भाजपा पितामह आडवाणी – वेटिंग कन्‍फर्म नही हो पायी

PM IN WAITING THEN  PRESIDENT IN WAITING # राजनीति में वेटिंग कभी कन्‍फर्म नही होती- शिष्‍य ही पितामह की वेटिंग कभी भी कन्‍फर्म नही होने देते-  भाजपा द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुने जाते समय यह साफ दिखा- #आरएसएस शाखा के प्रमुख रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना सीधे-सीधे टकराव की राजनीति है – सीताराम येचुरी ने कहा कि सलाह मशवरे की गुंजाइश रही नहीं #भाजपा का ‘दलित कार्ड’ #सुषमा या अडवाणी को उम्मीदवार बनाया जा सकता था- ममता #www.himalayauk.org 

LK ADWANI; भाजपा के पितामह ; PM IN WAITING THEN  PRESIDENT IN WAITING; प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति पद के उम्‍मीदवार के लिए उनकी वेटिंग कन्‍फर्म नही हुई और गाडी छूट गयी- उनके राजनीतिक शिष्‍यों ने ही उनकी वेटिंग कन्‍फर्म नही की-

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि कि सुषमा या अडवाणी को उम्मीदवार बनाया जा सकता था. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कद के होना चाहिए. महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि रामनाथ कोविंद आरएसएस शाखा के प्रमुख रहे हैं और उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना सीधे-सीधे टकराव की राजनीति है।
बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह पूछे जाने पर कि क्या रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर जेडीयू का समर्थन है, नीतीश ने कहा, ‘इन प्रश्नों का उत्तर पूछना अभी मुनासिब नहीं है.’ नीतीश ने कहा, ‘हमारी लालू जी से भी बातचीत हुई है. सोनिया जी का भी फोन आया था. मैंने अपनी भावना से अवगत भी कराया है, लेकिन इन सब चीजों पर आगे भी बातचीत होगी.’

वही दूसरी ओर बीजेपी अध्यक्ष के एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का ऐलान करने के बाद विपक्ष में भी हलचल काफी बढ़ गई है। सूत्रों का कहना है कि एनडीए के दलित उम्मीदवार के जवाब में विपक्ष भी दलित कार्ड खेल सकता है। टीवी रिपोर्ट्स की मानें तो यूपीए की तरफ से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है। शाह ने बताया कि बीजेपी उम्मीदवार को सभी सहयोगी दलों का समर्थन हासिल है।
एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले से विपक्ष संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस की तरफ से गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भाजपा ने एकतरफा फैसला करते हुए कैंडिडेट के नाम का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि कैंडिडेट के नाम पर फैसला लेने के बाद कैसे आम राय बनेगी। आजाद ने कहा कि भाजपा ने हमें पहले नाम नहीं बताया। कांग्रेस ने रामनाथ कोविंद को समर्थन देने या विपक्ष की तरफ से संयुक्त उम्मीदवार उतारे जाने को लेकर चुप्पी साधी हुई है। 22 जून को कांग्रेस की विपक्षी दलों के साथ बैठक है जिसमें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की रणनीति तैयार की जाएगी। 

टीडीपी और टीआरएस ने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करेगी, क्योंकि वह दलित नेता हैं, तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए स्वयं फोन कर अनुरोध किया था. इनसे पहले जो पार्टियां प्रधानमंत्री की पसंद को समर्थन देने की बात कह चुकी हैं, उनमें तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) तथा आंध्र प्रदेश में सत्तासीन तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) शामिल हैं.

एनडीए के घटक शिवसेना ने इस मुद्दे पर विपक्ष का साथ दिया था, और कहा था कि वे ऐसे किसी प्रत्याशी का समर्थन नहीं कर सकती, जिसके बारे में वह जानती तक नहीं. शिवसेना ने कहा है कि कोविंद को समर्थन देने को लेकर वह जल्द ही बैठक करेगी। शिवसेना के अनुसार रविवार को उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान अमित शाह ने कोविंद का नाम बताया था। जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के नाम पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में अलग उम्मीदवार खड़ा करने के साथ-साथ कोविंद को समर्थन देने की संभावना पर भी चर्चा होगी।

बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। यह घोषणा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने आज यहां पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में की। इसे भाजपा के ‘दलित कार्ड’ के तौर पर देखा जा रहा है। शाह के मुताबिक, पार्टी ने गरीब समाज से ताल्लुक रखने वाले शख्स को राष्ट्रपति बनाने का फैसला किया है। कोविंद के नाम का ऐलान करके अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक जानकारों को चौंका दिया है। राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर लग रही राजनीतिक अटकलों में कहीं भी कोविंद का नाम सामने नहीं आया था। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि दलित चेहरा होने की वजह से कोविंद का विरोध होने की संभावना न के बराबर है।
शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी उम्मीदवार के नाम से अवगत करा दिया है। शाह ने उम्मीद जताई की कोविंद को चुनाव में सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिलेगा। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने का फैसला करने के बाद अन्य सियासी दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. लोकजनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा है कि रामनाथ कोविंद के नाम का विरोध करने वाले दलित विरोधी माने जाएंगे. उधर, रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सभी दलों से दलगत राजनीति से ऊपर उठने की अपील की. उन्हें कहा कि आशा करता हूं सभी दल सहमत होंगे. शाह ने दावा किया कि पीएम मोदी ने सोनिया गांधी को भी इस बारे में बताया है. नाम तय करने से पहले सभी दलों से चर्चा हुई थी. शाह ने यह भी कहा कि 23 जून को नामांकन होने की संभावना है.

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