लालकुआं के लिए भी गलत मनोवृत्ति का परिचय- हरीश रावत & रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी सपा में &Top UK News 31 Jan 22
31 JANUARY 2022; Himalayauk Leading Newsportal
High Light# बीजेपी नेताओ द्वारा लालकुआ को मौत का कुआं बताने पर आक्रोश # भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी सोमवार शाम सपा में शामिल हो सकते हैं। : बागियों को मनाने के लिए बिछाई गई बिसात कितनी कामयाब होगी # चम्पावत सीट से किसी भी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया # लोहाघाट विधान सभा सीट -सात प्रत्याशियों के बीच चुनावी दंगल
बीजेपी नेताओ द्वारा लालकुआ को मौत का कुआं बताने पर आक्रोश
लालकुआं : विधान सभा का नाम उपेक्षित और अपमानजनक ढंग से लिये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है, बीजेपी नेता मदन कौशिक और विजय बहुगुणा ने लालकुआ की मजाक बनाई, भाजपा ने इसे ‘राजनीतिक मौत की खाई’ करार दे दिया वहीं, पूर्व सीएम रावत ने भाजपा पर पलटवार करते हुए इसे ‘अमृत कुंड’ का नाम दिया है। लालकुआं सीट से प्रत्याशी रावत इन दिनों प्रचार में व्यस्त हैं। प्रदेश की राजनीति में रावत का बड़ा कद होने के नाते कांग्रेसी लालकुआं सीट पर जीत तय मानकर चल रहे हैं। वहीं भाजपाई हरीश रावत पर हमलावर हो गए हैं।
इस पर रविवार को हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की। जिसमें लिखा कि ‘भाजपाई नेता मेरा अपमान करते-करते लालकुआं के लिए भी गलत मनोवृत्ति का परिचय दे रहे हैं। मैं भाजपा नेताओं से कहना चाहता हूं कि, ये लालकुआं अमृत कुंड है। इसी अमृत कुंड के अमृत से हरीश रावत लालकुआं को विकास के शीर्ष तक पहुंचाएगा।’
ज्ञात हो कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने लालकुआ की तुलना कुएं से की, जिसकी आवाज कोई नही सुनता बकौल मदन कौशिक “पूर्व सीएम हरीश रावत पहले भगवान राम के नगर गए और फिर कुए में जा गिरे”
वही हल्द्वानी में विजय बहुगुणा ने कहा कि “लालकुआं हरीश रावत के लिये राजनीतिक मौत का कुआं साबित होगा”
हल्द्वानी पहुंचे पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने प्रेसवार्ता में लालकुआं को हरीश रावत की राजनीतिक मौत का कुआं बता दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने तो यहां तक कह दिया कि पूर्व सीएम रावत पहले भगवान राम के नगर (रामनगर) में गए और फिर कुएं (लालकुआं) में जा गिरे।
बीजेपी के नेता द्वय के बयानों पर लालकुआं में नाराजगी दिखाई दी, आम जन का कहना है कि लालकुआ के बारे में ऐसा कह कर इस विधानसभा का अपमान किया है, लालकुआ ने आज तक किसी को राजनीतिक मौत नही दी,
श्री हरीश रावत जी पर श्री विजय बहुगुणा जी के द्वारा दिए गये वयान ( राजनीतिक मौत का कुआं साबित होगा) पर प्रदेश के पूर्व सैनिकों ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि श्री बहुगुणा जी का यह बयान देव भूमि की संस्कृति स्वभाव और आचरण के अनुरूप कतई नहीं है साथ ही पर्वतीय प्रदेश की युवा पीढ़ी के लिए गलत परंपरा अपनाने जैसे तोहफे के समान है।कैप्टन बलबीर सिंह रावत ने कहा है की श्री बहुगुणा जी से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती थी! उनके द्वारा दिया गया यह बयान पूरी तरह से अभद्र” नकारात्मक” अमर्यादित व अव्यवहारिक” व दुर्भावना ग्रस्तऔर असहनीय स्थिति पैदा करने वाला है!कैप्टन बलबीर रावत का मानना है कि श्री बहुगुणा जी के द्वारा ऐसे ( मौत के कुएं वाले बयान) लाल कुआं विधानसभा क्षेत्र की महान जनता को भी कडवी . और असमानयुक्त महसूस हुई होगी ¡जबकि समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं और प्रदेश के पूर्व सैनिकों में इस बयान से मारी आक्रोश और घोर नाराजगी व्याप्त है¡
कैप्टन बलबीर सिंह रावत अध्यक्ष कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह बयान जारी किया
वही ज्ञात हो कि लालकुआं भारत के उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में एक नगर पंचायत है, जिसमे मुख्य रूप से कुमायूंनी बोली के नागरिक निवास करते है, लालकुआं के वन अनुसंधान केंद्र में देश की पहली सुरभि वाटिका (एरोमेटिक गार्डन) है, वर्ष १९२७ में जंगल को काटकर लोगों ने बसना शुरू किया। स्वतन्त्रता के बाद से ही स्थानीय लोगों ने उत्तर प्रदेश सरकार से इसे राजस्व गांव का दर्जा देने की मांग करना शुरू कर दिया। २३ दिसंबर १९७५ को लालकुआँ को राजस्व ग्राम घोषित किया गया। कांग्रेस सरकार में उत्तराखंड की सबसे बड़ी पेपर मिल यहां लगाई गई, सेंचुरी पेपर मिल में 3600 करोड़ का निवेश और 2832 लोगों को रोजगार मिला। इसके अलावा लालकुआं में नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की शुरूआत 1948 में हुई थी।
अब 2022 में लालकुआ को पुनः सवारेगे हरीश रावत
हिमालयायूके न्यूज़ पोर्टल के लिये चंद्रशेखर जोशी मो0 9412932030 की रिपोर्ट
भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी सोमवार शाम सपा में शामिल हो सकते हैं
प्रयागराज से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी सोमवार शाम सपा में शामिल हो सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें लखनऊ कैंट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के बाद उनके पार्टी में आने और चुनाव लड़ने की दिशा तय होगी। मयंक जोशी को कैंट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। सपा में अभी तक कैंट से महानगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित, पवन मनोचा और सौम्या भट्ट सहित आठ लोगों ने आवेदन किया है। रीता जोशी ने भाजपा नेतृत्व से अपने पुत्र के लिए टिकट की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इसके लिए वह सांसदी से इस्तीफा भी दे सकती हैं लेकिन नेतृत्व ने उनके पुत्र को टिकट नहीं दिया।
बागियों को मनाने के लिए बिछाई गई बिसात कितनी कामयाब होगी
DEHRADUN भाजपा और कांग्रेस ने अपने बागियों को मनाने के लिए बिसात बिछाई हुई है। दोनों ही पार्टियों ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए बड़े पैमाने पर कसरत शुरू की हुई है। कांग्रेस से बगावत के बाद निर्दलीय नामांकन करने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण को मनाने में संगठन कामयाब रहा है। कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव मोहन प्रकाश से वार्ता के बाद शूरवीर सिंह सजवाण ने नामांकन वापस ले लिया है।
वीर सिंह सजवाण केंद्रीय संगठन की ओर से भेजे गए उत्तराखंड के वरिष्ठ पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश और अपने समर्थकों के बीच में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन की घोषणा की। वरिष्ठ पर्यवेक्षक ने कहा कि केंद्रीय संगठन ने सजवाण को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष और चुनाव संचालन समिति का को चेयरमैन बनाया है।
जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जयेंद्र रमोला को समर्थन दिया है। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से कांग्रेस प्रत्याशी रमोला के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए जुटने की अपील भी की है। संभावना जताई जा रही है कि शूरवीर सिंह सजवाण को प्रदेश संगठन में बड़ा पद मिल सकता है। उन्हें प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की चर्चा चल रही है ।
उत्तराखंड के चुनाव में 727 उम्मीदवारों के नामांकन वैध पाए जाने के बाद सोमवार को नाम वापसी हुई। नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की जाएगी। इसके बाद ही तय होगा कि 70 विधानसभा सीटों पर कितने उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाएंगे।
जनपद पौड़ी में पांच प्रत्याशियों ने नाम वापस लिया है। इनमें से चार आम आदमी पार्टी के वैकल्पिक प्रत्याशी हैं। वहीं एक निर्दलीय प्रत्याशी का नाम शामिल है। विधानसभा कोटद्वार में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के बागी नेता धीरेंद्र चौहान ने नाम वापस नहीं लिया है। जिले की छह विधानसभा सीटों में अब 47 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं।
विधानसभा चुनाव में रुद्रप्रयाग जिले की दो विधानसभा सीटों पर कुल 25 प्रत्याशी मैदान में हैं। दोनों सीटों पर एक-एक प्रत्याशी ने अपना नाम वापस लिया है। विधानसभा चुनाव के लिए दोनों विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय दलों के साथ निर्दलीय के रूप में 27 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया था। केदारनाथ विस के रिटर्निंग अधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में माला तिवारी ने अपना नाम वापस ले लिया है। अब कुल 13 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। इधर, रुद्रप्रयाग विस रिटर्निंग अधिकारी रुद्रप्रयाग अपर्णा ढौंडियाल ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी लक्ष्मी देवी ने अपना नाम वापस ले लिया है। अब कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं।
विधानसभा चुनाव के नाम वापसी के दिन टिहरी जिले की छह में से चार विधानसभा सीटों पर पांच प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए हैं। जबकि धनोल्टी और नरेंद्रनगर सीट पर किसी भी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया। टिहरी, प्रतापनगर और घनसाली सीट पर आम आदमी पार्टी के वैकल्पिक प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए हैं। वहीं घनसाली सीट पर भाजपा को बड़ी सफलता मिली है। यहां भाजपा के बागी प्रत्याशी ने अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में नाम वापस लिया है।
टिकट बंटवारे से नाराज चल रहे कपकोट के पूर्व विधायक शेर सिंह गढ़िया अंतत: मान गए हैं। उन्हें मनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को कपकोट पहुंचे। बंद कमरे में करीब आधे घंटे की गुफ्तगू के बाद गढ़िया और धामी एक दूसरे का हाथ थामे नजर आए और उन्होंने सब ठीकठाक होने का संदेश दिया। गढ़िया की नाराजगी दूर करने के बाद सीएम ने भराड़ी बाजार में घर-घर जाकर जनसंपर्क किया और घोषित प्रत्याशी सुरेश गढ़िया के पक्ष में समर्थन मांगा। गढ़िया को मनाने के बाद सीएम ने भराड़ी में घर-घर जाकर जनसंपर्क किया। इस दौरान उन्होंने दुकानदारों से बातचीत की। लोगों की बातों को सुना। सीएम ने कहा कि विकास के लिए हाथ, झाड़ू, हाथी पैसा नहीं ला सकते हैं। लक्ष्मी केवल कमल में बैठकर ही आएगी और ऐसा भाजपा की सरकार बनने पर ही संभव है
सीएम धामी के कार्यक्रम में सुरेश गढ़िया मौजूद नहीं थे, जिसे लेकर वहां मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। हालांकि, पार्टी की ओर से गढ़िया के चुनाव प्रचार के चलते कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाने की बात कही गई है।
भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज होकर भीमताल से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में परचा भरने वाले पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष मनोज साह ने हर हाल में चुनाव लड़ने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उसे टिकट दिया जो हमेशा भाजपा विरोधी रहा है ऐसे में कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है।
चम्पावत सीट से किसी भी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया
चम्पावत – किसी भी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया। चम्पावत सीट से सात प्रत्याशियों के बीच चुनावी मुकाबला होगा। आरओ अनिल कुमार चन्याल ने बताया कि चम्पावत में सोमवार को किसी भी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया। निर्वाचन विभाग ने सभी दलों एवं निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिए हैं। लोहाघाट विधान सभा सीट पर भी सात प्रत्याशियों के बीच चुनावी दंगल होगा। यहां नौ प्रत्याशियों ने अपना नामांकन कराया था। सोमवार को नाम वापसी के दिन आम आदमी पार्टी की डमी प्रत्याशी तुलसी बिष्ट ने अपना नामांकन वापस ले लिया जबकि निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रकांत का नामांकन पहले ही निरस्त हो गया था। अब मैदान में सात प्रत्याशी रह गए हैं।
चम्पावत सीट पर भाजपा से कैलाश चंद्र गहतोड़ी पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल का फूल, कांग्रेस से हेमेश खर्कवाल हाथ का पंजा, समाजवादी पार्टी से मो. हारून साइकिल, बसपा से राकेश कुमार वर्मा हाथी, आम आदमी पार्टी से मदन महर झाड़ू के निशान पर चुनाव लड़ेंगे तो निर्दलीय दीपक बेलवाल फुटबाल के निशान पर तथा जगदीश चंद्र भट्ट बल्ले के निशान पर भाग्य आजमाएंगे।
लोहाघाट विधान सभा सीट -सात प्रत्याशियों के बीच चुनावी दंगल
सोमवार को नाम वापसी के दिन आम आदमी पार्टी की डमी प्रत्याशी तुलसी बिष्ट ने अपना नामांकन वापस ले लिया जबकि निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रकांत का नामांकन पहले ही निरस्त हो गया था। अब मैदान में सात प्रत्याशी रह गए हैं।
आरओ रिंकू बिष्ट ने बताया कि भाजपा से पूरन सिंह फत्र्याल कमल के फूल, कांग्रेस से खुशाल सिंह अधिकारी हाथ का पंजा, सपा से निसार खान साइकिल, आम आदमी पार्टी से राजेश सिंह बिष्ट को झाड़ू के चुनाव चिन्ह दिया गया। जबकि निर्दलीय धीरज सिंह लडवाल को फुटबाल, प्रकाश सिंह अधिकारी को मोती का हार, हिमेश कलखुडिय़ा को रसोई गैस सिलेंडर चुनाव चिन्ह दिया गया है।
सोमेश्वर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बलवंत आर्या और उनकी पत्नी मधुबाला ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन कराया था। साेमवार को नाम वापसी के दिन ऐसा लग रहा था दोनों में से एक नाम वापस ले लेगा। समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी बलवंत सिंह आरओ कार्यालय में अपनी पत्नी का इंतजार करते हुए भी देखे गए। लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में खड़ी मधुबाला तय समय तक रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय नहीं पहुंची। वह अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही थी। कुछ समय इंतजार करने के बाद उनके पति बलवंत आर्या भी मौके से चले गए।
पिथौरागढ़ जिले की चार सीटों पर
पिथौरागढ़ जिले की चार सीटों पर तीन प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस लिए। डीडीहाट में दो और गंगोलीहाट में एक प्रत्याशी ने नाम वापस लिया। पिथौरागढ़ और धारचूला में कोई नाम वापस नहीं हुआ। धारचूला में भाजपा के कैलाश सिंह का नाम वापस कराने में भाजपा विफल साबित हुई।
नाम वापसी के दिन डीडीहाट में दो नाम वापस हुए । दोनों के नाम वापसी पहले से ही तय थे। दोनों के पिता भी नामांकन किए थे। निर्दलीय अंकित भंडारी ने अपना नाम वापस लिया। उनके पिता किशन भंडारी निर्दलीय मैदान में हैं। आप के अशोक मेहता ने नाम वापस लिया। उनके पिता दीवान सिंह और अशोक मेहता ने आप से नामांकन किया। दोनों में से एक नाम वापस होना तय माना जा रहा था। सोमवार को अशोक मेहता ने अपना नाम वापस लिया। डीडीहाट सीट पर अब सात प्रत्याशी मैदान में रह चुके हैं।
गंगोलीहाट में निर्दलीय सुमित्रा देवी ने नाम वापस लिया है। निर्दलीय सुमिता देवी कांग्र्रेसी नेता हरीश रावत बिग्रेड के ब्लॉक अध्यक्ष हरीश बहादुर की धर्मपत्नी हैं। हरीश बहादुर टिकट के दोवदार थे । टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर पत्नी का नामांकन किया था। सोमवार को पत्नी का नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस के समर्थन का दावा किया है। एक नाम वापसी के बाद यहां पर छह प्रत्याशी मैदान में रह चुके हैं।
धारचूला सीट पर कोई भी नाम वापसी नहीं हुई है। यहां पर भाजपा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के एवं टिकट के दावेदार कैलाश सिंह ने निर्दलीय नामांकन किया । जिलाध्यक्ष सहित अन्य नेताओं ने उन्हें मनाने का प्रयास किया परंतु वह नहीं माने और नाम वापस नहीं लिया । धारचूला में आठ प्रत्याशी मैदान में हैं ।पिथौरागढ़ सीट पर कोई नाम वापसी नहीं हुई । यहां पर सात प्रत्याशी मैदान में हैं।