संबंधों का आधार सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक भी
महिला-पुरुष के संबंधों का आधार सिर्फ शारीरिक नहीं होता, बल्कि मानसिक भी होता है. महिला और पुरुषों के बीच के रिश्ते को उनका अंतरंग संबंध और भी ज्यादा प्रगाढ़ बनाता है. लेकिन जिस रिश्ते में सेक्सुअल रिलेशन ज्यादा नहीं होते, उनके रिश्ते भी मजबूत नहीं होते.हाल ही में हुए एक शोध से इस बात का खुलासा हुआ है कि महिला-पुरुष के भावनात्मक संबंधों पर सेक्सुअल रिलेशन काफी असर डालते हैं. साथ ही इस शोध में ये बात भी सामने आई है कि वैसी महिलाओं के चीट करने की संभावना अधिक होती है, अक्सर ऑर्गेज़म फील करने की बात स्वीकारती हैं. शोध में ये बात भी सामने आई है कि जो महिला अपने पति के साथ सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म सुख का दिखावा करती है और जो पुरुषों को संतुष्ट करने या उन्हें खुश करने के लिए ऑर्गेज्म का नाटक करती हैं, वो अक्सर धोखेबाज साबित होती हैं. शोध से ये पता चला है कि फेक ऑर्गेज़म की बात कहने वाली महिलाओं के अपने पार्टनर से अच्छे संबंध नहीं रहते है. साथ ही इस शोध में ये भी कहा गया है कि बेहतर सेक्सुअल रिलेशन के लिए बेहतर भावनात्मक संबंध जरुरी है.
सर्वे में अधिकतर युवा कपल्स को शामिल किया गया था. इस सर्वे से ये बात सामने आई कि जिन महिलाओं को कभी-कभी ऑर्गेज़म फील होता है, उनके द्वारा अपने पार्टनर को चीट करने की सम्भावना कम या ना के बराबर ही रहती है. हालांकि, इसके उलट, जो महिलाएं अधिक ऑर्गेज़म फील करने की बात करती हैं, वो चीटिंग के मामले में सबसे आगे होती हैं.
हाल ही में आई एक नई रिसर्च के मुताबिक, बेहतर रिलेशनशिप के लिए किसी चीज की जरूरत नहीं बस आप सिर्फ सेक्स के बारे में सोचिए और बात कीजिए. जी हां, आप भी पढ़कर चौंक गए होंगे लेकिन ये सच है.
क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च के मुताबिक, बहुत ज्यादा सेक्स के बारे में सोचने से रिलेशन शिप स्ट्रांग होता है. दरअसल, इससे आप आपस में ओपन होते हैं. आप एक-दूसरे से जानकारी शेयर करते हैं जिससे दोनों पार्टनर्स की आपस में बोन्डिंग बनती हैं.
Relation चाहे कोई भी हो, उसको बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि सामने वाले की Emotions को ठीक से समझा जाए Friends से लेकर Family के Members तक और सहकर्मियों से लेकर आम लोगों तक, रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि दूसरों की भावनाओं को समझने की आपमें बेहतर क्षमता हो। तभी आप अनुकूल व्यवहार कर पाएंगे। दूसरों की भावनाओं को समझने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि आप ऐसा व्यवहार कतई न करें, जिससे दूसरों की भावनाएं आहत हों। इससे रिश्तों को मजबूत बनाने में न सिर्फ मदद मिलती है, बल्कि सबके बीच आपकी छवि एक Favorite और Gentlemen की बनती है। आइये हम आपको एक सच्ची कहानी के जरिये आपको समझाने की कोशिश करेंगे
किसने की रिसर्च-
पर्सनेलिटी एंड सोशल मीडिया साइक्लोजी बुलिटेन में पब्लिश हुई रिपोर्ट तीन हिस्सों में की गई. रिसर्च में इजराइल, हर्जलिया की प्राइवेट यूनिवर्सिटी इंटरडिसिप्लनरी सेंटर साइक्लोजिस्ट द्वारा 245 हेट्रासेक्सुअल लोगों को शामिल किया गया.
कैसे की गई रिसर्च-
पहली रिसर्च में प्रतिभागियों से कपड़ों, फूड, उन लोकेशंस के बारे में पूछा गया जहां उन्होंने पहली बार डेट किया था. सवाल पूछने के दौरान प्रतिभागियों के सामने पिक्चयर्स स्क्रीन पर फ्लैश हो रही थीं. इस फोटोज में प्रतिभागी के पार्टनर की न्यूड फोटोज थीं. ये पिक्च र्स इतनी जल्दी-जल्दी फ्लैश हो रही थीं कि प्रतिभागी इन पर फोकस ना कर पाए. इसके बाद प्रतिभागियों से उनकी पर्सनल स्टोरी पूछी गई कि वो किसी से चैट मैसेजर से कैसे अट्रैक्ट हुए हैं.
दूसरी रिसर्च में आधे प्रतिभागियों को फिल्म में सेक्स सीन देखने के लिए कहा गया. वहीं आधे प्रतिभागियों से कैट बिहेवियर के ऊपर वीडियो देखने के लिए कहा गया. इसके बाद सभी प्रतिभागियों से उनके पार्टनर के सामने आई कॉन्टेक्ट करते हुए शर्मसार करने वाली स्टोरी के बारे में बताने के लिए कहा गया.
तीसरी रिसर्च में प्रतिभागियों से कई तरह की वीडियोज देखने के लिए कहा गया जिसमें कपल्स सेक्सुअली बात कर रहे हो, कपल्स अपनी फीलिंग्स के बारे में बात कर रहे हो. सेक्सुअली इंट्रैक्ट हो रहे हो. इसके बाद प्रतिभागियों से अपने पार्टनर के सामने पर्सनल और शर्मसार करने वाली स्टोरीज के बारे में बताने के लिए कहा गया. इसके अलावा उनको ऑप्शन दिया गया कि वे अगर किसी के साथ डेट पर जाना चाहे तो जा सकते हैं.
रिसर्च के नतीजे-
तीनों ही रिसर्च में के नतीजे एक जैसे ही निकले. रिसर्च में पाया गया कि जो लोग सेक्स को लेकर ओपन माइंडेड थे, वे अपने पार्टनर के सामने सेक्सुअली ओपन थे और आसानी से सेक्सुअल बातें कर पा रहे थे. इतना ही नहीं, ऐसे लोग अपने पार्टनर के संग बार-बार डेट पर जाना चाह रहे थे. जबकि जो लोग सेक्सुअली बातें करने में शर्मसार महसूस कर रहे थे उनके रिलेशनशिप में उतनी बॉन्डिंग कम दिखी.
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