मेरे महबूब ! तुम्हारा चेहरा
नज़्म मेरे महबूब ! तुम्हारा चेहरा मेरा क़ुरान है जिसे मैं अज़ल से अबद तक पढ़ते रहना चाहती हूं… तुम्हारा
Read moreनज़्म मेरे महबूब ! तुम्हारा चेहरा मेरा क़ुरान है जिसे मैं अज़ल से अबद तक पढ़ते रहना चाहती हूं… तुम्हारा
Read moreनज़्म ऐ चांद ! मेरे महबूब से फ़क़्त इतना कहना… ऐ चांद ! मेरे महबूब से फ़क़्त इतना कहना… अब
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