14 अगस्त से शनि की चाल सीधी- राशियों पर क्या होगा प्रभाव
14 अगस्त से शनि की चाल सीधी हो जाएगी यानी मार्गी रहेगा। इसका असर सभी राशियों पर रहेगा। वक्री शनि के कारण बहुत से लोग परेशान हुए। कुछ लोगों को बिना वजह कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लगाना पड़े। कामों में रुकावटें आई और पैसों और प्रॉपर्टी के मामले भी उलझ गए। अब परेशान लोगों के लिए अच्छा समय शुरू हो जाएगा। किन राशियों पर चल रही है साढ़ेसाती- तुला, वृश्चिक और धनु
किन राशियों पर है ढय्या का प्रभाव- मेष और सिंह
किन राशियों पर है शनि की नजर- शनि वृश्चिक राशि में है और वृष राशि पर इसकी पूरी नजर है। मकर राशि वालों पर शनि की टेढ़ी नजर है। इसके साथ ही सिंह राशि को भी शनि टेढ़ी नजर से देख रहा है।+
www.himalayauk.org (UK Leading Newsportal) Bureau
;;;पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)राष्ट्रीय महासचिव-भगवान परशुराम राष्ट्रीय पंडित परिषद्मोब. 09669290067 (मध्य प्रदेश) जी हिमालयायूयके न्यूज पोर्टल के लियेे लिखे गयेे अपने आलेख में कहतेे हैं-जिस तरह हमारी पृथ्वी गोल है इसी तरह पूरा ब्रह्माण्ड गोल है ! और आप सभी जानते है कि प्रत्येक गोल वास्तु 360 डिग्री या अंश की होती है ! ज्योतिष में ब्रह्माण्ड को 360 डिग्री या अंश का मानते हुए 12 भागों में बांटा गया है ! प्रत्येक भाग 30 अंश का हुआ ! और इसी 30 अंश के एक भाग को हम राशि कहते हैं ! इन 1 2 राशियों अथवा भागों को अलग अलग नामों से जाना जाता है !
जैसे मेष ,बृष ,मिथुन ,कर्क ,इत्यादि ! सूर्य स्थिर है ! वह नहीं घूमता ! सारा ब्रह्माण्ड ,और ग्रह उस के इर्द गिर्द घूमते हैं ! यह 12 रशिया या ब्रह्माण्ड के भाग सूर्य के सामने से बारी बारी घूम जाते हैं ! सभी राशियों को सूर्य के सामने से हो कर गुजरने में 24 घंटे लग जाते हैं ! यानि औसत एक राशि सूर्य के सामने से गुजरने में 2 घंटे लेगी ! इन्हीं 2 घंटे का नाम है लग्न !
जब कोई बच्चा पैदा होता है तो सब से पहले हम लोग यह देखते हैं कि बचे के जन्म कौन सी लग्न में हुआ है अथवा यूँ कह लेते हैं कि बच्चे के जन्म के वक़्त सूर्य के सामने से कौन सी राशि या ब्रह्माण्ड का कौन सा भाग गुजर रहा था ! ज्योतिष में सब से महत्व पुराण कार्य है ज्योतिषी के लिए लग्न का सही निर्णय लेना ! यहाँ गलती हुई तो जन्म कुंडली ही गलत हो जाएगी ! अब आप जान गए होंगे कि ज्योतिषी लोग बच्चे के जन्म का सही वक़्त क्यों पूछते हैं !
जन्म कुंडली के 12 भाग होते हैं जो कि ब्रह्माण्ड के 12 भागों को ही दर्शाते हैं ! सब से ऊपर वाले खाने में बच्चे के जन्म वक़्त की लग्न का नाम यानि अंक लिख दिया जाता है ! फिर सभी भागों में ग्रह लिख दिए जाते हैं ! यह देख कर कि बच्चे के जन्म के वक़्त कौन सा ग्रह कौन से भाग में चलता हुआ अपना सफर कर रहा था ! बस दोस्तों इस प्रकार से जो नक्शा तैयार होता है उसी का नाम ही जन्म कुंडली है ! आगे ज्योतिष का दूसरा चरण शुरू होता है जिस का नाम है फलित ! फलित यानि भविष्य को बतलाना ! अब कौन सा ग्रह कौन से भाग से गुजरता हुआ उस बच्चे को क्या फल देगा इसी का नाम ज्योतिष है !
किसी भी जन्म कुंडली में हम सामान्यतः राज योगों की ही खोज करते हैं, किन्तु कई बार स्वयं ज्योतिषी व कई बार जातक इन दुर्योगों को नजरअंदाज कर जाता है,जिस कारण बार बार संशय होता है की क्यों ये राजयोग फलित नहीं हो रहे.आज ऐसे ही कुछ दुर्योगों के बारे में बताने का प्रयास कर रहा हूँ,जिनके प्रभाव से जातक कई योगों से लाभान्वित होने से चूक जाते हैं.सामान्यतः पाए जाने वाले इन दोषों में से कुछ इस प्रकार हैं—01 ग्रहण योग:– कुंडली में कहीं भी सूर्य अथवा चन्द्र की युति राहू या केतु से हो जाती है तो इस दोष का निर्माण होता है.चन्द्र ग्रहण योग की अवस्था में जातक डर व घबराहट महसूस करता है.चिडचिडापन उसके स्वभाव का हिस्सा बन जाता है.माँ के सुख में कमी आती है.किसी भी कार्य को शुरू करने के बाद उसे सदा अधूरा छोड़ देना व नए काम के बारे में सोचना इस योग के लक्षण हैं.अमूमन किसी भी प्रकार के फोबिया अथवा किसी भी मानसिक बीमारी जैसे डिप्रेसन ,सिज्रेफेनिया,आदि इसी योग के कारण माने गए हैं.यदि यहाँ चंद्रमा अधिक दूषित हो जाता है या कहें अन्य पाप प्रभाव में भी होता है,तो मिर्गी ,चक्कर व मानसिक संतुलन खोने का डर भी होता है. सूर्य द्वारा बनने वाला ग्रहण योग पिता सुख में कमी करता है.जातक का शारीरिक ढांचा कमजोर रह जाता है.आँखों व ह्रदय सम्बन्धी रोगों का कारक बनता है.सरकारी नौकरी या तो मिलती नहीं या उस में निबाह मुस्किल होता है.डिपार्टमेंटल इन्क्वाइरी ,सजा ,जेल,परमोशन में रुकावट सब इसी योग का परिणाम है||
02. चंडाल योग:– गुरु की किसी भी भाव में राहू से युति चंडाल योग बनती है.शरीर पर घाव का एक आध चिन्ह लिए ऐसा जातक भाग्यहीन होता है.आजीविका से जातक कभी संतुष्ट नहीं होता,बोलने में अपनी शक्ति व्यर्थ करता है व अपने सामने औरों को ज्ञान में कम आंकता है जिस कारण स्वयं धोखे में रहकर पिछड़ जाता है.ये योग जिस भी भाव में बनता है उस भाव को साधारण कोटि का बना देता है.मतान्तर से कुछ विद्वान् राहू की दृष्टी गुरु पर या गुरु की केतु से युति को भी इस योग का लक्षण मानते हैं ||
03.दरिद्र योग:— लग्न या चंद्रमा से चारों केंद्र स्थान खाली हों या चारों केन्द्रों में पाप ग्रह हों तो दरिद्र योग होता है.ऐसा जातक अरबपति के घर में भी जनम ले ले तो भी उसे आजीविका के लिए भटकना पड़ता है,व दरिद्र जीवन बिताने के लिए मजबूर होना पड़ता है ||
04. शकट योग:— चंद्रमा से छटे या आठवें भाव में गुरु हो व ऐसा गुरु लग्न से केंद्र में न बैठा हो तो शकट योग का होना माना गया है. ऐसा जातक जीवन भर किसी न किसी कर्ज से दबा रहता है,व सगे सम्बन्धी उससे घृणा करते हैं.वह अपने जीवन में अनगिनत उतार चढ़ाव देखता है.ऐसा जातक गाड़ी चलाने वाला भी हो सकता है ||
05.उन्माद योग:–
(a) यदि लग्न में सूर्य हो व सप्तम में मंगल हो,
(b) यदि लग्न में शनि और सातवें ,पांचवें या नवें भाव में मंगल हो
(c) यदि धनु लग्न हो व लग्न- त्रिकोण में सूर्य-चन्द्र युति हों साथ ही गुरु तृतीय भाव या किसी भी केंद्र में हो तो गुरुजनों द्वारा उन्माद योग की पुष्टि की गयी है.जातक जोर जोर से बोलने वाला ,व गप्पी होता है.ऐसे में यदि ग्रह बलिष्ट हों तो जातक पागल हो जाता है||
06. कलह योग:– यदि चंद्रमा पाप ग्रह के साथ राहू से युक्त हो १२ वें ५ वें या ८ वें भाव में हो तो कलह योग माना गया है.जातक के सारे जीवन भर किसी न किसी बात कलह होती रहती है व अंत में इसी कलह के कारण तनाव में ही उसकी मृत्यु हो जाती है||
नोट:लग्न से घड़ी के विपरीत गिनने पर चौथा-सातवां -दसवां भाव केंद्र स्थान होता है.पंचम व नवं भाव त्रिकोण कहलाते हैं. साथ ही लग्न की गिनती केंद्र व त्रिकोण दोनों में होती है ||
;;राशियों पर प्रभाव – क्या पडेगा-
मेष-पिछले कुछ समय से चली आ रही परेशानी दूर होगी। धन संबंधित कार्यों और विवादों में सफलता मिलेगी। रुका हुआ पैसा मिलने के योग बन रहे हैं। योजना बनाने की बजाय प्रत्यक्ष कार्यों की तरफ ध्यान दें। पैतृक कार्यों में सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। मेष राशि वाले लोगों के लिए समय अच्छा है। वैचारिक उतार-चढ़ाव होने के कारण कार्यक्षेत्र में थोड़ी परेशानी वाला समय भी रहेगा। डिसीजन लेने में परेशानी होगी।
वृष –वैवाहिक जीवन के लिए शनि का मार्गी होना आपके लिए शुभ है। पुराने मतभेद सुलझ जाएंगे। विचारों में सकारात्मकता होने से बड़े काम भी पूरे हो जाएंगे। उन कामों का असर भी लंबे समय तक रहेगा। इस राशि के विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा है। छोटी-छोटी यात्राओं से फायदा होगा। इस राशि के अविवाहित लोगों को विवाह के प्रस्ताव मिलेंगे। साथ काम करने वाले लोगों से थोड़ी परेशानियां हो सकती है। सेहत संबंधी उतार-चढ़ाव भी आ सकते हैं।
मिथुन-मिथुन राशि वाले लोगों के लिए समय अच्छा हैं। मान-सम्मान मिलेगा। पद और प्रतिष्ठा भी मिलेगी। दुश्मनों पर जीत मिलेगी। ऋण संबंधी कामों में सफलता मिलेगी। आर्थिक स्थिति के नजरिए से मिथुन राशि वाले लोगों का समय अच्छा है। धार्मिक कामों में मन लगेगा। अचानक यात्राओं का योग भी बन रहा है। दूर स्थानों के लोगों से महत्वपूर्ण समाचार मिल सकते हैं। आर्थिक लाभ मिलेगा।
कर्क –विद्या, बुद्धि के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। स्वभाव में बदलाव होगा। रुके हुए काम समय से पूरे होंगे। आत्मबल बढ़ा हुआ होगा। सोचे हुए काम समय पर पूरे हो जाएंगे। मौसमी बीमारियों से परेशान हो सकते हैं। स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है। कामकाज में मन लगेगा। बिजनेस करने वाले लोगों के कामों में देरी हो सकती है। सावधान रहें, बड़े सौदे भी टल सकते हैं।
सिंह-शनि का मार्गी होना आपके लिए अच्छा नहीं रहेगा। माता का स्वस्थ्य कमजोर हो सकता है। सम्पत्ति से जुड़े मामलों के लिए आपका समय खराब चल रहा है। संपत्ति से जुड़े मामले कुछ समय के लिए टालें। आपके लिए अच्छा रहेगा। फालतू यात्राएं हो सकती हैं। परेशान रहेंगे। खर्चा अधिक होगा। किसी भी तरह का निवेश इस समय न करें। नुकसान हो सकता है। आपके विचारों को अधिक तवज्जो नहीं मिलेगी। चोट और एक्सीडेंट के योग बन रहे हैं। सावधान रहें। विदेश यात्रा के भी योग बन सकते हैं, लेकिन सावधान रहें।
कन्या-पैतृक धन में वृद्धि होने के योग बन रहे हैं। परंपरागत कामों में लाभ मिलेगा। नए लोगों से मिलेंगे और उनसे अच्छे संबंध भी बनेंगे। वाणी के प्रयोग से कामों में सफलता मिलेगी और धन वृद्धि होगी। सोचे हुए कामों में सफलता मिलेगी। नए निवेश करने के लिए समय अच्छा है, फायदा मिलेगा। खान-पान में सावधानी रखें। पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती है। संतान से जुड़ी टेंशन दूर होंगी। पराक्रम और मेहनत से सफलता मिलेगी।
तुला –जीवनसाथी से सुख मिलेगा। क्षमता अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता मिलेगी। नए वस्त्राभूषण के योग बन रहे हैं। धार्मिक यात्राओं का योग हैं। कार्यस्थल पर व्यस्तता रहेगी। परिवार को समय नहीं दे पाएंगे। आसपास के लोगों से फायदा होगा। धन संबंधी काम पूरे होंगे। रुका हुआ पैसा मिलेगा।
तुला –जीवनसाथी से सुख मिलेगा। क्षमता अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता मिलेगी। नए वस्त्राभूषण के योग बन रहे हैं। धार्मिक यात्राओं का योग हैं। कार्यस्थल पर व्यस्तता रहेगी। परिवार को समय नहीं दे पाएंगे। आसपास के लोगों से फायदा होगा। धन संबंधी काम पूरे होंगे। रुका हुआ पैसा मिलेगा।
वृश्चिक-सेहत खराब हो सकती है। विरोधी प्रभावहीन रहेंगे। व्यस्तता के चलते काम में रुकावटें आ सकती है। पिता की सेहत से जुड़ी टेंशन होगी। जिसका सहयोग किया है वो व्यक्ति कष्ट दे सकता है। खुद पर भरोसा रखें। वैवाहिक जीवन में कुछ विवाद हो सकते हैं। तनाव भी हो सकता है। दूर स्थानों से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। यात्राओं के दौरान महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मुलाकात होने के योग बन रहे हैं।
धनु –जलीय स्थानों पर जाने का मौका मिलेगा। आत्मविश्वास बढ़ा हुआ रहेगा। कारोबार से जुड़ी यात्राएं फायदेमंद रहेगी। नए कामों के लिए समय ठीक नहीं है। किसी भी तरह का नया निवेश न करें। अतिरिक्त प्रयासों से सफलता मिलेगी। आमदनी में कुछ कमी हो सकती है। गोपनीय योजनाएं सार्वजनिक होने से नुकसान हो सकता है। पैसा उधार देने से बचें।
मकर –आय में स्थिरता होगी। माता और संतान से सहयोग मिलेगा। बड़े और महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात हो सकती है। पुराने संपर्कों से फायदा मिलेगा। कार्यक्षेत्र में समय प्रतिकूल रहेगा। इस राशि के अविवाहित लोगों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं। पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। स्त्री पक्ष से सहयोग और कार्य सिद्धि होगी। जीवनसाथी के साथ समय बीतेगा।
कुंभ –दुश्मन हावी रहेंगे। सेहत से जुड़ी परेशानियां होंगी। जीवनसाथी से वैचारिक विरोध हो सकता है। राजनीति से जुड़े लोग सफल होंगे। वाद-विवाद और धन से जुड़े मामलों में अचानक सफलता मिल सकती है। धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने का योग बन रहा है। कानूनी मामले पेचीदा हो सकते हैं। कामकाज में महत्वपूर्ण पद मिल सकता है।
मीन-सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ें। सफलता मिलेगी। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए समय शुभ है। सफलता मिलेगी। महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात हो सकती है। मीन राशि की स्त्रियों को अचानक सफलता मिल सकती है। संतान से जुड़ी चिंता परेशान कर सकती है। सोचे हुए काम समय से पूरे होंगे। किसी महत्वपूर्ण यात्रा में सफलता मिलेगी। कार्यस्थल पर महत्वपूर्ण घटनाक्रम बनेंगे, जो आपको सफलता दे सकते हैं।