उत्तराखण्ड में बेरोजगारी चुनावी मुद्दा नही? इस बड़ी समस्या से पीछा छुड़ाने की कोशिश-8 लाख 42 हजार बेरोजगार पंजीकृत

5 साल शासन करने के बाद भी बेरोजगारी चुनावी मुद्दा न बन जाय, इस बड़ी समस्या से पीछा छुड़ाने की कोशिश की जा रही हैं। अन्य फिरकापरस्ती वाले मुद्दे सोशल मीडिया में जम्प हो रहे है, उत्तराखण्ड राज्य में हर दसवां वोटर बेरोजगार है।प्रदेश में 8 लाख 42 हजार बेरोजगार पंजीकृत हैं। जबकि पूरे राज्य में कुल 82 लाख वोटर हैं। इनमें से करीब 25 फीसदी मतदाता बुजुर्ग हैं। यदि इन वोटरों को हटा दिया जाए तो राज्य में बेरोजगार वोटरों का आंकड़ा इससे भी ऊपर निकल जाता है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट भी राज्य में बेरोजगारी और रोजगार के कम मौके होने की तस्दीक कर रही है। प्रदेश में नौ फीसदी नौकरी योग्य ग्रेजुएट युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। शहरी इलाकों में 4.3 फीसदी जबकि ग्रामीण इलाकों में 4.0 फीसदी बेरोगारी की दर है।

Himalayauk (Himalaya Gaurav Uttrakhand) Leading Newsportal & Print Media, Publish at Dehradun & Haridwar. Mail; himalayauk@gmail.com & csjoshi_editor@yahoo.in Mob.

उत्तराखंड में रोजगार एवं श्रम भागीदारी दर देश में सबसे कम है। सीएमआईई के अनुसार दिसंबर तक उत्तराखंड में रोजगार दर 30.43 फीसदी थी। यह राष्ट्रीय औसत 37.42 फीसदी से काफी कम है और देश में सबसे नीचे है। इसके बाद गोवा 31.99, उत्तर प्रदेश 32.79 एवं पंजाब 36.86 का स्थान आता है। पर सरकार और मंत्री बेरोजगारी के लिए केवल कोरोना का कारण बताते रहे हैं। हालांकि कोरोना से पहले भी रोजगार की तलाश में पलायन सतत चलता रहा। इस कारण उत्तराखंड के सैकड़ों गांव वीरान हो चुके हैं।

उत्तराखंड विधान सभा चुनाव 2022: हिन्दू-मुस्लिम में तब्दील करते रणनीतिकार

केंद्र और राज्य के हर चुनाव में मतदाताओं से रोजगार बढ़ाने के वादे किए जाते हैं। लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद यह वादे कोरी घोषणाएं साबित होती हैं। युवाओं को लुभाने के लिए नई-नई योजनाएं लाने का वादा जुमला साबित हुआ, वही इसके अलावा न्यूज़ हाइट न्यूस्पोर्टल की सुर्खियां है कि “तो अपने 5 साल के काम पर नही मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर चुनाव जीतना चाहती है बीजेपी , 2 दिनों से इसके अलावा कोई चर्चा नहीं” ,

उत्तराखंड की सियासी फिजाओं में अब एक बयान तैर रहा है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर सामने आए इस बयान के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आमने सामने आ गए हैं। हरीश रावत की एक फोटो को ट्रोल करवाया जा रहा है

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि कांग्रेस के ‘चार धाम-चार काम’ बस यहीं रह गए हैं कि वह उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनवाएंगे।जबकि हरीश रावत ने कहा है कि जब हमने संस्कृत यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही तो उस पर ध्यान नहीं दिया। अब किसी ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर कुछ कह दिया है तो भाजपा के लोग सोची समझी साजिश के तहत उस बयान को तूल दे रहे हैं।

फोकस ; सहसपुर विधान सभा में 2008 से लेकर 2022 तक भाजपा के विधायक विराजमान थे तो भाजपा विधायक के विराजमान रहते हुए क्रिश्चियन समुदाय के कब्रिस्तान के लिए हिंदू बाहुल्य क्षेत्र शिवराज नगर बडोवाला में सरकारी जमीन आवंटित की गई, इसके अलावा सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में कोई भी नया गवर्नमेंट इंटर कॉलेज, तक नही खुला, तथा न ही हाई स्कूल को इंटर में अपग्रेड किया गया, हिमालयायूके न्यूज़

हरीश रावत ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा का फिर से एक बड़ा झूठ, कभी नमाज़ की छुट्टी तो कभी मेरी टोपी। वाह रे भाजपा तुम्हारे पास जनता को बताने के लिए इस चुनाव में और कुछ नहीं है, केवल हिंदू-मुसलमान! जरा यह तो बता दो कि अपने इतने साल के शासन में तुमने कितने बांग्लादेशी और घुसपैठिए देश से निकाले हैं? जिस सवाल पर तुम राजनैतिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश करते थे, उस सवाल को सत्ता में आने के बाद भूल गये! तुम भूल गये कि हरीश रावत ने भगवान सूर्य देव की पूजा के दिन छठ की भी छुट्टी, तुम भूल गये कि हमारी बहनें अपने पति के दीर्घ जीवन के लिए करवाचौथ मनाती हैं, हरीश रावत ने करवा चौथ की भी छुट्टी दी, ईश्वर के अंशावतार के रूप में दलित घर में पैदा रैदास जी के जन्मदिन पर भी छुट्टी दी, हरीश रावत ने हरेले को जो उत्तराखंड के संस्कृति का एक महापर्व है, उसको राज्य पर्व के रूप में मनाया व राज्य पर्व घोषित किया।

फूलदेई से लेकर घी सक्रांति तक, घुघुतिया त्यौहार/उत्तरायणी से लेकर हर उस त्योहार को राज्य के नीति से जोड़ा और उसको उत्साह पूर्वक मनाने की योजना को लागू किया। कभी कुछ और अब मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अरे हमने प्रयास किया संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने का और हरिद्वार में बनाया भी, वो आपको नजर नहीं आया! किसी ने कहा भी नहीं मुझे नहीं मालूम। मैं समझता हूंँ कांग्रेस के किसी जिम्मेदार पदाधिकारी और किसी मुसलमान भाई ने भी जिस तरीके से नमाज़ की छुट्टी देने की मांग नहीं की, उसी तरीके से मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाए जाने की भी मांग नहीं की है। मगर झूठ गढ़ने में आपकी कोई शानी नहीं है, चुनाव के बाद फिर मिलेंगे और इस तरीके के जालसाजी के लिए आपको कहीं न कहीं जवाब देना पड़ेगा।

कांग्रेस की घोषणा पत्र के अनुसार कांग्रेस सत्ता में आई तो मीडिया एवं पत्रकार के लिये विशेष योजनाएं

कांग्रेस पार्टी वायदा करती है. भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 की तर्ज पर पत्रकार कल्याण बोर्ड का गठन करेगी। इस बोर्ड का पैसा पत्रकारों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए किया जायेगा• न्यूज पोर्टलों को समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों के समकक्ष मान्यता प्रदान होगी• पत्रकारों के स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा के लिए 50 प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार देगी• छोटी पत्रिकाओं छोटे मझोले अखबारों तथा ग्रामीण पत्रकारों के हितार्थ नयी नीति बनाई जायेगी• जिला स्तर पर पत्रकार ग्रुप हाउसिंग सोसाईटीज का गठन करने की प्रक्रिया में पत्रकार कल्याण बोर्ड के साथ मिलकर आवश्यक कदम उठाये जायेंगे,• पत्रकार मॉन्यता की नीति को और उदार बनाया जायेगा तथा छोटे एवम मध्यम अखबार और पत्र पत्रिकाओं से जुड़े पत्रकारों को भी इसमें शामिल किया जायेगा।कांग्रेस ने छोटे पत्र-पत्रिकाओं और पोर्टल से जुड़े पत्रकारों को भी अपने घोषणापत्र के केंद्र में रखा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि इस बार कांग्रेस ने तमाम पत्रकारों की जरूरतों को देखते हुए घोषणापत्र में उन्हें समुचित जगह दी है उनके अनुसार हमारी कोशिश रहेगी सरकार बनने के बाद अपनी इन तमाम घोषणाओं को जल्द से जल्द पूरा कर लेंगे।

Himalayauk (Himalaya Gaurav Uttrakhand) Leading Newsportal & Print Media, Publish at Dehradun & Haridwar. Mail; himalayauk@gmail.com & csjoshi_editor@yahoo.in Mob. 9412932030

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *