मोदी के भंवर में फंसेंगे राहुल गांधी?
#सोमनाथ मंदिर में राहुल औऱ अहमद पटेल के रजिस्टर में साइन करते ही उस रजिस्टर की फोटो लोगों के बीच आ गईं और चौतरफा हमला शुरू हुआ #नरेंद्र मोदी ने सियासी हमला बोला #राहुल गॉधी के सोमनाथ मंदिर में प्रवेश #आज बीजेपी वालों को मिर्ची लगेगी. लग गई # राहुल गांधी सिर्फ हिंदू ही नहीं हैं, वह जनेऊ धारी हिंदू #आ मोदी के भंवर में फंसेंगे राहुल गांधी? # मोदी ने तंज कसा कि सोमनाथ मंदिर परनाना ने नहीं बनवाया है # कांग्रेस ने साफ शब्दों में इसे बीजेपी की चाल बताया # कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा ‘यह देखिए सोमनाथ मंदिर में किए राहुल गांधी के असली हस्ताक्षर # दूसरे हस्ताक्षर राहुल गांधी जी के नाम से किए गए #
Bureau Report: www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND) ; Leading Digital Newsportal
राहुल गॉधी के सोमनाथ मंदिर में प्रवेश को लेकर मोदी भंवर ने घेर लिया, सोमनाथ मंदिर में राहुल औऱ अहमद पटेल दोनों ही उस रजिस्टर में साइन कर आए और फिर कुछ समय बाद उस रजिस्टर की फोटो लोगों के बीच आ गईं. जिसके कारण विरोधियों को उन पर हमला करने का मौका मिला गया है. भले ही राहुल से यह गलती भूलवश या उनके मीडिया कोऑर्डिनेटर की अज्ञानता के कारण हुई हो, लेकिन इसने भाजपा के नेताओं को राहुल पर हमले करने का मौका तो दे ही दिया है. रणदीप सुरजेवाला ने कहा ‘राहुल गांधी सिर्फ हिंदू ही नहीं हैं, वह जनेऊ धारी हिंदू हैं, इसलिए बीजेपी को राजनीति का स्तर यहां तक नहीं गिराना चाहिए.’ इस विवाद पर संजय निरुपम ने भी राहुल गांधी का बचाव किया है. संजय ने लिखा ‘मैंने कहा था ना, आज बीजेपी वालों को मिर्ची लगेगी. लग गई.’
राहुल गांधी के सोमनाथ मन्दिर जाने पर विवाद में नया मोड़ आया है. कांग्रेस ने राहुल गाँधी की विज़िटर बुक में एंट्री का सबूत पेश करते हुए कहा कि यही एंट्री सही है और जिस एंट्री की बात हो रही है वो गलत है. दरअसल सोमनाथ ट्रस्ट ने दो साल पहले फैसला किया था कि जो हिन्दू न हो इसके नाम की एंट्री रजिस्टर में होनी चाहिए लेकिन आज राहुल और अहमद पटेल के नाम से एक एंट्री मंदिर के रजिस्टर में हुई. एंट्री करने वाले का नाम मनोज त्यागी लिखा गया है. इस पर कांग्रेस ने सफाई दी कि गलती से ऐसा हो गया क्योंकि नियमों को जानकारी नहीं थी. . कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को गुजरात के सोमनाथ मंदिर में पहुंचकर माथा टेका और जलाभिषेक किया. पिछले तीन महीने में राहुल गांधी ने 19वीं बार मंदिर में पूजा-अर्चना की है. इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उन पर सियासी हमला बोला है. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम लिए बिना मोदी ने तंज कसा कि सोमनाथ मंदिर परनाना ने नहीं बनवाया है.
कांग्रेस ने साफ शब्दों में इसे बीजेपी की चाल बताया है. कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा ‘यह देखिए सोमनाथ मंदिर में किए राहुल गांधी के असली हस्ताक्षर. साफ देख सकते हैं दूसरे हस्ताक्षर राहुल गांधी जी के नाम से किए गए हैं, वह स्वंय जी क्यों लिखेंगे?. पता नहीं यह किसने लिखा है. बीजेपी वही कर रही है जो वह कर सकती है. सच्चाई से लोगों अलग कर रही है.’ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मुद्दे पर राहुल गांधी का बचाव किया. सुरजेवाला ने कहा ‘राहुल जी ने विजिटर बुक में एंट्री की है, जिस हस्ताक्षर की चर्चा हो रही है, वह राहुल गांधी के नहीं हैं.’
अहमदाबाद से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंचे. दर्शन के दौरान राहुल कुछ ऐसा कर बैठे, जिससे गुजरात के चुनावी माहौल में एक नया विवाद खड़ा हो गया. दरअसल, सोमनाथ के मंदिर में गैर-हिंदू दर्शनार्थियों के लिए एक रजिस्टर रखा गया है, जिसमें उन लोगों को हस्ताक्षर करने होते हैं, जो हिंदू नहीं हैं.
इस रजिस्टर में राहुल गांधी के हस्ताक्षर ने चर्चाओं का बाज़ार गर्म कर दिया है. राहुल हिन्दू हैं या पारसी, ये बात लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है. इससे पहले सोमनाथ मंदिर में स्मृति ईरानी ने भी दर्शन किए थे, पर तब उनके हस्ताक्षर नहीं लिए गए थे. ऐसे में इस विवाद का जन्म राजनीतिक लगता है. स्मृति भले ही जन्म से हिन्दू हों पर जुबिन ईरानी से शादी के बाद वो ‘स्मृति ज़ुबिन ईरानी’ हुईं अर्थात पारसी हो गईं. सोमनाथ मंदिर में दर्शन करने गए राहुल और अहमद पटेल ने उस रजिस्टर में साइन कर दिया, जो गैर-हिंदू दर्शनार्थियों के लिए रखा जाता है. इसके बाद से गुजरात में राहुल विरोधी नेताओं को उन पर हमले करने का मौका मिल गया. जैसे-जैसे यह ख़बर फैल रही है, राहुल को उनके धर्म के लिए निशाने पर लिया जा रहा है. विरोधियों ने कहना शुरू कर दिया है कि इस साइन से वो सबूत सामने आ गया है, जो राहुल के ग़ैर-हिंदू होने का प्रमाण देता है. सोमनाथ मंदिर पहुंचने पर जब मंदिर की ओर से कहा गया कि जो लोग गैर-हिंदू हैं, वे एक अलग रजिस्टर में साइन कर दें, तो कांग्रेस की ओर से वहां मौजूद मीडिया कोऑर्डिनेटर ने अहमद पटेल और राहुल गांधी का नाम बता दिया. इसके बाद दोनों नेताओं को उस रजिस्टर में साइन करने के लिए कहा गया. राहुल पर ग़ैर-हिंदू होने के आरोप इससे पहले भी लगते रहे हैं. यहां तक कि उनकी मां और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के धर्म को लेकर भी ऐसी ही आपत्तियां जताई जाती रही हैं. लेकिन, राहुल बार-बार अपने हिंदू होने की बात कहते रहे हैं और चुनाव के वक्त जमा किए गए शपथ पत्रों में भी उन्होंने खुद को हिंदू ही बताया है.
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