राज्य के हितों पर समुचित ध्यान :प्रकाश पन्त

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सीएम आवास स्थित कैम्प कार्यालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई ब्राॅडगेज लाईन प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लि0 के साथ बैठक की। #उत्तराखण्ड राज्य में जी0एस0टी0 के प्राविधानों से करदाताओं को अवगत कराये जाने हेतु वाणिज्य कर विभाग द्वारा विभाग में कार्यरत अधिकारियों को जी0एस0टी0 अधिनियम व जी0एस0टी0 परिचालन हेतु तैयार किये गये साॅफ्टवेयर की टेनिंग #जी0एस0टी0 प्रणाली में जाने हेतु जी0एस0टी0 नामांकन की प्रक्रिया जारी # Execlusive: www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper) CS JOSHI= EDITOR
देहरादून 10 अप्रैल 2017(मी0से0)
प्रदेश के संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री प्रकाश पन्त ने विधान सभा स्थित अपने कक्ष में जी0एस0टी0 के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी एवं अपर आयुक्त पीयूष कुमार के साथ विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि माल एवं सेवाकर अर्थात् जी0एस0टी0 जुलाई 2017 से सम्पूर्ण राष्ट्र में लागू किया जाना प्रस्तावित है। माल एवं सेवाकर से सम्बन्धित समस्त केन्द्रीय अधिनियम व प्रतिपूर्ति अधिनियम (कैम्पनशेसन एक्ट)अन्तिम रूप से संसद द्वारा पारित किये जा चुके हैं। राज्य माल एवं सेवाकर विधेयक के आलेख उचित संशोधन एवं सुधार हेतु राज्यों को प्रेषित किये गये हैं तथा इनके परीक्षण का कार्य जारी है।
श्री पंत ने बताया कि जी0एस0टी0 परिषद में विचार के दौरान प्रतिपूर्ति सम्बन्धी प्राविधानों में राज्य के हितों पर समुचित ध्यान दिया गया है। इस सम्बन्ध में जी0एस0टी0 परिषद से पत्राचार भी किया गया है। श्री पंत ने कहा कि नियमों को अन्तिम रूप दिया जा चुका है व इनपर सुझाव आमन्त्रित किये गये हैं।
जी0एस0टी0 के अन्तर्गत राज्य एवं केन्द्र द्वारा आरोपित किये जाने वाले विभिन्न अप्रत्यक्ष कर यथा उत्पाद कर, सेवाकर, वैट, प्रवेश कर आदि को समाहित किया गया है। इसके अन्तर्गत देश में राज्य एवं केन्द्रीय स्तर पर एक ही कर जी0एस0टी0 आरोपणीय होगा, जिसके दो भाग होंगें- एक भाग एस0जी0एस0टी0 राज्यों को मिलेगा तथा दूसरा भाग सीजी0एस0टी0 केन्द्र के हिस्से में जायेगा। इस प्रणाली के अन्तर्गत पूरे देश में एक विधिक व्यवस्था रहेगी तथा किसी वस्तु पर कर की दर पूरे देश में एक समान रहेगी। किसी व्यापारी द्वारा व्यापार करने पर प्रान्त के अन्दर या प्रान्त के बाहर दोनों प्रकार से खरीद करने पर अदा किये गये इनपुट के्रडिट का लाभ मिलेगा। इससे व्यापारी को देश के किसी भी भाग से माल खरीदने पर प्रतिस्पर्धी मूल्य का लाभ मिलेगा। इस प्रकार से पूरा देश एक बाजार के रूप में विकसित होगा तथा देश की जी0डी0पी0 का 1 से 2 प्रतिशत बढ़ना अनुमानित है।
उत्तराखण्ड राज्य में जी0एस0टी0 के प्राविधानों से करदाताओं को अवगत कराये जाने हेतु वाणिज्य कर विभाग द्वारा विभाग में कार्यरत अधिकारियों को जी0एस0टी0 अधिनियम व जी0एस0टी0 परिचालन हेतु तैयार किये गये साॅफ्टवेयर की टेªनिंग दी गयी है, तथा विभाग के अधिकारियों द्वारा करदाताओं के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों पर 100 से अधिक कार्य शालायें आयोजित कर, उन्हें जी0एस0टी0 के प्राविधानों से अवगत कराया गया है, ताकि जी0एस0टी0 प्रणाली अपनाने में कोई कठिनाई ना हो। इस सम्बन्ध में विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्वारा अपने स्तर पर विशेषज्ञों को बुला कर कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया है। इस क्रम में वित्तमंत्री की अध्यक्षता में आज इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसियेशन द्वारा देहरादून के एक स्थानीय होटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विमलजैन सी0ए0 द्वारा मुख्य अतिथिवक्ता के रूप में जी0एस0टी0 के प्राविधानों को स्पष्ट किया गया है।
वित्तमंत्री श्री पन्त ने अवगत कराया कि वर्तमान प्रणाली से जी0एस0टी0 प्रणाली में जाने हेतु जी0एस0टी0 नामांकन की प्रक्रिया जारी है। इस प्रणाली के अन्तर्गत व्यापारी द्वारा जी0एस0टी0 पोर्टल पर लाॅगइन पासवर्ड द्वारा व्यापार सम्बन्धी सूचनाएं देने पर जी0एस0टी0

लागू होने पर पंजीयन संख्या जी0एस0टी0एन0 जारी कर दिया जायेगा, जिससे ऐसे समस्त व्यापारी जी0एस0टी0 के अन्तर्गत रिटर्न दाखिल करने व कर का भुगतान कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्तराखण्ड में स्थापित अनेक औद्योगिक इकाईयों को एक्साइज ड्यूटी की छूट दिनांक 31.03.2020 तक के लिये प्राप्त है। औद्योगिक इकाईयों द्वारा जी0एस0टी0 लागू होने पर छूट के समाप्त हो जाने के सम्बन्ध में चिंता जताने पर काउंसिल मीटिंग में इस विषय को रखा गया। इस सम्बन्ध में केन्द्रीय सरकार द्वारा यह आश्वासन दिया गया है, कि चूंकि उन्हें अप्रत्यक्ष कर से जितना राजस्व प्राप्त होता है, उसका 42 प्रतिशत राज्यों को दिया जाता है, तथा 58 प्रतिशत उनके पास रहता है, इसलिये केन्द्रीय सरकार द्वारा सी0जी0एस0टी0 का 58 प्रतिशत अंश प्रतिपूर्ति के रूप में औद्योगिक इकाईयों को उपलब्ध कराया जायेगा। जी0एस0टी0 लागू होने के उपरान्त राजस्व वर्धन हेतु राज्य सरकार की रणनीति होगी कि उद्योगों एवं व्यापारियों को सुगम एवं मैत्री पूर्ण वातावरण उपलब्ध कराया जाए, जिससे कि उद्योग एवं व्यापार में वृद्धि होने के कारण उपभोग बढ़े, फलतः राज्य को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो, जिससे राज्य समृद्धि हो सके।

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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सीएम आवास स्थित कैम्प कार्यालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई ब्राॅडगेज लाईन प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लि0 के साथ बैठक की। बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री श्री रावत ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह रेलवे लाईन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। रेलवे लाईन से जहाँ एक ओर चारधाम यात्रा आसान होगी वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा राज्य होने के कारण दूरस्थ क्षेत्रों से कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। इसके लिये जरूरी है कि यह रेल प्रोजेक्ट समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने रेल विकास निगम लि0 के अधिकारियों से कहा कि इस प्रोजेक्ट में टनल बनाने एवं अन्य सभी कार्यों हेतु आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सम्बन्धित जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि रेलवे लाईन के कारण पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन की अद्यतन समीक्षा अगले 2 माह में पूर्ण कर ली जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन हेतु कमिश्नर गढ़वाल की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जहाँ-जहाँ अपेक्षित है, उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड, पिटकुल एवं लो.नि.वि. द्वारा रेल प्र्रोजेक्ट में सहयोग दिया जाए।
अध्यक्ष, रेल विकास निगम लि0 श्री सतीश अग्निहोत्री ने बताया कि इस रेल प्रोजेक्ट की कुल लम्बाई 125 किमी है जिसमें 105 किमी हिस्सा टनल वाला है। इसके साथ ही इसमें 98 किमी लम्बी एस्केप टनल (Escape Tunnel) भी बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में आधुनिकतम तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रूड़की-देवबन्द नई रेल लाईन, हरिद्वार-लक्सर दोहरीकरण एवं हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाईन में सुविधाओं के विकास से सम्बन्धित प्रोजेक्ट्स की अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए। इन प्रोजेक्ट्स में जहाँ-जहाँ समस्या आ रही है उनका समाधान निकाला जाए।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री अरिवन्द सिंह हयांकी, कमिश्नर गढ़वाल श्री विनोद शर्मा, प्रमुख वन संरक्षक श्री आर.के. महाजन सहित सम्बन्धित विभागों के विभागाध्यक्ष एवं जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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देहरादून  10  अप्रैल  2017(मी0से0)
प्रदेश के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में विधान सभा के सभा कक्ष में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
सहकारिता मंत्री ने आगामी 13 से 19 मई, 2017 तक एक सप्ताह का वृहद अन्तर्राज्यीय सहकारी सम्मेलन एवं प्रदर्शिनी आयोजन के निर्देश दिये, जिसमें केन्द्रीय मंत्री, प्रदेश के पांचों सांसद व मंत्रीगण प्रतिभाग करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सहकारिता विभाग गरीबों के कल्याण के लिए प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर पा रहा है। उन्होंने सहकारिता में संचालित गरीबों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन में प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सहकारिता के सुदृढ़ीकरण हेतु गांव में संचालित प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति सचिव(कैडर सचिव), विकास खण्ड स्तर पर तैनात अपर विकास अधिकारी (सहकारिता) तथा सहायक निबन्धक सहकारिता एवं मुख्यालय के अधिकारियों के साथ तीन चरणों मंे अलग-अलग बैठक बुलाने के निर्देश दिये। प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति(कैडर सचिव) की बैठक गढ़वाल तथा कुमाऊँ मण्डल में अलग-अलग आयोजित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने उप निबन्धक एवं सहायक निबन्धक(सहकारिता)समस्त बैंक सामान्य प्रबन्धक जिला सहकारी बैंकों, शाखा प्रबन्धकों को सम्बोधित करते हुए कहा, कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों को दण्डित तथा अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरूस्कृत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में कोई दिक्कत आती है, तो सम्बन्धित अधिकारी उनसे सीधे सम्पर्क कर सकता है।
उन्होंने 20 बड़े बकायदारों का विवरण सम्बन्धित बैंक शाखाओं और प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति में प्रदर्शित करने के निर्देश दिये। डा0 रावत ने सभी बैंक अधिकारियों से माननीय प्रधानमंत्री की संचालित 5 योजनाओं के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पलायन रोकने में सहकारी बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि सहकारी बैंकों की पहुँच गांव-गंाव तक है। इसके लिए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों विशेषकर महिला समूहों को अधिक से अधिक ऋण देकर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने केन्द्र के सहयोग से सहकारिता के माध्यम से पेट्रोल पम्प, गैस एजेंसी तथा व्यवसायिक विविधिकरण आवश्यक व्यवस्थाऐं सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने बैंक अधिकारियों से वित्तीय समावेशन के लिए वित्तीय साक्षरता के निर्देश दिये, जिसमें सहकारी सदस्यों को अधिक से अधिक बैंकिग सुविधा उपलब्ध कराने एवं सहकारी बैंकों एवं समितियों को अधिक से अधिक डिजीटाईजेशन करने के निर्देश दिये, जिसके लिए नाबार्ड द्वारा धन उपलब्ध कराया जाता है। सहकारिता मंत्री ने निबन्धक सहकारी समिति को समस्त सहकारी संस्थाओं व पैक्स में रिक्त पदों पर कार्मिकों की आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।
बैठक में निबन्धक सहकारी समितियाॅ एवं सचिव सहकारिता विजय ढौंडियाल, उप निबन्धत आनन्द एडी शुल्क, महाप्रबन्धक एन0पी0एस0ढाका सहित सहायक निबन्धकार एवं जिला सहकारी बैंकों के सामान्य प्रबन्धक उपस्थित थे।
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