राजनीति ऐसी ही है -दांव गलत पड़े तो नसीब जल जाता है.
राजकुमार का डायलॉग – ये बच्चों के खेलने की चीज नहीं कट जाए तो खून निकल आता है. कांग्रेस खेमे में आक्रोश और सन्नाटे वाली स्थिति है, बस सोशल मीडिया तक ही कुछ पोस्ट तक सीमित है कांग्रेस। 2012 में जब विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाया गया था उसके बाद कोहराम मचा दिया गया, उसी दौरान केदारनाथ कपाट खोलने के बाद विजय बहुगुणा के सितारे बिल्कुल विपरीत दिशा में घुमने शुरू हुए, सलाहकार तथा काकस से घिरे विजय बहुगुणा स्थिति को समझ नही पाये और मुख्यमंत्री की गददी से जाना पडा, हरीश रावत आसीन हुए- सितारे बुलंदी पर थे, तीन विधानसभा उपचुनाव जीते, हैलीकाप्टर में दुर्घटनाग्रस्त हुए, लम्बे समय तक राजकाज से दूर रहना पडा, फिर उनकी पदच्युत करने के लिए भारी विद्रोह हुआ, परन्तु अनजानी दुआये तथा सफलता के मुकाम चढ़ते हरीश रावत को देश का भारी राजनीतिक भूकम्प भी डगमगा न सका, (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND)
उस समय यही उदाहरण दिया जा सकता था- कि साल 1965 में एक फिल्म आई थी ‘वक़्त’. इस फिल्म में राजकुमार का एक डायलॉग था, ‘ये बच्चों के खेलने की चीज नहीं कट जाए तो खून निकल आता है.’ राजनीति भी ऐसी ही है कि दांव गलत पड़े तो नसीब जल जाता है. ; इस उदाहरण को विजय बहुगुणा से जोड कर देखा जा सकता था, परन्तु शनै शनै समय व्यतीत हुआ, बहुगुणा ने शांत रहकर कुआ खोदना शुरू रखा वही सत्ता के मद में चुर हरीश रावत राजनीतिक सुनामी से उभरते ही उनसे जो उम्मीद की जा रही थी, उससे उलट वह सत्ता मद में लिप्त होते गये और वह शनै शनै नकारात्मक शक्तियों से घिरते चले गये, सितारे विपरीत दिशा में चलने का संकेत देने लगे, होली 2017 आने तक सितारे अपना पूर्ण विपरीत असर दिखा चुके होगे-
(www.himalayauk.org) Leading Web Media; report by CS JOSHI- EDITOR
वही दूसरी ओर जिस हरीश रावत को बडे से बडा झंझावात हिला नही पाया था, उनको छोडकर भागने की होड लग गयी, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर वफादार मंत्री, समर्थक, छोटे बडे जन प्रतिनिधि जो संकट में दुआं कर रहे थे, वह दूर होते गये, जिससे उत्तराखण्ड राज्य में कांग्रेस में भगदड मच गयी –
इसी क्रम में घबराये हरीश रावत मुख्यजमत्री को दो स्थानों से चुनाव लडने का निर्णय लेना पडा, परन्तु उनके चुनाव लडने वाले क्षेत्र से ही वह लोग भाग खडे हुए जिनको उन्होंने राज्य्मंत्री बनाया था, इस क्रम में-
हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में प्रभावी जननेता राज्य मंत्री रहीं संतोष कश्यप सहित कई नेताओं ने भ भाजपा ज्वाईइन कर ली- वही रामनगर में भी सैकडो ग्राम प्रधानों आदि ने भाजपा जवाइन कर ली, वही हरिद्वार कई सीटों पर असर डालने वाली अल्वीग बिरादरी ने कांग्रेस का विरोध करने का निर्णय लिया है-
पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता विजय बहुगुणा ने कहा कि हरीश रावत घबराये हुए हैं। इसलिये दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका दावा है कि वे दोनों सीटों से चुनाव हारेंगे। प्रदेश में कांग्रेस अब खत्म हो गई है और हरीश कांग्रेस ही बची है। यह भी इस चुनाव में निपट जाएगी।
गढ़वाल क्षेत्र की 20 विधानसभाओं में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बन गया तो कुमायूं भी अछूता नही रहा,
टॉप फोकस की बात करे तो चुनावो के दौरान आम जन अक्सर चर्चा में कहता है “चौकाने वाले परिणाम होंगे” चौकाने , वाले किसको मानेगे, क्या इसे ; सोशल मीडिया में जनचर्चा-
फँस गए रे कॉग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और मुख्यमन्त्री के सलाहकार रणजीत रावत ! हालात तो नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की ठीक नी ठैरी हो ! रानीखेत से बाहर निकले नहीं कि सूपड़ा साफ बल !
इसके अलावा द्वाराहाट में कॉग्रेस के मदन बिष्ट , डीडीहाट में भाजपा के बिशन सिंह चुफाल , नरेन्द्रनगर में भाजपा के सुबोध उनियाल भी खतरे में हैं बल हो !
वही रामनगर में तो चौकाने वाले परिणाम कुछ ज्यादा ही नजर आने लगे है, 24 जनवरी की ताजा खबर के अनुसार कांग्रेस से नाता तोड़ बसपा का हाथ थामा 1 दर्जन से अधिक ग्राम प्रधानों ने साथ ही कई बी डी सी मेंबर और जेष्ठ ब्लॉक प्रमुख भी बसपा में हुए शामिल
वही दूसरी ओर भाजपा ने अपनी मजबूत रणनीति अख्तियार की, पिछली बार के चुनाव में मात्र एक प्रतिशत से सत्ता से बाहर रही भाजपा इस बार हर हाल में सत्ता हासिल करने के लिए बगावत की आग बुझाने के लिए हाईकमान स्तर से प्रबंधन किया गया तथा हर विधानसभा क्षेत्र में हाईकमान से पुराने नेताओं की ड्यूटी लगाई । जिन्होंने संगठन के पदाधिकारियों व अनुषांगिक संगठनों के साथ सामंजस्य बैठाकर तथा नाराज कार्यकर्ताओं को मना कर व रणनीति बनाकर जीत सुनिश्चित करने की मजबूत रणनीति तैयार कर दी।
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी दोगने उत्साह से उतरे तथा बाइक पर बैठकर पार्टी प्रत्याशी का प्रचार करने पहुंचे, रुद्रपुर विधानसभा के रम्पुरा में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी बीजेपी प्रत्याशी राजकुमार ठुकराल के नामांकन में पहुंचे, कोश्यारी जी को मोटर साइकिल पर बैठा देख कर कार्यकर्ताओं के बीच एक जबर्दस्त माहौल बनाने में कामयाब हो गये,
वही सतपाल महाराज ने गढवाल में कमान संभाली, तो निशंक जी ने हरिद्वार में डोर टू डोर अपना जादू दिखाया, जबकि विजय बहुगुणा तो मानो कांग्रेस के एक एक छोटे बडे नेता तथा कार्यकर्ताओं को भाजपा ज्वाेइन कराने में लग गये, इस क्रम में एक के बाद एक जबर्दस्तक झटका दिया विजय बहुगुणा ने, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने हरीश रावत को दिया एक और झटका दिया। हरिद्वार ग्रामीण से सरकार की दर्जाधारी संतोष कश्यप ने भाजपा का दामन थाम लिया है। संतोष पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद की अध्यक्ष हैं। इसके अलावा निर्दलीय चुनाव लड़ चुके आदित्य कोठारी व कांग्रेस प्रदेश सचिव दिलशाद खान भी भाजपा में शामिल हुए। देहरादून में प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू व वरिष्ठ भाजपा नेता विजय बहुगुणा की मौजूदगी में तीनों भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर विजय बहुगुणा ने कहा कि जो भी व्यक्ति आत्मसम्मान की राजनीति करना चाहता है, वह भाजपा के साथ आ रहा है। विजय बहुगुणा ने कहा कि हरिद्वार ग्रामीण से एक बड़ा चेहरा भाजपा से जुड़ चुका है। इसलिए निसंदेह भाजपा को आगामी में चुनाव में अच्छे संकेत मिले हैं। हरीश रावत को सीधे टारगेट किये जाने पर बोले कि वह मेरे अच्छे मित्र हैं और उनकी मेरी मोहब्बत के चर्चे तो जगजाहिर है। – मजाकिया लहजे में कहा कि मेरे मुख्यमंत्री रहते उन्होंने मेरा किस कदर सहयोग किया यह आप जानते ही हैं। मैं दो साल उनकी कार्यशैली को देखता रहा। हरीश रावत को अपने हित के आगे न पार्टी का हित दिखता है और प्रदेश का। कहा कि ऐसे में एक-एक कर लोग पार्टी से छिटक रहे हैं। याद कीजिए कि 2012 में कांग्रेस के जो बडे चेहरे थे, उनमें अधिकांश आज भाजपा के साथ खडे हैं। कांग्रेस से त्रस्त लोग भाजपा का दामन थाम रहे हैं और कांग्रेस भाजपा के रिजेक्टेड लोग पार्टी में जोड़ रही है। श्याम जाजू ने कहा कि भाजपा एक लोकतंत्रिक पार्टी है। पार्टी का फ्यूचर ब्राइट है और तभी अधिकाधिक लोग इससे जुड रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ऐसे सभी का स्वागत करती है जो उसकी विचारधारा से जुड़ना चाहता है।
कांग्रेस से रणजीत रावत का टिकट फाइनल हो जाने के बाद टिकट के प्रबल दावेदार ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सीएम ने रामनगर की जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, जिसका जवाब रामनगर की जनता मतदान के दिन देगी। ब्लॉक प्रमुख नेगी ने कहा कि रामनगर के लोगों को उम्मीद थी कि कांग्रेस भी स्थानीय व्यक्ति को टिकट देगी। सीएम ने तो रणजीत रावत के समक्ष घुटने टेक दिए हैं। बोले रावत सल्ट से दो बार विधायक रहे, लेकिन वहां हार के डर से रामनगर में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। कहा कि अब वह अपने समर्थकों के साथ बैठक करने के बाद ही आगे का रास्ता तय करेंगे।
रामनगर विस सीट के लिए ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी को टिकट न मिलने से खफा उनके दर्जनों समर्थकों ने कांग्रेस से इस्तीफ ा दिया है। गुस्साए समर्थकों ने सीएम हरीश रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने रामनगर की जनभावनाओं को दरकिनार कर टिकट फाइनल किया है। कहा कि स्थानीय व्यक्ति को टिकट दिया जाना चाहिए था।
ब्लॉक परिसर के मैदान में एकत्र हुए जनप्रतिनिधियों का कहना था कि वह काफी समय से नेगी के साथ जनसंपर्क में जुटे थे। टिकट गलत दिए जाने के कारण वह पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। इस्तीफा देने वालों में ज्येठ प्रमुख आनंद रावत, सुनीता देवी, लक्ष्मी देवी, शांति देवी, पूजा देवी, कमलेश, सीता राम चौधरी, भगवती देवी, किशोरी लाल, अनिल कुमार, अवनीत कौर, बिलकीस जहां, वाजिद अली, मुनीजा, दसौरी देवी, नाजरा, शारदा देवी, सतनाम सिंह, सोभन सिंह, कमरूद्दीन (ग्राम प्रधान) सुशीला देवी, किशोर चंद्र, मशी देवी, नरेश कूर्या, पूनम देवी, आभा देवी, सुशीला देवी, मुन्नी खातून, संजय कुमार, मीना रावत, त्रिलोक सिंह, बसंती देवी, ख्याली राम, पुष्कर कुमार, भुवनेश्वरी आर्या, भंगुली देवी (बीडीसी सदस्य) युवक कांग्रेस के पौड़ी विधानसभाध्यक्ष दीप गुणवंत, सचिव किशोर लाल के साथ युवक कांग्रेस की कार्यकारिणी के अलावा पालिका सभासद शिल्पेंद्र बंसल, संजय रावत, छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव फत्र्याल समेत कई अन्य लोगों ने पार्टी से इस्तीफा देने की लिखित तौर पर प्रदेश अध्यक्ष को भेजा गया है।
वही नैनीताल शहर के कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व चार दशक से पार्टी से जुड़े पालिका सभासद डीएन भट्ट ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेताओं पर खनन व आबकारी से अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। चुनाव से पहले भट्ट का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। संभावना है कि अभी और कांग्रेसी पार्टी को अलविदा कहेंगे। भट्ट ने भाजपा प्रत्याशी संजीव आर्य का समर्थन करने के संकेत दिए हैं।
जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल को भेजे इस्तीफे में भट्ट का कहना है कि कांग्रेस शासन की अराजकता के कारण जनता कांग्रेस से कोसों दूर हो गई है। राज्य के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य, रोजगार व शिक्षा संबंधी समस्याएं दिन प्रतिदिन जटिल हो होती जा रही हैं।
बाजपुर में कांग्रेस नगर अध्यक्ष अंकुर अग्रवाल के बाद कांग्रेस कमेटी के अन्य पदाधिकारियों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस नगर कमेटी के महामंत्री रवि बंसल, कोषाध्यक्ष संजीव बंसल, संगठन सचिव अमित पाल, हरपाल यादव व जुहेव खान तथा प्रचार मंत्री मोहित जयसवाल ने कहा कि वह यशपाल आर्य के समर्थन में पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने यशपाल आर्य को चुनाव लड़वाने की बात कही है। कहा कि यशपाल आर्य बाजपुर विस क्षेत्र में विकास का चेहरा बन चुके हैं और उनके मार्गदर्शन में विधानसभा क्षेत्र में विकास की गाथा लिखी जा चुकी है।
किच्छा में विधानसभा चुनाव में टिकट देने का वादा करने के बाद भी मुख्यमंत्री के किच्छा से चुनावी मैदान में उतरने से खफा जिला पंचायत अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ईश्वरी प्रसाद गंगवार ने अपने परिवार के साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है। वह अब आगामी चुनावों में क्षेत्र में भाजपा का कमल खिलाने के लिए जल्द ही भाजपा की सदस्यता । किच्छा से मुख्यमंत्री हरीश रावत के चुनाव लड़ने की लगातार तीन सत्र से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज गंगवार परिवार ने कांग्रेस को सबसे पहले जोर का झटका दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद गंगवार ने कहा वह रावत की लगातार उपेक्षा से काफी व्यथित है।
उन्होंने घोषणा की कि वह जल्द ही केंद्रीय मंत्री व अपने पारिवारिक मित्र संतोष गंगवार व हाल ही में भाजपा में शामिल हुए यशपाल आर्य की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ले क्षेत्र में कमल खिलाने में भाजपा की मदद करेंगे। इस दौरान मंडी निदेशक अमित पुरोहित, सलाउदीन, जलीस अहमद, हाजी यासीन , हाजी शरीफ, सहादत अली, रामनारायण, हासिम अली, विनोद फोगाट समेत सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे।
विजय बहुगुणा ने इन सबको भाजपा में शामिल कराकर कहा कि पार्टी में एक कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। कांग्रेस से जो लोग भाजपा शामिल हुए वे मंत्री और विधायक थे, उनका कांग्रेस से टिकट पक्का था। लेकिन वे उत्तराखंड और राष्ट्र के विकास के लिये भाजपा में शामिल हुये, जबकि कांग्रेस भाजपा का रिजेक्टेड माल ले रही है। जिन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया, उन्हें हरीश रावत ने कांग्रेस का टिकट थमा दिया। 2012 के चुनाव में चौधरी विरेन्द्र सिंह, विजय बहुगुणा, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत कांग्रेस के चेहरे थे, जो सब भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश सचिव हाजी दिलशाद अहमद कुरेशी को भाजपा में शामिल कराते हुये बहुगुणा ने दावा किया कि उनकी सितारगंज मे होने बाली रैली में बडी तादाद में मुसलमानों के शामिल होने से यह भ्रम टूट गया तथा आगे भी टूट जायेगा कि मुसलमान भाजपा के साथ नहीं हैं।
वही सीएम हरीश रावत इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से सीएम रावत 27 जनवरी को नामांकन करने जा रहे हैं. इसके पहले ही इस सीट पर सिटिंग विधायक और भाजपा प्रत्याशी यतीश्वरानंद ने सोमवार को हरीश रावत की हार और अपनी जीत के लिए हरिद्वार के वेद मंदिर आश्रम में हवन किया. सीएम हरीश रावत इस बार दो विधानसभा क्षेत्रों से मैदान में हैं. हरिद्वार ग्रामीण सीट के अलावा हरीश रावत ऊधमसिंह नगर की किच्छा सीट से भी उम्मीदवार हैं. किच्छा में रावत 25 को नामांकन करेंगे जबकि हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा से 27 जनवरी को पर्चा भरेंगे.
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