सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भाजपा की साख पर पडेगा असर; सर्न्दभ उत्तराखण्ड
बेजान दारूवाला की सलाह पर हरीश रावत ने शक्तिमान घोडे की मूर्ति हटवाई- ? तथा अन्य प्रमुख खबरे-
सुप्रीम कोर्ट में आज उतराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने केे मामला पर फैसला आयेगा- उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन लगानेे का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने गलत ठहराया तो इसका भाजपा की साख पर दूरगामी असर पडेगा- अइससे जहां अामजन में यह संदेश जायेगा कि उत्तराखण्ड में हरीश रावत सरकार को गिराने के लिए भाजपा नेे षडयंत्र किया- वही दूसरे राज्यों में जहां विधानसभा होने प्रस्तावित है, वहां भी गैर भाजपा दल इस मामले को जनता के सामने रखकर भाजपा को कठघरे में खडा कर सकते हैं-
आज 12 जुलाई 2016 को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। सुप्रीम कोर्ट ये सुनवाई करेगा कि उतराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना सही था या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने10 मई को उत्तराखंड विधनसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था और केंद्र ने 11 मई को राष्ट्रपति शासन हटा लिया था। इसके बाद हरीश रावत दोबारा मुख्यमंत्री बन गए थे।
18 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस के नौ विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हो गए थे. इन बागी विधायकों की सदस्यता विधानसभा अध्यक्ष ने रद कर दी थी. जिसके बाद बागियों ने कोर्ट की शरण ली थी. हाईकोर्ट होते हुए यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 12 जुलाई की तारीख तय की थी. 18 मार्च के उस दिन को उत्तराखंड कैसे भूल सकता है. विधानसभा में वित्त विधेयक के दौरान हंगामा हर किसी को याद है.
रावत को 28 मार्च तक बहुमत साबित के लिए कहा. इसी दिन कांग्रेस ने 9 बागियों की सदस्यता निरस्त करने की मांग को लेकर स्पीकर को पत्र दिया.
उत्तराखण्ड की अन्य प्रमुख्ा खबरों में’
देहरादून के चर्चित शक्तिमान घोड़े की मूर्ति हटा दी गई है. मार्च में बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान उत्तराखंड पुलिस का शक्तिमान घोड़ा घायल हुआ था जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. शक्तिमान की याद में शहर के रिस्पना चौक का नाम शक्तिमान चौक रखा गया और वहां घोड़े की मूर्ति लगाई गई थी. लेकिन कल रात चौक से घोड़े की मूर्ति हटा दी गई है. बताया जा रहा है कि ज्योतिष के जानकार बेजान दारूवाला की सलाह पर हरीश रावत ने मूर्ति हटवाई है. बताया जा रहा है कि दारूवाला ने रावत को बताया कि घोड़े की मूर्ति उनके लिए शुभ नहीं है. देहरादून के चर्चित शक्तिमान घोड़े की मूर्ति हटा दी गई है. मार्च में बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान उत्तराखंड पुलिस का शक्तिमान घोड़ा घायल हुआ था जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. शक्तिमान की याद में शहर के रिस्पना चौक का नाम शक्तिमान चौक रखा गया और वहां घोड़े की मूर्ति लगाई गई थी. लेकिन कल रात चौक से घोड़े की मूर्ति हटा दी गई है. बताया जा रहा है कि ज्योतिष के जानकार बेजान दारूवाला की सलाह पर हरीश रावत ने मूर्ति हटवाई है. बताया जा रहा है कि दारूवाला ने रावत को बताया कि घोड़े की मूर्ति उनके लिए शुभ नहीं है. अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और हरीश रावत के इस फैसले को उसी से जोडकर देखा जा रहा है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री को पुलिस लाइन में भी कल शक्तिमान घोड़े की मूर्ति का उद्घाटन करना था लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने मना कर दिया.
#राज्यपाल डॉक्टर कृष्ण कांत पॉल ने अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी को प्रदेश के दूरस्थ पर्वतीय इलाकों के संसाधनविहीन परिवारों की लड़कियों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था राज्य में संचालित निजी विश्वविद्यालयों के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड से सुनिश्चित करने को कहा है.
राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्यपाल ने शासन स्तर पर लंबित राज्य विश्वविद्यालयों से संबंधित विभिन्न प्रकरणों के निस्तारण के लिए की गई कार्रवाई के विषय में जानकारी लेने के दौरान यह निर्देश दिया कि इन छात्राओं को सी.एस.आर फंड से ही वित्त पोषित आवासीय सुविधा भी उपलब्ध करायी जानी चाहिओ.
उन्होंने विश्वविद्यालयों में अनुसंधान जैसे विशिष्ट क्षेत्रों के लिए विशेष वित्तीय व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कहते हुए पौड़ी के उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में छात्रावास की व्यवस्था करने को भी कहा. उन्होंने कहा कि दूरस्थ इलाके में स्थापित इस विश्वविद्यालय में विद्यार्थी तभी प्रवेश लेंगे जब वहां आवासीय सुविधा भी होगी.
ज्ञान की सर्वोच्च संस्थाओं में बेहतरीन शैक्षिक वातावरण स्थापित करके उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दृष्टि से विगत वर्ष से राज्यपाल द्वारा नियमित रूप से राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की त्रैमासिक बैठकें आयोजित की जा रही है.
इनमें विश्वविद्यालयों की बुनियादी व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण, मौजूदा व्यवस्थाओं के उच्चीकरण, नवीनीकरण के साथ ही राज्य विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों की तर्ज पर विकसित करने के प्रयासों के क्रियान्वयन में आने वाली दिक्कतों पर भी विचार-विमर्श किया जाता है.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में इन केसों पर भीी अपना फैसला देगा-
सुप्रीम कोर्ट में NEET पर सुनवाई
देशभर में मेडिकल (MBBS) और बीडीएस (BDS) के दाखिले के लिए एक ही परीक्षा नीट (NEET) के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। कोर्ट ने सारे सरकारी और प्राइवेट कालेजों मे इसी साल से NEET लागू करने के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने 24 मई को एक अध्यादेश जारी किया था और इसके जरिये राज्य सरकारों को अपने कॉलेजों में इस साल के लिए NEET से छूट दे दी गई थी। इसी अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
केजरीवाल के खिलाफ सिब्बल के बेटे का दायर मानहानी केस
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल की आपराधिक मानहानि के मामले की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि सिब्बल ने टेलीकॉम मंत्री रहते वक्त बेटे के लिए टेलीकॉम कंपनियों को फायदा पहुंचाया था।
सरदारों पर चुटकुलों पर रोक की याचिका
सिख समुदाय पर बने चुटकुलों पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। याचिका में कहा गया है कि ऐसे चुटकुलों से समुदाय की भावनाएं आहत होती हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि भी खराब होती है।
मुंबई का डांस बार मामला
मुंबई के डांस बार मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में महाराष्ट्र सरकार को 8 डांस बारों को लाइसेंस देने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन बार कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन्हें काम पर नहीं रखा जाएगा, इसके लिए बार मालिक लिखित अंडरटेकिंग देंगे।