सुप्रीम कोर्ट का स्वत: संज्ञान 4राज्यों से रिपोर्ट मांगी, केंद्र सरकार को नोटिस,गुजरात सरकार को फटकार क्या हो रहा है? यह सब क्या है? सरकार को तलब
23 Nov. 20; HIGH LIGHT; सुप्रीम कोर्ट का स्वत: संज्ञान 4 राज्यों से रिपोर्ट मांगी, केंद्र सरकार को नोटिस,गुजरात सरकार को फटकारक्या हो रहा है? यह सब क्या है? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तलब कर लिया presents by www.himalayauk.org (UK Leading Newsportal- Since 2005)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चार राज्यों में हालात बहुत खराब हैं. लापरवाही के चलते कोविड महामारी बढ़ रही है. अगली सुनवाई शुक्रवार 27 नवंबर को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम में तेजी से मौजूदा समय बढ़ रहे कोविड मामलों के प्रबंधन, मरीजों को सुविधा समेत अन्य व्यवस्थाओं पर स्टेटस रिपोर्ट दो दिन में मांगी है. जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि दिल्ली में हालात बदतर हो गए हैं. हम चाहते ह़ै कि सरकार ने क्या व्यवस्था की है, उस पर विस्तार से हलफनामा दाखिल किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सुन रहे हैं कि इस महीने में केसों में भारी बढोतरी हुई है. हम सभी राज्यों से एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं. यदि राज्य अच्छी तरह से तैयारी नहीं करते तो दिसंबर में इससे भी बदतर चीजें हो सकती हैं. उच्चतम न्यायालय ने स्थिति से निपटने के लिए उठाए गए कदमों, मरीज़ों के प्रबंधन और वर्तमान स्थिति पर चार राज्यों से रिपोर्ट मांगी है.
दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि कोरोना से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. ASG संजय जैन ने कहा कि बड़े स्तर पर निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित हैं. हमने सभी निर्देशों का पालन किया है. जवाब में कोर्ट ने कहा अच्छी बात है, लेकिन मौजूदा हालात पर आप क्या कहेंगे. वकील ने कहा कि हमने अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं. कोर्ट ने कहा कि आप इस मुद्दे पर स्पष्ट स्टेटस रिपोर्ट मौजूदा हालात के हिसाब से दाखिल करें.
महामारी के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य में बेलगाम समारोहों, शादियों और कार्यक्रमों के लिए SC ने गुजरात सरकार को फटकार लगाई है. जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद गुजरात में हालात सबसे खराब हैं. आपकी नीति क्या है? क्या हो रहा है? यह सब क्या है? अदालत ने कहा कि चार राज्यों में हालात बहुत खराब हैं. लापरवाही के चलते कोविड महामारी बढ़ रही है. अगली सुनवाई शुक्रवार 27 नवंबर को होगी.
दिल्ली में कोरोना संकट का आलम यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तलब कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पिछले कुछ वक्त में दिल्ली में कोरोना के कारण हालात बिगड़े हैं, ऐसे में सरकार ने क्या व्यवस्था की है उस पर विस्तार से हलफनामा दे. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कोरोना हालात पर रिपोर्ट देने के लिए तीन दिन का वक्त दिया है. शीर्ष कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से भी स्टेटस रिपोर्ट तलब की है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर टेस्टिंग को लेकर उठाए सवाल हैं. कोर्ट ने कहा कि चेन्नई और मुंबई के मुकाबले मामले बढ़े हैं. कोर्ट ने पूछा कि टेस्टिंग एक दिन में 7000 से 5000 तक कम क्यों हो गई है? जबकि मुंबई और चेन्नई में यह टेस्टिंग 15 हजार से 17 हजार हो गई है. दिल्ली सरकार ने खुद संकेत दिया है कि COVID रोगियों के परीक्षण की संख्या कम हो गई है. जो भी अनुरोध करता है उसके अनुरोध को तकनीकी आधार पर टेस्टिंग से इनकार नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के अलावा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में गंभीर स्थिति है.
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड -19 रोगियों के समुचित उपचार और अस्पतालों में कोरोना रोगियों के शवों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह की पीठ को सौंपी है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शवों के साथ अनुचित व्यवहार हो रहा है. कुछ शव कूड़े में मिल रहे हैं. लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मीडिया ने इस तरह की रिपोर्ट दिखाई हैं. कोर्ट ने इस मामले पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली और उसके अस्पतालों में बहुत अफसोसजनक स्थिति है.
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने शादी और अन्य सामाजिक समारोहों में शामिल होने वाले लोगों की सीमा संख्या फिर से 100 करने का फैसला किया है. यूपी सरकार ने शादी समारोहों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इसके मुताबिक शादी समारोह में सिर्फ 100 लोग शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा, शादी में बैंड और डीजे पर रोक नहीं रहेगी. नई गाइडलाइंस के मुताबक अगर मैरिज हाउस की क्षमता 100 की है, तो वहां आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सिर्फ 50 लोग शामिल होंगे. इस नये नियम के उल्लंघन पर मुकदमा होगा. शादी में बुजुर्ग, बीमार को आमंत्रित नहीं किया जाएगा. कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर धारा 144 और 188 के तहत कार्रवाई होगी. हालांकि राहत की बात यह है कि घर में शादी है तो जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं लेनी होगी. लेकिन संबंधित थाने में शादी समारोह की जानकारी देनी होगी.
कोर्ट ने कहा कि मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में लॉबी और वेटिंग एरिया में शव पड़े थे. वार्ड के अंदर, ज्यादातर बेड खाली थे, जिनमें ऑक्सीजन, सलाइन ड्रिप की सुविधा नहीं थी. बड़ी संख्या में बेड खाली हैं, जबकि मरीज भटकते फिर रहे हैं. कोर्ट ने इस मामले के लिए केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र और तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही दिल्ली के LNJP अस्पताल को भी नोटिस भी जारी किया है.
महात्मा गांधी के परपोते सतीश धुपेलिया का COVID19 संक्रमण के चलते देहांत हो गया है. उनकी आयु 66 वर्ष की थी तथा वे दक्षिण अफ्रीकी मूल के थे. उनके परिवार के लोगों ने इस बात की पुष्टि की कि वह निमोनिया से पीड़ित थे तथा एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे. वहीं उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ और रविवार 22 नवंबर को उनकी मौत हो गई.
. 2021 के पहले तीन महीने में हमें वैक्सीन मिलेगी- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. अकेले दिल्ली में पिछले 6 दिन के अंदर 628 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कोरोना को रोकने के सारे इंतजाम किए जा रहे हैं. इनकी सबकी जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग का यह 11वां महीना चल रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि पूरी दुनिया में 250 कोरोना वैक्सीन कंपनी हैं. इनमें से 30 की नजर भारत पर है. देश में पांच वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. 2021 के पहले तीन महीने में हमें वैक्सीन मिलेगी. सितंबर तक 25 से 30 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन दी जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि सबसे पहले हेल्थ वर्कर को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर, पुलिस और पैलामिलिट्री फोर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके बाद 65 साल से ऊपर के उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगेगी. फिर 50 साल से अधिक के ग्रुप को और फिर कोमर्बिडिटी के मरीजों को.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हर अपडेट पर नजर रखे हुए हैं. पहले दिन से ही वह लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. हम सरकारों के साथ मिलकर कोरोना को फिर से हराएंगे.
भारत में कोरोना वायरस के केसेज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. अमेरिका ने 12 दिसंबर को कोरोना वैक्सीन लांच होने की उम्मीद है. भारत में भी कोरोना वैक्सीन टीके का ट्रायल आखिरी दौर में है. इस वैक्सीन को भारत बायोटेक आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोलॉजी मिलकर बना रही है. इस वैक्सीन का नाम को-वैक्सीन रखा गया है. इसके अलावा कई और वैक्सीन पर काम चल रहा है. इन सभी वैक्सीन का अगले साल की पहली तिमाही तक आने की संभावना है. देशवासियों को कब मिलेगी देसी वैक्सीन यह बडा सवाल 11 महीनो से आम जनता पूछ रही है
ग्रीन टी, क्रैनबेरी और अनार का जूस SARS-CoV-2 की जानलेवा बीमारी को मिटाने में कारगर साबित
कोरोना वायरस (Corona virus) की रोकथाम के लिए पूरी दुनिया में वैज्ञानिक दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए लगातार एक्सपेरीमेंट भी कर रहे हैं. हाल ही में हुई एक ऐसी ही स्टडी के बाद एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि ग्रीन टी, क्रैनबेरी और अनार का जूस SARS-CoV-2 की जानलेवा बीमारी को मिटाने में कारगर साबित हो सकता है. स्टिट्यूट ऑफ मॉलक्यूलर वायरलॉजी, यूएलएम यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर और इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (जर्मनी) के एक साझा प्रयोग में इसके अच्छे नतीजे सामने आने का दावा किया गया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ये तीनों ही चीजें कोशिकाओं में इंफेक्शन को बढ़ने से रोकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चोकबैरी का जूस वायरस की इंफेक्टिविटी को 3,000 गुना तक कम करने में सक्षम है. जबकि अनार का जूस, एल्डरबैरी का जूस और ग्रीन टी वायरस की इंफेक्टिविटी को 10 गुना तक कम कर सकते हैं.
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