करारी हार के बाद कांग्रेस का उत्तराखंड में फेरबदल
किशोर उपाध्याय को पद से हटा दिया :विधायक प्रीतम सिंह उत्तराखंड कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष
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विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस को करारी हार मिली। कांग्रेस के खाते में मात्र 12 सीट ही आईं। कांग्रेस हाईकमान ने इसका ठीकरा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पर फोड़ा। उन्हें पद से हटा दिया है। सूत्रों के अनुसार, अब चकराता विधायक प्रीतम सिंह को नया कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने सहसपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। जहां उन्हें भाजपा विधायक सहदेव सिंह पुंडीर से हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस ने उत्तराखंड में संगठन स्तर पर बड़ा फेरबदल किया है। कांग्रेस ने उत्तराखंड और पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए हैं। इसके अलावा राजस्थान में पार्टी ने अविनाश पांडे को नया महासचिव बनाया है।
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्याय को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। अब चकराता विधायक प्रीतम सिंह को उत्तराखंड कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है।
माना जा रहा है कि राज्य में विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस की हार का ठीकरा किशोर उपाध्याय के ऊपर फूटा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को दिल्ली में प्रेसवार्ता कर उत्तराखंड और पंजाब के नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ किए गए बदलावों की घोषणा की। वहीं, विवेक तनखा को कांग्रेस लीगल सेल का अध्यक्ष बनाया गया है। उत्तराखंड में प्रीतम सिंह को कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्याय को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा कर चकराता विधायक प्रीतम सिंह को उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कि राज्य में विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस की हार का ठीकरा किशोर उपाध्याय के ऊपर फूटा है। वहीं, पंजाब में सुनील जाखड़ को राज्य में कांग्रेस की कमान दी गई है।
उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ भी प्रीतम सिंह का नाम आगे था। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में प्रीतम सिंह ने चकराता विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी मधु चौहान को हराया था। प्रीतम राज्य बनने के बाद से लगातार चकराता सीट से कांग्रेस को जीत दिलाते हुए आ रहे हैं। वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने सहसपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। जहां उन्हें भाजपा विधायक सहदेव सिंह पुंडीर से हार का सामना करना पड़ा।
पिता पूर्व मंत्री स्व. गुलाब सिंह से विरासत में मिली राजनीति के बाद प्रीतम सिंह ने पहली बार 1991 में कांग्रेस के टिकट पर आरक्षित सीट चकराता से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
1993 के चुनाव में प्रीतम पहली बार विधायक बने। 1996 के चुनाव में उन्हें फिर से पराजय मिली। राज्य गठन के बाद 2002, 2007 व 2012 के विस चुनाव में चकराता से लगातार तीन बार विधायक बने।
सूबे की सियासत में ऊंचा कद होने की वजह से दो बार की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। उनकी ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी पकड़ मानी जाती है और क्षेत्र में सक्रियता भी रहती है।
कांग्रेस के टिकट पर 2017 के विधान सभा चुनाव में प्रीतम ने निकटम प्रतिद्वंदी एवं भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी मधु चौहान को 1543 वोटों से हराया। प्रीतम उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार से सम्मानित हुए है। – जौनसार-बावर के त्यूणी, चकराता व कालसी में तीन तहसीलों का निर्माण और चकराता, त्यूणी व क्वांसी में तीन डिग्री कॉलेज की स्थापना करवाई- त्यूणी में नियमित पुलिस थाना व कांडोई-भरम में पशु चिकित्सालय की स्थापना करवाई। त्यूणी में 34 करोड़ की लागत से सौ बैड क्षमता के राजकीय अस्पताल व नर्सिंग कॉलेज की आधारशिला रखी। छह हाईस्कूलों व 14 जूनियर हाईस्कूलों का उच्चीकरण। श्री महासू मंदिर हनोल, लाखामंडल व चकराता के टाइगर फॉल में 11 करोड़ की लागत से पर्यटन विकास कार्य करवायेे। त्यूणी, क्वांसी, पजिटीलानी, लाखामंडल, लखवाड़, अटाल व धिरोई में सात मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया क्वांसी व साहिया में दो पॉलीटेक्निक संस्थान और लाखामंडल व कालसी में आईटीआई की स्थापना। बिनसोन में एटीएस भवन का निर्माण और त्यूणी व कोरुवा में कस्तूबरा गांधी राजकीय बालिका छात्रावास की स्थापना।