माकपा का जनरल रावत पर आरोप & TOP NATIONAL NEWS 6 JUNE 17
जनरल डायर बताया#किसानों के आंदोलन पर पुलिस की फायरिंग #कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक – संगठन चुनाव और आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर #विराट कोहली कार्यक्रम में विजय माल्या भी शामिल #सस्ते टैरिफ प्लान को लेकर कंपीटिशन #मॉडर्न फैसिलिटी से युक्त एक रात की डबल-डेकर रेल सेवा # एकल उच्च शिक्षा नियामक लाने पर विचार #जो लोग सरकारी भोंपू नहीं बनते उन पर मुकदमा- लालू #आर्मी चीफ की तुलना जनरल डायर से करने के बयान की सरकार ने निंदा की।
– वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा, “मेजर गोगोई ने लोगों की जान बचाकर शानदार काम किया। लेकिन कुछ लोग हैं जो पाकिस्तान की करतूतों की बुराई करने की बजाय आर्मी की निंदा करते हैं।”
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माकपा ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत पर आरोप लगाया है कि उनकी बातों में नरेंद्र मोदी सरकार की मंशा झलकती है। मोदी सरकार कश्मीर के लोगों की आवाज को कुचलना चाहती है और वैसी ही बातें सेना प्रमुख कर रहे हैं। माकपा ने कश्मीर में मानव ढाल के मुद्दे पर भी सेना प्रमुख पर निशाना साधा है। बता दें, इससे एक दिन पहले बंगाली स्कॉलर पार्थ चटर्जी ने सेना प्रमुख बिपिन रावत की तुलना ब्रिटिश जनरल डायर से की थी।
मंगलवार को सीपीआई(एम) के मुखपत्र ‘पीपल डेमोक्रेसी’ में कहा गया है कि जनरल बिपिन रावत कश्मीर में प्रदर्शनकारियों से निपटने के जो तरीके बता रहे हैं, वे उसी के उदाहरण हैं, जो गलत रास्ता मोदी सरकार कश्मीर में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अपना रही है। बिपिन रावत ने ये तरीके एक टीवी इंटरव्यू के दौरान बताए थे। मुखपत्र के लेख में कहा गया है, ‘जनरल रावत ने इंटरव्यू में कहा था कि मैं चाहता हूं कि वे लोग हम पर पत्थर फेंकने की बजाय हथियारों से फायरिंग करें। इससे मुझे खुशी होगी। इसके बाद हम वह कर पाएंगे, जो हम करना चाहते हैं।’
पार्टी ने अपने मुखपत्र में आरोप लगाया है कि जनरल रावत ने मेजर नितिन गोगई के उस गलत कदम का भी बचाव किया है, जिसमें उन्होंने एक नागरिक को जीप के आगे बांधकर मानव ढाल बनाया था। लेख में लिखा गया है, ‘आर्मी चीफ ने ऑफिसर नितिन गोगई की उस कदम के लिए प्रशंसा की, जबकि इस मामले में जांच होनी थी। जनरल रावत ने मेजर गोगई के उस गलत कदम को इस तरह से पेश किया, ‘यह एक प्रॉक्सी वार है। यह गलत तरीके से लड़ा जाता है। इसमें नई प्रयोगों की जरूरत होती है। आप एक डर्टी वार नए तरीकों से लड़ते हैं।’
CPM के माउथपीस पीपुल डेमोक्रेसी ने लिखा, “आर्मी चीफ का बयान ये बताता है कि मोदी सरकार कश्मीर को हालात को जिस तरह से हैंडल कर रही है, वो गलत है। आर्मी चीफ ने ऐसे ऑफिसर की तारीफ की, जिसके एक्शन की जांच चल रही थी। गोगोई के सीरियस वॉयलेशन के बचाव में रावत ने कहा- ये प्रॉक्सी वार है। ये गंदे तरीकों से होती है और ऐसे में ही इनोवेशन सामने आते हैं। आप एक डर्टी वार का सामना इनोवेशन से कर रहे हैं।”
कश्मीर में पत्थरबाज को जीप से बांधने वाले मेजर गोगोई के बचाव में आर्मी चीफ के बयान पर सीपीएम और अमेरिकी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पार्थ चटर्जी ने सवाल उठाए हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर (मानद) चटर्जी ने एक न्यूज पोर्टल पर लिखे आर्टिकल में आर्मी चीफ की तुलना जनरल डायर से की है। आर्मी चीफ ने कश्मीर में प्रोटेस्ट पर कहा था- “वास्तव में मैं ये चाहता हूं कि ये लोग (प्रोटेस्टर्स) हम पर पत्थर फेंकने की बजाय फायरिंग करें। तब मुझे बहुत खुशी होगी, क्योंकि मैं वो कर सकूंगा.. जो मैं करना चाहता हूं।” प्रो. चटर्जी ने न्यूज पोर्टल द वायर में “इन कश्मीर, इंडिया इज विटनेसिंग इट्स जनरल डायर मोमेंट’ शीर्षक से आर्टिकल लिखा था। चटर्जी ने लिखा, “1919 में ब्रिटिश इंडियन आर्मी ने जो पंजाब में किया और जो आज इंडियन आर्मी कश्मीर में कर रही है, इन दोनों में जो सफाई दी जा रही है.. उनमें काफी समानताएं हैं।” चटर्जी ने हंटर कमीशन के सामने जनरल डायर की गवाही का हवाला दिया। पत्थरबाज को जीप से बांधने के मामले में आर्मी चीफ की सफाई को भी चटर्जी ने डायर की गवाही जैसा ही बताया। आर्मी चीफ को जनरल डायर बताने पर शुरू हुई कंट्रोवर्सी के बारे में प्रो. चटर्जी ने कहा, “मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है। मैंने जो लिखा है, वो लिखा हुआ है। उसमें मैं कुछ भी बदलने वाला नहीं हूं।”
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मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों के आंदोलन पर पुलिस की फायरिंग के बाद हालात बिगड़ गए हैं. मंदसौर के पार्श्वनाथ में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फायरिंग की थी जिसमें 5 किसानों की मौत हो गई. पुलिस फायरिंग में तीन किसान जख्मी भी हुए हैं. फायरिंग के बाद आंदोलन के उग्र होने के डर से मंदसौर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाकर मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं.
मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इस मामले में राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने कल प्रदेश बंद का एलान किया है.
मध्य प्रदेश के किसान एक जून से 10 जून तक की हड़ताल पर हैं. उनकी मांग कर्ज माफी और फसल का उचित दाम है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से आठ रुपये प्रति किलोग्राम प्याज खरीदने के साथ एक हजार करोड़ रुपये का मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने का ऐलान किया है. भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद आंदोलन को रविवार को स्थगित कर दिया था, लेकिन भारतीय किसान यूनियन, आम किसान यूनियन ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है. इस हड़ताल को राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ का भी समर्थन मिल गया है.
मध्य प्रदेश के मंदसौर में आंदोलन कर रहे किसानों पर मंगलवार को पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिससे तीन किसानों की मौत हो गई है जबकि कई किसान घायल हो गए. पुलिस के मुताबिक उग्र किसानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी, जिसमें किसान की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं. गोलीबारी की घटना आज दोपहर करीब दो बजे घटी. मध्य प्रदेश में किसान पिछले सप्ताह गुरुवार से कर्ज माफी और फसलों के वाजिब दाम की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. एमपी में किसानों का आंदोलन आज छठवें दिन भी जारी रहा और उसने उग्र रूप ले लिया. कई स्थानों पर पथराव किया, सब्जी फेंकी और हंगामा किया. किसानों की हड़ताल के चलते राजधानी में दूध की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. वहीं कई स्थानों पर महंगे दाम पर दूध बिक रहा है. इसी तरह के हालात कई अन्य इलाकों में भी है, क्योंकि सब्जी मंडी और दुग्ध केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है.
क्यों आई फायरिंग की नौबत
दरअसल पार्श्वनाथ में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान तोड़ फोड़ औऱ आगजनी शुरू हो गयी. किसानों के प्रदर्शनकारी गुट ने करीब 10 ट्रक औऱ दो मोटरसाईकल में आग लगा दी. मौके पर पहुंची सीआरपीएफ की टीम ने मोर्चा संभाला. दोनों पक्षों में आपसी पथराव के बाद सीआरपीएफ औऱ पुलिस ने गोलीबारी की जिसमें किसान मारे गए.
कांग्रेस जाएगी मंदसौर
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने गोलीकांड की जांच के लिए विधायकों की एक कमेटी गठित की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह कल मंदसौर का दौरा करेंगे.
आम जनजीवन पर असर
इस हड़ताल के कारण इंटरनेट सेवा तो बंद ही कर दी गई है. इससे दूध और सब्जियों की सप्लाई पूरे सूबे में खासा प्रभावित है. बीते एक हफ्ते में सब्जियों की कीमत में भारी इजाफा हुआ है. सिर्फ प्याज ही है जो 10 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
खास बात ये है कि सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि सरकार 8 रुपये किलो प्याज और तय किए गए दाम पर मूंग दाल खरीदेगी. सरकार के इस एलान के बाद भारतीय किसान संघ ने हड़ताल वापस ले ली थी, लेकिन दूसरे गुटों ने आदंलोन जारी रखा.
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कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक – संगठन चुनाव और आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर
देश के मौजूदा राजनीतिक हालात, संगठन चुनाव और आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई. बैठक में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के तीन साल के कामकाज को निराशाजनक बताया.
सोनिया गांधी ने कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जताई. सोनिया गांधी ने कहा, ”कश्मीर के हालात मोदी सरकार की नाकामी हैं. वहां पहले अमन था, लेकिन अब टकराव, तनाव और डर है.”
सीडब्लूसी की बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”कार्यसमिति का बैठक में GSLVMK3 के सफलतापूर्वक लॉन्च के लिए इसरो को बधाई दी गई. पिछले 60 सालों में कांग्रेस जो सपना देखा था. इसरो उस पर आगे बढ़ रहा है.”
मोदी सरकार के तीन साल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”सरकार चाहे जितनी खुशियां मनाए, खुशियां मनाने के लिए चाहे जितना सरकारी पैसे का दुरुपयोग करे लेकिन देश के लिए ये तीन साल बेहद निराशाजनक ही रहे. इन तीन सालों में एनडीए की सरकार में सिर्फ डर और भय दिखा. ये डर किसी एक व्यक्ति या विपक्ष तक ही सीमित नहीं रहा. इस देश के दलित, महिलाओं, अल्पसंख्यक इस भय का शिकार हो रहे हैं.”
गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”जो मीडिया सरकार की लाइन पर नहीं चलती उसके साथ क्या होता है उसका एक नमूना हमने कल 24 घंटे देखा. जहां लाखों हजारों करोड़ पबैंक का बकाया बैंका कई लोगों के पास है उससे हिन्दुस्तान का नुकसान नहीं हुआ लेकिन एक चैनल से 50 करोड़ से देश की सरकार हिल गयी.”
गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”दलितों के साथ क्या हो रहा है अभी हमने सहारनपुर में देखा. आदिवासियों के साथ क्या हो रहा है हम तीन साल से देख रहे हैं. हमारी बहनों, बहू और बेटियों के साथ जो अपराध हुए अपने आप में एक मिसाल हैं. एनडीए सरकार में बहन बेटियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है.”
गुलाम नबी आजाद ने कहा, “यर सरकार ‘सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ आयी थी, लेकिन इस सरकार ने इसका बिल्कुल उलटा किया. ये सिर्फ नारों और पब्लिसिटी की सरकार है. ये टीवी पर तो हीरो दिखती है लेकिन जमीन पर जीरो है.”
गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”हर साल 12,500 किसान आत्महत्या करते हैं. आज भी किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. तीन साल में बेरोज़गारी बढ़ी, महंगाई बढ़ी, नोटबंदी से जीडीपी ग्रोथ दर पर इतना बड़ा असर पड़ा नुकसान हुआ.”
सरकार के तीन साल पर हमला बोलते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”सरकार ने कहा था कि पांच साल में दस करोड़ रोजगार दिए जाएंगे और एक साल में दो करोड़ रोजगार दिए जाएंगे लेकिन नई नौकरी तो किसी को मिली नहीं लेकिन जो करोड़ों लोग बेकार और बेरोजगार हो गए.”
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हुए.”कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एनडीए के तीन साल निराशाजनक रहे. तीन साल में जनता में डर, खौफ और भय का माहौल पैदा हुआ. दलित, अल्पसंख्यक और महिलाएं डर में जी रहे हैं. बहन-बेटियों का घर से निकालना मुश्किल हो गया है.
आजाद ने आगे कहा- यह सरकार सबका साथ सबका विकास नारा लेकर आई, लेकिन सरकार ने इस नारे के उलट काम किए. यह सरकार टेलीविजन पर हीरो है, लेकिन जमीनी कामों में जीरो है. यह सिर्फ नारों और पब्लिसिटी की सरकार है. नौजवानों के साथ धोखा हुआ है. करोड़ों नौजवान नौकरियां मांगते हैं. उनसे नौकरियों का वादा किया गया था. नया रोजगार किसी को नहीं मिला. देशभर के किसानों की हालत बिगड़ती जा रही है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने किसानों के साथ पूरी सहानुभूति जताई है. पूरे देश में किसानों में अफरातफऱी का माहौल है. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन चल रहे हैं. उनके साथ सहानुभूति के बजाय लाठीचार्ज करती है.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की ओर से विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का कोशिशें जारी हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि विपक्ष का साथ आना लोकतंत्र के लिए अच्छा है. कांग्रेस ने अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने के प्रयास का बचाव करते हुए कहा कि ऐसी एकता लोकतंत्र के लिए अच्छी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि संप्रग शासनकाल के दौरान विपक्ष में रहते समय भाजपा ने भी ऐसा ही प्रयास किया था.
एकल उच्च शिक्षा नियामक लाने पर विचार
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) जल्द ही इतिहास बन जाएंगे, क्योंकि सरकार उनकी जगह एकल उच्च शिक्षा नियामक लाने पर विचार कर रही है.
प्रस्तावित उच्च शिक्षा अधिकारिता नियामक एजेंसी (एचईईआरए) का उद्देश्य कार्यक्षेत्र को लेकर टकराव को समाप्त करना और अप्रासंगिक नियामक प्रावधानों को हटाना है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय तकनीकी एवं गैर तकनीकी संस्थानों को एक ही नियामक के तहत लाने की योजना पर नीति आयेाग के साथ मिलकर काम कर रहा है.
सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित नियामक की एक विस्तृत रूपरेखा और उसके विधान पर काम चल रहा है. एक सूत्र ने कहा, ‘नीति आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय दोनों के अधिकारी इस योजना पर काम कर रहे हैं. यह महसूस किया गया कि कई नियामक निकायों के परिणामस्वरूप अधिक एवं प्रतिबंधात्मक नियमन होता है और इससे संस्थागत स्वायत्तता में कमी आती है’. यद्यपि एकल उच्च शिक्षा नियामक होने की योजना नई नहीं है, बल्कि इसकी सिफारिश सरकार की ओर से गठित विभिन्न समितियों की ओर से की जा चुकी है.
कोहली कार्यक्रम में विजय माल्या भी शामिल
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने लंदन में ‘जस्टिस एंड केयर’ संस्था के लिए धन इकठ्ठा करने के उद्देश्य से एक चैरिटी कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें तमाम मेहमानों के साथ देश से फरार बिजनेसमैन विजय माल्या भी शामिल हुआ. गौरतलब है कि कोहली के चैरिटी कार्यक्रम में टीम इंडिया के भी कई खिलाड़ी पहुंचे थे. वेबसाइट एक्स्ट्राटाइम डॉट कॉम ने अपने यू-ट्यूब पेज पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें विजय माल्या भी नजर आ रहा है. कार्यक्रम में टीम इंडिया के पहुंचने के बाद विजय माल्या भी वहां पहंचा. विजय माल्या भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम लेकर पिछले साल से देश से फरार है. फरार होने के बाद से ही माल्या लंदन में रह रहा है. अभी बर्मिंघम में भारत और पाकिस्तान के मैच को देखने के लिए भगोड़ा विजय माल्या स्टेडियम में भी पहुंचा था. विजय माल्या ने स्टेडियम के वीआईपी बॉक्स में बैठकर मैच का लुत्फ उठाया. आपको बता दें कि विजय माल्या बैंकों के नौ हजार करोड़ से ज्यादा रकम लेकर पिछले साल से फरार है. विजय माल्या पर 17 भारतीय बैंकों के 9432 करोड़ रुपये बकाया है और गिरफ्तारी से बचने के लिए वो 2 मार्च 2016 को देश छोड़कर लंदन भाग गया था. भारत ने इसी साल आठ फरवरी को उसके प्रत्यपर्ण के लिए ब्रिटेन में अर्जी दी है, जिसपर कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
####सस्ते टैरिफ प्लान को लेकर कंपीटिशन
भारत में टेलीकॉम इंडस्ट्री एक अजब दौर से गुजर रहा है. कंपनियों के बीच सस्ते टैरिफ प्लान को लेकर कंपीटिशन बना हुआ है. एक के बाद एक कंपनियां फ्री डेटा, सस्ते कॉल और इंटरनेट प्लान लॉन्च कर रही हैं. इस बीच हम आपको इस महीने यानी जून 2017 के बेस्ट टैरिफ प्लान बता रहे हैं. जिसमें आपको कम कीमत में ज्यादा डेटा और अनलिमिटेड कॉल मिलेगी.
एयरटेल 244 प्लानः एयरटेल के 4G सिम यूजर्स को कंपनी इस प्लान में 1 जीबी डेटा हर दिन दे रहा है. इसके साथ ही अनलिमिटेड एयरटेल-टू-एयरटेल लोकल और एसटीडी कॉल फ्री मिलेगी. ये ऑफर 70 दिन के लिए वैलिड होगा. ऐसे में आपको 70 जीबी डेटा मिलेगा.
इसके अलावा एयरटेल 345 रुपये में भी एक प्लान दे रहा है. इस प्लान में यूजर को हर दिन 1 जीबी 4G डेटा दिया जाएगा इसके साथ ही अनलिमिटेड कॉलिंग मिलेगी. एयरटेल ने इस प्लान की कीमत 345 रुपये रखे हैं. इस प्लान में कस्टमर को 500एमबी डेटा दिन में और 500 एमबी डेटा रात में मिलेगा. इसकी वैलिडीटी 28 दिनों के लिए हैं.
रिलायंस जियो प्लानः रिलायंस जियो ने अपने जियो समर सरप्राइज ऑफर को वापस लेने के बाद धन धना धन ऑफर उतारा. ये धन धना धन ऑफर काफी कुछ समर सरप्राइज जैसा ही है. धन धना धन ऑफर में 309 रुपये में कंपनी हर दिन 1 जीबी डेटा दे रही है, ये प्लान 84 दिन के लिए उपलब्ध होगा. इसके साथ ही अनलिमिटेड कॉलिंग मिलेगी. यानी आपको 309 रुपये में 84 जीबी डेटा मिलेगा.
वोडाफोन 346 रुपये ऑफरः टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने नया टैरिफ प्लान ऑफर किया है. जिसमें यूजर्स को 346 महीने की दर पर 1GB 4G डेटा/हर दिन और अनलिमिटेड कॉलिंग मिलेगी. इसकी वैद्यता 28 दिनों के लिए होगी. जियो से एक कदम आगे बढ़ कर कंपनी सभी यूजर्स के लिए ये ऑफर लाई है. जियो की तरह ये प्राइम सेगमेंट मेंबर्स के लिए नहीं होगा.
आईडिया सेल्यूलर का 346 रु. प्लानः आईडिया सेल्युलर ने सस्ती कीमत के साथ डेटा टैरिफ पैक का ऐलान किया है. जिसमें 345 रुपये की कीमत में 14GB 4G डेटा मिलेगा और अनलिमिटेड कॉलिंग मिलेगी. इस प्लान की वैलिडिटी 28 दिनों तक होगी. इस प्लान में हर दिन के लिए डेटा लिमिट दी गई है. इसके तहत यूजर 500MB/हर दिन डेटा इस्तेमाल कर पाएंगे.
#######मॉडर्न फैसिलिटी से युक्त एक रात की डबल-डेकर रेल सेवा
अब कारोबारियों, बिजनेसमैन को आकषिर्त करने लिये जल्दी ही मॉडर्न फैसिलिटी से युक्त एक रात की डबल-डेकर रेल सेवा शुरू करेगी. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज ‘स्मार्ट रेलवे’ पर आयोजित सम्मेलन में कहा कि रेलवे नई सर्विस उदय एक्सप्रेस के जरिये के जरिये महानगरों को जोड़ने पर गौर कर रही है. पैसेंजर्स को बेहतर यात्रा की सुविधाएं मुहैया कराने में लगी रेलवे नई और एडवांस्ड ट्रेनों के जरिए भारतीय रेलवे का चेहरा भी बदलने की कोशिश कर रही है. हाल ही में तेजस एक्सप्रेस भी चलाई है जो सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है.
डेस्टिनेशन पर पहुंच जाएंगे ताकि वे अपनी होटल के खर्चों को बचा सके.’’ फिलहाल रेलवे ने क्षमता बढ़ाने और यात्रियों को यात्रा के दौरान बेहतर सुविधाएं देने के लिये नए प्रोजेक्ट्स भी शुरू किए हैं. उदय एक्सप्रेस एक रात की सेवा होगी. इसमें केवल बैठने की व्यवस्था होगी यानी सिर्फ चेयरकार होंगी और साथ ही उद्योगपतियों, व्यापारियों को ध्यान में रखकर बेहतर सुविधाएं होंगी.
प्रभु ने कहा, ‘‘हम सटीक स्ट्रेटेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं और हम इसे बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति में कर रहे हैं. चाहे खान-पान हो, टिकट बुकिंग हो या फिर कोच की सफाई हो, ये सभी चीजें रेलवे में स्मार्ट तरीके से की जा रही हैं.’’ उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे में काफी काम किये जाने की जरूरत है. रेलवे में पहले पर्याप्त निवेश और क्षमता विस्तार नहीं हुआ.
- रेल क्षेत्र में निवेश को रेखांकित करते हुए प्रभु ने कहा, ‘‘रेलवे में एक रुपये का निवेश आर्थिक और रोजगार सृजन के मामले में छह गुना प्रभाव पड़ा है.’’ उन्होंने कहा कि रेलवे ने पिछले ढाई साल में यात्रियों की लागत में कमी लाने के साथ-साथ उसे व्यापार अनुकूल बनाने के लिये खासकर किराया के अलावा अन्य स्रोत से राजस्व बढ़ाने, क्षमता और परिचालन कुशलता में वृद्धि हेतु स्मार्ट पहल की है जिससे देश के सकल घरेलू उत्पाद में 2 फीसदी की वृद्धि हो सकती है.
- रेलवे का एक्सपेंशन विस्तार मांग के अनुरूप नहीं था. माल ढुलाई का काम रेलवे से दूर जा रहा था. मांग और आपूर्ति में काफी अंतर था. इसीलिए हमने इससे निपटने के लिये समग्र रणनीति तैयार करने का फैसला किया. हमने परियोजनाओं को क्रियान्वित करने की कोशिश की है जिसमें तेजी से नई लाइन बिछाना और विद्युतीकरण शामिल हैं.’’
- अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के बेहतर उपयोग की चुनौती है. टेक्नोलॉजी हमेशा रही है लेकिन अब इसका पैमाना बढ़ गया है. सही टेक्नोलॉजी का उपयोग पासा पलटने वाला होगा.
## ######जो लोग सरकारी भोंपू नहीं बनते उन पर मुकदमा- लालू प्रसा
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने यहां मंगलवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इस समय को आपतकाल बताते हुए कहा कि जो लोग सरकारी भोंपू नहीं बनते उन पर मुकदमा किया जा रहा है। लालू ने समाचार चैनल एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के आवास पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, “दिल्ली की हुकूमत मीडिया को ‘भाट-चारण’ परंपरा में ले जा रही है। जो विरोध करे, उन्हें एजेंसियों के माध्यम से दबा दो। एकजुट होकर साथ आएं और मुल्क बचाएं। लालू ने एक साथ कई ट्विट किए।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने एनडीटीवी को टैग करते हुए लिखा, सच को दबाने और असहमति की हर आवाज को कुचलने की हर कोशिश को बेनकाब करने में सदैव साथ थे, हैं और रहेंगे। लालू ने इस समय को आपातकाल जैसा बताते हुए ट्विटर पर लिखा, “जो नेता, पत्रकार और मीडिया घराना उनके नाम का बाजा नहीं बजाएगा, सरकारी भोंपू नहीं बनेगा, उन पर यह सरकार मुकदमे और छापेमारी करा रही है। यही आपातकाल है।
लालू के ऐसे ट्विट करने को लेकर उनका काफी विरोध हो रहा है। लोग उन्हें चोर और घोटालेबाज कहकर उन्हीं पर उल्टे तंज कसे जा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा ललुआ भाग जाओ धोती उठाकर नहीं तो उतार ली जाएगी…. भोंपू पीछे लगा दिया जाएगा ओर पुंगी आगे… पी पी पी… चारा चोर…
वहीं एक यूजर ने लिखा और वो कौन सा आपकताल था जो अपनी बेटी के नाम पर रख था ते चाराचोर..