श्रावण माह ; 2 अगस्त 15 अगस्त बड़ा ही शुभ योग
सावन देवों के देव महादेव भगवान शंकर जीवन के संहारक भगवान शिव का महीना ; मात्र सच्चे मन से शिवलिंग पर जल चढ़ाकर उन्हें रिझाया जा सकता है# श्रावण माह आशाओं की पूर्ति का समय ww.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal Newsportal)
रविवार 17 जुलाई (पंचांग भेद) से 17 अगस्त तक सूर्य कर्क राशि में है। इसके बाद 17 अगस्त को राशि बदलकर सिंह में आ जाएगा। कर्क राशि में पहले से ही बुध और शुक्र भी होने से अब ये तीन ग्रह एक साथ रहेंगे इसके शुभ प्रभाव से नौकरी में तरक्की होती है। एक्स्ट्रा इनकम होती है। अधिकारियों से सहयोग मिलता है। बिजनेस में बड़ा फायदा और एग्रीमेंट होते हैं। सरकारी कामों में सफलता मिलती है। कोर्ट-कचहरी के कामों में सफलता मिलती है। अचानक धन लाभ होता है। विवादों में जीत मिलती है।
आषाढ़ पूर्णिमा यानि गुरु पूर्णिमा के बाद श्रावण माह की शुरुआत हो जाती है। इस बार सावन का महीना 20 जुलाई से शुरू हो गया है। इस मास का समापन रक्षाबंधन के दिन होगा। शास्त्रों में बताया गया है कि सावन माह भगवान शिव का माह है। हिन्दी पंचांग के सभी बारह महीनों में श्रावण मास का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि ये शिवजी की भक्ति का महीना है। श्रावण मास को सावन माह भी कहते है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई उपाय करते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्र, स्तुति व स्रोतों की रचना की गई है।
इनके जाप व गान से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। सावन में रोज इन स्तुति व स्रोतों का पाठ करने से सभी समस्याओं का अंत भी हो जाता है।
पूरे माह भर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना का दौर जारी रहेगा। सभी शिव मंदिरों में श्रावण मास के दौरान ‘बम-बम भोले और ॐ नम: शिवाय’ की गूंज सुनाई देगी। शिवालयों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ने लगी है। धार्मिक पुराणों के अनुसार श्रावण मास में शिवजी को एक बिल्वपत्र चढ़ाने से तीन जन्मों के पापों का नाश होता है। जो भक्त पूरे सावन महीने उपवास नहीं कर सकते वे श्रावण मास के सोमवार का व्रत कर सकते हैं। सोमवार के समान ही प्रदोष का महत्व है। इसलिए श्रावण में सोमवार व प्रदोष में व्रत जरूर रखें। पूरे माह भर शहर सहित जिले के सभी शिवालयों में सावन महीने में हर-हर महादेव और बोल बम की गूंज सुनाई देगी। श्रावण मास में शिव-पार्वती का पूजन बहुत फलदायी होता है। इसलिए हिंदू धर्म शास्त्रों में सावन मास का बहुत महत्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन महीने को देवों के देव महादेव भगवान शंकर का महीना माना जाता है। सावन महीने में सोमवार के दिन श्रद्धालु शिवालयों में जाकर भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। सावन मास के सोमवार को भगवान शिव के अभिषेक का विशेष महत्व होता है। सोमवार के दिन शिव की आराधना को सर्वसुलभ माना गया है। पहले सोमवार से लेकर प्रत्येक सोमवार को शिवपुराण के ये छोटे-छोटे उपाय कर सकते हैं। आपकी हर इच्छा पूरी जीवन के संहारक भगवान शिव पूरी करेंगे।
इस बार सावन महीने में बड़ा ही शुभ योग बन रहा है। इस बार सावन माह में चार सोमवार हैं। सोमवार को बाबा भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक व उस दिन व्रत रखने तथा श्रद्धा भाव से पूजन अर्चन करने वाले आस्थाभवानों की मनोकामनाएं भगवान शिव पूरी करते हैं ऐसा शास्त्रोंन में भी उल्लेकखित है। इस बार श्रावण मास में करोड़ सूर्यग्रहण के फल के बराबर ही फलदायी भौमवती अमावस्या 2 अगस्त को पड़ने जा रही है। इसके अलावा 15 अगस्त को सोम प्रदोष व्रत होगा जो अपने आप में महत्वपूर्ण होता है। श्रावण मास में बाबा को भांग, बेल पत्र और दूध चढ़ाने से मनवांक्षित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही गरीबों को दान देने से पुण्ये फल मिलता है। हालांकि महादेव चूंकि बड़े ही भोले माने जाते हैं इसलिए मात्र सच्चे मन से शिवलिंग पर जल चढ़ाकर उन्हें रिझाया जा सकता है।
यह माह आशाओं की पूर्ति का समय होता है। श्रावण में शिव भक्तों के लिए भगवान शिव का दर्शन एवं जलाभिषेक करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। इस महीने में शिव उपासना से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है।