पूरे उत्तराखण्ड को सतपाल महाराज का कद बढ़ने की अपेक्षा
सतपाल महाराज एक ऐसे नेता है जो राजनीतिक होते हुए भी राजनीतिक धूर्तता से कोसेा दूर है, भाजपा नेता और पूर्व सांसद सतपाल महाराज को उत्तराखंड में कद्दावर नेताओं में गिना जाता है। सतपाल महाराज की धार्मिक प्रवचन देने वाले संत के रूप में देश दुनिया में ख्याति है। पूरे उत्तराखण्ड को सतपाल महाराज का कद बढ़ने की अपेक्षा है। महाराज जी के हरिद्वार आश्रम में अनुयायियों की भीड देख कर भाजपा के नैशनल प्रेसीडेंट गदगद हो गये थे, केंद्रीय मंत्री रहते हुए ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल ट्रैक स्वीकृत कराना बड़ी कामयाबी रही। लोग कहते थे कि पहाड़ों पर रेल ट्रैक कैसे बिछेगा। इसे संभव करके दिखाया।
हिमालयायूके न्यूज पोर्टल के लिए चन्द्रशेखर जोशी सम्पादक की रिपोर्ट-
गढवाल में कई बडे नेता उन्होंने ही खडे किये हैं, जिनमें हरक सिंह रावत, बदरीनाथ विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी, थराली से प्रोफेसर जीतराम, कर्णप्रयाग से अनुसुइया प्रसाद मैखुरी, पौड़ी से सुंदरलाल मंद्रवाल, श्रीनगर से गणेश गोदियाल, देवप्रयाग से मंत्रीप्रसाद नैथानी ऐसे नाम हैं जिन्हें सतपाल महाराज ने ही स्थाापित किया था परन्तु समय का फेर देखिये, ये महाराज के स्थापित नेता समय आने पर उनको आंखे दिखाा गये परन्तु अब समय बदला नजर आ रहा है, महाराज ठाकुर बिरादरी से हैं और मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ भाजपा पार्टी आलाकमान को उनमें दम दिख रहा है। उपयुक्त समय में लोकसभा चुनाव से कुछ दिनों पुूर्व ही महाराज जी ने कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम कर भाजपा को मजबूती प्रदान की, संत एवं राजनेता सतपाल महाराज का उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव के समय भगवा परिवार में जल्द ही कद बढ़ेगा। उन्हें बड़ी जिम्मेदारी से नवाजे जाने के प्रबल चांस हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद किसी तरह कि जिम्मेदारी न मिलने के बावजूद सतपाल महाराज ने भाजपा के साथ पूरी निष्ठा के साथ काम किया और झारखंड तथा दिल्ली विधानसभा के चुनाव में पूरी निष्ठा से पार्टी के पक्ष में काम किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का विश्वास उनमें बढ़ा है तो संघ नेतृत्व भी महाराज की ताकत का मुरीद हुआ है। वही उनकी मानव उत्थान सेवा समिति से देशभर के लोग जुड़े हुए हैं। इसलिए संघ उनकी ताकत को अपने साथ जोड़ना चाहता है। उत्तराखण्ड में महाराज को बड़ी जिम्मेदारी देकर भाजपा आलाकमान 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा समेत कई राज्यों में महाराज की सेवा भी लेेना का इच्छुक हैं। वही उत्तराखण्ड भाजपा नेताओं के भी उनके अच्छे संबंध है, प्रदेश के नेताओं से उनके अच्छे मेलजोल के संबंध है।
संघ से भी उनकी नजदीकी है, बीते माह संघ प्रमुख मोहन भागवत खुद उनके हरिद्वार स्थित आश्रम गए थे। हरिद्वार में सतपाल महाराज द्वारा आयोजित समरसता सम्मेलन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ उत्तराखंड भाजपा के लगभग सभी दिग्गज नजर आए। महाराज के आयोजन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहुंचे तो प्रदेश की पूरी भाजपा टीम एक मंच पर नजर आई। आयोजन में पहुंची महाराज के अनुयायियों की भारी भीड़ देखकर अमित शाह भी गदगद दिखे।
मानव सेवा उत्थान समिति के माध्यम से उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में राष्ट्रवाद का प्रचार कर रहा हूं। देश का विकास होगा तो खुद ही अन्य सारी व्यवस्थाएं ठीक हो जाएंगी। बद्रीनाथ से पदयात्रा इसलिए शुरू की थी, ताकि उत्तराखंड की उपेक्षा को रोका जा सके। राजनीति के माध्यम से पहाड़ की बुलंद आवाज पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम कर रहा हूं।
वही घमण्ड तथा भ्रष्टाचार से कोसो दूर बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड में कमल खिलाने का दावा किया है। उन्होंने कहा, उत्तराखंड को बदलाव की जरूरत है, बीजेपी सरकार देवभूमि का उद्धार करेगी। मुख्यमंत्री के तौर पर खुद को देखने के सवाल पर वो बोले, मैं तो बस एक सेवक हूं, पार्टी जो जिम्मेदारी सौंपेगी वो पूरी करूंगा।
सबसे बडी बात यह है कि महाराज जी जब केन्द्रीय मंत्री रहे उन्होंने राजकोष से कोई वेतन तक नही लिया, 1 रूपया का वेतन मात्र वो लेते थे।
हरिद्वार में सतपाल महाराज द्वारा आयोजित समरसता सम्मेलन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ उत्तराखंड भाजपा के लगभग सभी दिग्गज नजर आए। महाराज के आयोजन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहुंचे तो प्रदेश की पूरी भाजपा टीम एक मंच पर नजर आई। आयोजन में पहुंची महाराज के अनुयायियों की भारी भीड़ देखकर अमित शाह भी गदगद दिखे।
मानव सेवा उत्थान समिति के माध्यम से उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में राष्ट्रवाद का प्रचार कर रहा हूं। देश का विकास होगा तो खुद ही अन्य सारी व्यवस्थाएं ठीक हो जाएंगी। बद्रीनाथ से पदयात्रा इसलिए शुरू की थी, ताकि उत्तराखंड की उपेक्षा को रोका जा सके। राजनीति के माध्यम से पहाड़ की बुलंद आवाज पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम कर रहा हूं।
महाराज जी कहते हैं कि मोदी के संदेश को उत्तराखंड समेत पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम कर रहा हूं। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी से ही प्रभावित होकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुआ। मोदी सिर्फ भारत के ही नहीं, बल्कि आज विश्व के नेता हैं। उनके नेतृत्व में ही उत्तराखंड व यूपी समेत कई राज्यों में राजनीतिक परिवर्तन आएगा। उत्तराखंड का सम्मान तो उसी दिन मोदी ने कर दिया था जिस दिन अजीत डोभाल को एनआईए का प्रमुख बनाया था।
केंद्रीय मंत्री रहते हुए ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल ट्रैक स्वीकृत कराना बड़ी कामयाबी रही। लोग कहते थे कि पहाड़ों पर रेल ट्रैक कैसे बिछेगा। इसे संभव करके दिखाया। डीआरडीओ और इसरो के वैज्ञानिकों को अमेरिका वीजा देने से मना करता था, इस मुद्दे को उठाया और अब अमेरिका की नजर में भारत के वैज्ञानिकों का महत्व ही अलग है। अब तो अमेरिका के चुनाव में मोदी के विकास की बात हो रही है।
मोदी के निर्देश पर उत्तराखंड और यूपी में चुनाव अभियान में शामिल हूं। मोदी के ही नेतृत्व में विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। भाजपा का हर कार्यकर्ता सीएम बनने की हैसियत रखता है।
सतपाल महराज ने कहा कि कांग्रेस उन्हें पार्टी ना छोड़ने के एवज में मंत्रीपद का ऑफर दे रही थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके हिंदूवादी चेहरा के चलते कांग्रेस उन्हें आगे बढ़ाने में डर रही थी। सतपाल महााराज ने कांग्रेस पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस की 25 साल सेवा की। लेकिन उनके हिंदूवादी चेहरेको कांग्रेस बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। कांग्रेस के भीतर हुए अपमान की बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड से मंत्री बनाने की बात आई तो कांग्रेस ने हरीश रावत को तरजीह दी। जहां महराज कांग्रेस पर आरोप लगाते रहे तो वहीं भाजपा का पक्ष लेते नजर आए। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर वोट मांगने के आरोपों पर महाराज ने कहा कि राजनीति में धर्म का उपयोग तो कांग्रेस कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को पहाड़ी राज्यों के लिए विकास के लिए प्लान बनाकर दिया है, जिसे नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल को सिलीगुड़ी की रैली में स्वीकार कर लिया। गौरतलब है कि सतपाल महराज ने भाजपा की सदस्यता हासिल की है।
CS JOSHI=- EDITOR (www.himalayauk.org) Leading Digital Newsportal & Daily Newspapers. Publish at Dehradun & Haridwar;