‘खूनी खेल खेला है’? & माई लॉर्ड हमारे देश को बचाइए &  रुपया-डॉलर ;अर्श से फर्श पर &सांसद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग & भाजपा के सहयोगी दल एनपीएफ सांसद -चौंकाने वाला बयान & डॉक्टर को चेतावनी – राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग Today Top News 12 Aug 23

12 AUGUST 2023 ; High Light : प्रत्याशी को प्रचार करने के लिए जाने नहीं दिया जाए- पीएम मोदी #माई लॉर्ड हमारे देश को बचाइए. #15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ था, उस समय रुपया अमेरिकी करेंसी डॉलर को टक्कर देता था #1947 मेंडॉलर की वैल्यू 3.30 भारतीय रुपये के बराबर #2016 की नोटबंदी ने भी एक झटके में वैल्यू गिराई. #बीजेपी सांसद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग – सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों नेताओं पर ‘देशद्रोह का मुकदमा’ चलाए जाने की भी मांग की थी #राज्य में हाल की हिंसा को हैंडल करने में भाजपा से गलती हुई –भाजपा के सहयोगी दल नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के सांसद ने चौंका देने वाला बयान दिया- राहुल गांधी विपक्ष के नेता होते हुए भी मणिपुर पहुंचे

By Chandra Shekhar Joshi Chief Editor www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Daily Newspaper) Publish at Dehradun & Haridwar. Mail; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030 — कलयुग तारक मन्त्र- राधे राधे

प्रत्याशी को प्रचार करने के लिए जाने नहीं दिया जाए- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हो रहे बीजेपी के पंचायती राज परिषद कार्यक्रम को संबोधित करते ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी पर निशाना साधा. पीएम मोदी  ने कहा, ” राज्य में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में टीएमसी ने कैसा खूनी खेला ये देश ने देखा है. चुनाव में इनका तरीका है कि इलेक्शन की तैयारी करने का मौका मत दो. फिर कोई भी विरोधी दल का या बीजेपी का पर्चा नहीं भरें. इसको लेकर जो कुछ भी ये कर सकते हैं, वो करते हैं. किसी ने फॉर्म भर भी दिया तो फिर उसके चुनाव लड़ने में अड़ंगा डालते हैं.” 

खूनी खेल खेला है’; पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव के दौरान खूनी खेल खेला.  पीएम मोदी ने पार्टी पर मतदाताओं को धमकाने और उनकी जिंदगी नरक बनाने का भी आरोप लगाया.  वे यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी करते हैं कि कोई भी बीजेपी उम्मीदवार नामांकन दाखिल न कर सके. वे न केवल बीजेपी कार्यकर्ताओं को, बल्कि मतदाताओं को भी धमकाते हैं. बूथ पर कब्जा करने के लिए ठेके दिए जाते हैं. यह राज्य में राजनीति करने का उनका तरीका है

पीएम मोदी ने दावा किया कि टीएमसी कोशिश करती है कि प्रत्याशी को प्रचार करने के लिए जाने नहीं दिया जाए. ये लोग बीजेपी के समर्थक और रिश्तेदारों को भी तंग करते हैं. वोटों की गिनती वाले दिन भय का वातावरण बनाना इनका काम है. इतना करने के बाद भी पश्चिम बंगाल की जनता बीजेपी के लोगों को प्यार देती रही है. राज्य में टीएमसी की राजनीति का ये ही तरीका है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के सागर में पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सागर में आयोजित कार्यक्रम में 2500 करोड़ की कोटा-बीना रेल लाइन दोहरीकरण का लोकार्पण किया और 1600 करोड़ की सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास किया. एम मोदी दलित आइकन संत रविदास को समर्पित एक मंदिर की आधारशिला कार्यक्रम में भी शामिल हुए कवि-संत के सम्मान में 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संत रविदास समरसता यात्रा की शुरुआत की गई थी. 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार (12 अगस्त) ने कहा कि पीएम मोदी बिना किसी सबूत के कुछ भी कह रहे हैं.  वह (पीएम मोदी) बिना किसी सबूत के बोल रहे हैं. वह चाहते हैं कि आम लोगों को परेशानी हो. आप भ्रष्टाचार के मुद्दे नहीं उठा सकते क्योंकि आप पीएम केयर्स फंड, राफेल डील और नोटबंदी जैसे मुद्दों से घिरे हुए हैं. आप लोगों को कभी-कभी मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन हर समय नहीं.”  आप अपने ही लोगों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं करते जो महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पहलवानों पर अत्याचार और मणिपुर में अत्याचार के मामलों में शामिल हैं. 

वह (पीएम मोदी) बिना किसी सबूत के बोल रहे हैं। वह चाहते हैं कि आम लोगों को परेशानी हो। आप भ्रष्टाचार के मुद्दे नहीं उठा सकते क्योंकि आप पीएम केयर्स फंड, राफेल डील और नोटबंदी जैसे मुद्दों से घिरे हुए हैं। आप लोगों को कभी-कभी मूर्ख बना सकते हैं लेकिन हर समय नहीं। आप अपने ही लोगों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं करते जो महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पहलवानों पर अत्याचार, मणिपुर में अत्याचार के मामलों में शामिल हैं…राज्य में 16-17 से अधिक लोग मारे गए:पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने शनिवार (12 अगस्त) को इस बिल के विरोध में कहा, “बीजेपी अराजकता के आगे झुक गई है. इस हफ्ते सीईसी की नियुक्ति के लिए 3 सदस्यीय पैनल में सीजेआई (CJI) की भूमिका महत्वपूर्ण है. हम चुनाव आयुक्त के चयन में सीजेआई की जगह कैबिनेट मंत्री को लाने का कड़ा विरोध करते हैं.”

हम भारत के लिए न्यायपालिका से अपील करते हैं. माई लॉर्ड हमारे देश को बचाइए

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सीजेआई को नियुक्ति पैनल से बाहर करने की योजना बीजेपी की बेचैनी को दर्शाती है, जो बताती है कि उनके वोट हेरफेर को नुकसान हो सकता है. भारत को न्यायपालिका के प्रति इस घोर उपेक्षा पर सवाल उठाना चाहिए. हम भारत के लिए न्यायपालिका से अपील करते हैं. माई लॉर्ड हमारे देश को बचाइए.”

इस विधेयक में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए पैनल में भारत के चीफ जस्टिस की जगह एक कैबिनेट मंत्री को शामिल करने का प्रावधान है, जिससे पोल पैनल के सदस्यों की नियुक्तियों में सरकार को अधिक नियंत्रण प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी. राज्यसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023 पेश किया था. 

कई विपक्षी दल केंद्र के इस बिल के विरोध में हैं. कांग्रेस, तृणमूल, ‘आप’ और वाम दलों सहित अन्य विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. बिल पेश करने के दौरान भी विपक्ष की तरफ से काफी हंगामा किया गया था. विपक्ष ने बीजेपी पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के आदेश को कमजोर करने और पलटने का आरोप लगाया है. 

15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ था, उस समय रुपया अमेरिकी करेंसी डॉलर को टक्कर देता था

रुपया भी डॉलर को टक्कर देता था, लेकिन बाद में स्थितियां बदलती चली गईं और आज के समय में भारतीय रुपया वैल्यू के लिहाज से डॉलर के मुकाबले कहीं नहीं ठहरता है. उस समय भारतीय रुपये की वैल्यू डॉलर के काफी करीब थी, लेकिन बराबर या ज्यादा नहीं थी.

 पिछले कुछ समय से 1 डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू 80-85 के दायरे में है. शुक्रवार 11 अगस्त 2023 को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार का कारोबार बंद होने के बाद 1 डॉलर की वैल्यू 82.96 रुपये के बराबर थी. रुपया इसी साल डॉलर के मुकाबले करीब-करीब 84 तक गिर चुका है. ऐसी आशंका है कि आने वाले समय में रुपये की वैल्यू डॉलर के मुकाबले 85 से भी नीचे गिर सकती है 2016 की नोटबंदी ने भी एक झटके में वैल्यू गिराई.

 फॉरेक्स एक्सचेंज की व्यवस्था 1944 में ब्रिटन वूड्स एग्रीमेंट के साथ शुरू हुई और धीरे-धीरे उसने ही अंतरराष्ट्रीय मानक का रूप ले लिया. भारत आजादी के बाद उस एग्रीमेंट का हिस्सा बना. उसके हिसाब से कैलकुलेट किया जाए तो 1947 में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू 3.30 के आस-पास बैठती है. इसका मतलब हुआ कि 1947 में रुपया न तो डॉलर से मजबूत था और न ही उसके बराबर था, बल्कि एक डॉलर की वैल्यू 3.30 भारतीय रुपये के बराबर थी. ब्रिटेन का उपनिवेश बनने से पहले भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ था और इस कारण रुपये की वैल्यू भी ज्यादा थी. ब्रिटन वूड्स एग्रीमेंट के फॉर्मूले के हिसाब से देखें तो उसमें भी पता चलता है कि वास्तव में एक समय रुपये की वैल्यू डॉलर से ज्यादा थी, और वह समय मिलता है 1913. उस समय डॉलर की वैल्यू रुपये के बराबर हुई थी. मतलब सैद्धांतिक तौर पर ऐसा कह सकते हैं कि 1913 से पहले भारत का रुपया अमेरिकी डॉलर से ज्यादा मजबूत था.

बीजेपी सांसद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग – सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों नेताओं पर ‘देशद्रोह का मुकदमा’ चलाए जाने की भी मांग की थी

लोकसभा में बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ – ने दावा किया था कि 2008 में सोनिया गांधी और राहुल गांधी चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से मिलने गए थे. साथ ही उन्होंने दोनों नेताओं पर ‘देशद्रोह का मुकदमा’ चलाए जाने की भी मांग की थी.  अब कांग्रेस नेता अजय माकन ने राठौड़ की इस टिप्पणी पर कड़ा पलटवार किया है. माकन ने 2008 के ओलंपिक खेल के दौरान भारतीय खिलाड़ियों से सोनिया गांधी की मुलाकात के एक न्यूज आर्टिकल का स्क्रीनशॉट शेयर किया. 

अजय माकन ने राज्यवर्धन से सवाल करते हुए एक ट्वीट किया और कहा, “क्या यह आर्टिकल सच नहीं है. अगर यह सच है तो दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के रूप में मैं अपने सदन के नेताओं से बीजेपी सांसद के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग करता हूं.”

ज्यवर्धन ने कहा कि वह अपनी ‘देशद्रोह’ वाली टिप्पणी पर कायम रहेंगे. राठौड़ ने पूछा कि अजय माकन बीच में क्यों आ रहे हैं जबकि मामला सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर है. उन्होंने फिर से दावा किया, “सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2008 में बीजिंग आए थे राज्यवर्धन ने आगे कहा, “मैंने संसद में ‘देशद्रोह’ क्यों कहा? क्योंकि वे अंदर थे, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर किया. वे वहां सरकार के प्रतिनिधि के रूप में नहीं गए थे. देश जानना चाहता है कि गुप्त समझौता क्या था. ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई राजनीतिक दल प्रतिद्वंद्वी देश की पार्टी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करे. उस समय कांग्रेस सरकार में थी. उस समझौते से आपको क्या मिला? क्या आपने देश को कमजोर किया?”

अब एसबीआई कार्ड्स की ओर से लोगों को राहत

अब एसबीआई कार्ड्स की ओर से लोगों को राहत दी गई है. दरअसल, एसबीआई कार्ड और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने रुपे प्लेटफॉर्म पर एसबीआई क्रेडिट कार्ड को यूपीआई के साथ जोड़ने की घोषणा की है.

10 अगस्त 2023 से एसबीआई कार्ड ग्राहक RuPay पर जारी अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से UPI लेनदेन करने में सक्षम होंगे. UPI ऐप्स के साथ क्रेडिट कार्ड को रजिस्टर करके फायदा उठाया जा सकता है. इसके जरिए यूपीआई पर रुपे एसबीआई कार्ड का उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए अवसरों को और बढ़ाएगा, जिससे उन्नत, सुविधाजनक और निर्बाध भुगतान अनुभव की सुविधा मिलेगी.

एसबीआई कार्ड ग्राहक यूपीआई प्लेटफॉर्म पर अपने एसबीआई कार्ड के जरिए जारी रुपे क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने में सक्षम होंगे. दरअसल, यूपीआई एक विशाल डिजिटल प्लेटफॉर्म बन गया है जो हर दिन लाखों लेनदेन को सक्षम बनाता है. इससे ग्राहकों को परेशानी मुक्त उपयोग के साथ-साथ अधिक लचीलापन और गतिशीलता मिलेगी.

कार्डधारक अपने सक्रिय प्राथमिक कार्डों को यूपीआई पर रजिस्टर कर सकते हैं और अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान (पी2एम लेनदेन) कर सकते हैं. ग्राहकों के लिए यह सुविधा फ्री है. यूपीआई के साथ क्रेडिट कार्ड की सफल लिंकिंग सुनिश्चित करने के लिए यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कार्डधारक का एसबीआई कार्ड के साथ रजिस्टर मोबाइल नंबर भी यूपीआई के साथ जुड़ा होना चाहिए.

प्ले/ऐप स्टोर से पसंदीदा यूपीआई थर्ड पार्टी एप्लिकेशन डाउनलोड करें. – यूपीआई ऐप पर अपना मोबाइल नंबर वेरिफाई करें और रजिस्ट्रेशन पूरा करें. – सफल पंजीकरण के बाद “क्रेडिट कार्ड जोड़ें/क्रेडिट कार्ड लिंक करें” विकल्प चुनें.
– क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं की लिस्ट से “एसबीआई क्रेडिट कार्ड” चुनें. – लिंक करने के लिए अपना एसबीआई रुपे क्रेडिट कार्ड चुनें. – संकेत दिए जाने पर अपने क्रेडिट कार्ड के अंतिम 6 अंक और एक्सपायरी तारीख दर्ज करें. – अपना 6 अंकों का यूपीआई पिन सेट करने के लिए आगे बढ़ें.

भाजपा के सहयोगी दल नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के सांसद ने चौंका देने वाला बयान दिया

राज्य में हाल की हिंसा को हैंडल करने में भाजपा से गलती हुई –भाजपा के सहयोगी दल नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के सांसद ने चौंका देने वाला बयान दिया— राहुल गांधी विपक्ष के नेता होते हुए भी मणिपुर पहुंचे

मणिपुर हिंसा को लेकर भाजपा के सहयोगी दल नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के सांसद ने चौंका देने वाला बयान दिया है. एनपीएफ सांसद लोरहो पफोज ने कहा कि वे मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा पर बोलना चाहते थे. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया क्योंकि उच्चाधिकारियों ने उन्हें संसद में बोलने की अनुमति नहीं दी. उन्हें इस पूरे मुद्दे पर बोलने से रोका गया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे भले ही भाजपा के सहयोगी हैं लेकिन अपने लोगों के लिए बोलना भी उनकी जिम्मेदारी है.

पफोज से जब पूछा गया कि उन्होंने किसने नहीं बोलना दिया तो उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा कि भाजपा का सहयोगी दल होने की वजह से उनक हाथ बंधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य में विकास किया है, पहाड़ी इलाकों में भी अच्छा काम हुआ है. लेकिन राज्य में हाल की हिंसा को हैंडल करने में भाजपा से गलती हुई है.

पफोज ने राहुल गांधी की तारीफ की. उन्होंने कहा राहुल गांधी विपक्ष के नेता होते हुए भी मणिपुर पहुंचे. उन्होंने हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की जो कि उचित था और स्थिति की जरूरत भी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मणिपुर के प्रति ध्यान न देना मेरे लिए दुख की बात है. प्रधानमंत्री को वहां जाकर लोगों के जख्म पर मरहम लगाना चाहिए.

मणिपुर हिंसा पर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार व पीएम मोदी पर हमलावर है. संसद का मानसूत्र इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है. मणिपुर हिंसा को लेकर ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. विपक्ष का आरोप था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा पर बात नहीं की. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जब मणिपुर में आग लगी है तो ऐसे समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के भीतर ‘हंसी-मजाक’ करना अशोभनीय है तथा आज तक किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया.

डॉक्टर को चेतावनी – राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा जारी नये नियमों के अनुसार, सभी डॉक्टरों को जेनेरिक दवाएं लिखनी होंगी, ऐसा न करने पर उन्हें दंडित किया जाएगा और  प्रैक्टिस करने का उनका लाइसेंस भी एक अवधि के लिए निलंबित किया जा सकता है. NMC ने डॉक्टरों से ब्रांडेड जेनेरिक दवाएं लिखने से बचने के लिए भी कहा है.  नए नियम में कहा गया है कि प्रत्येक RMP (रजिस्टर्ड चिकित्सा व्यवसायी) को स्पष्ट रूप से लिखे गए जेनेरिक नामों का उपयोग करके दवाएं लिखनी चाहिए.  अगर नियम का उल्लंघन किया जाता है तो डॉक्टर को नियमों के बारे में अधिक सावधान रहने की चेतावनी दी जा सकती है या नैतिकता, व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों और सामाजिक संबंधों और/या पेशेवर प्रशिक्षण पर एक वर्कशॉप या अकादमिक कार्यक्रम में भाग लेने का निर्देश दिया जा सकता है.  

नए नियम में कहा गया है कि प्रत्येक RMP (रजिस्टर्ड चिकित्सा व्यवसायी) को स्पष्ट रूप से लिखे गए जेनेरिक नामों का उपयोग करके दवाएं लिखनी चाहिए.  अगर नियम का उल्लंघन किया जाता है तो डॉक्टर को नियमों के बारे में अधिक सावधान रहने की चेतावनी दी जा सकती है या नैतिकता, व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों और सामाजिक संबंधों और/या पेशेवर प्रशिक्षण पर एक वर्कशॉप या अकादमिक कार्यक्रम में भाग लेने का निर्देश दिया जा सकता है.  

डॉक्टरों को वर्तमान में केवल जेनेरिक दवाएं लिखने की आवश्यकता होती है, लेकिन भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा 2002 में जारी नियमों में कोई दंडात्मक प्रावधान का उल्लेख नहीं किया गया है.  अगस्त को अधिसूचित NMC नियमों में कहा गया है कि भारत में दवाओं पर अपनी जेब से किया जाने वाला खर्च स्वास्थ्य देखभाल पर सार्वजनिक खर्च का एक बड़ा हिस्सा  है.  इसमें कहा गया है कि जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 30 से 80 प्रतिशत तक सस्ती हैं. इसलिए, जेनेरिक दवाएं लिखने से स्वास्थ्य देखभाल का खर्च  कम  आएगा और गुणवत्तापूर्ण देखभाल तक पहुंच में सुधार हो सकता है.  ब्रांडेड जेनेरिक दवा वह है जो पेटेंट से बाहर हो चुकी है और दवा कंपनियों द्वारा निर्मित की जाती है और विभिन्न कंपनियों के ब्रांड नामों के तहत बेची जाती है. ये दवाएं ब्रांडेड पेटेंट वर्जन की तुलना में कम महंगी हो सकती हैं, लेकिन दवा के थोक-निर्मित जेनेरिक वर्जन की तुलना में महंगी हैं. ब्रांडेड जेनेरिक  दवाओं की कीमतों पर नियामक नियंत्रण कम है.  

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