शिवपाल यादव द्वारा जल्द ही नई पार्टी का ऐलान
समाजवादियों को एकजुट कर एक मंच पर लाने के लिए जल्द अभियान
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद समाजवादी पार्टी छिन्न भ्िान्न दिख्ााई दे रही है. पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह जहां एक ओर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से नाराज हैं तो वहीं दूसरी तरफ ये कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल यादव जल्द ही नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल सिंह यादव ने 4 अप्रैल कहा था कि वह ‘समाजवादियों’ को एक मंच पर लाने के लिए जल्द ही अभियान छेड़ेंगे. सपा मुखिया अखिलेश यादव से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले शिवपाल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद नयी पार्टी बनाने की धमकी दी थी. सपा नेता शिवपाल इटावा की जसवंतनगर सीट से पार्टी के विधायक भी हैं. शिवपाल ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘हम समाजवाद की विरासत को कमजोर नहीं होने देंगे और समाजवादियों को एकजुट कर एक मंच पर लाने के लिए जल्द अभियान शुरू करेंगे.’
##वही दूसरी ओर सधी हुई रणनीति के तहत शिवपाल यादव ने एक ओर पांसा चला है, मुलायम सिहं के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव अपने बेटे आदित्य के साथ सीएम आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे. योगी और शिवपाल किस लिए मिल रहे हैं यह अभी तक साफ नहीं हो सका है इसलिए इस बैठक को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है. आपको बता दें कि चुनाव बाद सपा के विधायक दलों की बैठकों से शिवपाल ने दूरी बनाकर रखी है. इटावा की जसवंतनगर सीट से विधायक होने के बावजूद वह बैठकों में हिस्सा नहीं ले रहे. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि यूपी में नेता-प्रतिपक्ष के रूप में अखिलेश यादव द्वारा राम गोविंद चौधरी को चुने जाने से शिवपाल यादव नाराज है. खबर तो यहां तक है कि मुलायम और शिवपाल नेता-प्रतिपक्ष के रूप में आजम खान के नाम को आगे बढ़ाना चाहते थे लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश ने अनदेखी करते हुए राम गोविंद चौधरी को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया. अपर्णा यादव और प्रतीक यादव के निमंत्रण पर सीएम योगी आदित्यनाथ कान्हा उपवन भी गए थे. आज शिवपाल यादव ने भी योगी से मुलाकात का समय मांगा जिसके लिए योगी ने हामी भर दी और उन्हें मुलाकात के लिए बुलाया. यहां गौर करने वाली बात है कि मुलायम ने अपर्णा और शिवपाल दोनों के लिए ही वोट मांगे थे. लेकिन चुनाव के दौरान ही शिवपाल ने साफ कर दिया था कि वो अलग पार्टी बनाएंगे. ऐसे में शिवपाल की योगी आदित्यनाथ से मुलाकात पर सबकी निगाहें टिकी हैं. समाजवादी पार्टी की हार के बाद पार्टी नेताओं का यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव तो योगी आदित्यनाथ से शपथ ग्रहण समारोह में ही मिल चुके थे. थोड़े दिन बाद मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव भी अपने पति प्रतीक यादव के साथ वीवीआईपी गेस्ट हाउस में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचीं थी.
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उन्होंने कहा, ‘सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई पूरी ताकत से लड़ी जाएगी. राम के नाम पर नफरत की नहीं बल्कि सामाजिक न्याय की राजनीति होनी चाहिए.’ अखिलेश द्वारा चाचा शिवपाल और पिता मुलायम सिंह यादव की अनदेखी किये जाने के आलोक में अब सुलह सफाई की उम्मीद क्षीण नजर आती है.
हालांकि शिवपाल यादव ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि वे किसी दल में नहीं जाएंगे और न ही अपनी पार्टी बनाएंगे. उन्होंने रविवार (2 अप्रैल) को स्पष्ट करते हुए था, वह ना तो किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं और ना ही अपना कोई दल बनाएंगे.
शिवपाल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में उनके भाजपा में जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह ना तो किसी दूसरे राजनीतिक दल में जा रहे हैं और ना ही अपनी कोई पार्टी बनाने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा ‘मैं नेता जी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) के साथ हूँ और साथ रहूंगा.’ मालूम हो कि सपा संगठन की कमान अखिलेश के हाथ में जाने के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये गये शिवपाल ने हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में कहा था कि 11 मार्च के बाद वह अपनी पार्टी बनाएंगे. इसके अलावा कुछ मीडिया रिपोर्ट में उनके भाजपा में जाने की तैयारी के दावे भी किये गये थे.
मुलायम द्वारा शनिवार (1 अप्रैल) को मैनपुरी में अपने पुत्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा ‘‘जो अपने माता-पिता का कहना नहीं मानते, उनका सम्मान नहीं करते, वे कभी जीवन में तरक्की नहीं करते. मनुष्य को संस्कार वान होना चाहिए. संस्कार को नहीं भूलना चाहिए अन्यथा ऐसे लोग पतन की ओर चले जाते हैं.’’ समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने शनिवार (1 अप्रैल) को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में बेटे अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में कई बार उसने उनका ‘अपमान’ किया है.
मुलायम ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा की करारी हार के बाद पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, ‘जो अपने बाप का नहीं हो सका, वो आपका क्या होगा.’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कन्नौज रैली का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी ने भी ऐसी ही बात कही थी. ‘जनता ये बात समझ गयी और इसे गंभीरता से लिया. इसका नतीजा चुनाव में सपा की हार के रूप में मिला जबकि भाजपा चुनाव जीत गयी.’
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