‘आर जी’ ‘देश को जोड़ने वाली शख्सियत’ ;19 जून जन्मदिवस विशेष
19 जून 1970 को जन्में राहुल गांधी की कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी 16 दिसंबर 2017 को हुई थी। राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस को काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं। राहुल कांग्रेस को सत्ता के गलियारे तक पहुंचाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं कभी सियासत के शीर्ष पर रहने वाली कांग्रेस आज प्रदर्शन के निचले पायदान पर है। ऐसे में राहुल के सामने कई चुनौतियां हैं पर फिर भी भविष्य उज्जवल है- राहुल को भारतीय लोकतंत्र की दिशा को समझते हुए पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को भी मजबूती देने की चुनौती है। साथ ही साथ पार्टी के भीतर की अंदरूनी कलह को थामना भी आसान काम नहीं है। इसके अलावा उन्हें जमीनी स्तर की सक्रियता पर बल देना, ग्रामीण जनता के साथ गहरे संबंध स्थापित करना और कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश करना होगा।
श्री राहुल गांधी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं। ईश्वर उन्हें अच्छा स्वास्थ्य दे और दीर्घायु बनाए।” By CHANDRA SHEKHAR JOSHI _ EDITOR
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को 49 साल के हो गए। जन्मदिन के मौके पर वे पार्टी मुख्यालय में नेताओं से मिले और लड्डू बांटे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। कांग्रेस ने ट्विटर हैंडल से राहुल को शुभकामनाएं देते हुए वीडियो पोस्ट किया, इसमें उनके भाषणों के कुछ अंश हैं। राहुल ने मोदी को धन्यवाद कहा।
कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, गुलाम नबी आजाद, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई दी।
नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा की प्रचंड और ऐतिहासिक जीत के बाद राहुल के सामने चुनौतियां बड़ी हैं। राहुल पार्टी के भीतर ही नहीं बाहर भी कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं। एक ओर पार्टी के भीतर की रार बार बार सामने आ जा रही है मौजूदा वक्त में उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी के साथ साथ अपने पिता राजीव गांधी की विचारधारा को मौजूदा वक्त की जरूरतों के मुताबिक नर्इ धार देनी होगी। इसके साथ ही भारतीय राजनीति में एक अपनी नई लकीर खींचनी होगी, जैसा की जवाहरलाल नेहरू के बाद इंदिरा, राजीव और सोनिया गांधी ने बखूबी किया है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को हुआ था। राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा राहुल गांधी नेशनल स्टूडेंस् यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI)और यूथ कांग्रेस के चेयरपर्सन भी हैं। राहुल ने 2004 में राजनीति में कदम रखा। अपने पिता की सीट अमेठी से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े और संसद पहुंचे। 2009 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 21 सीटें जीतीं, इसका श्रेय राहुल गांधी को ही दिया जाता है। वर्तमान में राहुल लगातार तीसरी बार अमेठी से ही सांसद चुने गए हैं।। 2009 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3,33,000 वोटों के अन्तर से पराजित करके अपना अमेठी निर्वाचक क्षेत्र बनाए रखा। इन चुनावों में कांग्रेस ने कुल 80 लोकसभा सीटों में से 21 जीतकर उत्तर प्रदेश में खुद को पुनर्जीवित किया और इस बदलाव का श्रेय भी राहुल गांधी को ही दिया गया है। छह सप्ताह में देश भर में उन्होंने 125 रैलियों में भाषण दिया था।
राहुल गांधी ने कैंब्रिज के ट्रिनीटी कॉलेज से एम ए और एमफिल किया है। ग्रेजुएशन करने के बाद राहुल गांधी ने लंदन में मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मॉनीटर ग्रुप के साथ काम किया। सन 2002 में राहुल गांधी मुंबई आधारित कंपनी बैकोप्स सर्विसेज प्राइवेट के डायरेक्टर्स में से एक थे। 16 दिसंबर 2017 को राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने। राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पूर्व काँग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के यहां हुआ था। वह अपने माता-पिता की दो संतानों में बड़े हैं और प्रियंका गांधी वढेरा के बड़े भाई हैं। राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी भारत की पूर्व प्रधानमंत्री थीं।
कभी सियासत के शीर्ष पर रहने वाली कांग्रेस आज प्रदर्शन के निचले पायदान पर है। ऐसे में राहुल के सामने कई चुनौतियां हैं पर फिर भी भविष्य उज्जवल है- By CHANDRA SHEKHAR JOSHI _ EDITOR
राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपना एक साल उसी दिन पूरा किया जिस दिन विधान सभा चुनावों के नतीजे आए. ऐसे में उनकी पार्टी का बेहतरीन प्रदर्शन उनके लिए बहुत अहम है. कांग्रेस ने एक ऐसे समय में बीजेपी को हराया है जब संगठन से लेकर मतदाताओं के बीच बीजेपी मज़बूत स्थिति में है.
राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में की और इसके बाद वो प्रसिद्ध दून विद्यालय में पढ़ने चले गये जहां उनके पिता ने भी विद्यार्जन किया था। सन 1981-83 तक सुरक्षा कारणों के कारण राहुल गांधी को अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी। राहुल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से सन 1994 में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद सन 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम.फिल. की उपाधि प्राप्त की।
राहुल गांधी (जन्म:19 जून 1970) एक भारतीय नेता और भारत की संसद के सदस्य हैं और भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा में उत्तर प्रदेश में स्थित अमेठी चुनाव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं राहुल गांधी १६ दिसंबर २०१७ को हुई औपचारिक ताजपोशी के बाद अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। राहुल भारत के प्रसिद्ध गांधी-नेहरू परिवार से हैं। राहुल को 2009 के आम चुनावों में कांग्रेस को मिली बड़ी राजनैतिक जीत का श्रेय दिया गया है। उनकी राजनैतिक रणनीतियों में जमीनी स्तर की सक्रियता पर बल देना, ग्रामीण जनता के साथ गहरे संबंध स्थापित करना और कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश करना प्रमुख हैं। स्नातक स्तर तक की पढ़ाई कर चुकने के बाद राहुल गांधी ने प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 3 साल तक काम किया। इस दौरान उनकी कंपनी और सहकर्मी इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ थे कि वे किसके साथ काम कर रहे हैं क्योंकि वह ाहुल यहां एक छद्म नाम रॉल विंसी के नाम से इस कम्पनी में नियोजित थे। राहुल गाँधी के आलोचक उनके इस कदम को उनके भारतीय होने से उपजी उनकी हीन-भावना मानते हैं जब कि काँग्रेसजन उनके इस कदम को उनकी सुरक्षा से जोड़ कर देखते हैं। सन 2002 के अंत में वह मुंबई में स्थित अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी से संबंधित एक कम्पनी ‘आउटसोर्सिंग कंपनी बैकअप्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक-मंडल के सदस्य बन गये।
विदेशी मीडिया के साथ अपने पहले इन्टरव्यू में उन्होंने खुद को ” देश को जोड़ने वाली शख्सियत के रूप में पेश किया ”. सन 2006 में हैदराबाद में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के एक सम्मेलन में उनको एक महत्वपूर्ण लीडर की भूमिका के लिये प्रोत्साहित किया था. इसके बाद 2006 में बहिन प्रियंका गाँधी ने रायबरेली से पुनः सत्तारूढ़ होने के लिये अपनी माँ का चुनाव अभियान अपने हाथ में लिया. जिसके कारण वे 4,00,000 से अधिक मतों से विजयी हुई. 2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिये एक उच्च स्तरीय काँग्रेस अभियान में मुख्य भूमिका अदा की.
राहुल गाँधी को 2007 में पार्टी संगठन के एक फेर-बदल में अखिल भारतीय काँग्रेस समिति का महासचिव बनाया गया और साथ ही युवा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ का कार्यभार भी दिया. 2009 में लोकसभा के चुनावों में राहुल ने अपने करीबी उम्मीदवार को हराया और अमेठी निर्वाचन क्षेत्र अपने पास ही रखा. इन चुनावों में पार्टी को उत्तर प्रदेश से 80 में से 21 सीटो पर जीत मिली. इसका ज्यादा श्रेय राहुल गाँधी को ही जाता हैं.
By Chandra Shekhar Joshi – Editor (HIMALAYA GAURAV UTTTRAKHAND) Mob. 9412932030 (himalayauk@gmail.com)