोवा के उप-मुख्यमंत्री चंद्रकांत कवलेकर पर विपक्षी पार्टी ने एक सामाजिक कार्यकर्ताओं के वॉट्सऐप ग्रुप में अश्लील क्लिप भेजने का आरोप लगाया है, जिसके बाद कवलेकर ने पुलिस में यह कहते हुए शिकायत दर्ज कराई है कि उनका फोन हैक हो गया था. जानकारी है कि कथित रूप से उनके फोन से इस ग्रुप में रविवार की आधी रात के बाद मैसेज भेजा गया था. 

साइबर पुलिस में दी गई अपनी शिकायत में चंद्रकांत कवलेकर ने कहा है कि उनके फोन से इस वॉट्सऐप ग्रुप में जब यह क्लिप भेजी गई तो वो अपने फोन के ‘आसपास भी नहीं थे और सो रहे थे.’ उन्होंने कहा कि ‘कुछ शरारती तत्वों ने’ ‘Villages of Goa’ वॉट्सऐप ग्रुप में कुछ अश्लील सामग्री वाला एक वीडियो भेजा था. उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा, ‘वीडियो कुछ आपराधिक इरादों के साथ जानबूझकर मेरे नाम के साथ भेजा गया था.’

उन्होंने इस ओर ध्यान दिलाया कि यह वीडियो उनके कई ग्रुप्स के बजाय बस इसी ग्रुप में भेजा गया था. उन्होंने कहा कि ‘जिस वक्त मैसेज भेजा गया है, उस वक्त मैं अपने फोन के आसपास भी नहीं था और सो रहा था. मेरा नाम और लोगों की नजरों में मेरी छवि खराब करने के लिए हाल के वक्त में ऐसी बहुत सी कोशिशें की गई हैं.’ उन्होंने शिकायत में कहा है कि ‘मैं ऐसे शरारती तत्वों और बेईमान लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता हूं, जिन्होंने आपराधिक इरादों से मेरे फोन को हैक/छेड़छाड़ की है और अश्लील सामग्री अपलोड की है.’

विपक्षी पार्टियां भी उनके खिलाफ पुलिस में पहुंची हैं. गोवा कांग्रेस ने एक शिकायत लिखाई है और आरोप लगाया है कि कवलेकर ने सोमवार को 1.20 बजे वॉट्सऐप ग्रुप में अश्लील वीडियो भेजा था. वहीं गोवा फॉरवर्ड पार्टी की महिला विंग ने भी एक शिकायत लिखाई है.

चंद्रकांत कवलेकर ने पिछले साल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन किया था. इसके बाद उन्हें डिप्टी सीएम सहित दो पदभार मिले थे, वहीं गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई का नाम हटा दिया गया था.

शुक्र  ग्रह शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020 को कन्या राशि में प्रवेश करने जा रहा है.

शुक्र  ग्रह शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020 को कन्या राशि में प्रवेश करने जा रहा है. शुक्र का यह राशि परिवर्तन सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर होगा. शुक्र अगले 25 दिन यानी 17 नवंबर तक इसी राशि में रहने वाला है. ज्योतिषविदों का कहना है कि नवरात्र (Navratri 2020) के बीच शुक्र का यह गोचर 4 राशि वालों के लिए बेहद शुभ साबित हो सकता है. इस दौरान वृषभ, मिथुन, कन्या और वृश्चिक राशि में धन योग बनेगा. मीन– शुक्र आपकी राशि से सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे, जिससे आपको सामान्य से अनुकूल फलों की प्राप्ति होगी. हालांकि कार्यक्षेत्र पर आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. किसी बात को लेकर सहकर्मियों के साथ मतभेद हो सकते हैं. स्वास्थ्य के लिहाज से कुछ समस्या हो सकती है. आपको पेट से जुड़ा कोई विकार परेशान कर सकता है.

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