सामाजिक सौहार्द को नुक़सान हो रहा है; सोनिया गाँधी
अर्णब गोस्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इसका सबूत यू-ट्यूब पर मौजूद है।’
एक टीवी बहस में पत्रकार अर्णब गोस्वामी द्वारा कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी पर गई की टिप्पणी पर बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी इस मुद्दे पर आमने-सामने आ गई हैं और दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं और माफ़ी माँगने को कह रही हैं। महाराष्ट्र के पालघर में एक गेरुधारी आदमी को पीट-पीट कर मार डालने के मुद्दे पर हो रही बहस के दौरान अर्णब गोस्वामी ने यह टिप्पणी की थी।
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक गोस्वामी की तीखी आलोचना की है। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘यह बहुत ही बुरी स्थिति है कि प्रधानमंत्री और बीजेपी इस तरह के टीवी एंकरों की तारीफ़ करते रहते हैं।’ सोनिया गाँधी पर हुए हमले की तीखी आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘अर्नब गोस्वामी द्वारा बहुत ही अपमानजनक भाषा में सोनिया गाँधी पर किया गया हमला अस्वीकार्य और शर्मनाक है। वह 22 साल की उम्र में भारत आ गईं, बीते 52 साल से इस देश में हैं और उनके जीवन का बड़ा हिस्सा देश की सेवा में बीता है।’ कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि सोनिया गाँधी ने इस देश में 50 साल गुजारे हैं और अपनी सास और पति को देश के लिए शहीद होते देखा है। पर आपका पसंदीदा एंकर पलक झपकाए बग़ैर उन्हें गालियाँ दे रहा है। इस पर आपकी चुप्पी आपका समर्थन जाहिर करती है।’
कोरोना वायरस महामारी पर सांप्रदायिक नफ़रत फैलाए जाने की ख़बरों के बीच पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया है। सोनिया गाँधी ने कहा है कि बीजेपी कोरोना वायरस महामारी के वक़्त भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और नफ़रत का वायरस फैलाना जारी रखी हुई है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा, ‘मैं आपके साथ कुछ ऐसा भी शेयर करूँ, जिसकी हमें और हर भारतीय को चिंता होनी चाहिए। जब हमें कोरोना वायरस से एकजुट होकर निपटना चाहिए, भाजपा सांप्रदायिक पूर्वग्रह और घृणा के वायरस को फैला रही है। हमारे सामाजिक सौहार्द को नुक़सान हो रहा है। उस क्षति को ठीक करने के लिए हमारी पार्टी, हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।’
कांग्रेस अध्यक्ष की यह प्रतिक्रिया उस समय आई है जब तब्लीग़ी जमात का मामला आने के बाद से देश भर में नफ़रत की कई घटनाएँ सामने आ रही हैं। मुसलिमों के ख़िलाफ़ ऐसे नफ़रत वाले बयान के कारण ही हिमाचल प्रदेश में जम्मू-कश्मीर के 9 मुसलिम मज़दूरों पर हमला कर दिया गया था। सरपंच, वकील और स्थानीय लोग कहते हैं कि हमले का कारण तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम को लेकर ‘नफ़रत फैलाने वाला कैंपेन’ है। वे कहते हैं कि सोशल मीडिया पर नफ़रत फैलाने वाले बयान ने लोगों के दिमाग़ में ज़हर घोल दिया है।
पिछले हफ़्ते ही मेरठ के वेलेंटिस कैंसर हॉस्पिटल ने विज्ञापन निकालकर कहा था कि हॉस्पिटल नये मुसलिम मरीजों को तब तक भर्ती नहीं करेगा जब तक कि वह कोरोना नेगेटिव होने की रिपोर्ट नहीं देगा। ऐसी शर्त दूसरे धर्म के लोगों के लिए नहीं थी। बाद में विवाद बढ़ने पर अस्पताल प्रशासन ने माफ़ी माँगी थी। इसस पहले हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भी धर्म के आधार पर कोरोना वार्ड बनाने की ख़बर आने के बाद ऐसा ही विवाद हुआ था। तब गुजरात सरकार ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। उस हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रींटेंडेंट डॉ. गुणवंत एच राठौड़ ने भी कहा था कि धर्म के आधार पर अलग कोरोना वार्ड नहीं बनाया गया है और उनके बयान को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया है। यानी वह पिछले बयान से पूरी तरह पलट गए। एक दिन पहले ही ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने लिखा था कि राठौड़ ने कहा था कि ‘यहाँ हमने हिंदू और मुसलिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए हैं।’
उत्तर प्रदेश से तो कई ख़बरें आ गईं कि मुसलिमों को सब्जी भी नहीं बेचने दी जा रही है। दरअसल, कुछ रिपोर्टों में तो आरोप लगाया गया है कि मीडिया का एक वर्ग ऐसी रिपोर्टिंग कर रहा है कि अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ नफ़रत का माहौल बना है। इस मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि मीडिया का कुछ हिस्सा तब्लीग़ी जमात के दिल्ली में पिछले महीने हुए कार्यक्रम को लेकर सांप्रदायिक नफ़रत फैला रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने न सिर्फ़ बीजेपी पर नफ़रत फैलाने का आरोप लगाया बल्कि कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में मोदी सरकार की रणनीति पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि पीपीई और टेस्टिंग को लेकर कांग्रेस के सुझावों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने देश में कोरोना वायरस के फैलने और उसकी रफ्तार पर भी चिंता जताई।
सोनिया ने कहा कि उन्होंने कई बार प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा और कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में रचनात्मक सहयोग देने की पेशकश की, ग्रामीण और शहरी ग़रीबों के सामने आने वाली दिक्कतों को दूर करने के उपाय सुझाए। सोनिया ने दावा किया, ‘दुर्भाग्य से, उनको केवल आंशिक रूप से और ग़लत तरह से लागू किया गया।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस का पिछले तीन हफ्तों में चिंताजनक रूप से प्रसार बढ़ा है और उसकी गति तेज़ हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन की वजह से समाज के हर तबक़े खासकर किसानों, मज़दूरों, प्रवासी मज़दूरों को बहुत ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कथित रूप से भड़काऊ बयान देने और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए रिपब्लिक टीवी चैनल के संस्थापक और मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई है। कांग्रेस की छत्तीसगढ़ यूनिट ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई है और रायपुर पुलिस केस दर्ज करने की प्रक्रिया में है। महाराष्ट्र में भी ऐसी ही शिकायत दर्ज कराई गई है और शिकायतें दर्ज कराने की तैयारी है।
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान ऐसी टिप्पणी करने के आरोप अर्णब गोस्वामी पर लगे हैं। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और राज्य कांग्रेस से अध्यक्ष मोहन मरकाम ने रायपुर में पुलिस थाने में जाकर अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ औपचारिक शिकायत दी। शिकायत पत्र में कहा गया है, ‘उनकी (गोस्वामी) टिप्पणी धर्म के आधार पर बाँटने वाली है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इसका सबूत यू-ट्यूब पर मौजूद है।’
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने उस वीडियो क्लिप को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है जिसमें अर्णब गोस्वामी कथित तौर पर सोनिया गाँधी के ख़िलाफ़ टिप्पणी कर रहे हैं। वीडियो क्लिप में वह कहते हैं, ‘…आपकी पार्टी और आपकी पार्टी के रोम से आए हुए इटली वाली सोनिया गाँधी चुप नहीं रहती। आज वो चुप हैं, मन ही मन में मुझे लगता है वो ख़ुश है… वो ख़ुश है कि संतों को सड़कों पर मारा गया, जहाँ पर उनकी सरकार है। रिपोर्ट भेजेगी वो, वो इटली में रिपोर्ट भेजेगी, मैं बोल रहा हूँ। देखिए जहाँ पर मैंने एक सरकार बना ली, वहाँ पर हिंदू संतों को मैं मरवा रही हूँ। और वहाँ से वाहवाही मिलेगी, वाह बेटा वाह! बहुत अच्छा किया सोनिया गाँधी एंटोनियो मैंनू।’
छत्तीसगढ़ के बाद महाराष्ट्र में भी शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। राज्य में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष सत्यजीत ताम्बे ने संगमनेर में शिकायत दर्ज कराई है और अपने संगठन के कर्यकर्ताओं से कहा है कि वे सभी ज़िलों में गोस्वामी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराएँ। नागपुर में राज्य के बिजली मंत्री नितिन राउत के बेटे कुणाल ने भी ऐसी ही शिकायत दर्ज कराई है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने कहा कि पालघर लिंचिंग मामले में सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने और सोनिया का मान-मर्दन करने के लिए सरकार गोस्वामी के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है। उन्होंने बाद में इस मामले में ट्वीट भी किया।
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