सरकार के प्रति ज़बरदस्त गुस्सेे को क्यो नजरअंदाज करतेे रहे अमित शाह
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हरियाणा में प्रबंधन में कमी रह गई # कांग्रेस को इस बार सबसे ज्यादा फायदा राज्य के जाटलैंड और ग्रामीण इलाकों से हुआ है। उधर, 10 महीने पहले बनी जननायक जनता पार्टी (जजपा) को भी सभी 10 सीटों पर बढ़त इन्हीं इलाकों से मिली है। #महाराष्ट्र में मतगणना के रुझानों से यह साफ़ है कि लोगों में देवेंद्र फडनवीस सरकार के प्रति ज़बरदस्त गुस्सा है। यह इससे समझा जा सकता है कि राज्य सरकार की मंत्री पंकजा मुंडे चुनाव हार चुकी हैं, जबकि दूसरे 5 मंत्री पीछे चल रहे हैं और वे हार की कगार पर हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 46 सीटें मिलनी चाहिए.# HIMALAYAUK LEADING NEWSPORTAL Bureau Report: Mob 9412932030 ; Mail us; himalayauk@gmail.com
बीजेपी के कद्दावर नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे महाराष्ट्र की परली विधानसभा सीट से चुनाव हार गई हैं। उन्हें उनके चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने हराया। पंकजा मुंडे इस फडणवीस सरकार में मंत्री हैं और धनंजय मुंडे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में फडणवीस सरकार के 5 मंत्री मतगणना में पीछे चल रहे हैं। इनमें कर्जत जमात से राम शिंदे, औरंगाबाद से अतुल सवे, मावल से बाला उर्फ संजय विश्वनाथ भिड़े, यवतमाल से मदन येरावर और पुरंदर से विजय शिवतारे पीछे चल रहे हैं। इससे जुड़ी ताजा ख़बर यह है कि पंकजा मुंडे चुनाव हार गई हैं। वह गोपीनाथ मुंडे की बेटी और प्रमोद महाजन की भान्जी हैं और बीजेपी की बड़ी नेता मानी जाती हैं।
पंकजा मुंडे की हार तब हुई है जब बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन राज्य के चुनाव में ज़बदरदस्त प्रदर्शन करता दिख रहा है। गठबंधन को राज्य की कुल 288 सीटों में से क़रीब 162 पर बढ़त मिलती दिख रही है। बता दें कि पंकजा मुंडे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे दिग्गज नेताओं ने भी रैलियाँ की थीं। हालाँकि उनकी रैलियाँ भी काम नहीं आईं। पंकजा अपने कार्यकाल में कई बार विवादों में भी रहीं।
यह दिलचस्प है कि इन मंत्रियों में ज़्यादातर लोगों के पक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव प्रचार किया था। इसके बावजूद इनका हारना बताता है कि मोदी का जादू भी इन सीटों पर नहीं चल सका।
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान हुआ था। महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर रुझान आ गए हैं। इनमें से बीजेपी 97 और शिवसेना 64 सीटों पर आगे चल रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस 45 और एनसीपी 47 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं अन्य 31 सीटों पर आगे है।
एग्जिट पोल में भाजपा को आसान जीत मिलने की संभावना जताई गई, वहीं इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एक्जिट पोल में कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी, भाजपा को परेशान करती दिखाई दे रही थी. जननायक जनता पार्टी अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा की जनता का प्यार मिल रहा है. बदलाव की निशानी है. भाजपा के लिए 75 पार तो फेल हो गया, अब यमुना पार करने की बारी है. 2014 के विधानसभा चुनावों में 90 में से 47 सीटें हासिल करने वाली सत्ताधारी भाजपा ने ‘अबकी बार 75 पार’ का नारा दिया था.
इस पूरे चुनाव में जननायक जनता पार्टी (Jannayak Janata Party) किंगमेकर बनकर उभरी. इनेलो से टूटकर नई गठित इस पार्टी ने इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया. पार्टी के बेहतर प्रदर्शन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य विधानसभा चुनावी नतीजों में पहली सीट जेजेपी ने ही जीती. जेजेपी ने शाहबाद (एससी) सीट पर यह जीत दर्ज की. चुनाव आयोग के अनुसार, शाहबाद (एससी) सीट से जेजेपी उम्मीदवार रामकरण ने अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी और राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी को बड़े अंतर से हराया. यह अंतर 37127 मतों का रहा. चुनाव आयोग के अनुसार, इस तरह राज्य की पहली सीट जेजेपी ने जीती. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में कृष्ण कुमार बेदी ने इस सीट पर महज 562 मतों से जीत दर्ज की थी
चुनाव के बाद पांच एग्जिट पोल में भाजपा की सरकार बनने का अनुमान बताया गया था तो इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया ने एग्जिट पोल में त्रिशंकु सरकार बनती दिखाई गई थी। इसमें भाजपा को 32 से 44 सीटें, कांग्रेस को 30 से 42 सीटें, जजपा को 6 से 10 सीटें व अन्य पार्टियों को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान बताया गया।