रेल मंत्री में उत्तराखण्ड के लिए घोषणा करने का साहस है ?
#मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार की चुनौती#रेल बजट में उत्तराखण्ड की घोर उपेक्षा करने वाले रेल मंत्री #गैरसैंण में गैरसैण आए हैं #तो रेलमंत्री गैरसैण के लिए 1 हजार करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा भी अपने सुपरमैन मोदी जी की ओर से कर दें #रेल मंत्री का दौरा मात्र गैरसैंण में भाजपा विधानमण्डल दल की नाकामी को छूपाने वाला दौरा बन जाए #स्वयंभू रेल पुरूष भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेंगे #नोटबंदी के कारण राज्य को हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति करने का भी वायदा कर दें#हालांकि उनके वायदों पर अब कोई भी विश्वास करने को तैयार नहीं होता है#पता नहीं कब किस वायदे को जुमला कह कर नकार दिया जाए# Top News; www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportgal) coverage by CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR
फोटो कैप्शन- यह है उत्तराखण्ड की प्रस्तावित राजधानी – पहाड के बीच में गैरसैण- जहां 24 नवम्बर 2016 को भारत के रेलमंत्री श्री सुरेश प्रभु जी पधार चुके हैं-
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु का देवभूमि में स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा के नेता प्रतिपक्ष व उनके साथी गैरसैंण विधानसभा सत्र की अपनी नाकामी को छिपाने के लिए अब जबरदस्ती रेल मंत्री को गैरसैंण लाकर अपनी खीज मिटा रहे है।
देहरादून- 24 नवम्बर, 2016
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने कहा कि जिन रेल योजनाओं की बात की गई है उसमें यदि महलचैरी-गैरसैंण, बथावा बांध-चैखुटिया, मौहान-रामनगर व कर्णप्रयाग-ऋषिकेश को यदि गैरसैंण तक विस्तारित करने वाली योजना शामिल की जाती तो माना जाता कि राज्य को कुछ मिला है। उन्होने कहा कि अन्यत्र जगहों की छोटी-मोटी योजनाओं का झुनझुना गैरसैंण में बजा कर भाजपा क्या हासिल करना चाहती है? उनको बताना चाहिए।
वहीं मुख्यमंत्री के प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा 07 फरवरी, 2016 को विभिन्न रेल योजनाओं के लिए भेजे पत्र को भी अपनी प्रेस वार्ता में मीडिया को जारी किया और भाजपा के पांचो सांसद व प्रदेश नेतृत्व से पत्र में उल्लेखित सभी योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार व रेल मंत्री पर दवाब बनाने का आग्रह किया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस वर्ष के रेल बजट में राज्य की जो घोर उपेक्षा की गई थी, उसका कुछ पश्चाताप तो केंद्र सरकार जरूर करेगी। रेल बजट से पहले मुख्यमंत्री श्री रावत ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर राज्य में विभिन्न रेल परियोजनाओं के संबंध में अनुरोध किया था। परंतु उस पर निराशा ही हाथ लगी थी। उम्मीद है कि इस बार प्रभु से निराशा नहीं मिलेगी। यूपीए सरकार के समय ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का शिलान्यास किया गया था। जिसमें नए नवेले भाजपाई राह विचलित बाबा सतपाल महाराज व विख्यात जज व पूर्व मुख्यमंत्री रहे विजय बहुगुणा भी मौजूद थे। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को तेजी देने के लिए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कई बार इसकी समीक्षा करते हुए शासन के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों व जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। इसी का परिणाम है कि इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम हो चुका है और वन भूमि स्वीकृतियां भी लगभग हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री कुमार ने कहा कि अब हमे फिर उम्मीद जगी है कि जब रेल मंत्री आए है तो राज्य की सभी परियोजनाओं का लाभ राज्य को मिल जाएगा। कही एसा ना हो कि रेल मंत्री का दौरा मात्र गैरसैंण में भाजपा विधानमण्डल दल की नाकामी को छूपाने वाला दौरा बन जाए। चुटकी लेते हुए श्री कुमार ने कहा कि इसमें स्वयंभू रेल पुरूष भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेंगे। उम्मीद है कि सहारनपुर-विकासनगर-देहरादून नए रेल मार्ग के निर्माण, रामनगर से चैखुटिया रेल मार्ग, टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन, किच्छा-खटीमा रेल लाईन, देवबंद-रूड़की रेल मार्ग, ऋषिकेश-डोईवाला रेलमार्ग, हरिद्वार-कोटद्वार-रामनगर डाईरेक्ट लिंक, रूड़की-पीरान कलियर/देहरादून-पुरोला /टनकपुर-जौलजीवी रेल लाईन, को स्वीकृति के साथ ही काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इनमें से बहुत सी योजनाओं को यूपीए सरकार के समय स्वीकृति दी जा चुकी है।
श्री कुमार ने कहा कि गैरसैण आए हैं तो रेलमंत्री गैरसैण के लिए 1 हजार करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा भी अपने सुपरमैन मोदी जी की ओर से कर दें। साथ ही एकदम से नोटबंदी के कारण राज्य को हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति करने का भी वायदा कर दें। हालांकि उनके वायदों पर अब कोई भी विश्वास करने को तैयार नहीं होता है। पता नहीं कब किस वायदे को जुमला कह कर नकार दिया जाए।
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