नैनी-पव्वाधार सडक; लीपापोती की जा रही है

नवम्बर २०१४ से नहीं बन पायी १२.५ किमी. सडक।
विधायक नारायण राम ने पी.एम.जी.एस.वाई. विभाग पर ठेकेदार को पनाह देने का लगाया आरोप।
सडक का ३५ प्रतिषत कार्य भी वर्तमान समय तक नहीं हुआ पूर्ण।
ठेका हिलवेज कम्पनी ऋशिकेष के नाम, तो काम भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष के पास। www.himalayauk.org (Newsportal)

हरगोविन्द रावल********बहुप्रतिक्षित नैनी-पव्वाधार-चौंरपाल सडक का फेस-२ का कार्य विगत् नवम्बर २०१४ से अब तक लम्बा समय बीतने के बाद भी पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। २९ नवम्बर २०१४ को षुरू किया गया काम आज तक पूर्ण नहीं हुआ। जिससे पोस्ट ऑफिस लाइन के व्यापारी, आम जनता, स्कूली बच्चे, समस्त बेल पट्टी व चामुण्डा मंदिर को जाने वाले राहगिर आये दिन चोटिल हो रहे हैं। लाली से भाटगांव के बीच बने ४ कलमठों व दर्जनों पेराफिट की हालत भी खस्ता होने लगी है। पेरफिटों में अन्दरूनी हिस्सों में पत्थर व मिट्टी भरी गयी है। ऊपर से पहाडी बजरी व मिटटी से लीपापोती की गयी है। जो बरसात के कारण धराषायी हो चुकी हैं। हल्के चौपहिया वाहनों के चलने में ही कलमठ धंस चुके हैं। जिससे ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर ग्रामीणों में रोश व्याप्त है एवं उनके द्वारा आरोप लगाया गया है कि पी.एम.जी.एस.वाई. विभाग को कार्यों की जांच कर ठेकेदार पर कार्यवाही करनी चाहिये।
************** बताते चलें कि उक्त ठेकेदार के ऊपर ३ लाख ३० हजार ४४३ रूपये की वर्तमान समय तक पेनाल्टी भी लगायी जा चुकी है। वहीं, सडक का कार्य हिलवैज कंसट्रक्षन कंपनी, ऋशिकेष के नाम है। लेकिन विभागीय अधिकारी भी यह स्वीकार करते हैं कि कागजी तौर पर यह कार्य हिलवैज कम्पनी के नाम पर है, पर कार्य की पावर ऑफ अटॉर्नी भा.ज.पा. के जिलाध्यक्ष विरेन्द्र वल्दिया को दी गयी है। जिससे यह साफ होता है कि ठेका किसी कंपनी को मिला है और काम भाजपा के जिलाध्यक्ष कर रहे हैं। षुरूआत में इस काम को गंगोलीहाट के कुछ छुटभैया सफेदपोष कर रहे थे। जब उत्तर उजाला ने इस प्रकरण को मुख्यमंत्री हरीष रावत के सम्मुख रखा तो उनके द्वारा पी.एम.जी.एस.वाई. के उच्चाधिकारी को फटकार लगायी गयी। जिससे कुछ दिनों तक सडक का काम हुआ।
************** ग्रामीणों ने जानकारी दी है कि पिछले काफी समय से इस सडक का काम ठप पड गया है। विगत् दो तीन दिनों से ६ या ७ की संख्या में मजदूरों के आने की बात ग्रामीणों द्वारा बताया गयी। साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि ६ या ७ मजदूरों से इस सडक का कार्य कैसे पूरा होगा ? वहीं जब इस विशय में पी.एम.जी.एस.वाई. के एस.ई. बिशन लाल से दूरभाश में वार्ता की गयी तो उनका कहना था कि ठेकेदार की कार्यावधि नवम्बर २०१६ तक बढाई गयी है। जब उनसे पूछा गया कि एक माह से कम समय में ६५ प्रतिषत सडक का कार्य कैसे पूरा होगा ? तो उनका कहना था कि ठेकेदार पर १० प्रतिषत पैनाल्टी लगा कर पुनः टैण्डर लगाये जाएंगे। उनकी इस बात से यह स्पश्ट होता है कि नैनी-पव्वाधार सडक के दोनों तरफ रहने वाले दुकानदार एवं बेलपट्टी के ग्रामीणों को अभी सडक के बनने का ओर लम्बा इंतजार करना पडेगा।
***************** बताते चलें कि यह सडक गंगोलीहाट मुख्य चौराहे से इतनी बद्तर हालात में पहुंच चुकी है कि जिस पर राहगीरों का चलना भी दुभर हो गया है। बेलपट्टी के वाहनचालकों, आम जनमानस तथा पोस्ट ऑफिस लाइन व्यापारियों ने कई बार उपजिलाधिकारी गंगोलीहाट को इस सडक का निर्माण कार्य षीघ्र पूर्ण कराने के लिये पत्र दिये जा चुके हैं। वहीं, १२.५ किमी. की इस सडक के लिये ५ करोड ९० लाख ७ हजार ६७५ रूपये ७८ पैसे स्वीकृत हुए थे। साथ ही वर्तमान समय तक ठेकेदार को विभाग द्वारा १ करोड ७७ लाख २१ हजार ६८९ रूपये भुगतान किया जा चुका है। इस कार्य की पूर्ण होने की अवधि २९ नवम्बर २०१६ है। उधर, क्षेत्रीय विधायक नारायण राम आर्य ने पी.एम.जी.एस.वाई. विभाग के अधिक्षण अभियंता बिशन लाल व अधिषासी अभियंता नागेन्द्र पर ठेकेदार को पनाह देने का आरोप लगाया है। बताते चलें कि यह सडक गंगोलीहाट से पव्वाधार तक इतनी खराब स्थिति में पहुंच चुकी है कि कभी भी कोई बडी दुर्घटना घटने का पूरा अंदेषा बना हुआ है। अब यक्ष प्रष्न यह है कि इस महत्वपूर्ण सडक के ठेकेदार को आखिर इतनी बडी षह क्यों दी गयी है ? वहीं, इतनी महत्वपूर्ण सडक के मामले में गंगोलीहाट के तमाम सफेदपोष भी खामोष बैंठे हैं।
फोटो- नैनी-पव्वाधार सडक के षुरूआती हिस्से पोस्ट ऑफिस लाइन की जर्जर हालत।
*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *