इस युग में भी कुछ लोगों को सत्ता का मद है; इस राजनेता ने कहा
शिवपाल सिंह यादव ने मोर्चा गठन के बाद ही सियासी घमासान मचा दिया है# मोर्चा गठन के बाद से ही वह अखिलेेेेश तथा सपा से भारी पडते दिख रहे हैं- हिमालयायूके ने अपने विगत आलेख में लिखा था कि शिवपाल सिंह यादव शीघ्र साबित कर देगे कि वह राजनीति में भी चाचा है और बहुत कम समय में यह साबित होता दिख रहा है- शिवपाल सिंह यादव किस कदर ग्रासरूट के नेता है,और आम जन पर उनकी बातो का भारी पडाव कैसे पडता है-यह उनके एक संदेश से जाना जा सकता है-* शिवपाल सिंह यादव कहते है कि इस युग में भी कुछ लोगों को सत्ता का मद है: हिमालयायूके वेब एण्ड प्रिन्ट मीडिया के लिए चन्द्रशेखर जोशी की रिपोर्ट-
पार्टी के पुराने नेताओं की नजरों में सपा संस्थापक मुलायम सिंह के बाद शिवपाल दूसरे नंबर पर माने जाते हैं । समाजवादी पार्टी को खड़ा करने में शिवपाल की अहम भूमिका रही है । सपा नेताओं के साथ शिवपाल के निजी संबंध काफी बेहतर हैं । सपा के दिग्गज नेताओं के साथ शिवपाल के संबंध उस समय के हैं जब अखिलेश यादव को राजनीति का ककहरा भी नहीं आता था । अखिलेश जब विदेश में पढ़ाई कर रहे थे उस समय शिवपाल यादव खेत-खलिहानों और सूबे के गांव-गांव घूमकर समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए अपना पसीना बहा रहे थे ।
समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल यादव ने तेजी से तैयारियां शुरू की है, मुस्लिम-दलित-पिछड़ों का सामजस्य बनाकर सपा केे मजबूत किले को ढहाने की तैयारी में है। ३० सितम्बर रविवार को समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के सूबे के 30 जिलाध्यक्षों की पहली लिस्ट के ऐलान यह दिखा रहा है कि वह संगठन बनाने में भी मजबूत सिपहसालार रहे है । तीस में से 14 वेस्ट यूपी के हैं। शिवपाल यादव का समाजवादी पार्टी में रहते हुए भी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले विवाद के दौरान वेस्ट यूपी पर फोकस रहा था। अब एसपी से अलग होकर मोर्चे की ज्यादातर गतिविधि वेस्ट यूपी पर ही केंद्रित है। रविवार को उन्होंने यूपी के तीस जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान किया।
शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी सेकुलर मोर्चा के तीस जिलों में अपने संगठन के जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिए
शिवपाल यादव ने कहा कि वह अब ‘रावण’, ‘कंस’ व ‘दुर्योधन’ जैसे लोगों से धर्मयुद्ध के लिए तैयार हैं। शिवपाल ने कहा कि इस युग में भी कुछ लोगों को सत्ता का मद है। महाभारत की तरह अब एक बार फिर धर्मयुद्ध होगा और ऐसे लोगों का अहंकार खत्म किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 2019 में ‘ समाजवादी सेक्युलर मोर्चा’ के बिना कोई सरकार नहीं बनेगी और 2022 में यूपी में सेक्युलर मोर्चा की ही सरकार होगी. शिवपाल ने कहा कि पार्टी को मजबूत कर जल्द ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी और प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा. प्रदेश के सभी 75 जिलों में जल्द ही जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे.
उन्होंने अकेले वेस्ट यूपी से 14 और पूरे प्रदेश से 16 को जिलाध्यक्ष के पद पर जगह दी है। इससे वेस्ट यूपी में शिवपाल की दिलचस्पी साफ नजर आती है। सियासी जानकारों का मानना है कि समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर जिस तरह शिवपाल को वेस्ट यूपी में जनता का साथ दिखा उससे यहां भविष्य की राजनीति में काफी संभावनाएं लग रही हैं। समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का 29 अगस्त को गठन करते ही शिवपाल यादव वेस्ट यूपी में सक्रिय हो गए थे। दो दिन बाद 31 अगस्त को वह एकता सम्मेलन करने पहुंच गए थे। उसके बाद उन्होंने जिला सम्मेलन शुरू कराए। विधानसभा सम्मेलन भी दादरी, बड़ौत मुजफ्फरनगर में कराए गए। मंडलीय सम्मेलनों की शुरुआत भी मेरठ से ही कराने का प्रोग्राम है। शिवपाल ने दो दिन पहले दलितों के साथ रैली भी वेस्ट के सहारनपुर में की। इस दौरान कई जिलों में रुककर लोगों से मिले। वेस्ट यूपी में सक्रिय छोटे दलों से लगातार मिलने का चर्चा सामने आ रही है।
सेक्युलर मोर्चा बनाने के बाद समाजवादी कुनबे में सुलह की भी कोशिश हुई है, लेकिन शिवपाल यादव ने साफ कर दिया है कि वे कदम आगे बढ़ा चुके हैं. अब पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे. शिवपाल यादव ने सेक्युलर मोर्चे के गठन के बाद लोकसभा चुनाव में सूबे की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
शिवपाल यादव की अहमियत का इसी से पता चलता है जब लखनऊ में एक बड़े यादव समुदाय के बड़े सम्मलेन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुुुए । इस कार्यक्रम का आयोजन यादव समुदाय के संगठन श्रीकृष्ण वाहनी ने किया है । यूपी के ओबीसी समुदाय में सबसे बड़ी संख्या यादव समुदाय की है । सूबे में तकरीबन 8 फीसदी यादव वोटर हैं और पिछड़ी जाति में उसकी भागीदारी लगभग 20 प्रतिशत है । नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के सियासी उभार के पीछे यादव वोटर्स की अहम भूमिका रही है । बीते लगभग तीस वर्षों से यादव समाज समाजवादी पार्टी के साथ कांधे से कान्धा मिलकर मजबूती के साथ खड़ा रहा है । पीएम नरेंद्र मोदी का सबका साथ-सबका विकास और बसपा सुप्रीमों मायावती का सर्वजन हिताय-सवर्जन सुखाय का नारा भी यादव समुदाय को समाजवादी पार्टी से छिटका तक नहीं पाया है ।
यशपाल राणा को आगरा, अशोक रैना आगरा महानगर, महेंद्र पाल सिंह बघेल को अलीगढ़, राम किशोर यादव को एटा, जगदीश नौहवार को मथुरा, अभिषेक गुर्जर को मेरठ, चौधरी प्रताप सिंह को गाजियाबाद, जयप्रकाश अग्रवाल को गाजियाबाद महानगर, नरेंद्र सिसोदिया को हापुड़, इस्लाम प्रधान को बागपत, धीरज तोमर को शामली, इलम सिंह को मुजफ्फरनगर, अजीम को फिरोजाबाद का अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले मंडल प्रभारी बनाते समय वेस्ट यूपी के ज्यादातर मंडलों के सीनियर नेताओं को जिम्मा शिवपाल सौंप चुके हैं। शिवपाल यादव ने जल्द बाकी जिलों के अध्यक्ष के नाम का भी ऐलान करने की बात कही है।
शिवपाल यादव ने एलान किया है कि वह उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर मुलायम सिंह उनकी पार्टी की जगह बेटे के समाजवादी पार्टी से लड़ना चाहेंगे तो उस सीट को छोड़कर बाकी सभी 79 सीटों पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार मैदान में होगा।
शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का मीडिया में पक्ष रखने के लिए नौ प्रवक्ताओं की पहली सूची जारी की है। इसमें समाजवादी सरकार के दो पूर्व मंत्रियों शारदा प्रताप शुक्ला व शादाब फातिमा का नाम भी शामिल है। शिवपाल ने बुधवार को प्रवक्ताओं की सूची जारी करते हुए कहा है कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा ने मीडिया व इलेक्ट्रानिक मीडिया में पक्ष रखने के लिए अधिकृत सूची जारी कर दी है। इसलिए मोर्चा की तरफ से इनके द्वारा ही अधिकृत पक्ष रखा जाएगा। उन्होंने शारदा प्रताप शुक्ला, सैयद शादाब फातिमा, दीपक मिश्र, नवाब अली अकबर, सुधीर सिंह, प्रो. दिलीप यादव, अभिषेक सिंह आशू, मोहम्मद फरहत रईस खान तथा अरविंद यादव को प्रवक्ता बनाया है।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सपा को एकजुट रखने के लिए मैं जो कुछ कर सकता था मैंने किया लेकिन समाजवादी पार्टी को उसकी मूल विचारधारा की ओर लौटने में मेरे सारे प्रयास व्यर्थ साबित हुए। अब समाजवादी सेक्युलर मोर्चा पूरे प्रदेश में अपना विस्तार करेगा। संगठन को सभी जगह तैयार किया जाएगा। अब वह समाजवादी और सेकुलर मूल्यों के साथ लोकसभा चुनाव में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि काफी सोच विचार कर हमने सेक्युलर मोर्चा बनाने का निर्णय किया है। इस मामले पर हमें नेताजी मुलायम सिंह यादव का भी आशीर्वाद मिल गया है। ऐसे में अपने कदम वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है।
इटावा के वरिष्ठ सपा नेता और समाजवादी पार्टी से दो बार सांसद रह चुके रघुराज सिंह शाक्य भी खुलेआम शिवपाल यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चा में शामिल हो चुके हैं । कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि शिवपाल यादव शीघ्र ही फूलपुर से सांसद रहे अतीक अहमद से भेंट करेंगे । कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि अतीक अहमद भी सेक्युलर मोर्चा में शामिल हो सकते हैं । शिवपाल का सेक्युलर मोर्चा समाजवादी पार्टी के बागी नेताओं का ठिकाना बन सकता है । शिवपाल लगातार इस बात को भी कह रहे हैं कि ये मोर्चा सपा से रूठे नेताओं के लिए ही बनाया गया है ।
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