नई पार्टी बनाने का एलान “समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा”
शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बनाने का एलान कर दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक शिवपाल यादव ने समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा के नाम से नई पार्टी बनाने का एलान किया है. इस नई पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव होंगे. शिवपाल यादव ने कहा है, ‘नेताजी को उनका सम्मान वापस दिलाने और समाजवादियों को एक साथ लाने के लिए इस मोर्चा को जल्द सामने लाया जाएगा.’ (www.himalayauk.org) Web & Print Media
शिवपाल यादव ने कहा था कि अखिलेश यादव तीन महीने में अध्यक्ष पद मुलायम सिंह यादव को सौंपने का अपना वायदा पूरा करें अन्यथा वह नई पार्टी बनाने के मकसद से धर्म निरपेक्ष मोर्चे का गठन करेंगे.अखिलेश यादव ने तीन महीने का समय मांगा था और कहा था कि तीन महीने बाद बाद पार्टी और पद वापस नेता जी को सौंप दूंगा. अखिलेश अपना वायदा पूरा करें वरना हम भी नई पार्टी बनाने के लिए सेक्यूलर मोर्चे का गठन करेंगे
चुनाव से पहले यादव परिवार और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में मची कलह खुलकर सामने आ गई थी। पूरी पार्टी अखिलेश और शिवपाल खेमे में बंट गई। मुलायम सिंह यादव अपने भाई शिवपाल यादव के साथ खड़े हुए नजर आए और उन्होंने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर कर दिया था। जिसके बाद रामगोपाल यादव ने पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया, जिसमें अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। यह लड़ाई चुनाव आयोग की चौखट पर पहुंची। चुनाव आयोग ने भी पार्टी और चुनाव चिन्ह को लेकर अखिलेश यादव के पक्ष में फैसला दिया था।
सपा में हाशिए पर चल रहे शिवपाल यादव ने शुक्रवार को अलग पार्टी बनाने का ऐलान किया. उन्होंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन की घोष्ाणा की है. सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस नए मोर्चे के अध्यक्ष होंगे. इस मौके पर शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी के सम्मान की खातिर नई पार्टी का गठन किया जा रहा है. अभी दो रोज पहले उन्होंने इटावा में इसके संकेत भी दिए थे. हालांकि उस दौरान उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से कहा था कि वह इस पद को छोड़ दें और उनकी जगह मुलायम सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि यूपी चुनावों के बाद से इटावा के जसवंतनगर से विधायक और सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव लगातार अखिलेश और पार्टी के जनरल सेक्रेट्री रामगोपाल यादव पर निशाना साध रहे हैं.
उसी कड़ी में पिछले दिनों अखिलेश के करीबी रामगोपाल पर शिवपाल यादव ने इटावा में निशाना साधा था. चचेरे भाई रामगोपाल यादव पर हमला बोलते हुए उन्हें शकुनि तक कह डाला. दरअसल इससे पहले रामगोपाल यादव से इटावा में ही मीडिया ने जब पूछा कि शिवपाल यादव का कहना है कि अखिलेश यादव को अपने वादे के मुताबिक अब नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद दे देना चाहिए. इस पर भड़क कर रामगोपाल ने जवाब दिया कि शिवपाल यादव बेकार की बातें करते हैं. उन्होंने पार्टी का संविधान नहीं पढ़ा है. पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है. शिवपाल तो अभी सदस्य तक भी नहीं बने हैं.
उसके बाद मीडिया के लोगों ने शिवपाल यादव से जब यह बात दोहराई तो उन्होंने कहा कि मैंने संविधान भले की न पढ़ा हो लेकिन शकुनि को गीता जरूर पढ़नी चाहिए. अखिलेश यादव यूपी विधानसभा चुनावों के वक्त मुलायम सिंह को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाकर खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे. उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह सिर्फ तीन महीने के लिए अध्यक्ष बने हैं और चुनाव के बाद वह नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लौटा देंगे.
मुलायम के परिवार में इसे लेकर दो फाड़ है. अपर्णा यादव भी कह चुकी हैं कि मुलायम सिंह को अध्यक्ष पद लौटा दिया जाना चाहिए. उनके परिवार में मुलायम सिंह यादव, उनकी दूसरी पत्नी साधना यादव और छोटे बेटे प्रतीक यादव, बहू अपर्णा यादव और शिवपाल एक तरफ हैं जबकि रामगोपाल यादव परिवार के इस विवाद में शुरू से ही मुलायम और शिवपाल के खिलाफ अखिलेश के साथ खड़े हैं. मुलायम को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद हटवाने में भी रामगोपाल यादव का बड़ा रोल था.