रक्षाबंधन एक खास योग लेकर आ रहा है
रक्षाबंधन एक खास योग लेकर आ रहा है। जोकि 9 सालो के बाद रक्षाबंधन के दिन चंद्रग्रहण लगेगा। अगर बरतेंगे ये सावधानी, तो रक्षाबंधन पर नहीं पड़ेगा भद्रा और चंद्रग्रहण का असर श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को 7 अगस्त की रात्रि से 10 बजकर 40 मिनट पर चूड़ामणि चंद्रग्रहण शुरू हो जाएगा जो रात्रि 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। ये भी पढ़ें- रक्षाबंधन पर पूजा की थाली में रखें ये 5 चीजें. जबकि ग्रहण का सूतक दोपहर 1.40 बजे से प्रारंभ होगा। कुल मिलाकर ग्रहण काल 1 घंटे 58 मिनट का रहेगा। इसके अलावा इस रक्षाबंधन पर भद्रा का भी थोड़ा बहुत असर देखने को मिलेगा। जिसके चलते पंडितों के मतानुसार, राखी बांधने का सबसे उत्तम समय 11 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND) Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper, Publish at Dehradun & Haridwar; 9412932030
शुभ मुहूर्त में ही अपने भाई को तिलक लगाएं और राखी बांधें। भद्रा काल के दौरान इस कार्य को करने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि यह एक अशुभ प्रभाव की तरह होता है। इसलिए इस दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित रहते हैं।
वहीं कुछ पंडितों का ये भी मत है कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का प्रकोप बहुत ही कम होगा। यानि कि यदि कोई भद्रा के समय में भी राखी बांध रहा है तो उसपर उसका दोष थोड़ा बहुत ही रहेगा।
राखी के त्योहार पर सुबह भद्र काल है और फिर दोपहर को चंद्र ग्रहण के कारण सूतक लग जाएगा, ऐसे में बहनों के पास राखी बांधने के लिए सिर्फ 2.47 मिनट ही होंगे. 7 अगस्त को सुबह 11.07 बजे तक भद्रा काल रहेगा और 1.52 मिनट पर चंद्र ग्रहण का सूतक लग जाएगा. भ्रदा काल के दौरान राखी बांधना भी अशुभ पंडितों और ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहण मात्र दो घंटे तक ही रहेगा
ग्रहों की चाल बदलने के साथ-साथ एक बार फिर से सभी राशियों पर ग्रहों की दशा भारी पड़ने वाली है। इस बार तीन सबसे घातक ग्रह शनि, राहु और केतु की दृष्टि तीन राशि के लोगों पर पड़ने वाली है। माना जाता है कि शनि, राहु और केतु बड़ी ही दुष्ट प्रवृति के ग्रह हैं। इनकी दृष्टि जिस भी राशि के व्यक्ति पर पड़ती है उसका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। ये तीनों ग्रह किस राशि को प्रभावित करने वाले है। 12 में से इस बार 3 राशियों पर ग्रहों का खतरा मंडरा रहा है। लेकिन कुछ राशियां ऐसी भी हैं जिन्हें गुरु, बुध व शुक्र का साथ मिलने वाला है। 7 ग्रहों में से 3 ग्रह राहू, केतु और शनि एक बार फिर अपनी नजर कुछ राशि के लोगों पर दौड़ाने वाले हैं। जिसके कारण से उन राशि के लोगों की जिंदगी में परेशानियां शुरू होने वाली हैं। माना जाता है कि जहां शनि, राहु और केतु का नाम एक साथ आ जाए तो समझ लेना चाहिए कि उस व्यक्ति के जीवन में परेशानियों और बुरे वक्त का दौर शुरू हो गया है। ये तीन ऐसे ग्रह हैं जो किसी की भी कुंडली में बैठ जाएं तो उस व्यक्ति का जीवन तहस-नहस कर सकते हैँ।
भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षा बंधन सात अगस्त को मनाया जाएगा. इसी दिन सावन का अन्तिम सोमवार भी है. इस पावन दिन पर चंद्र ग्रहण पड़ रहा है और भद्रा नक्षत्र का योग बन रहा है. रक्षाबंधन पर्व ग्रहण के साये में है. इस साल भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन के त्योहार को मनाने के लिए सिर्फ ढाई घंटे का समय मिलेगा. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए ऐसा हो रहा है. इससे पहले 2005 में रक्षाबंधन के दिन ग्रहण पड़ा था. ज्योतिषियों का कहना है कि यह बेहद अशुभ संयोग है.
रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के प्यार में मिठास घोलता है इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर जीवन में सदा खुश रहने की कामना करती है तो वही भाई बहन कि जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है. सावन के आखिरी सोमवार यानी 7 अगस्त को रक्षा बंधन है और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है, जिसका सीधा असर कई राशियों पर पड़ेगा. राखी वाले दिन चंद्र ग्रहण रात में 10.52 से शुरू होकर 12.22 तक रहेगा रहेगा. लेकिन चंद्र ग्रहण से 9 घंण्टे पहले ही सूतक लग जायेंगे. कहा जाता है कि सूतक में राखी बांधना अशुभ रहता है इसलिए इसबार सुबह 11:07 मिनट से लेकर दोपहर 1.50 बजे के बीच में ही राखी बांधे.
आचार्य कमल नंदलाल के अनुसार
सोमवार दिनांक 07.08.17 को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस साल रक्षाबंधन पर चंद्र ग्रहण व भद्रा का साया मंडरा रहा है। सोमवार दिनांक 07.08.17 को भारत में खंडग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। जो रात 10.52 से प्रारंभ होकर रात 00:22 तक रहेगा। 12 साल बाद रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण पड़ रहा है। शास्त्रनुसार चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व ही सूतक लग जाएगा और इस दिन प्रातः 11:07 मि तक भद्रा का असर भी रहेगा। शास्त्रनुसार भद्रा व सूतक में रक्षा सूत्र नहीं बांधा जाता तथा कोई शुभ कार्य भी नहीं किया जाता। ग्रहण काल के दौरान वातावरण में नकारात्मकता बढ़ जाती है तथा हर जगह इस अपवित्रता का असर होता है। इसी कारण ग्रहण के बाद स्नान कर मंदिरों व घर को धोकर साफ किया जाता है।
सोमवार दिनांक 07.08.17 को दोपहर 12:26 से सूतक काल शुरू हो जाएगा। रक्षा बंधन पर पड़ने वाला यह चंद्र ग्रहण इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण है। साल के इस दूसरे चंद्रग्रहण को चूड़ामणि कह कर बुलाया जाएगा तथा इसे प्रच्छाया भी कहते हैं। इस ग्रहण की अवधि 1 घंटा व 57 मिनट रहेगी। भारत में राजधानी नई दिल्ली के रेखांश व अक्षांश के मापदंड व समयानुसार रात 10.52 बजे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़नी शुरू होगी। रात 11:50 बजे ग्रहण चरम पर होगा। इसके बाद पृथ्वी की छाया चद्रंमा से छंटनी शुरू हो जाएगी। रात 12:49 बजे चंद्रमा पृथ्वी की छाया से मुक्त हो जाएगा। ग्रहण में चंद्रमा का मात्र एक छोटा अंश ही पृथ्वी की छाया के दायरे में आएगा। यह आंशिक ग्रहण भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा।