राजस्थान-गहलोत के पक्ष में वसुंधरा विधायको की बैटिंग ;हिमालयायूके विगत माह का सटीक आकलन साबित
राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मियां जारों पर चल रही हैं। प्रदेश में राजनीतिक उठापटक का दौर जारी हैं आगामी 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू होना है. इस सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित कर सकते हैं. राजस्थान का राजनीतिक तापमान एक बार फिर बढ़ गया है. बीजेपी अपने सभी विधायकों को टूटने से बचाने की कोशिश कर ही है. उदयपुर संभाग के 12 विधायकों को गुजरात भेजा गया है. पार्टी ने इन विधायकों को गुजरात भेजा है. ये विधायक 12 अगस्त तक गुजरात में ही रहेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि कुछ और विधायकों को मध्य प्रदेश शिफ्ट किया जा सकता है. www.himalayauk.org (Newsportal) by Chandra Shekhar Joshi
ज्ञात हो कि विगत माह ही हिमालयायूके ने राजस्थान में वसुंधरा राजे की भूमिका पर सटीक आंकलन किया था- जो 8 अगस्त 20 को सामने आ गया, जब स्वयं वसुंधरा राजे ने बीजेपी अध्यक्ष से साफ साफ कह दिया कि वे पार्टी के साथ हैं मगर स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगी. वसुंधरा के करीबी कह रहे हैं कि वसुंधरा राजे ने जेपी नड्डा से पार्टी की कार्यशैली को लेकर अपनी नाराजगी जताई है. वही राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आवंटित बंगला अब बरकरार रहेगा.
सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा राजे ने जेपी नड्डा से कह दिया है कि वे पार्टी के साथ हैं मगर स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगी. बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे 12 अगस्त तक दिल्ली में ही रहेंगी और 13 को जयपुर लौटेंगी.
खबर है कि राजस्थान बीजेपी ने वसुंधरा गुट के 12 विधायकों को गुजरात भेज दिया है. अहम है कि वसुंधरा राजे ने कांग्रेस में मचे घमासान पर एक लंबे वक्त तक इस चुप्पी साध रखी थी, इसे लेकर बीजेपी में चर्चाओं का बाजार गरम था. पिछले महीने जब राजस्थान बीजेपी कांग्रेस के खिलाफ सियासी दांव चलने की तैयारी कर रही थी तो इस दौरान वसुंधरा पूर्व सीएम होने के बावजूद इन बैठकों से गायब थीं.
इधर दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद इन विधायकों को गुजरात शिफ्ट किए जाने पर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर विधायक वसुंधरा राजे के समर्थक हैं. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है मगर वसुंधरा के करीबी कह रहे हैं कि वसुंधरा राजे ने जेपी नड्डा से पार्टी की कार्यशैली को लेकर अपनी नाराजगी जताई है.
वसुंधरा राजे दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और संगठन महामंत्री बी एल संतोष से भी मिल चुकी हैं. शुक्रवार को वसुंधरा राजे ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे की चर्चा हुई, जिसमें राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर बात हुई.
भारतीय जनता पार्टी बहुजन समाज पार्टी के विधायकों के कांग्रेस में विलय पर आने वाले हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगी. अगर यह कांग्रेस के खिलाफ फैसला आता है तो भारतीय जनता पार्टी अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करेगी, क्योंकि ऐसा आशंका जताई जा रही है कि कांग्रेस बीजेपी के विधायकों में सेंधमारी कर सकती है.
राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि वे इस बात से पूरी तरफ वाकिफ है कि बीजेपी के 12 विधायक घूमने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “जब भी बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी, वे सभी वहां मौजूद होंगे क्योंकि राजस्थान बीजेपी अखंड और एकजुट है. कांग्रेस हमारे विधायकों के बारे में अफवाह फैला रही है. मुख्यमंत्री निम्न स्तर की राजनीति कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी के 12 लोग या कुछ लोग कहीं घूमने चले गए तो वह इतना बड़ा मुद्दा हो गया?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी की मौजूदा सरकार के लोग सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर भाजपा विधायकों के बारे में अफवाह और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ‘‘हमारा विधायक दल पूरी तरह से एक है. हमारा किसी पर अविश्वास नहीं है सबलोग एकजुट हैं.’’
खबर है कि राजस्थान के 9 बीजेपी विधायक चार्टर फ्लाइट से पोरबंदर पहुंच रहे हैं. पोरबंदर से सड़क के रास्ते ये विधायक सोमनाथ मंदिर पहुंचेंगे और पूजा अर्चना करेंगे. विधायकों के रात में सोमनाथ में ही रुकने का कार्यक्रम है.
उधर कांग्रेस के अशोक गहलोत खेमे के विधायक और सरकार का साथ देने वाले अन्य विधायक जैसलमेर के एक होटल में रुके हैं वहीं पार्टी से बागी हुए सचिन पायलट खेमे के 18 विधायकों के हरियाणा में होने की सूचना है.
वही दूसरी ओर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आवंटित बंगला अब बरकरार रहेगा. सियासी संकट से जूझ रही प्रदेश की गहलोत सरकार ने तमाम कानूनी उलझनों के बावजूद वसुंधरा का बंगला बरकरार रखने और सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट से बचने का रास्ता निकाल लिया है. सरकार ने विधायकों को बंगले आवंटित करने के नियमों में ही बदलाव कर दिया है सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद वसुंधरा राजे का बंगला खाली नहीं कराने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को अवमानना का नोटिस भी थमाया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से 10 सितंबर तक जवाब देने को कहा है. बंगला आवंटित करने के नियमों में बदलाव किए जाने से विधायिका और न्यायपालिका अब आमने-सामने आ गए हैं. नए नियम के अनुसार विधानसभा की बंगला आवंटित करने वाली समिति अब सीनियर विधायकों को बड़ा बंगला यानी ए टाइप बंगला आवंटित कर सकेगी. इसे लेकर गहलोत सरकार ने दो अधिसूचना जारी की हैं. इस रास्ते राजस्थान सरकार कोर्ट की अवमानना से भी बच जाएगी और वसुंधरा राजे का बंगला भी खाली नहीं कराना पड़ेगा.
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