”पापा वे सब लोगों को मार रहे हैं- मैं जिंदा बाहर आ पाऊंगी या नहीं” ;
बांग्लादेश के एक बैंक में इंटर्नशिप के जरिए तारिषी को अमेरिका में पढ़ने का मौका मिला था (www.himalayauk.org)
होली आर्टिसन बेकरी में कई आतंकवादी नारे लगाते हुए स्थानीय समयानुसार शुक्रवार रात करीब 9.20 बजे घुसे थे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी। इस रेस्तरां में अक्सर राजनयिक और विदेशी नागरिकों का आना जाना रहता है। इस हमले में आतंकियों ने विदेशी नागरिकों सहित 30 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट ने अपनी समाचार एजेंसी अमाक के माध्यम से, इस हमले के करीब चार घंटे बाद इसकी जिम्मेदारी ली।
ढाका में आतंकी हमले के दौरान मारी गई तारिषी जैन ने अपने परिवार को फोन किया था। उसने कैफे के बाथरूम में खुद को छुपाया और वहां से अपने पापा को फोन किया था। उसने कहा, ”आतंकी रेस्टोरेंट में घुस गए हैं। मुझे डर लगा रहा है पता नहीं कि मैं जिंदा बाहर आ पाऊंगी या नहीं। वे सब लोगों को मार रहे हैं।” इसके बाद फोन कट गया। उसके पापा संजीव जैन ने बताया कि तारिषी गर्मियों की छुट्टी में घर आई हुई थी।
राजधानी ढाका में आतंकी हमले के बाद रविवार से बांग्लादेश में दो दिन का शोक घोषित कर दिया गया है। हमले में मारी गई भारतीय लड़की तारिषि जैन का शव सोमवार को लाया जाएगा। गौरतलब है कि ढाका में शुक्रवार रात उच्च सुरक्षा वाले गुलशन राजनयिक क्षेत्र स्थित लोकप्रिय रेस्तरां में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के आतंकवादियों ने हमला कर कई लोगों को बंधक बना लिया था। बंधक बनाए गए लोगों में एक भारतीय लड़की भी थी, जिसकी आतंकियों ने हत्या कर दी। यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को ट्वीट करके दी थी।
संजीव जैन 20 साल पहले कारोबार के लिए बांग्लादेश चले गए थे, वहां उनका गारमेंट का बिजनेस है। उन्होंने बताया कि परिवार के साथ यूपी के फिरोजाबाद स्थित घर पर परिवार के साथ आने का प्लान बनाया था। तारिषी भी उनके साथ भारत आने वाली थी। क्योंकि कुछ दिन बाद वह वापस अमेरिका लौटने वाली थी। 19 साल की तारिषी कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी में इकॉनॉमिक्स में ग्रेजुएशन कर रही थी संजीव हमले वाली रात कैफे के बाहर बेटी का इंतजार करते रहे। शनिवार सुबह जब तक आतंकी मारे गए तब तक तारिषी भी जिंदा नहीं रही। तारिषी का अंतिम संस्कार फिरोजाबाद में किया जाएगा। उसका भार्इ संचित कनाडा में पढ़ाई करता है। वह भी दिल्ली लौट आया है। फिरोजाबाद में संजीव के तीन भाई राकेश, राजीव और अजीत रहते हैं। राकेश ने बताया, ”जिस धरती पर उसकी(तारिषी) निर्दयता से हत्या हुई उस पर अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। आतंकियों ने हिंदू होने के कारण उसकी हत्या कर दी।” बांग्लादेश के एक बैंक में इंटर्नशिप के जरिए तारिषी को अमेरिका में पढ़ने का मौका मिला था
तारिषी के साथ उसके दो दोस्त अबिंता कबीर और फराज हुसैन की भी हत्या कर दी गई। हमलावरों ने होले आर्टिसन बेकरी कैफे में 20 लोगों की हत्या कर दी थी। इनमें तारिषी एकमात्र भारतीय थी। जिस कैफे में लोगों को बंधक बनाया गया वह ढाका के पॉश इलाके गुलशन में स्थित है। यह जगह खाने-पीने के मशहूर है। इसके आसपास ही अधिकतर दूतावास और विदेशी संस्थान मौजूद है। विदेश से आने वाली अधिकतक हस्तियां भी यहीं पर ठहरती हैं।
हमलावरों ने रेस्तरां के अंदर से बम फेंके और रुक-रुककर गोलीबारी की। रेस्तरां के पास थोड़ी-थोड़ी देर में गोली चलने और विस्फोटों की आवाज सुनी गई। इधर भारत में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय उच्चायोग के सभी राजनयिक सुरक्षित हैं और किसी को भी किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। रेस्तरां के रसोईघर का एक कर्मचारी किसी तरह बाहर निकल आया, तो उसने बताया कि रात करीब 8.45 बजे कई सशस्त्र लोग रेस्तरां के अंदर आए और मुख्य शेफ को बंधक बना लिया। उसने यह भी बताया था, ‘उन्होंने कई देसी बम विस्फोट किए जिससे दहशत फैल गई।’
इस हमले के जवाब में सुरक्षाबलों ने लगभग 10 घंटे चली कार्रवाई में 6 आतंकियों को मार गिराया, जबकि एक आतंकी पकड़ लिया गया, वहीं 13 बंधकों को छुड़ा लिया गया है। हमले 20 लोगों की मौत हुई।
छुड़ाए गए बंधकों में 3 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शनिवार को हमले की कड़ी निंदा की थी। हमले में शामिल आतंकियों की संख्या 7 बताई जा रही है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के ट्वीट के अनुसार लड़की का नाम तारुषी है, हालंकि अगले ट्वीटमें उन्होंने नाम तारिषि जैन लिखा। सुषमा ने लिखा, ‘मुझे दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि आतंकियों ने तारुषी नाम की एक भारतीय लड़की की भी हत्या कर दी है, जिसे उन्होंने ढाका आतंकी हमले में बंधक बनाया था।’
ब्रिगेडियर जनरल नईम अशफाक चौधरी ने ढाका में मीडिया को बताया, ‘हमने 20 शव बरामद किए हैं। इनमें से अधिकांश को धारदार हथियारों से मौत के घाट उतारा गया है।’ आर्मी ने यह भी कहा कि इसके शिकार लोगों में ज्यादातर इटली और जापान के नागरिक हैं। पीएम हसीना ने सुरक्षाबलों का ऑपरेशन खत्म होने के बाद मीडिया से कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने सराहनीय काम किया है। उन्होंने कहा कि हमला करने वाले धर्म के दुश्मन हैं। ऐसे लोगों का धर्म सिर्फ हिंसा है। सुरक्षाबलों ने तुरंत कार्रवाई की। हसीना ने अपील की कि लोग कट्टर सोच का विरोध करें। हम ऐसी और घटनाएं नहीं होने देंगे।